08 नवंबर 2010

.........परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग



खुल के दिल से मिलो तो सजा देते हैं लोग
सच्चे जज़्बात भी ठुकरा देते हैं लोग
क्या देखेंगे दो लोगों का मिलना
बैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग !

...ये पंक्तियाँ मझे SMS में मिली, अच्छी लगी तो ब्लॉग पर आपसे साझा कर लीं !

94 टिप्‍पणियां:

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

sundar panktiyan

Archana Chaoji ने कहा…

बहुत खूबसूरत साझा पंक्तियाँ.....शुक्रिया....

Udan Tashtari ने कहा…

बेहतरीन पंक्तियाँ..

Unknown ने कहा…

...ला-जवाब जबर्दस्त!!

kshama ने कहा…

क्या देखेंगे दो लोगों का मिलना
बैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग !
Kya khoob likha hai!

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

Fantastic lines!

M VERMA ने कहा…

बहुत अच्छी पंक्तियाँ

कविता रावत ने कहा…

बहुत सुन्दर पंक्तियाँ ,...
दीपपर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ

PRIYANKA RATHORE ने कहा…

very nice....

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

वाह....क्या बात है .....

बहुत खूब .....!!

Bharat Bhushan ने कहा…

थोड़े शब्दों में मार्मिक बात कही है. कम-से-कम परिंदों को तो बख़्श दे इंसान की औलाद. खाप पंचायतों की याद ताज़ा हो आई.

बेनामी ने कहा…

बहुत प्यारा संदेश है ! दीपावली की अनंत शुभकामनायें !

निर्मला कपिला ने कहा…

वाह क्या बात कही जीओ बेटा। आशीर्वाद।

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बहुत खूब ...बहुत अच्छी पंक्तियाँ...

उपेन्द्र नाथ ने कहा…

bahoot sunder.........

Shah Nawaz ने कहा…

बेहद खूबसूरत और एकदम सही बात लिखी गई है.



प्रेमरस.कॉम में
दैनिक जागरण में: हिंदी से हिकारत क्यों

रचना दीक्षित ने कहा…

बहुत अच्छी पंक्तियाँ

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

बढ़िया एस.ऍम.एस .

डॉ० डंडा लखनवी ने कहा…

आम आदमी के हित में आपका योगदान
मह्त्वपूर्ण है। सराहनीय लेखन....हेतु
बधाइयाँ...ऽ. ऽ. ऽ
++++++++++++++++++++++++++
नए दौर में ये इजाफ़ा हुआ है।
जो बोरा कभी था लिफ़ाफ़ा हुआ है॥
जो आदी हुए थूक कर चाटने के-
वो कहते हैं इससे मुनाफ़ा हुआ है॥
सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी
=========================

रानीविशाल ने कहा…

Bahut bhadiya...shukriya jo shanjha kiya :)

नीरज मुसाफ़िर ने कहा…

सही कहा है।

प्रकाश पंकज | Prakash Pankaj ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
प्रकाश पंकज | Prakash Pankaj ने कहा…

जिसने भी लिखा है अच्छा लिखा हैं ... आपको साझा करने के लिए धन्यबाद!

सदा ने कहा…

बहुत ही सुन्‍दर पंक्तियां प्रस्‍तुति के लिये आभार ।

vandana gupta ने कहा…

बहुत सुन्दर्।

संजय भास्‍कर ने कहा…

धन्यवाद
@ संजय जी..
@ अर्चना जी..
@ समीर लाल जी..
@ ॐ जी..
@ kshama ji..
@ यश(वन्त) जी..
@ ऍम वर्मा जी..
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद आपको ये पंक्तियाँ पसंद आई
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं

संजय भास्‍कर ने कहा…

धन्यवाद
@ कविता रावत जी..
@ प्रियंका राठौर जी..
@ हरकीरत ' हीर' जी..
@ भूषण जी..
@ उषा राय जी..
@ निर्मला कपिला जी..
@ डॉ॰ मोनिका शर्मा जी..
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद आपको ये पंक्तियाँ पसंद आई
आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
धन्यवाद,
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

संजय भाई, इस एस एम एस में आज के लोगों की छुद्र मानसिकता का सटीक वर्णन है। आभार।

फ़िरदौस ख़ान ने कहा…

शायद यही दुनिया का दस्तूर है...

मनोज कुमार ने कहा…

अच्छा एस एम एस।

arvind ने कहा…

खुल के दिल से मिलो तो सजा देते हैं लोग
सच्चे जज़्बात भी ठुकरा देते हैं लोग
क्या देखेंगे दो लोगों का मिलना
बैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग !
...bahut sundar panktiyan.

arvind ने कहा…

kaafi dino se blog par nahi aa paayaa thaa. sorry...aapke msg mile the.dhanyavaad.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

वाह संजय जी ... कभी कभी एस एम् एस से लाजवाब चीज़ें मिल जाती हैं .... शुक्रिया ....

daanish ने कहा…

कम शब्दों में इतनी गहरी बात ...
ज़रिया बहुत प्रभावशाली है . . .

राम त्यागी ने कहा…

सुन्दर अभिव्यक्ति

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सुन्दर पंक्तियाँ, ऐसे लोगों से सावधान रहें।

amar jeet ने कहा…

बहुत सटीक लाइने कम शब्दों में गहरी बात कही आपने ..........

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

सचमुच बहुत अच्छी है.

amrendra "amar" ने कहा…

waah is baar bhi baji aapke hi haath me hai ........SMS k thru hi sahi pr sunder panktiyo se avgat karaya aapne

amrendra "amar" ने कहा…

waah is baar bhi baji aapke hi haath me hai ........SMS k thru hi sahi pr sunder panktiyo se avgat karaya aapne

Palak.p ने कहा…

sunder panktiyan

Unknown ने कहा…

वाह संजय जी
गजब कि पंक्तियाँ हैं
........क्या बात है बहुत खूब

Unknown ने कहा…

or haan deri ke liye sorry.
........sanjay ji

संजय भास्‍कर ने कहा…

धन्यवाद
@ उपेन्द्र जी..
@ शह नवाज़ जी..
@ रचना दीक्षित जी..
@ अनामिका जी..
@ डॉ० डंडा लखनवी जी..
@ रानीविशाल जी..
@ नीरज जाट जी..
@ प्रकाश पंकज जी..
@ सदा जी..
@ वंदना जी..
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद आपको ये पंक्तियाँ पसंद आई
आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
धन्यवाद,
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ जी..
बिलकुल सही कहा आपने रजनीश जी
इस एस एम एस में आज के लोगों की छुद्र मानसिकता का सटीक वर्णन है।

संजय भास्‍कर ने कहा…

धन्यवाद
@ फ़िरदौस ख़ान जी..
@ मनोज जी..
@ अरविन्द जी..
@ दिगम्बर नासवा जी..
@ मुफलिस जी..
@ राम त्यागी जी..
@ प्रवीण पाण्डेय जी..
@ अमर जीत जी..
@ वन्दना अवस्थी दुबे जी..
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद आपको ये पंक्तियाँ पसंद आई
आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
धन्यवाद,
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

Suman Anuragi ने कहा…

Sahi baat hai

अनुपमा पाठक ने कहा…

sundar panktiyan!
thanks for sharing!!!

Bharat Bhushan ने कहा…

बहुत खूब कहने के लिए फिर लौटा हूँ. वाकई बहुत खूब है.

वीरेंद्र सिंह ने कहा…

संजय जी ..बड़ा अच्छा किया आपने जो इन पंक्तियों को हमारे साथ बाँट लिया.
इसके लिए आपको आभार

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

सुन्दर सन्देश !

mark rai ने कहा…

बहुत सुंदर..!!

Deepak Saini ने कहा…

सुन्दर पक्ंितयो को हमारे साथ बाटँने के लिए धन्यवाद

चन्द्र कुमार सोनी ने कहा…

बहुत अच्छी पंक्तियाँ हैं लेकिन गहराई में जाया जाए तो आपने कडवी सच्चाई को बयान करते हुए समाज को आइना दिखाया हैं.
बहुत-बहुत बधाई.
धन्यवाद.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM

Khare A ने कहा…

thnx for sharing,

nice panktiyan

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

बहुत गहरे भाव समेटे हैं अपने भीतर। एक बार फिर से बधाई स्‍वीकारें।

---------
मिलिए तंत्र मंत्र वाले गुरूजी से।
भेदभाव करते हैं वे ही जिनकी पूजा कम है।

Sadhana Vaid ने कहा…

बहुत सुन्दर !

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

बहुत खूब

बेनामी ने कहा…

संजय सुपुत्र
आशिर्वाद
पंक्तिओं में बहुत गहरा सार है

गुड्डोदादी ने कहा…

संजय बेटा
आशिर्वाद
पंक्तियों में बहुत गहरा सार है
गलती से बेनामी पर टिक हो गया
क्षमा (भूल सुधार)
गुड्डोदादी चिकागो से

Satish Saxena ने कहा…

वाकई दिल को छू लेने वाली लाइने है ! शुभकामनायें !

Rewa Tibrewal ने कहा…

v nice lines....dhanyavad ham sabse share karne kay liye

स्व: बानी ने कहा…

जिसने भी कहा खूब कहा है.

Aruna Kapoor ने कहा…

itani sundar paktiyan!...bahut khoob!

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ अमरेंदर अक्स जी..
@ पलक जी..
@ प्रीती जी..
@ सुमन जी..
@ अनुपमा पाठक जी..
@ भूषण जी..
@ विरेन्द्र सिंह चौहान जी..
@ अरुण चन्द्र रॉय जी..
@ मार्क रॉय जी..
@ दीपक सैनी जी..
@ चन्द्र कुमार सोनी जी..
@ अलोक खरे जी..
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद आपको ये पंक्तियाँ पसंद आई
आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
धन्यवाद,
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

आभार
संजय भास्कर

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ जी..
@ साधना वैद जी..
@ गिरीश बिल्लोरे जी..
@ गुड्डोदादी जी..
@ सतीश सक्सेना जी..
@ रेवा जी..
@ शिवानी जी..
@ डा. अरुणा कपूर. जी..
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद आपको ये पंक्तियाँ पसंद आई
आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
धन्यवाद,
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

आभार
संजय भास्कर

आशीष मिश्रा ने कहा…

bahot sundar..........

Unknown ने कहा…

खुल के दिल से मिलो तो सजा देते हैं लोग
सच्चे जज़्बात भी ठुकरा देते हैं लोग
क्या देखेंगे दो लोगों का मिलना
बैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग !
sunder .

Dr Parveen Chopra ने कहा…

बहुत बढ़िया लगा ये पढ़ कर --- क्या देखेंगे दो लोगों का मिलना-- बैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग.............

अंजना ने कहा…

बहुत खूबसूरत...

Taarkeshwar Giri ने कहा…

जरा से लाइन में बहुत कुछ कह गये आप. मुबारक हो इस रचना के लिए.

वीना श्रीवास्तव ने कहा…

जिसकी भी है अच्छी है

Urmi ने कहा…

बहुत ख़ूबसूरत पंक्तियाँ और साथ ही प्यारी पंछी!

Aparajita ने कहा…

I also liked these lines very much.
Very nice

Unknown ने कहा…

अच्छा एस एम एस।

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

bahut khoob, sms bhejne wale ko dhanyawaad meri taraf se bhi aur aapko bhi.

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ आशीष मिश्रा जी..
@ पूर्वीय जी..
@ डॉ. परवीन जी..
@ अंजना जी..
@ तारकेश्वर गिरी जी..
@ वीणा जी..
@ बबली जी..
@ अपराजिता जी..
@ पवन जी..
@ जेन्नी शबनम जी..
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद आपको ये पंक्तियाँ पसंद आई
आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
धन्यवाद,
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

आभार
संजय भास्कर

Asha Joglekar ने कहा…

Sanjay bahut khoobsurat panktiyan hain. Nav varsh mangalmay ho.

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

बहुत सुंदर पंक्तियाँ हैं।
नया साल मुबारक हो!

Rohit Singh ने कहा…

very good ..badia sms bheja ...

M VERMA ने कहा…

बहुत सुन्दर भाव की पंक्तियाँ

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ.....

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ.....

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ.....

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ.....

Amit K Sagar ने कहा…

बहुत सुन्दर.
-
नव वर्ष २०११ और एक प्रार्थना

ज्योत्स्ना पाण्डेय ने कहा…

सुन्दर व सत्य........

रविंद्र "रवी" ने कहा…

निहायत सत्य. आजकल यही अनुभूती होती है.

Unknown ने कहा…

खूबसूरत

Aseem Trivedi ने कहा…

अच्छी कविता है संजय भाई....बधाई...!

डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) ने कहा…

खुल के दिल से मिलो तो सजा देते हैं लोग
सच्चे जज़्बात भी ठुकरा देते हैं लोग
क्या देखेंगे दो लोगों का मिलना
बैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग !
sunder sanjay ...........
क्या देखेंगे लोग दो दिलों का मिलना,जिनके दिल में प्यार पला भी हो,
देख नहीं पाया कोई दिल के मिलन को बुरी फितरत के मारे हैं सारे.

Dev K Jha ने कहा…

बैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग !

भई वाह

Anjana Dayal de Prewitt (Gudia) ने कहा…

behad khoobsurat! wah!

deepti sharma ने कहा…

khubsurat panktiya