03 अक्तूबर 2010

दहेज़ की दूकान पर .............हास्य व्यंग

 सेल  ! सेल ! सेल !
आज रविवार है ,
सजा हुआ एक अद्भुत बाज़ार है |
हर तरह का माल तैयार है '
कोई चपरासी ,कोई थानेदार तो कोई तहसीलदार है |
भाव पदानुसार है ,
किसी की कीमत लाख तो किसी की हजार है |
चोंकिये  मत यह  ' दुल्हों ' का बाजार है |
 

.......संजय

68 टिप्‍पणियां:

  1. दूल्हे आपके विरुद्ध हो जाएँगे. अच्छा लगा.

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  2. वैसे इसे पढ़ कर हमारा भी मन कर रहा है कि ........पूँछ ही लें कि आपकी कुंवारेपन क्या कीमत है ?

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  3. वाह क्या कहने ----"सेल" नही "भेल" हो गई....हा हा हा

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  4. बहुत मजेदार! आप भी तो हो तैयार

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  5. aapki kavita mashaallaha ajedaar he
    aajkal hazzar me nhi chlata bazar he
    naukri wale ki to baat kya kare
    thali baithe, ki bhi kimat pahunch se bahar he

    shaandar hasye/vyang

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  6. धन्यवाद

    @ Bushan ji..

    @ प्रवीण त्रिवेदी ╬ PRAVEEN TRIVEDI जी..

    @ Archna ji..

    @ Arun ji..

    @ ALOk KHARE JI..

    सभी की प्रतिक्रियाओं के लिए आभार अपना स्नेह यूँ ही बनाये रहें |
    ........धन्यवाद !

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  7. बिकने वाले दूल्हे कल को, देश बेच कर रख देंगे।

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  8. tapashwani10/03/2010

    yaar bazar to sajani hi padegi ab to..
    ;-)

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  9. संजय,
    ये अच्छा व्यापार है!
    हम भी बिकने को तैयार हैं!
    बैंक में अफसर तेरा यार है!
    पर कीमत इसकी प्यार है!
    बोलो, क्या कोई खरीददार है?
    हा हा हा.....
    आशीष
    --
    प्रायश्चित

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  10. यानि कि आप मानते हैं कि दुल्हों का बाज़ार लगता है ? ...एक के साथ एक मुफ्त की स्कीम कब आ रही है ...

    बढ़िया मजेदार रचना

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  11. संगीता जी की टिप्पणी किसी चुटकुले से कम नहीं है.:))

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  12. अच्छा व्यंग्य...

    बधाई
    डा.अजीत

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  13. अच्छा व्यंग है । किसी को तो शर्म आएगी ।

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  14. बेनामी10/03/2010

    is bazar mein to main bhi hoon.... koi kharidaar hai kya ...
    hahhaha...

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  15. .संजय जी... बहुत बढ़िया ..

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  16. हजार -२ में भी दुल्हे मिलते हैं!!!!!!चलिए
    गरीब माँ -बाप कि समस्या कुछ हद तक हल हो जायेगी.
    दहेज़ रूपी दानव भी न जाने कब तक जिंदा रहेगा.

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  17. बिकने वाले तो बिक ही जाते हैं

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  18. बहुत बढिया क्या तुम भी हो किसी दुकान पर? मगर जानती हूँ कि तुम बिकन वाले नही। बहुत बहुत आशीर्वाद।

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  19. कहीं कोई सेल भी लगी है क्या :D


    मजेदार रचना...

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  20. बातों ही बातों में करारा व्यंग लिख दिया संजय जी ....

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  21. अरे वाह!....यहां तो माल भरा पडा है...लेकिन खरीदार ?....हा..हा...हा..

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  22. @ प्रवीण पाण्डेय जी..
    बिकने वाले दूल्हे कल को, देश बेच कर रख देंगे।
    सत्य कहा आपने परवीन जी
    ........धन्यवाद !

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  23. हा हा हा.....
    मजा आ गया
    ....आशीष जी

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  24. हा हा हा हा ! बहुत ही सुन्दर, शानदार और मज़ेदार लगा!

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  25. @ संगीता जी....
    एक के साथ एक मुफ्त की स्कीम कब आ रही है
    ....कभी तो ऐसा भी होगा संगीता जी

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  26. @ विरेन्द्र सिंह चौहान जी....
    जब तक दुल्हे अपनी कमर नहीं कसेंगे
    दहेज़ रूपी दानव भी न जाने कब तक जिंदा रहेगा.

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  27. धन्यवाद

    @ tapashwani ji..

    @ Ashish ji..

    @ संगीता स्वरुप जी..

    @ Bhushan ji..

    @ Dr.Ajeet ji..

    @ डॉ टी एस दराल जी..

    @ Shekhar bhai

    @ विरेन्द्र सिंह चौहान जी..

    @ M VERMA JI..

    @ परमजीत सिँह बाली जी..

    सभी की प्रतिक्रियाओं के लिए आभार अपना स्नेह यूँ ही बनाये रहें |
    ........धन्यवाद !

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  28. धन्यवाद

    @ अनामिका जी..

    @ निर्मला कपिला जी..

    @ शुभम जैन जी..

    @ Vidushi ji..

    @ वन्दना ने जी..

    ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

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  29. @ वन्दना ने जी..
    मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार ..

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  30. अरे...ये तो कविता शुरू होते ही खत्म हो गई.....दूल्हों की रेटलिस्ट तो बताते....हम भी अपनी औकात पता लगाते...वैसे मीडियावालों को तो आउटडेटेड माल ही मानते हैं इस बाज़ार में भी...

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  31. ......शानदार और मज़ेदार लगा!

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  32. संजय जी ....

    बिकने वाले तो बिक ही जाते हैं

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  33. बहुत मजेदार! आप भी तो हो तैयार :) :)

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  34. बहुत करारा व्यंग, शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  35. धन्यवाद

    @ दिगम्बर नासवा जी..

    @ 'उदय' जी..

    @ डा. अरुणा कपूर. जी..

    @ Babli ji

    @ Preeti ji

    @ Mahak ji

    @ ताऊ रामपुरिया ने जी..

    ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
    आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत आभार ! इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !

    जवाब देंहटाएं
  36. बढ़िया मजेदार अच्छा व्यंग्य...

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  37. wah kya karara vyangya kiya hai......bahut khoob.....

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  38. Thnx a lot for ur positive word aur ye vyangya bhi zordaar h... :)
    Keep writing..

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  39. ha ...ha... ha..... bahut badhiya....kaafi kam shabdo me karaaraa vyangya......exceelent....

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  40. करारा व्यंग ....bahut badiyan ...god bless u

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  41. But Its not Practicable Bhaiya.... Kehne se kuch nahi hota.

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  42. वाह..बढ़िया प्रस्तुति

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  43. bandhu badi shandaar vyangya hai, lekin aapne keemat kam lagayee.....:)

    hajar me to aaj kal dulhe ke model bhi nahi milte..:P

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  44. वाह! क्या बात है! बेहतरीन!

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  45. sale mein jyadatar ghatiya maal milta hai ... haan agar branded factory outlet sale ho to mumkin hai achhe grahak mil jaaein ... achha vyang

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  46. जानदार-शानदार.
    बहुत अच्छा और करारा व्यंग्य लिखा हैं आपने.
    धन्यवाद.
    WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM

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  47. बहुत करारा कटाक्ष किया है आज के दहेज लोभी समाज पर...

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  48. धन्यवाद

    @ Tilak ji..

    @ Rewa ji..

    @ Monali ji..

    @ Arvind ji..

    @ Rahul ji ..

    @ मंजुला जी..

    @ Suman ji..

    ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
    आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत आभार ! इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !

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  49. @ Shekhar ji..
    kyo nahi bhai ji zaroor batenge..
    apke sath har lamha batenge..

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  50. धन्यवाद

    @ VIJAY KUMAR VERMA JI..

    @ Mukesh kumar sinha ji..

    @ Nilesh mathur ji..

    @ क्षितिजा जी..

    @ मंजुला जी..

    @ Saumya ji..

    @ चन्द्र कुमार सोनी जी..

    @ ज्योति सिंह जी..

    @ Udan Tashtari ji..

    ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
    आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत आभार ! इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !

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  51. बहुत अच्छी कविता...बधाई.
    ________________

    'पाखी की दुनिया' में अंडमान के टेस्टी-टेस्टी केले .

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  52. achha vyngy kiya hai aapne.........par is baazar me jyadatar padhe likhe aur sabhy log hi aate hain........

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  53. दूल्हों के बाजार में आप भी बिक रहे हैं क्या...मजेदार रचना

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  54. क्या कह रहे हो ...दुल्हे की कीमत हजार है ..
    किस ज़माने की बात कर रहे हो ...
    आजकल तो मामूली सी बात भी लाखों में होती है ...!

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  55. इधर कोई बिकने को तैयार है
    उधर एक बाप लाचार है।
    यह कैसा व्‍यापार है।

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  56. Sanjayji,
    VYANGYA ke pichey koi na koi SACHCHAI chipi hoti hai.

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  57. धन्यवाद

    @ Akshita pakhi

    @ कविता रावत जी..

    @ रजनी मल्होत्रा नैय्यर जी..

    @ वीना जी..

    @ वाणी गीत जी..

    @ तिलक राज कपूर जी..

    @ Vijay Mathur ji..

    आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत आभार ! इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !

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  58. आपने तो वाकई दूल्हों का सेल लगा दिया हजार में दूल्हा भई वाह । बढिया व्यंग ।

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  59. अगर हर तरफ दुल्हे का बाज़ार है तो कहिये जनाब आपका क्या हाल है ?
    लेख अच्छा लगा ! शुभ कामनाए !

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- संजय भास्कर