सबकी खबर रखिए !
कोई रखे न रखे ,
आप जरूर रखिए !
इस दौर में
वफा कि बातें ,
यक़ीनन सिरफिरा है कोई ,
उस पर नजर रखिए !
चेहरों को पढने का हुनर ,
खूब दुनिया को आता है !
राज कोई भी हो ,
दिल में छुपा कर रखिए !
नजदीकी दोस्तों की भी
नहीं है इतनी अच्छी ,
रिश्ता कोई भी हो ,
फासले बना कर रखिये..........!!!
@ संजय भास्कर
@ संजय भास्कर
Kisi haseen haadse ka shikaar yaar lgta hai..
जवाब देंहटाएंKisi pe baaki kuchh iska udhaar lagta hai...
bahut sahi baat ki aapne ....
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रस्तुति हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंAchchi rachna,badhai.
जवाब देंहटाएंकॉण्ट्रेरियन व्यू:
जवाब देंहटाएंफासला कितना भी हो, रिश्ते बना कर रखिये!
बहुतखूबसूरत रचनाबधाई स्वीकार करें ।
जवाब देंहटाएंवर्तमान स्थिति का आईना दिखती पोस्ट...
जवाब देंहटाएंसच कहा, या फैसला हो जाये या फासला।
जवाब देंहटाएंइस दौर में
जवाब देंहटाएंवफा कि बातें ,
यक़ीनन सिरफिरा है कोई !!
बहुत ख़ूब :)
वाह बहुत खूब .......बेहतरीन
जवाब देंहटाएंनजदीकी दोस्तों की भी
जवाब देंहटाएंनहीं है इतनी अच्छी ,
रिश्ता कोई भी हो ,
फासले बना कर रखिये ...
क्या बात है .. संजय जी लाजवाब ... आज का सच तो यही कहता है .. दूरी बनाए रखिये की कुछ अपनी हैसियत भी रहे ...
सुन्दर रचना।।
जवाब देंहटाएंनये लेख : जन्म दिवस : मुकेश
आखिर किसने कराया कुतुबमीनार का निर्माण?
हादसों के शहर में ,
जवाब देंहटाएंसबकी खबर रखिए !
कोई रखे न रखे ,
आप जरूर रखिए !...वाह बहुत बढिया..सुन्दर प्रस्तुति....
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत सही कहा.... बहुत खुबसूरत !!
जवाब देंहटाएंबहुत सही कहा.... बहुत खुबसूरत !!
जवाब देंहटाएंनवीन अनुभूति
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनायें .....
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन जानिए क्या कहती है आप की प्रोफ़ाइल फोटो - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंरिश्ता कोई भी हो ,
जवाब देंहटाएंफासले बना कर रखिये..........!!!
Kya patekee baat kahee hai!
सही बात कही हादसों के शहर में फ़ासला बनाये रखना बहुत जरुरी है...बढ़िया प्रस्तुति... बधाई
जवाब देंहटाएंसही सलाह और गहरे भाव ....
जवाब देंहटाएंनजदीकी दोस्तों की भी
जवाब देंहटाएंनहीं है इतनी अच्छी ,
रिश्ता कोई भी हो ,
फासले बना कर रखिये..........!!!
वाह क्या लाजवाब बात कही है बहुत जोरदार.
रामराम.
बहुत सही , बढ़िया प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंVeru nice sanjay ji... "Fasle bana ke rakhiye..."
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रस्तुति हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रस्तुति हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंYes, you are right. We have to be cautious in such a world.
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंसही है रिश्तों कुछ फासला होना चाहिए
latest दिल के टुकड़े
latest post क्या अर्पण करूँ !
सारी नसीहतें दर्ज़ कर लीं...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया ग़ज़ल..
अनु
आज के दौर की सही दिशा देती अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंभास्कर भाई ने बात की याद रखने की ...
जवाब देंहटाएंबस इस याद को दिल में बसाये रखिये !
आभार!
behtareen prastuti..
जवाब देंहटाएंनजदीकी दोस्तों की भी
जवाब देंहटाएंनहीं है इतनी अच्छी ,
रिश्ता कोई भी हो ,
फासले बना कर रखिये..........!!!
sahi kaha aapne
badhai
rachana
थोड़ा अवकाश और अपनी-अपनी निजता हर रिश्ते को सहज बनाए रखती है -आपकी बात बिलकुल सही है !
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह संजय जी, मंत्रमुग्ध कर दिया आपने।
जवाब देंहटाएंबधाई स्वीकार करें ...
रिश्ता कोई भी हो ,
जवाब देंहटाएंफासले बना कर रखिये..........!!!
...वाह! बिल्कुल सच...
रिश्तों में फासले तो वैसे ही बढ़ते जा रहे हैं..इंटरनेट के इस युग में..
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया संजय जी...
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन अहतियात भरी रचना... पढ़कर अच्छा लगा...
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन अहतियात भरी रचना... पढ़कर अच्छा लगा...
जवाब देंहटाएंइस दौर में
जवाब देंहटाएंवफा कि बातें ,
यक़ीनन सिरफिरा है कोई ,
behatarin sanjay babu BADHAI
एकदम पते की बात कही है आपने संजयजी.....बढ़िया पोस्ट....
जवाब देंहटाएंवाह . बहुत उम्दा,
जवाब देंहटाएंशुक्रिया जनाब...
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना !
वाह बहुत खूब ...
जवाब देंहटाएंइस दौर में
जवाब देंहटाएंवफा कि बातें ,
यक़ीनन सिरफिरा है कोई ,
उस पर नजर रखिए !
चेहरों को पढने का हुनर ,
खूब दुनिया को आता है !
राज कोई भी हो ,
दिल में छुपा कर रखिए !
लाजवाब प्रस्तुति संजय जी....आपके ब्लॉग में शब्द महज मुस्कुराते नहीं बल्कि खिलखिलाकर हंसते हैं अपने सर्वोत्तम प्रयोग किये जाने पे...
sach hi kaha hai aapne...
जवाब देंहटाएंbohot sunder!
वाह -वाह खूबसूरत |
जवाब देंहटाएंबहुत गजब लिखा आपने |
बधाई
लाजवाब ......
जवाब देंहटाएंरिश्ता कोई भी हो ,
जवाब देंहटाएंफासले बना कर रखिये....BILKUL SAHI ....PHASLA JARURI HAI ....
kya baat hai..very well said..nice poems..i love your blog...
जवाब देंहटाएंhttp://eknazariyaa.blogspot.in/
जवाब देंहटाएंPlease review it...give me your suggestion....
फासला बना कर रखिये ।
जवाब देंहटाएंसही हिजायत और जोरदार रचना ।
khubsurat bhaw.. behtareen...
जवाब देंहटाएंवाह, बहुत खूब
जवाब देंहटाएंलाजवाब :)
नजदीकी दोस्तों की भी
जवाब देंहटाएंनहीं है इतनी अच्छी ,
रिश्ता कोई भी हो ,
फासले बना कर रखिये .
सुंदर संजय जी...........
रिश्ता कोई भी हो ,
जवाब देंहटाएंफासले बना कर रखिये
अब तो यही सही लगता है !!
बहुत ही बेहतरीन बाते...
जवाब देंहटाएंलाजवाब रचना...
रिश्ता कोई भी हो फासले बनाकर रखिये...
:-)
भई वाह...ज़माने के साथ कदम चलाती कविता.
जवाब देंहटाएंदिल में छुपा कर रखिए !
जवाब देंहटाएंनजदीकी दोस्तों की भी
नहीं है इतनी अच्छी ,
रिश्ता कोई भी हो ,
फासले बना कर रखिये....... बहुत खूब.
अति सुन्दर.
जवाब देंहटाएंलाजवाब
जवाब देंहटाएंनए दौर और नए तेवर की कविता. बहुत खूब.
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्रभावी रचना, स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ.
जवाब देंहटाएंआदरणीय संजय जी जय श्री राधे
भ्रमर ५
सही कहा..हादसों से बचने के लिये फासले बेहद आवश्यक हैं..और रिश्तों से मिले हादसे बड़े ही भयंकर होते हैं...
जवाब देंहटाएंरिश्ता कोई भी हो ,
जवाब देंहटाएंफासले बना कर रखिये....
वाह ... बेहतरीन
राज कोई भी हो ,
जवाब देंहटाएंदिल में छुपा कर रखिए !waah bahut achhi-acchi sikhen ik sath ....excellent ...
सुन्दर रचना! नेक बातें!
जवाब देंहटाएंफासले रखिये! वाह बहुत खूब!
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर शब्द
और
लाज़वाब संरचना भी
बधाई
हादसों के शहर में ,
जवाब देंहटाएंसबकी खबर रखिए !
कोई रखे न रखे ,
आप जरूर रखिए !...वाह बहुत बढिया..सुन्दर प्रस्तुति....