08 जुलाई 2019

.... इश्‍तेहार :)


इश्‍तेहार
चाहे किसी कंपनी का हो या
किसी स्कूल,दुकान का
उसे पढ़ना चाहिए
क्योंकि उसे पढ़ने में कोई ड़र नहीं
समय ही ऐसा हो गया है
सब काम ही इश्‍तेहारो से होते है
नई दूकान बनाओ
तो इश्‍तेहार
अस्पताल बनाओ
तो इश्‍तेहार
इश्‍तेहार जिसमे होती है
कुछ सूचनाएं कुछ सन्देश
कुछ आकड़े
कुछ वादे
जिसे खुद भी पढ़ो दूसरो को भी
सुनाओ और हमारी
सेवाओं व् वस्तुओ का फायदा उठाओ
पर इश्‍तेहार के चक्कर में
ठगे जाते है भोले भाले गरीब लोग
अक्सर
इसलिए इश्‍तेहार पढ़े जरूर
पर फैसला ले सोच समझकर
क्योंकि इश्‍तेहार का काम है
सिर्फ सूचना पहुँचाना !!

- संजय भास्कर

23 टिप्‍पणियां:

  1. रोचक अभिव्यक्ति। वैसे ब्योमकेश बक्शी भी यही कहते थे कि इश्तहार पढ़ो। ज्यादा काम की बात उधर ही होती है। :-p :-p

    जवाब देंहटाएं
  2. व्वाहहहहहह
    इसलिए इश्‍तेहार पढ़े जरूर
    पर फैसला ले सोच समझकर
    क्योंकि इश्‍तेहार का काम है
    सिर्फ सूचना पहुँचाना !!
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. सुंदर अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह...,रोचकता और चिन्तन का अनूठा मिश्रण !! इश्तहार वाकई दैनिक जीवन का हिस्सा बन गए हैं विवेक को जागृत करती सुन्दर अभिव्यक्ति संजय जी !

    जवाब देंहटाएं
  5. उचित सलाह..सोच समझ कर ही निर्णय करना चाहिए..

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह!!संजय जी ,बहुत खूब !!इश्तहार पढें जरूर ...,पर फैसला सोच -समझ कर ले । बहुत ही अच्छी बात कही है आपने ।

    जवाब देंहटाएं
  7. इसलिए इश्‍तेहार पढ़े जरूर
    पर फैसला ले सोच समझकर
    क्योंकि इश्‍तेहार का काम है
    सिर्फ सूचना पहुँचाना !!
    सुन्दर सलाह देती लाजवाब प्रस्तुति
    वाह!!!

    जवाब देंहटाएं
  8. इश्तिहार की कहानी ...
    सच है सिर्फ सूचना है ओर लोग इसे सही मान कर चलने लगते हैं ...

    जवाब देंहटाएं
  9. वाह संजय जी
    बहुत खूब

    जवाब देंहटाएं
  10. सुंदर अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  11. आप भी वाकई अच्छा लिखते है,औऱ एक तजुर्बा साफ दिखता है लेखन में, कि आप ब्लॉग की दुनियां स्थापित व्यक्तित्व है।
    साभार सुन्दर।

    जवाब देंहटाएं
  12. वास्तविकता ... बहुत खूब सर

    जवाब देंहटाएं
  13. कुछ गुमराह करते इश्तहार (गोरेपन वाली क्रीम का ) को छोड़ कर इश्तहार जरुरी है जीवन में। बुजुर्गों ने भी खा है -"जो दिखेगा , वो बिकेगा।"
    आजकल रचनाओं के साथ चिपके सेल्फी को देख कर भी इश्तहार का भान होता है।

    जवाब देंहटाएं
  14. इसलिए इश्‍तेहार पढ़े जरूर
    पर फैसला ले सोच समझकर
    क्योंकि इश्‍तेहार का काम है
    सिर्फ सूचना पहुँचाना !!
    बहुत सुंदर संदेश देती रचना।

    जवाब देंहटाएं
  15. बहुत सही लिखा आपने प्रिय संजय | इश्तिहार मात्र सूचनार्थ होते हैं , किसी को बाध्य नहीं करते कि हम उसकी सलाह को जरुर माने | उसका पालन करना ना करना हमारे विवेक पर है | हार्दिक स्नेह सहित |

    जवाब देंहटाएं
  16. बहुत ही सही बात कविता के माध्यम से

    जवाब देंहटाएं
  17. पहले छपता था
    इश्तहार
    उनके आने का।
    मगर आप छपने लगा है
    इश्तहार
    उनके जाने का।
    इस कदर बेवफा
    जो निकले!.... सुंदर अभिव्यक्ति!

    जवाब देंहटाएं
  18. सत्य,कविता के माध्यम से।

    जवाब देंहटाएं
  19. बिल्कुल सही बात है ,बढ़िया

    जवाब देंहटाएं
  20. र फैसला ले सोच समझकर
    क्योंकि इश्‍तेहार का काम है
    सिर्फ सूचना पहुँचाना

    ik achha sandesh liye masum si rchnaaa


    sirf ads me hi nhi...jeewan ke har pehalu me yahi soch apnaani chahiye...jaaniye sab magar apnanoye wahi jo sahii ho

    जवाब देंहटाएं

एक निवेदन !
आपके द्वारा दी गई प्रतिक्रिया मेरे लिए मूल्यवान है
- संजय भास्कर