इश्तेहार
चाहे किसी कंपनी का हो या
किसी स्कूल,दुकान का
उसे पढ़ना चाहिए
क्योंकि उसे पढ़ने में कोई ड़र नहीं
समय ही ऐसा हो गया है
सब काम ही इश्तेहारो से होते है
नई दूकान बनाओ
तो इश्तेहार
अस्पताल बनाओ
तो इश्तेहार
इश्तेहार जिसमे होती है
कुछ सूचनाएं कुछ सन्देश
कुछ आकड़े
कुछ वादे
जिसे खुद भी पढ़ो दूसरो को भी
सुनाओ और हमारी
सेवाओं व् वस्तुओ का फायदा उठाओ
पर इश्तेहार के चक्कर में
ठगे जाते है भोले भाले गरीब लोग
अक्सर
इसलिए इश्तेहार पढ़े जरूर
पर फैसला ले सोच समझकर
क्योंकि इश्तेहार का काम है
सिर्फ सूचना पहुँचाना !!
- संजय भास्कर
रोचक अभिव्यक्ति। वैसे ब्योमकेश बक्शी भी यही कहते थे कि इश्तहार पढ़ो। ज्यादा काम की बात उधर ही होती है। :-p :-p
जवाब देंहटाएंव्वाहहहहहह
जवाब देंहटाएंइसलिए इश्तेहार पढ़े जरूर
पर फैसला ले सोच समझकर
क्योंकि इश्तेहार का काम है
सिर्फ सूचना पहुँचाना !!
सादर
सुंदर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंवाह...,रोचकता और चिन्तन का अनूठा मिश्रण !! इश्तहार वाकई दैनिक जीवन का हिस्सा बन गए हैं विवेक को जागृत करती सुन्दर अभिव्यक्ति संजय जी !
जवाब देंहटाएंउचित सलाह..सोच समझ कर ही निर्णय करना चाहिए..
जवाब देंहटाएंवाह!!संजय जी ,बहुत खूब !!इश्तहार पढें जरूर ...,पर फैसला सोच -समझ कर ले । बहुत ही अच्छी बात कही है आपने ।
जवाब देंहटाएंइसलिए इश्तेहार पढ़े जरूर
जवाब देंहटाएंपर फैसला ले सोच समझकर
क्योंकि इश्तेहार का काम है
सिर्फ सूचना पहुँचाना !!
सुन्दर सलाह देती लाजवाब प्रस्तुति
वाह!!!
बहुत बढ़िया संजय जी
जवाब देंहटाएंइश्तिहार की कहानी ...
जवाब देंहटाएंसच है सिर्फ सूचना है ओर लोग इसे सही मान कर चलने लगते हैं ...
वाह संजय जी
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
सुंदर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंआप भी वाकई अच्छा लिखते है,औऱ एक तजुर्बा साफ दिखता है लेखन में, कि आप ब्लॉग की दुनियां स्थापित व्यक्तित्व है।
जवाब देंहटाएंसाभार सुन्दर।
वास्तविकता ... बहुत खूब सर
जवाब देंहटाएंकुछ गुमराह करते इश्तहार (गोरेपन वाली क्रीम का ) को छोड़ कर इश्तहार जरुरी है जीवन में। बुजुर्गों ने भी खा है -"जो दिखेगा , वो बिकेगा।"
जवाब देंहटाएंआजकल रचनाओं के साथ चिपके सेल्फी को देख कर भी इश्तहार का भान होता है।
इसलिए इश्तेहार पढ़े जरूर
जवाब देंहटाएंपर फैसला ले सोच समझकर
क्योंकि इश्तेहार का काम है
सिर्फ सूचना पहुँचाना !!
बहुत सुंदर संदेश देती रचना।
बहुत सही लिखा आपने प्रिय संजय | इश्तिहार मात्र सूचनार्थ होते हैं , किसी को बाध्य नहीं करते कि हम उसकी सलाह को जरुर माने | उसका पालन करना ना करना हमारे विवेक पर है | हार्दिक स्नेह सहित |
जवाब देंहटाएंबहुत ही सही बात कविता के माध्यम से
जवाब देंहटाएंपहले छपता था
जवाब देंहटाएंइश्तहार
उनके आने का।
मगर आप छपने लगा है
इश्तहार
उनके जाने का।
इस कदर बेवफा
जो निकले!.... सुंदर अभिव्यक्ति!
सत्य,कविता के माध्यम से।
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही बात है ,बढ़िया
जवाब देंहटाएंSahi baat kahi!
जवाब देंहटाएंBahut dundar bhav.
जवाब देंहटाएंShayad ye apko pasand aayen- Periwinkle flower information , Green revolution in India advantages and disadvantages
र फैसला ले सोच समझकर
जवाब देंहटाएंक्योंकि इश्तेहार का काम है
सिर्फ सूचना पहुँचाना
ik achha sandesh liye masum si rchnaaa
sirf ads me hi nhi...jeewan ke har pehalu me yahi soch apnaani chahiye...jaaniye sab magar apnanoye wahi jo sahii ho