22 जुलाई 2013

........ हादसों के शहर में :))

 ( चित्र - गूगल से साभार )
हादसों के शहर में ,
सबकी खबर रखिए !
कोई रखे न रखे ,
आप जरूर रखिए !
इस दौर में 
वफा कि बातें ,
यक़ीनन सिरफिरा है कोई ,
उस पर नजर रखिए !
चेहरों को पढने का हुनर ,
खूब दुनिया को आता है !
राज कोई भी हो ,
दिल में छुपा कर रखिए !
नजदीकी दोस्तों की भी 
नहीं है इतनी अच्छी ,
रिश्ता कोई भी हो ,
फासले बना कर रखिये..........!!!


@ संजय भास्कर  

 

72 टिप्‍पणियां:

  1. Kisi haseen haadse ka shikaar yaar lgta hai..
    Kisi pe baaki kuchh iska udhaar lagta hai...

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  2. बहुत बढ़िया प्रस्तुति हार्दिक बधाई

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  3. कॉण्ट्रेरियन व्यू:
    फासला कितना भी हो, रिश्ते बना कर रखिये!

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  4. बहुतखूबसूरत रचनाबधाई स्वीकार करें ।

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  5. वर्तमान स्थिति का आईना दिखती पोस्ट...

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  6. सच कहा, या फैसला हो जाये या फासला।

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  7. इस दौर में
    वफा कि बातें ,
    यक़ीनन सिरफिरा है कोई !!

    बहुत ख़ूब :)

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  8. वाह बहुत खूब .......बेहतरीन

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  9. नजदीकी दोस्तों की भी
    नहीं है इतनी अच्छी ,
    रिश्ता कोई भी हो ,
    फासले बना कर रखिये ...

    क्या बात है .. संजय जी लाजवाब ... आज का सच तो यही कहता है .. दूरी बनाए रखिये की कुछ अपनी हैसियत भी रहे ...

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  10. हादसों के शहर में ,
    सबकी खबर रखिए !
    कोई रखे न रखे ,
    आप जरूर रखिए !...वाह बहुत बढिया..सुन्दर प्रस्तुति....

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  11. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  12. बहुत सही कहा.... बहुत खुबसूरत !!

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  13. बहुत सही कहा.... बहुत खुबसूरत !!

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  14. नवीन अनुभूति
    हार्दिक शुभकामनायें .....

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  15. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन जानिए क्या कहती है आप की प्रोफ़ाइल फोटो - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  16. रिश्ता कोई भी हो ,
    फासले बना कर रखिये..........!!!
    Kya patekee baat kahee hai!

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  17. सही बात कही हादसों के शहर में फ़ासला बनाये रखना बहुत जरुरी है...बढ़िया प्रस्तुति... बधाई

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  18. नजदीकी दोस्तों की भी
    नहीं है इतनी अच्छी ,
    रिश्ता कोई भी हो ,
    फासले बना कर रखिये..........!!!

    वाह क्या लाजवाब बात कही है बहुत जोरदार.

    रामराम.

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  19. बहुत सही , बढ़िया प्रस्तुति

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  20. Veru nice sanjay ji... "Fasle bana ke rakhiye..."

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  21. बहुत बढ़िया प्रस्तुति हार्दिक बधाई

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  22. बहुत बढ़िया प्रस्तुति हार्दिक बधाई

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  23. Yes, you are right. We have to be cautious in such a world.

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  24. सही है रिश्तों कुछ फासला होना चाहिए
    latest दिल के टुकड़े
    latest post क्या अर्पण करूँ !

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  25. सारी नसीहतें दर्ज़ कर लीं...

    बहुत बढ़िया ग़ज़ल..

    अनु

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  26. आज के दौर की सही दिशा देती अच्छी रचना

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  27. भास्कर भाई ने बात की याद रखने की ...
    बस इस याद को दिल में बसाये रखिये !
    आभार!

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  28. नजदीकी दोस्तों की भी
    नहीं है इतनी अच्छी ,
    रिश्ता कोई भी हो ,
    फासले बना कर रखिये..........!!!
    sahi kaha aapne
    badhai
    rachana

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  29. थोड़ा अवकाश और अपनी-अपनी निजता हर रिश्ते को सहज बनाए रखती है -आपकी बात बिलकुल सही है !

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  30. वाह संजय जी, मंत्रमुग्ध कर दिया आपने।
    बधाई स्वीकार करें ...

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  31. रिश्ता कोई भी हो ,
    फासले बना कर रखिये..........!!!

    ...वाह! बिल्कुल सच...

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  32. रिश्तों में फासले तो वैसे ही बढ़ते जा रहे हैं..इंटरनेट के इस युग में..

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  33. बहुत बेहतरीन अहतियात भरी रचना... पढ़कर अच्छा लगा...

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  34. बहुत बेहतरीन अहतियात भरी रचना... पढ़कर अच्छा लगा...

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  35. इस दौर में
    वफा कि बातें ,
    यक़ीनन सिरफिरा है कोई ,

    behatarin sanjay babu BADHAI

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  36. एकदम पते की बात कही है आपने संजयजी.....बढ़िया पोस्ट....

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  37. वाह . बहुत उम्दा,

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  38. शुक्रिया जनाब...

    अच्छी रचना !

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  39. इस दौर में
    वफा कि बातें ,
    यक़ीनन सिरफिरा है कोई ,
    उस पर नजर रखिए !
    चेहरों को पढने का हुनर ,
    खूब दुनिया को आता है !
    राज कोई भी हो ,
    दिल में छुपा कर रखिए !

    लाजवाब प्रस्तुति संजय जी....आपके ब्लॉग में शब्द महज मुस्कुराते नहीं बल्कि खिलखिलाकर हंसते हैं अपने सर्वोत्तम प्रयोग किये जाने पे...

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  40. sach hi kaha hai aapne...
    bohot sunder!

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  41. वाह -वाह खूबसूरत |
    बहुत गजब लिखा आपने |
    बधाई

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  42. रिश्ता कोई भी हो ,
    फासले बना कर रखिये....BILKUL SAHI ....PHASLA JARURI HAI ....

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  43. kya baat hai..very well said..nice poems..i love your blog...

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  44. http://eknazariyaa.blogspot.in/

    Please review it...give me your suggestion....

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  45. फासला बना कर रखिये ।
    सही हिजायत और जोरदार रचना ।

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  46. वाह, बहुत खूब
    लाजवाब :)

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  47. नजदीकी दोस्तों की भी
    नहीं है इतनी अच्छी ,
    रिश्ता कोई भी हो ,
    फासले बना कर रखिये .

    सुंदर संजय जी...........

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  48. रिश्ता कोई भी हो ,
    फासले बना कर रखिये

    अब तो यही सही लगता है !!

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  49. बहुत ही बेहतरीन बाते...
    लाजवाब रचना...
    रिश्ता कोई भी हो फासले बनाकर रखिये...
    :-)

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  50. भई वाह...ज़माने के साथ कदम चलाती कविता.

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  51. दिल में छुपा कर रखिए !
    नजदीकी दोस्तों की भी
    नहीं है इतनी अच्छी ,
    रिश्ता कोई भी हो ,
    फासले बना कर रखिये....... बहुत खूब.

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  52. नए दौर और नए तेवर की कविता. बहुत खूब.

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  53. बहुत ही प्रभावी रचना, स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ.
    आदरणीय संजय जी जय श्री राधे
    भ्रमर ५

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  54. सही कहा..हादसों से बचने के लिये फासले बेहद आवश्यक हैं..और रिश्तों से मिले हादसे बड़े ही भयंकर होते हैं...

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  55. रिश्ता कोई भी हो ,
    फासले बना कर रखिये....
    वाह ... बेहतरीन

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  56. राज कोई भी हो ,
    दिल में छुपा कर रखिए !waah bahut achhi-acchi sikhen ik sath ....excellent ...

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  57. सुन्दर रचना! नेक बातें!

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  58. फासले रखिये! वाह बहुत खूब!

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  59. .
    बेहद सुन्दर शब्द
    और
    लाज़वाब संरचना भी
    बधाई

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  60. हादसों के शहर में ,
    सबकी खबर रखिए !
    कोई रखे न रखे ,
    आप जरूर रखिए !...वाह बहुत बढिया..सुन्दर प्रस्तुति....

    जवाब देंहटाएं

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- संजय भास्कर