13 मार्च 2010

तुम हो वो चिड़िया .....





कब से उड़ रही है
थकती नहीं
शाम ढले भी चहचहाती है  
घोंसले को बनाती है ,सजाती है
खुद को सवारने से पहिले
बच्चो को खिलाती है ,उड़ना सिखाती है
फिर अपने साजन का करती है इंतिज़ार
करके श्रींगार ,घोंसले को रखती है
ज्यों हो मंदिर प्यार का
जिसमे आते ही साजन
बजती है प्यार की घंटियाँ
जिसकी मधुर आवाजें 
दिलों की धडकने बन 
संसार में फैलाती है प्यार ,प्यार ,प्यार 
तुम हो वो चिड़िया ..........


राकेश मुथा जी आपने बहुत ही खूबसूरत लिखा .....
मुझे इतना पसंद आया की मैं अपने ब्लॉग पर भी पोस्ट कर दिया ...

http://seepkasapna-rakesh.blogspot.com

                              


 

27 टिप्‍पणियां:

Mithilesh dubey ने कहा…

बहुत ही खूबसूरत रचना लगी ।

kulwant Happy ने कहा…

bahut bahut abhar...khoobsurat hain

sonal ने कहा…

बहुत खूब,मन छू गई रचना

ज्योति सिंह ने कहा…

main sabse pahle aai rahi magar box nahi khula aur ye mauka kisi or ke haath lag gaya ,itni khoobsurat rachna ke liye badhai bahut .man ko sparsh kar gayi .

दीपक 'मशाल' ने कहा…

Dil khush kar diya sanjay!!!!
kavita ne bhi aur chitra ne bhi..
Jai Hind...

M VERMA ने कहा…

वाकई बहुत सुन्दर

Amitraghat ने कहा…

शानदार
amitraghat.blogspot.com

Dev ने कहा…

बहेतरीन रचना .

बेनामी ने कहा…

"तुम हो वो चिड़िया .........."
प्रशंसनीय रचना - लोग तो बस खुद को ही अच्छा समझते हैं.

रज़िया "राज़" ने कहा…

खूबसुरत रचना।

रज़िया "राज़" ने कहा…

खूबसुरत रचना।

daanish ने कहा…

प्यार का सन्देश बाँटती हुई चिड़िया को
आपकी रचना के रूप में पढ़ कर
मन को बहुत सुकून हासिल हुआ
बधाई/आभार .

Chandan Kumar Jha ने कहा…

सुन्दर प्रेमपूर्ण रचना ।

चन्द्र कुमार सोनी ने कहा…

chidiyaa bahut sunder hain.
thanks.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM

चन्द्र कुमार सोनी ने कहा…

chidiyaa bahut sunder hain.
thanks.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM

Urmi ने कहा…

हमेशा की तरह ख़ूबसूरत रचना! दिल को छू गयी हर एक पंक्तियाँ! पंछी बहुत ही प्यारी है!

Ashish (Ashu) ने कहा…

बहुत बढ़िया
आशू

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

अत्यंत सुंदर कविता...धन्यवाद जी

डॉ टी एस दराल ने कहा…

अति सुन्दर ।
चिड़िया भी और रचना भी।

कृष्ण मुरारी प्रसाद ने कहा…

दिल को भाया.....
लड्डू बोलता है ....इंजीनियर के दिल से
http://laddoospeaks.blogspot.com

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

सुंदर रचना.

रामराम.

बेनामी ने कहा…

waakaee saccha aur saarthak likhaa hai. manik

राज चौहान ने कहा…

खूबसुरत रचना।

Qaiser ने कहा…

bahut hii sahi soch hai aapki aaj kal is bhaag dod kii zindagii me muskuraane kii aadat kahi kho sii gai he aapkaa prayaas saraahniiy hai

दिगम्बर नासवा ने कहा…

प्यार प्यार प्यार ... सच में पंछी प्यार का संदेस देते

Unknown ने कहा…

खूबसुरत रचना।

Unknown ने कहा…

अत्यंत सुंदर कविता...धन्यवाद