25 अगस्त 2015

तुमको छोड़ कर सब कुछ लिखूंगा -- संजय भास्कर

                                                     चित्र - गूगल से साभार
कोरा कागज़ और कलम                           
 शीशी में है कुछ स्याही की बूंदे
जिन्हे लेकर आज बरसो बाद
बैठा हूँ फिर से
कुछ पुरानी यादें लिखने
जिसमें तुमको छोड़ कर
सब कुछ लिखूंगा
आज ये ठान कर बैठा हूँ
कलम कोरे पन्नें को भरना चाहती है
पर कोई ख्याल आता ही नही
शब्द जैसे खो गए है मानो
क्योंकि अगर मैं तुमको छोड़ता हूँ
तो शब्द मुझे छोड़ देते है
पता नहीं आज
उन एहसासो को
शब्दो में बांध नही पा रहा हूँ मैं
क्योंकि आज
ऐसा लग रहा है की मुझे
मेरे सवालो के जवाब नही मिल रहे है
शायद तुम जो साथ नहीं हो 
और ये सब तुम्हारे प्यार का असर है
हाँ हाँ तुम्हारे प्यार का असर है
जो तुम बार बार आ जाती हो
मेरे ख्यालों में
तभी तो आज ठान का बैठा हूँ
कि तुमको छोड़ कर
सब कुछ लिखूंगा ................!!

( C ) संजय भास्कऱ

41 टिप्‍पणियां:

ब्लॉग बुलेटिन ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, आर्थिक संकट का सच... ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

Sadhana Vaid ने कहा…

बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति !

Madhulika Patel ने कहा…

कभी कभी मन तो शब्दों से भरा होता है । पर शब्द कलम तक पहुचते ही नहीं । बहुत ही भाव पूर्ण रचना ।

Anita ने कहा…

वाह..जिसे छोड़कर लिखना था उसके सिवा तो कुछ भी लिखा नहीं गया..एक वही तो है सब जगह उसको कोई छोड़ ही कैसे सकता है..

दिगम्बर नासवा ने कहा…

उनको छोड़ के लिखना कहाँ संभव है ... न चाहते हुए भी उनको ही लिख दिया इस पूरी रचना में ...
शायद यही प्रेम है ...

संध्या शर्मा ने कहा…

वाह … जिन्हे नहीं लिखना था, हर शब्द में वही हैं .... लाज़वाब

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

सुन्दर रचना

प्रभात ने कहा…

वाह क्या बात है ............आपने तो बहुत कुछ न कहना चाहते हुए भी सब कुछ कह ही दिया

सदा ने कहा…

Waaaah bht khoob likkha

Parul Chandra ने कहा…

बहुत खूब संजय जी। पर अगर ऐसा है तो किसी को भी मत छोड़िये। :)

Parul Chandra ने कहा…

बहुत खूब संजय जी। पर अगर ऐसा है तो किसी को भी मत छोड़िये। :)

Parul Chandra ने कहा…

बहुत खूब संजय जी। पर अगर ऐसा है तो किसी को भी मत छोड़िये। :)

Rewa Tibrewal ने कहा…

kya baat hai sanjay....apni si lagi ye kavita....kya khoob likha hai....umda

Himkar Shyam ने कहा…

सुंदर भावाभिव्यक्ति

रचना दीक्षित ने कहा…

तुम्हें छोड़ कर सब कुछ लिखूंगा पर कहाँ छोड़ा उसे सब कुछ ही तो लिख दिया बेहतरीन

Deepak Saini ने कहा…

सुंदर भाव
तुम्हें छोड़ कर सब कुछ लिखूंगा ? (लेकिन कैसे लिखोगे भाई)

Unknown ने कहा…

वाह क्या बात है .
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Malti Mishra ने कहा…

अबोध मन जिससे पीछा छुड़ाना चाहता है उसी से से नही छुड़ा पाता, जिसके विषय में नही लिखना चाहते सबकुछ उसी के विषय में लिखा
अत्यंत भावपूर्ण पंक्तियाँ

Malti Mishra ने कहा…

अबोध मन जिससे पीछा छुड़ाना चाहता है उसी से से नही छुड़ा पाता, जिसके विषय में नही लिखना चाहते सबकुछ उसी के विषय में लिखा
अत्यंत भावपूर्ण पंक्तियाँ

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5 ने कहा…

संजय भाई बहुत सुन्दर। . प्यार का असर होता ही है ऐसे
सुन्दर छवि आंकी आप ने
भ्रमर ५

Unknown ने कहा…

कहीं न क उन्हें तो आना ही था ... खूब लिखा संजय जी

कविता रावत ने कहा…

बहुत सुन्दर
भैया भास्कर को जन्मदिन की बहुत-बहुत हार्दिक मंगलकामनाएं!

Asha Lata Saxena ने कहा…

बहुत सुन्दर लिखा है |सच है बिना प्रेरणा कुछ भी लिखना संभव नहीं |

Harshita Joshi ने कहा…

क्या कुछ लिख पाये उनको छोडकर

Yugesh kumar ने कहा…

dil ke asmanjas ko kafi khubsurati se ubhara gya h.......behtarin....

कहकशां खान ने कहा…

बहुत ही सुंदर शब्‍दों और भावों से रचित रचना।

Unknown ने कहा…

उस एक को छोड़ कर खने को रह ही क्या जाता हैं लिखने को
बहुत सुन्दर शब्द रचना
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बेनामी ने कहा…

प्रशंसनीय - जिसे छोड़ना चाहते हैं वही तो नहीं छूटता

राज चौहान ने कहा…

तुम्हें छोड़ कर सब कुछ लिखूंगा क्या कुछ लिख पाये उनको छोडकर

बेनामी ने कहा…

क्योंकि अगर मैं तुमको छोड़ता हूँ
तो शब्द मुझे छोड़ देते है

bahut khoob!

बेनामी ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जमशेद आजमी ने कहा…

बहुत ही खूबसूरत रचना की प्रस्‍तुति।

JEEWANTIPS ने कहा…

सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार..
मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका इंतजार....

कविता रावत ने कहा…

गणेशोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ।

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

सारे शब्द मुँह फेरे मुस्करा रहे हैं -अब क्या लिखें लिखने को लिखने को कुछ बचा कहाँ?

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

क्योंकि अगर मैं तुमको छोड़ता हूँ
तो शब्द मुझे छोड़ देते है

वाह, बहुत ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति ।

राज चौहान ने कहा…

सब कुछ लिखूंगा पर कहाँ छोड़ा उसे

shephali ने कहा…

तुमको छोड़ कर सब कुछ लिखूंगा
वाह क्या बात कही।
सब कुछ तो लिख दिया

shephali ने कहा…

तुमको छोड़ कर सब कुछ लिखूंगा
वाह क्या बात कही।
सब कुछ तो लिख दिया

Unknown ने कहा…

बहुत ही खूबसूरत रचना की प्रस्‍तुति।

Meena Bhardwaj ने कहा…

Awesome........,