खुद को मिटा कर भी ये देश बचाना है |
जो दुश्मन सीमा पर है उसे मिटा देंगे
गद्दार जो अन्दर है उनको भी मिटाना है |
कोई धर्म या मजहब हो सब भाई भाई हैं
रूठे हुए भाइयो को सीने से लगाना है |
ये देश सलामत है तो हम भी सलामत है ,
हर देश के वासी को यह याद दिलाना है |
भूंखा न रहे कोई न कोई नंगा हो
ये काम मुश्किल है पर करके दिखाना है |
ये काम मुश्किल है पर करके दिखाना है |
खेतो में हमारे भी सोने के खजाने है ,
इक फसल मोहब्बत की दिल में भी उगाना है |
इक फसल मोहब्बत की दिल में भी उगाना है |
ये गर्व हो हर इक को भारत का मै वासी हूँ
इस शान से जीने का अंदाज सिखाना है |
...........संजय भास्कर
यही तो सबका फ़र्ज़ है……………सुन्दर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंवाह मित्र रोम रोम रोमांचित हो गया
जवाब देंहटाएंजो दुश्मन सीमा पर ए उसे मिटा देंगे
गद्दार जो अन्दर है उनको भी मिटाना है
जय हिन्द
ये गर्व हो हर इक को भारत का मै वासी हूँ
जवाब देंहटाएंइस शान से जीने का अंदाज सिखाना है |
बहुत अच्छी रचना..बहुत सुंदर भाव
कुछ काम भी करना है कुछ फ़र्ज़ भी निभाना है ,
जवाब देंहटाएंखुद को मिटा कर भी ये देश बचाना है |
जो दुश्मन सीमा पर ए उसे मिटा देंगे
गद्दार जो अन्दर है उनको भी मिटाना है !
ये गर्व हो हर इक को भारत का मै वासी हूँ
इस शान से जीने का अंदाज सिखाना है |
behadd achhi rachna, sunder soch ,sunder abhivyakti..bahut khoob.
jeete raho.
कुछ काम भी करना है कुछ फ़र्ज़ भी निभाना है ,
जवाब देंहटाएंखुद को मिटा कर भी ये देश बचाना है |
जो दुश्मन सीमा पर ए उसे मिटा देंगे
गद्दार जो अन्दर है उनको भी मिटाना है !
ये गर्व हो हर इक को भारत का मै वासी हूँ
इस शान से जीने का अंदाज सिखाना है |
behadd achhi rachna, sunder soch ,sunder abhivyakti..bahut khoob.
jeete raho.
desh ke liye to jaan bhi haazir hai...
जवाब देंहटाएंbahut hi khubsurat rachna...
जवाब देंहटाएंयही तो सबका फ़र्ज़ है……………सुन्दर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
जवाब देंहटाएं@ वन्दना जी..
@ आनन्द पाण्डेय जी..
@ वीना जी..
@ Neelam ji..
@ Shekhar Suman ji..
@ Arun C roy ji..
सभी की प्रतिक्रियाओं के लिए आभार अपना स्नेह यूँ ही बनाये रहें |
........धन्यवाद !
... bahut badhiyaa ... behatreen rachanaa, badhaai !
जवाब देंहटाएंसही संदेश दिया.
जवाब देंहटाएंदेश भक्ति से ओत-प्रोत रचनाएँ कहने वाली भारत की संतानों को पढ़ कर बहुत अच्छा लगता है.
जवाब देंहटाएंप्रिय भाई संजय भास्कर जी
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब !
गद्दार जो अन्दर है उनको भी मिटाना है
आपकी पंक्ति में जोश और जिम्मेवारी का एहसास दोनों हैं ।
एक पुराने जोशीले गीत की पक्ति याद आ गई -
कहनी है इक बात हमें इस देश के पहरेदारों से !
संभल के रहना अपने घर में छुपे हुए गद्दारों से !!
अच्छी रचना है , बधाई !
और श्रेष्ठ लिखें , आपकी लेखनी में उत्तरोतर प्रगति होती रहे , यही शुभकामना है …
- राजेन्द्र स्वर्णकार
गहराई से लिखी गयी एक सुंदर रचना...
जवाब देंहटाएंसार्थक और बेहद खूबसूरत,प्रभावी,उम्दा रचना है......शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंबहुत दिनों बाद आपके ब्लॉग पार आना हुआ
अच्छे ख्यालात ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया है....
जवाब देंहटाएंआपकी भावनाओं को जानकार अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा, खूबसूरत तथा विचारोत्प्ररक रचना के लिए बहुत-बहुत बधाई। -: VISIT MY BLOG :- जमीँ पे हैँ चाँद छुपा हुआ।...........कविता का अवलोकन करने के लिए आप आमंत्रित हैँ। आप इस लिँक पर क्लिक कर सकते हैँ।
जवाब देंहटाएंगहराई से लिखी गयी एक सुंदर रचना...
जवाब देंहटाएंhttp://sudhirraghav.blogspot.com/
आज रावण बध की नहीं बल्कि भ्रष्ट मंत्रियों,सांसदों,विधायकों तथा उनके नाजायज चमचों का बध करने की जरूरत है और हर बध के बाद विजयादशमी मनाने की जरूरत है ,रावण का पुतला जलाने की जगह इन गद्दारों को सरे आम फांसी पे लटकाया जाना चाहिए तब जाकर इस देश और समाज में नैतिकता और इंसानियत का प्रचार और प्रसार होगा ....
जवाब देंहटाएंसच में, अब वही अन्दाज़ सिखाना है।
जवाब देंहटाएंखेतो में हमारे भी सोने के खजाने है ,
जवाब देंहटाएंइक फसल मोहब्बत की दिल में भी उगाना है |
ये गर्व हो हर इक को भारत का मै वासी हूँ
इस शान से जीने का अंदाज सिखाना है |
Aameen! Aapki...hamaari ye tamanna zaroor pooree ho yahi dua hai!
बहुत अच्छे शब्दों में आपने हम सभी को फ़र्ज़ की याद दिलाई हैं.
जवाब देंहटाएंआभार.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
बहुत सुन्दर रचना है।बधाई।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
जवाब देंहटाएं@ उदय' जी..
@ Udan Tashtari Ji..
@ Bushan ji..
धन्यवाद, मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए
@ राजेन्द्र स्वर्णकार जी..
जवाब देंहटाएंआदर और मान देने के लिए बहुत शुक्रिया
इस कविता के जरिये लोगो को अपनी जिम्मेवारी का अहसास होना चाहिए
धन्यवाद
जवाब देंहटाएं@ Preeti ji..
@ उदय' जी..
@ डॉ टी एस दराल जी..
@ विरेन्द्र सिंह चौहान जी..
@ Dr. Ashok palmist ji..
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
धन्यवाद
जवाब देंहटाएं@ सुधीर जी.
@ honesty project democracy ji..
सच कहा आपने सर जी
रावण का पुतला जलाने की जगह इन गद्दारों को सरे आम फांसी पे लटकाया जाना चाहिए तब जाकर इस देश और समाज में नैतिकता और इंसानियत का प्रचार और प्रसार होगा ....
धन्यवाद
जवाब देंहटाएं@ प्रवीण पाण्डेय जी..
@ Kshama ji..
@ चन्द्र कुमार सोनी जी..
@ परमजीत सिँह बाली जी..
आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत आभार ! इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !
बहुत ही अच्छे और सच्चे ख्यालात संजय जी , आज ऐसे ही विचार और उन पर ईमानदारीपूर्वक अमल करने की बहुत ज़रूरत है ,बहुत बढ़िया प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना है |बधाई
जवाब देंहटाएंआशा
आपकी देश भक्ति अच्छी लगी ,किसी भी देश की यह एक आवश्कता है ।
जवाब देंहटाएंअच्छी सोच है , लिखते रहिये ...
जवाब देंहटाएंऔर ये आपकी स्टाइल में, दूसरी वाली ...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी कविता ..सुन्दर भावनाए .....ऐसे हे लिखते रहिये .........
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर शब्दर, बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंbahut khoob...
जवाब देंहटाएंDownload Direct Hindi Music Songs And Ghazals
sanjay jee,
जवाब देंहटाएंbahut acchi kavita hain yeh,
Kiya hum wakai aisa chahte hai, kia hum kuch kar sakte hain is desh ko bachane ke liye,
kyon naa aise khyalat wale log milkar ek nahi party banaye aur is desh ko bachane ka farz nibhaye.
संजय भाई बहुत बढिया प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंसाधुवाद.
"ये गर्व हो हर इक को भारत का मै वासी हूँ
इस शान से जीने का अंदाज सिखाना है |"
हम आपके साथ हैं.
dhaardaar...sundar kavita...deshbhakti jhalakti hai.
जवाब देंहटाएंाज की युवा पीढी के मुंह से ये बात सुन कर मन मे एक आशा का दीप जल उठता है। आज हमारी को इसी प्रेरणा और उतसाह की जरूरत है। बहुत अच्छी रचना अच्छे भाव। बधाई और आशीर्वाद।
जवाब देंहटाएंजोशपूर्ण कविता संजय जी !
जवाब देंहटाएंये गर्व हो हर इक को भारत का मै वासी हूँ
जवाब देंहटाएंइस शान से जीने का अंदाज सिखाना है |
....हमें भी गर्व है कि हम भारतीय है....भारत के नागरिक है!
ये देश सलामत है तो हम भी सलामत है ,
जवाब देंहटाएंहर देश के वासी को यह याद दिलाना है ..
दुरुस्त कहा है संजय जी ... भारत है तभी तक हम हैं नही तो भटकते रहेंगे हम हिन्दुस्तानी .... बहुत अच्छी रचना है ...
आपकी देश भक्ति अच्छी लगी ,
जवाब देंहटाएंbahut sundar bhav...iraade buland hon to safalta avshya milegi...aabhar...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब, बहुत अच्छा लिखा है !
जवाब देंहटाएंवाह! सुन्दर अभिव्यक्ति!
जवाब देंहटाएंकाम अभी बहुत बाकी है मेरे दोस्त !!!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
जवाब देंहटाएं@ Mahak ji ..
@ Asha ji..
@ Prem ji..
@ Majaal ji..
@ मंजुला जी..
@ Sada ji..
@ Sonal ji..
@ Prasant pundhir ji..
आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत आभार ! इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !
@ दीपक जी
जवाब देंहटाएंभारत वासी होने का गर्व सभी को होना चाहिए
हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !
@ निर्मला माँ
जवाब देंहटाएंयुवा पीढी में इसी प्रेरणा और उतसाह की जरूरत है
धन्यवाद
जवाब देंहटाएं@ Arvind ji..
@ पी.सी.गोदियाल जी..
@ डा. अरुणा कपूर जी..
@ दिगम्बर नासवा जी..
@ Amit ji..
@ Kailash C sharma ji..
@ संतोष कुमार जी..
@ Shah Nawaz ji..
आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत आभार ! इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !
@ अमित जी
जवाब देंहटाएंसत्य कहा आपने अभी तो बहुत काम बाकी है !
वाह भाई ...आज की आपकी पोस्ट की हर एक पंक्ति पर वाह करने को दिल करता है ...एक सच्चे हिन्दुस्तानी के लिए सार्थक सन्देश देती बेहद खुबसूरत कविता है .....बधाई
जवाब देंहटाएंखेतो में हमारे भी सोने के खजाने है ,
जवाब देंहटाएंइक फसल मोहब्बत की दिल में भी उगाना है |
ये गर्व हो हर इक को भारत का मै वासी हूँ
इस शान से जीने का अंदाज सिखाना है |
----Shandar jajbe ki shandar prastuti-------.
और बेहतर लिखो ।
जवाब देंहटाएंखेतो में हमारे भी सोने के खजाने है ,
जवाब देंहटाएंइक फसल मोहब्बत की दिल में भी उगाना है |
बेहद खुबसूरत!!!
umda
जवाब देंहटाएंbahut khoob.... bahut hi achha likha aapne
जवाब देंहटाएंExtreemly agree with your expressions!
जवाब देंहटाएंNice poem.
आप सभी को हम सब की ओर से नवरात्र की ढेर सारी शुभ कामनाएं.
ये गर्व हो हर इक को भारत का मै वासी हूँ
जवाब देंहटाएंइस शान से जीने का अंदाज सिखाना है |
बहुत खूब संजय जी....
नवरात्रि की आप को बहुत बहुत शुभकामनाएँ ।जय माता दी ।
बहुत बढ़िया और लाजवाब पोस्ट! आपको एवं आपके परिवार को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंइक फसल मोहब्बत की दिल में भी उगाना है |
जवाब देंहटाएंये गर्व हो हर इक को भारत का मै वासी हूँ
इस शान से जीने का अंदाज सिखाना है |
wonderful !
.
bahut achi rachana likhi hai aapne.....deshbhakti k jajbe ko salam ! archana
जवाब देंहटाएंखेतो में हमारे भी सोने के खजाने है ,
जवाब देंहटाएंइक फसल मोहब्बत की दिल में भी उगाना है
क्या बात है ... बहुत बढ़िया !
धन्यवाद
जवाब देंहटाएं@ रानीविशाल जी..
@ JHAROKHA JI..
@ शरद कोकास जी..
@ Anjana ji..
@ संजय चौरसिया जी..
@ डॉ. मोनिका शर्मा जी..
सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत आभार ! इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !
@ यशवन्त माथुर जी..
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद
आप को नवरात्र की ढेर सारी शुभ कामनाएं.
@ anjana ji..
जवाब देंहटाएं@ Babli ji..
@ Zeal ji..
@ Archana Dhanwani ji..
@ Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ji..
धन्यवाद, मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए
आप सभी को हम सब की ओर से नवरात्र की ढेर सारी शुभ कामनाएं.
बहुत ही सुन्दर सोच, बेहतरीन अभिव्यक्ति । नवरात्र की ढेर सारी शुभ कामनाएं.
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंregards,
सुन्दर अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया और लाजवाब पोस्ट सुन्दर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंbahut umda rachna..
जवाब देंहटाएं