( चित्र - गूगल से साभार )
वह सफर ही क्या
जिसमे उत्साह न होवह सफर ही क्या
जिसमे शामिल कुछ दिल
दिलचस्प यादें न हो
आगे बढ़ चल देने
और मंजिल तक पहुँच जाने को
सफ़र नहीं कहते !
सफ़र में अक्सर
जरूरी नहीं एक जगह
से दूसरी जगह का हो
कई बार सफ़र होता है
मन से मन का
प्रेम से प्रेमी का
और न जाने कही का और
कैसा भी हो सकता है !
सफ़र में जो हमारा साथ देते है
वो होते है , कुछ मोड़
कुछ रास्ते
कुछ सुस्त कदम
और लम्बी राहें
ये सब मिलकर निकल पड़ते है
एक तन्हा सफ़र पर..............!!!!
@ संजय भास्कर
मन से मन का सफर ही तो जीवन को रंग और उत्सव से भर देता है..
जवाब देंहटाएंसफ़र कि शुरुवात ही तनहा होती है जिस सफ़र में उत्साह ना हो मंजिल पाने के बाद भी सफ़र नीरस सा लगता है। मन के भाव कि सुन्दरतम अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएं:-)
भास्कर जी....सुंदर प्रस्तुति।।
जवाब देंहटाएंवाह...बहुत खूब बयान किया है तनहा सफ़र ..संजय जी..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर !
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति।।भास्कर
जवाब देंहटाएंअपने मन की भावों को बड़ी ख़ूबसूरती से प्रस्तुति किया, सुंदर रचना...!
जवाब देंहटाएंRecent post -: सूनापन कितना खलता है.
आपकी इस प्रस्तुति को आज की बुलेटिन मिर्ज़ा गालिब की २१६ वीं जयंती पर विशेष ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
जवाब देंहटाएंwah bahut sundar prastuti.....sach mey jeevan kay is safar ko janam aur mrityu kay beech....bharpur jeena hai...
जवाब देंहटाएंमन की भावनाओं का बहुत सुन्दर सफर !
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट मेरे सपनो के रामराज्य (भाग तीन -अन्तिम भाग)
नई पोस्ट ईशु का जन्म !
क्या बात वाह! अति सुन्दर
जवाब देंहटाएंतीन संजीदा एहसास
सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंअच्छा साथ मिल जाता है तो कोई भी राह बहुत आसान हो जाती हैं ...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
इतना सब कुछ होते हुए तन्हाई कहाँ रह पाती है सफर में ... खुद ही जब खुद का साथ दे तो सफर आसान हो जाता है ...
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की मंगल कामनाएं संजय जी ...
bahut hi sundar rachna brother,nice!
जवाब देंहटाएंhappy new year 2014
सुंदर कविता संजय जी.
जवाब देंहटाएंवाह..वाह...बहुत बढ़िया प्रस्तुति...आप को मेरी ओर से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंनयी पोस्ट@एक प्यार भरा नग़मा:-तुमसे कोई गिला नहीं है
बहुत सुन्दर लिखा है संजय जी...
जवाब देंहटाएंनव वर्ष आपके जीवन में उजास ही उजास लेकर आये ...
जवाब देंहटाएंनववर्ष की शुभकामनायें ।
जवाब देंहटाएंसबसे उत्कृष्ट सफर तो दुःख से आनन्द और आनन्द से परमानन्द की ओर का ही होता है.
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार संजय भाई.
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ.
सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंवाह ! बहुत बढ़िया प्रस्तुति . आभार . नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं .
जवाब देंहटाएंकृ्प्या विसिट करें : http://swapniljewels.blogspot.in/2014/01/blog-post_5.html
http://swapniljewels.blogspot.in/2013/12/blog-post.html
बहुत बढ़िया प्रस्तुति......
जवाब देंहटाएंExtremely well written and well presented .. kudos to u
जवाब देंहटाएंplz visit :
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सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार संजय भाई
जवाब देंहटाएंसफ़र अपने अपने लक्ष्य पर
जवाब देंहटाएंनिर्भर करता है !
yahi to safar ki jaan hai ...veri nice ...
जवाब देंहटाएंसुंदर, भावपूर्ण अभिव्यक्ति ...गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ...
जवाब देंहटाएंhttp://himkarshyam.blogspot.in
कई बार सफ़र होता है
जवाब देंहटाएंमन से मन का
प्रेम से प्रेमी का
man bhaya rachna padhna.
shubhkamnayen
सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार संजय भाई
जवाब देंहटाएंसफर तो शफर होता हैं मंजिल हो न हो----
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार संजय भाई
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर विश्लेषण .....,
जवाब देंहटाएं