27 जून 2010

तक़दीर तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते |

 तक़दीर के खेल में निराश नहीं होते ,
जिंदगी में कभी उदास नहीं होते 
हाथो की लकीरों पर यकीन मत करना ,
तक़दीर तो उनकी भी होती है 
जिनके हाथ नहीं होते |

45 टिप्‍पणियां:

  1. snjay bhaai tqdir ki baat he jo tqdir ke chlte mene aapki tqdir ki rchnaa pdh li ab mujhe meri tqdir yadd aa gyi ke mene kuch alfaazon men smundr se bhi geri or aasmaan ki bulndiyon se bhi unchi baat sikh li he bdhaayi ho dhnyvaad aapke hr lekhn men desh ki schchi tsvir or sikh shaamil he kuch alfaazon men itnaa bdhaa kaam koi kese kr sktaa he kbhi men sochtaa hun fir sochtaa hub snjay bhaai ki tqdir he jo voh aesaa kr skte hen. akhtar khan akela kota rajsthan

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  2. bilkul sahi kaha hai..
    nirash hona bhi nahi chaiyeee

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  3. प्रेरणादायी पंक्तियां।
    लोगो को भी प्रेरणा मिल सकती हैं आपकी इस पोस्ट से.
    बहुत बढ़िया........

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  4. Haan...! Shayad ye lakeeren mathe pe nazar aati hon...Taqdeer kuchh to tay hoti hai...

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  5. प्रेरणादायी पंक्तियां।

    wah wah wah wah

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  6. बहुत सुन्दर भाव |बधाई
    आशा

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  7. बहुत सुन्दर भाव और सकारात्मक सोच ।

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  8. aapki is rachna se logo ko bahut hi prerna milegi, jo log takdeer ke bharoshe rah jate hain aur bahut pachhtate hain ki takdeer me nahi tha to kaise pate, unhe is post se kafi prerna milegi .

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  9. बहुत सुखद अनुभूति सकरात्मक सोच और प्रेरणा

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  10. वाह बेटा बहुत सुन्दर पँक्तियाँ हैं इन्सान को अपने कर्म पर विश्वास करना चाहिये। बधाई

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  11. बहुत सुन्दर..प्रेरक.


    ***************************
    'पाखी की दुनिया' में इस बार 'कीचड़ फेंकने वाले ज्वालामुखी' !

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  12. wow!!this is so touching:>:>so wonderful..keep it up!!!

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  13. बहुत कम शब्दों में आपने बड़ी बात कह दी हैं. इंसान को कभी भी निराश-हताश नहीं होना चाहिए. जब भी निराशा-हताशा हावी होने लगे तो ये सोचकर मन को शांत कर लेना चाहिए कि--"हमसे भी अधिक पीड़ित, कष्टप्रद स्थिति में और भी बहुत से लोग हैं या हम अकेले नहीं हैं."
    बहुत कम शब्दों में बहुत बढ़िया लिखा हैं आपने.
    धन्यवाद.
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  14. हाथो की लकीरों पर यकीन मत करना ,
    तक़दीर तो उनकी भी होती है
    जिनके हाथ नहीं होते |
    ....vah, kyaa baat kahi hai.

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  15. "तकदीर तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते ,
    भला क्यों न हो....."आदत जो होती है उन्हे मुसकुराने की "

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  16. प्रेरणात्‍मक प्रस्‍तुति, आभार ।

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  17. बहुत सुन्दर और सकारात्मक सोच और प्रेरणादायी पंक्तियां ........

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  18. वाह ... क्या कमाल की बात लिखी है ... बहुत खूब ... every one has the luck ...

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  19. बहुत कम शब्दों में बहुत बढ़िया लिखा हैं आपने संजय जी।

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  20. क्या बात है ,
    तकदीर तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नही होते ।
    जबरदस्त ।

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  21. bahut acha sanjay..

    check my new site...

    www.kavyalok.com

    here also u people can post your poems...

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  22. प्रेरणात्‍मक प्रस्‍तुति, आभार

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  23. बहुत कम शब्दों में बहुत बढ़िया लिखा हैं आपने.

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  24. संजय अंकल राम राम ..... आप मेरे सबसे प्यारे अंकल हैं।

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  25. संजय अंकल राम राम ..... आप मेरे सबसे प्यारे अंकल हैं।

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  26. संजय जी!...क्या खूब कही आपने.... बहुत बढिया!

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  27. वापसी यात्रा का सुखद स्वागत . भास्कर फिर उदय हुआ .

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  28. प्रेरणात्‍मक प्रस्‍तुति,

    इंसान को कभी भी निराश-हताश नहीं होना चाहिए

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  29. क्या बात है ,
    तकदीर तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नही होते ।
    जबरदस्त

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  30. चिंतनीय और प्रेरक पंक्तियाँ

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  31. कम शब्दों में बहुत बढ़िया लिखा हैं
    प्रेरणात्‍मक प्रस्‍तुति, आभार ।

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- संजय भास्कर