05 अप्रैल 2010

मिलिए हमारे मित्र दफा -512 और दुनाली वाले मलखान सिंह ( आमीन )

आज मैं आप सभी को एक अपने साथी दोस्त से मिलवा रहा हूँ 
जिन्होंने मेरा काफी साथ दिया ये मेरा दोस्त मेरा हमसाया है
 मिलिए हमारे मित्र 
 दफा -512 और दुनाली वाले
मलखान सिंह  ( आमीन  )
Copy Editor 
HT Media Limited 
Mohali (Punjab)
मलखान सिंह मेरे सबसे करीबी मित्रो में से एक है 
बहुत  ही नेक दिल इंसान है मलखान सिंह 
वो मित्र कम भाई ज्यादा है
मुझे ब्लॉगिंग से जोडऩे का श्रेय मैं अपने मित्र मलखान सिंह  (आमीन) को देना चाहूंगा। 

......संजय भास्कर..... 




23 टिप्‍पणियां:

Anand ने कहा…

kisi ko shreya dena bahut bade dil ki nishani hai sanjay...aapke mitra ke baare me jaanta to pahle se hi tha dekh kar khusi hue..

Unknown ने कहा…

mil kar bahut hi khushi hui..


amit

karnal

Unknown ने कहा…

bahut badiya mitravar, ise tarah hindi ke blog ke parivar ko badhate rahen AAMEEN

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

जानकार खुशी हुई शुभकामनाये और सच कहूँ तो मुझे भी कई बार कन्फ्यूजन होता था ब्लॉग दफा ५०२ पर आपके नाम से ,क्योंकि अभी थोड़ी देर पहले मैंने वह पर आज पोस्ट की गई कविता पढी थी !

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

Swagat hai mitr kaa

IMAGE PHOTOGRAPHY ने कहा…

welcome to your friend in blog world..

Kishore Pareek ने कहा…

aapke mitra bahut hi aache hai , jo pahle apne doston ko aage badane ki sochte hai. unhe mera shar shatnaman

Unknown ने कहा…

हकदार नहीं इस सम्मान का
दे दिया जितना तूने
पत्थर को जिंदा बतलाकर
बड़ा अहसान किया तूने
दोस्तों से सिर्फ पहचान मेरी
नहीं मुझे कोई आसमां छूने

-मलखान सिंह आमीन

Shekhar Kumawat ने कहा…

AAP KE DOSTO SE MILE JAN KAR BAHUT KHUSH JHUWA DL


SHEKHAR KUMAWAT

KAVYAWANI.BLOGSPOT.COM

chetna ने कहा…

aapki dosti ko salam

Jandunia ने कहा…

अपने दोस्त से मिलवाने के लिए शुक्रिया।

M VERMA ने कहा…

अरे थोड़ी बहुत दोस्ती तो हमारी भी हो ही गई है ब्लाग के माध्यम से

Unknown ने कहा…

aapki dosti ko salam

राज चौहान ने कहा…

Malkhan singh bahut hi dost hai humare

Dev ने कहा…

सलामत रहे ये दोस्ती .....आपकी .........बहुत बहुत स्वागत आपके मित्र का

Sadhana Vaid ने कहा…

आपके दोस्त और दोस्ती दोनों को मेरा अभिनन्दन ! ढेर सारी शुभकामनायें आप दोनों की दोस्ती के लिये !

Kulwant Happy ने कहा…

दुनाली रखेंगे तो दफा-512 तो लाजमी है, अगर चल गई तो दफा 302, मलखान सिंह को हम आमीन कहते हैं। दोस्ती बनी रहे, जय और वीरू की जोड़ी हम करके यकीन कहते हैं।


वो मिला था अजनबी बनकर
जुदा हुआ अज्ज नबी बनकर

विजय तिवारी " किसलय " ने कहा…

संजय जी,
वाकई यदि सच्चा मित्र मिल जाए तो जिन्दगी क नए आयाम मिल जाते हैं.
नेक दिल इंसान मलखान सिंह और आपकी दोस्ती सलामत रहे...
मेरा भी एक दोहा आपके लिए.......
धन की करे न कामना,
सदा लुटाये प्यार.
है वह सच्चे अर्थ में,
यारी का हक़दार .
- डॉ. विजय तिवारी " किसलय "

kshama ने कहा…

Jaanke badi khushi hui!

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

वाह! भाई बढिया मुलाकात कराई
बनी रहे आपकी दोस्ती युं ही सदा ही।

इनसे तो ब्लाग पर पहले ही मिल चुके हैं
आज और मिल लिए
आभार

दिगम्बर नासवा ने कहा…

आभार अपने दोस्त से मिलवाने का .... आपकी दोस्ती युं ही बनी रहे ...

Asha Lata Saxena ने कहा…

नए ब्लॉग के माध्यम से अपने मित्रों की रचनाओं
से परिचित करवाने का विचार ही विशिष्ट है |इस
हेतु हार्दिक शुभ कामना के साथ ,
आशा

Durgesh Kumar ने कहा…

Very Nice blog & posts.....!!!!!!!!!!!!!!!keep it on....!!!!


http://idharudharki1bat.blogspot.com