( चित्र - गूगल से साभार )
कुछ सच्ची कुछ झूठी है मेरी कविता !!
कोशिश करता हूँ लिखू कठिन शब्दों में
पर बहुत ही सरल शब्दों में है मेरी कविता !!
लिखना चाहता हूँ हमेशा बड़ी कविता
पर अक्सर छोटी ही रह जाती है मेरी कविता !!
जो शब्द,लफ्ज विचार आते है मन में लिख देता हूँ
इन सब को मिला कर तैयार हुई है मेरी कविता !!
दर्द के लम्हो को लिख दिया कागज पर
तभी तो बहुत परेशान है मेरी कविता !!
सभी साथियों को मेरा नमस्कार काफी दिनों से व्यस्त होने के कारण ब्लॉगजगत को समय नहीं दे पा रहा हूँ पर अब आप सभी के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ अपनी नई रचना के साथ उम्मीद है आपको पसंद आये.........!!!
-- संजय भास्कर
कविता चाहे जैसी भी हो, पर सरल शब्दों का भाव-माधुर्य अंदर तक उतर गया.....
जवाब देंहटाएंbahut sundar kavita sanjay bhai.... aapki vyastata bani rahe, yahi kamna hai
जवाब देंहटाएंदर्द के लम्हो को लिख दिया कागज पर
जवाब देंहटाएंतभी तो बहुत परेशान है मेरी कविता !!
मन से निकली हर बात मन तक पहुंचती है.....
बहुत ही बेहतरीन भावपूर्ण अभिव्यक्ति....
कविताएं सरल होती हैं तभी हर वर्ग के लोगों के दिल तक उतरती हैं... सरलता ही आपकी कविताओं की जान है..बहुत अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसरल और छोटी कविता ही कवि की आत्मा होती है .दिल तक उतर जाती है !
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट वो दूल्हा....
latest post कालाबाश फल
बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण ..अभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर है आपका कविता ....
जवाब देंहटाएंसुंदर सरल सहज अभिव्यक्ति .....
जवाब देंहटाएंबहुत पसंद आई
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनायें
बहुत बढ़िया कृति व प्रस्तुति , संजय भाई धन्यवाद
जवाब देंहटाएंनया प्रकाशन -: अपने ब्लॉग के लेख को कॉपी होने से कैसे बचाएं !
दर्द के लम्हो को लिख दिया कागज पर
जवाब देंहटाएंतभी तो बहुत परेशान है मेरी कविता !!
वा ! बेहतरीन भावपूर्ण अभिव्यक्ति....बधाई
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बड़ी सुन्दर है आपकी कविता....
जवाब देंहटाएं:-)
कितने भी व्यस्त हों, लिखते रहिये |
अनु
सुंदर !
जवाब देंहटाएंगागर में सागर भरती है आपकी कविता...
जवाब देंहटाएंकविता तो कविता ही है चाहे जैसे बनाई जाए |कविता पढ़ कर बहुत मजा आया |
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर है आपकी कविता.
जवाब देंहटाएंSUNDAR AUR SARAL HAI AAPKI KAITA ....
जवाब देंहटाएंबहुत खूब संजय जी. आप ब्लॉगिंग लौटते हैं अच्छा लगता है.
जवाब देंहटाएंसरल शब्दों में कविता अकसर पढने वाले के मन को बड़ी जल्दी छू लेती है बड़ी कविता से छोटी कविता असरदार होती है इस नाते सुन्दर है यह कविता :)
जवाब देंहटाएंदर्द कागज पर लिखने से कम हो जाना चाहिए परेशान क्यों है आपकी कविता ?
Bahut Sunder Rachna
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात! बहुत ख़ूब!
जवाब देंहटाएंइसी मोड़ से गुज़रा है फिर कोई नौजवाँ और कुछ नहीं
दर्द के लम्हो को लिख दिया कागज पर
जवाब देंहटाएंतभी तो बहुत परेशान है मेरी कविता !!
...बेहतरीन अभिव्यक्ति....बधाई
सहज, सरल शब्दों में मन के भाव उतार दिए हैं संजय जी ... दिल को छूते जज्बात ...
जवाब देंहटाएंbahut sundar kawita... shubhkamnayen
जवाब देंहटाएंदर्द को उतार दिया है कागज पर, तब ही तो बनी है ये मेरी कविता। बहुत सुंदर संजय जी।
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा... भावपूर्ण प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंनयी पोस्ट@ग़ज़ल-जा रहा है जिधर बेखबर आदमी
बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण रचना...
जवाब देंहटाएंसीधे सीधे शब्दों में दिल से लिखी कविता सीधे दिल को छूती है......
जवाब देंहटाएंसीधे सीधे शब्दों में दिल से लिखी कविता सीधे दिल को छूती है......
जवाब देंहटाएंदर्द के लम्हो को लिख दिया कागज पर
जवाब देंहटाएंतभी तो बहुत परेशान है मेरी कविता !!
bahut sunder likha hai
rachana
जवाब देंहटाएंदर्द के लम्हो को लिख दिया कागज पर
तभी तो बहुत परेशान है मेरी कविता !!
....बहुत भावपूर्ण और सुन्दर अभिव्यक्ति...
सरल शब्दों में भावपूर्ण कविता....
जवाब देंहटाएंBahut sundar!!
जवाब देंहटाएंAchchhi hai aapaki kavitaa!!
भास्कर जी परेशान तो इंसान होता है कविता तो उस परेशानी में जाहिर हुई एक अभिव्यक्ति है जो उसकी परेशानी में मरहम लगाने का काम करती है..शायद इसी वजह से कभी-कभी वो कविता भी परेशान हो जाती है...सुंदर प्रस्तुति।।।
जवाब देंहटाएंsaral shabd hi hrida ko chhu jate hain kathin shabd to shbdon ke jaal mein uljha dete hain.
जवाब देंहटाएंsunder abhivyakti, paathan man bhaya.
shubhkamnayen
शानदार..पंक्तियाँ...
जवाब देंहटाएंnc post
जवाब देंहटाएंBhavpoorn abhivykti
जवाब देंहटाएंAabhar
Bhavpoorn abhivykti
जवाब देंहटाएंAabhar
तुम से निकलकर हो जाती है हमारी कविता
जवाब देंहटाएंPar mujhe tho bahut sundar lagi apki ye kavita....
जवाब देंहटाएंसरल,सहज,सुन्दर और सार्थक कविता.
जवाब देंहटाएंhttp://himkarshyam.blogspot.in
Sundar
जवाब देंहटाएंriderfreelance.blogspot.in
सरल शब्दों में मन के भाव उतार दिए हैं संजय जी
जवाब देंहटाएंदर्द के लम्हो को लिख दिया कागज पर
जवाब देंहटाएंतभी तो बहुत परेशान है मेरी कविता !!
.......बहुत भावपूर्ण
बहुत सुन्दर और मन को छूती है आपकी कविता.....,
जवाब देंहटाएं