हिन्दी सिनेमा में हर खलनायक की अपनी स्टाइल रही है और वह उसी स्टाइल की बदौलत दर्शकों के दिलो-दिमाग पर तब तक राज करता रहा, जब तक कि नए विलेन ने आकर अपनी लम्बी लकीर नहीं खींच दी। बॉलीवुड फिल्मों में कुछ ही ऐसे खलनायक हुए हैं जो फिल्म इंडस्ट्री में हमेशा याद रखे जाएंगे। भले ही कुछ अभिनेता आज हमारे बीच में नहीं हैं लेकिन उनकी फिल्में और फेमस हुए डॉयलाग हमेशा उनकी याद ताजा करते है। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में जब भी किसी खलनायक का नाम लिया जाएगा तो के.एन.सिंह, प्रेमनाथ, प्राण, अमजद खान और अमरीश पुरी जैसे अभिनेता हमेशा याद आएंगे। आज इन खलनायक में से लंबा चौड़ा कद, रौबदार आवाज, डरावने गेटअप और दमदार शख्सियत के जरिए सालों तक फ़िल्म प्रेमियों के दिल डर पैदा करने वाले अभिनेता अमरीश पुरी है
के.एन.सिंह, प्रेमनाथ, प्राण, अमजद खान से शुरू होकर यह सिलसिला अमरीश पुरी पर आकर ठहर गया। भारतीय सिनेमा में चोटी के खलनायकों की लिस्ट में सबसे ऊपर रहे मशहूर अभिनेता अमरीश पुरी का फेमस डायलॉग ‘मोगैंबो खुश हुआ’ आज भी लोगों की जुबान पर है. अमूमन दर्शक खलनायक से नफरत करता है लेकिन अमरीश पुरी एक ऐसे खलनायक थे जिन्हें दर्शकों ने अपने दिल में बसाया... अमरीश ने एक से बढ़कर एक निगेटिव रोल किए लेकिन दर्शकों ने कभी उनसे नफरत नहीं कीअमरीश पुरी अपनी ऊंची-पूरी कद-काठी और बुलंद आवाज के बल पर सबसे आगे निकल गए। उनकी गोल-गोल घूमती हुई आंखें सामने खड़े व्यक्ति के भीतर दहशत पैदा कर देती थी।
'मिस्टर इंडिया' का 'मोगैम्बो' हो या ग़दर का 'अशरफ़ अली', अमरीश पुरी ने पर्दे पर खलनायकों की जो पहचान छोड़ी है, उसकी बराबरी शायद कभी कोई नायक न कर पाये. अमरीश पुरी एक ऐसे अभिनेता थे, जो अपने रोल में पूरी तरह डूब कर एक्टिंग किया करते थे. चाहे वो समानांतर सिनेमा का दौर रहा हो या सिनेमा के वैश्वीकरण का, अमरीश पुरी की एक्टिंग हर दौर और किरदार के हिसाब से बदलती रही.
एक खलनायक के रूप में अमरीश की हमेशा प्रशंसा हुई. अमरीश ने अपने फिल्मी सफर में करीब 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. अमरीश ने बॉलीवुड और हॉलीवुड इंडस्ट्री में अपनी नकारात्मक भूमिका से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई
निसंदेह अमरीश पूरी जी हिंदी सिनेमा के महान अभिनेता थे आज भी फिल्मों मे उनकी कमी खलती है |
ऐसे महान अभिनेता तो मेरा सलाम
-- संजय भास्कर
भारतीय सिनेमा में चोटी के खलनायकों की लिस्ट में सबसे ऊपर रहे मशहूर अभिनेता अमरीश पुरी का फेमस डायलॉग ‘मोगैंबो खुश हुआ’ आज भी लोगों की जुबान पर है .
जवाब देंहटाएं..इसलिए तो कहते हैं कला ईश्वर प्रदत्त उपहार होता है
अमरीश जी के बारे में पढ़ना अच्छा लगा ..उन्हें नमन
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "ह्यूमन कंप्यूटर' = भारतीय गणितज्ञ स्व॰ शकुंतला देवी जी “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंमोगेम्बो खुश हुआ
जवाब देंहटाएंखलनायक के रूप में अमरीश पूरी का कार्य बहुत ही प्रशंसनीय था। शेयर करने के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंकई यादगार खलनायकों में से अमरीश पूरी जी एक हैं जो हिंदी सिनेमा में हमेशा हमेशा याद किये जायेंगे ...
जवाब देंहटाएंवो एक नेचुरल कलाकार थे और हर किरदार को बाखूबी निभाते थे ... उसमें ढल जाते थे ... नमन है मेरा उन्हें ...
नमन
हटाएंनमन
हटाएंमोगेम्बो खुश हुआ ...................... यह शब्द उनकी सदा याद दिलाते रहेंगे
जवाब देंहटाएंसही तरीके से और बहुत ही रोचक ढंग से लिखा गया है।
जवाब देंहटाएंsach kaha sanjay ....amrish puri ji kay bare mey bilkul sahi likha hai...wo choti kay khalnayakon mey say ek hain
जवाब देंहटाएंवाह अमरीश पुरी को समर्पित लेख अति उत्तम लगा ,उम्दा कलाकार पर उम्दा लेख
जवाब देंहटाएंवाह अमरीश पुरी को समर्पित लेख अति उत्तम लगा ,उम्दा कलाकार पर उम्दा लेख
जवाब देंहटाएंMajedaar
जवाब देंहटाएंYes, he was a trendsetter. We knew few of his dialogues by heart.
जवाब देंहटाएंअमरीशपुरी मेरे भी फेवरिट अभिनेता हैं। एक जमाना तो ऐसा था कि अमरीश जिस फिल्म में होते तो फिल्म देखनी थी।
जवाब देंहटाएंसुंदर..
जवाब देंहटाएंएक नई दिशा !
नायक को खलनायक को कहना बेमानी है|
जवाब देंहटाएं‘मोगैंबो खुश हुआ’ अच्छा लिखा
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की शुभकामनाएं
http://savanxxx.blogspot.in
बहुत अच्छी रचना. अमरीश पूरी के बारे में पढ़कर अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा !
जवाब देंहटाएंहिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
khalnayak ke roop me ek kalakar ko jo karne ko milta hai wo film ke hero ko nahi milta . tabhi wo abhineta kahlate hain . un achche manjhe hue abhineta me se ek amrish puri ji hain
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंखूबसूरत प्रस्तुतीकरण .
जवाब देंहटाएंअमरीश पुरी ने सकारात्मक भूमिकाएँ भी बखूबी निभाई थीं. 'दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'मुस्कान' 'गर्दिश', 'घातक', 'चाची 420' और 'विरासत' में उन्होंने ऐसी भूमिकाओं में अपने अभिनय से जान डाल दी थी.
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