लोकल बस से उतरते ही
जैसे
हमने एक दोस्त से माचिस मांगी ,
हाथ बढ़कर ,
कर देख रहा था एक भिखारी
उसने भी हाथ पसार दिए
हमने भाषण झाड़ते हुए कहा
' भीख मांगते हुए शर्म नहीं आती ' ?
वह बोला ....
मगर भिखमंगा तो यहाँ हर एक बंदा है |
आपको आई थी क्या बाबु जी ,
माचिस मांगते हुए
माँगना तो हमारे देश का ,
केरेक्टर है,
जो जितनी सफाई से मांगे ,
वह उतना ही बड़ा
एक्टर है |
सच तो यह है बाबू जी
छोटे मांगे तो भीख बड़ा मांगे तो चंदा है ?
भीख माँगना ही आज राजनीतिज्ञों का धंधा है |
बिल्कुल सही लिखा आपने .....आज यही हाल है ...
जवाब देंहटाएंबहुत ज़बरद्स्त और तीक्ष्ण कटाक्ष है
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
यही चरित्र है इस देश का
बढ़िया !
जवाब देंहटाएंएक और आखिरी लाइन मेरी तरफ से जोड़ दीजिये ;
मगर भिखमंगा तो यहाँ हर एक बंदा है !
एक बात और; माँगना तो हमारे देश (का ) में शायद का छूट गया !
bahut khub
जवाब देंहटाएं... जोर का झटका धीरे से ... बहुत खूब ... छा गये संजय जी !!!
जवाब देंहटाएंjo hukam godiyal ji
जवाब देंहटाएंaaki di line jod di hai...
sanjay bhaskar
वाह बहुत बढ़िया सटीक..और गोदियाल जी की पंक्ति ने पूर्ण कर दी रचना .
जवाब देंहटाएंwaah bada sahi kataksh kiya sanjay ji...
जवाब देंहटाएंNirikshan to sahi hai...waise,ant me bheekh aur chandaa,dono peechhe rah jate hain...samay aage badh jata hai!
जवाब देंहटाएंसच है ... माँगना तो हमारा अधिकार है .. जितन बाद कर्ज़दार उतन बड़ा इंदुस्ट्र्लिस्ट ....
जवाब देंहटाएंDESH KA HAL UKER KAR RKHA DIYA
जवाब देंहटाएंHAI
अच्छी कविता लिखी संजय..
जवाब देंहटाएंआपने बहुत सही लिखा है |
जवाब देंहटाएं"छोटा मांगे तो भीख ,बड़ा मांगे तो चन्दा है "
बधाई
आशा
true question???
जवाब देंहटाएंvery well said..its reality
जवाब देंहटाएंhats off to u sanjay ji..
bahut achha likhte hain aap.
संजय भाई, कर ही दिया सम्मिलित तो उसे वह बोला .... के नीचे लगाओ !
जवाब देंहटाएंtruly said!
जवाब देंहटाएंअच्छा कटाक्ष है ।
जवाब देंहटाएंश्री मान जो लिखा वो तो इतना सहरानीय है की मेरे पास शब्द ही नहीं है लेकिन इस कविता के लिए आपका विचार ही इतना लाजवाब है की बस इतना ही कहूँगा की जबरदस्त. इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है की ये कटाक्ष है या वर्तमान परिस्थिति. मई आपको यह तो नहीं कहूँगा की मेरी भी पंक्ति जोड़े लेकिन गुफ्तगू करता हूँ तो कर रहा हूँ.
जवाब देंहटाएंसच तो यह है बाबू जी
छोटे मांगे तो भीख बड़ा मांगे तो चंदा है
भीख माँगना ही आज राजनीतिज्ञों का धंधा है.
कभी समय निकाल कर मेरी गुफ्तगू में भी शामिल हो तो अच्छा लगेगा.
sachchi baat hai ye
जवाब देंहटाएंteekhaa vyangya hai sanjay. badhai...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंआपने बहुत सही लिखा है |
जवाब देंहटाएंआपने बहुत सही लिखा है |
जवाब देंहटाएंसच है ... माँगना तो हमारा अधिकार है ..
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसंजय जी बहुत सरल शब्दों में बड़ी कह ड़ी आपने .. सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंDhanyawaad
जवाब देंहटाएंसूर्य गोयल ji
kavita to dhardaar banae ke liye
aapki line ko shamil kar liya gya hai..
भीख माँगना ही आज राजनीतिज्ञों का धंधा है.
अच्छा कटाक्ष है ।
जवाब देंहटाएंबहुत ज़बरद्स्त ..........
जवाब देंहटाएंkavita chhoti hai lekin baat badi...
जवाब देंहटाएंismein kya shaq bade mangte hain to use DONATION kahte hain...aur chhote mange to bheekh..
bahut teekha prahaar hai..
shaabaash...!!
संजयजी
जवाब देंहटाएंसार्थक कविता के लिए बधाई !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
शस्वरं
बधाई मेरी ओर से भी, इतनी बधाइयाँ पाने के लिए।
जवाब देंहटाएंलेकिन कविता अभी शुरू नहीं हुई, यह उस की भूमिका है। वह तब आरंभ होगी जब सोचा जाएगा कि ऐसा क्यों है?
lena dena to apne desh ki parampara hain..aur garibo ko niche dikahan bhi...we all knw ..it wont go...
जवाब देंहटाएंजबरदस्त लिखा है भाई।
जवाब देंहटाएंअपना अपना चरित्र है... हम्माम में सारे नंगे हैं।
अच्छी प्रस्तुति.
shaayd aapane ek sachchai ko sabhi ke saamane beparda kar diya. thankyou
जवाब देंहटाएं...कटुसत्य!!
जवाब देंहटाएंसटीक कटाक्ष
जवाब देंहटाएंbahut achha
जवाब देंहटाएंtumhara khoo khoon
hmara khoon pani ?
आईये जानें ..... मैं कौन हूं !
जवाब देंहटाएंआचार्य जी
बहुत जोरदार कटाक्ष है ।
जवाब देंहटाएंछोटा मांगे तो भीख ...
जवाब देंहटाएंबड़ा मांगे तो चंदा है ...
सत्य वचन ...
माँगना तो हमारे देश का ,
जवाब देंहटाएंकेरेक्टर है,
जो जितनी सफाई से मांगे ,
वह उतना ही बड़ा
एक्टर है |
......जोरदार कटाक्ष
badhiyaa ..
जवाब देंहटाएंbhaiya aapne toh deewaana bana diya............bahut badhiya........
जवाब देंहटाएंसच तो यह है बाबू जी
जवाब देंहटाएंछोटे मांगे तो भीख बड़ा मांगे तो चंदा है ?
कटु सत्य संजय कमाल कर दिया । बधाई
बहुत सुन्दर कविता ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया और करारा कटाक्ष किया हैं आपने.
जवाब देंहटाएंमैं कई ब्लॉग लिखने वाले लोगो को जानता हूँ, लेकिन जैसा और जिस प्रकार का कटाक्ष आप करते हैं, वैसा कोई नहीं करता.
आपके विचार, आपकी सोच, बहुत अच्छी हैं जिसे आप ब्लॉग के माध्यम से पैना/धारदार कर रहे हैं.
बहुत बढ़िया, लगे रहिये.
धन्यवाद.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
Very good again. This is a bitter truth of our society.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ,
जवाब देंहटाएंDevsh ji @ M Verma ji @ Pc Godiya ji @ Shekhar bhai @ Uday ji @ Shikha didi @ Daleep ji @ kshama ji @ Umed gotwal ji @ Digamber Naswa ji @ Dhiraj shah ji @ Deepak masaal ji @ Asha ji @ Madhav @ Ekta ji @ Saumya ji @ TS Daraal ji @ Surya goyal ji @ Sonal di @ Manoj ji @ Rasim Mummy ji @ Girish pankaj ji @ Nilesh ji @ Karan bhai @ Arun ji @ Amit ji
मैं आप सभी का का दिल से आभारी हूँ और आशा करता हूँ आप अपना आशीर्वाद बनाये रखेंगे.
इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें !
धन्यवाद
संजय भास्कर
धन्यवाद ,
जवाब देंहटाएंAda didi @ Rajender ji @ Dinesh divedi ji @ Rahul ji @ Dev bhai @ Mukesh meena ji @ Anuraj muskan ji @Sangeeta ji @ Shobhana ji @ Acharya ji @ Pramjeet bali ji @ Vani di @ Arvind ji @ Palak ji @ Amit bhai @ Sanjay bhai @ Nirmla kapila mummy ji @ Parveen pandy ji @ Chander soni ji @ Smart indian ji @ Virender chuhan ji
मैं आप सभी का का दिल से आभारी हूँ और आशा करता हूँ आप अपना आशीर्वाद बनाये रखेंगे.
इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें !
धन्यवाद
संजय भास्कर
bhikh mangne walo ki kami nahi hai des me
जवाब देंहटाएंtarike alag alag hai..
sanjay bhaskar
चरित्र उजागर करती रचना.
जवाब देंहटाएं--
देर सबेर तो चलता रहता है. सबको पढने की कोशिश जरुर करता हूँ.
बिल्कुल सही लिखा...इस बात पर कभी ध्यान नहीं गया था..सचमुच यहाँ माँगते तो सभी हैं..
जवाब देंहटाएंye to sach hai .sundar
जवाब देंहटाएंसच्चाई को व्यक्त करती हुई एक बेहतरीन रचना! बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंअच्छा व्यंग है मेरे भाई।बहुत बढिया।
जवाब देंहटाएंबहुत करारा व्यंग ,
जवाब देंहटाएंकमाल कर दिया आपने
जबरदस्त लिखा है भाई।
जवाब देंहटाएंbahut khubsurat hain aapka bhi blog aapki coment ke liye me bahut aabhari hu
जवाब देंहटाएंtatha
aap to muzse b bahut aatcha likhate he. aap ki kavita me yatharth ki zalak milati he....
धन्यवाद ,
जवाब देंहटाएंSulabh ji @ Pargya ji @ jyoti ji @ Shah Nawaz @ Harshita di @ Aadesh Pankaj ji @ Bhushan ji @ Netra ji
मैं आप सभी का का दिल से आभारी हूँ और आशा करता हूँ आप अपना आशीर्वाद बनाये रखेंगे.
इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें !
धन्यवाद
संजय भास्कर
khatarnaak hai ji...
जवाब देंहटाएंkunwar ji,
उत्तमभावानामभिव्यक्ति:
जवाब देंहटाएंशोभनम्
bahut achha
जवाब देंहटाएंfrom
sunita bhaskar
indore