04 अप्रैल 2013

दिन में फैली ख़ामोशी -- संजय भास्कर


जब कोई इस दुनिया से
चला जाता है
वह दिन उस इलाके के लिए
बहुत अजीब हो जाता है
चारों दिशओं में जैसे
एक ख़ामोशी सी छा जाती है
दिन में फैली ख़ामोशी
वहां के लोगो को सुन्न कर देती है
क्योंकि कोई शक्श
इस दुनिया से
रुखसत हो चुका होता है ...........!!!!!

 
चित्र - गूगल से साभार

 
@ संजय भास्कर 

46 टिप्‍पणियां:

  1. किसी का सदा के लिए रुखसत होना जीवन के सच को दिखा देता है... मृत्यु अंतिम सच.

    जवाब देंहटाएं
  2. इलाका तो एक दिन के लिए खामोश होता है मगर किसी दिल में तो ताउम्र का सन्नाटा पसर जाता है......
    :-(

    अनु

    जवाब देंहटाएं
  3. .भावात्मक अभिव्यक्ति ह्रदय को छू गयी आभार आ गयी मोदी को वोट देने की सुनहरी घड़ी .महिला ब्लोगर्स के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MANजाने संविधान में कैसे है संपत्ति का अधिकार-1

    जवाब देंहटाएं
  4. expression ने कहा…
    इलाका तो एक दिन के लिए खामोश होता है मगर किसी दिल में तो ताउम्र का सन्नाटा पसर जाता है......
    :-(
    sahamat hoon
    God Bless U ..

    जवाब देंहटाएं
  5. दुनिया की महफ़िलों से उकता गया हूँ या रब
    क्या लुफ्त अंजुमन का जब दिल ही बुझ गया है,!!!

    RECENT POST: जुल्म

    जवाब देंहटाएं
  6. मार्मिक कविता...

    जवाब देंहटाएं
  7. :( सही कह रहे हैं भैया, उनकी जगह फ़िर एक खालीपन बसने लगता है… क्योंकि कोई शक्श
    इस दुनिया से
    रुखसत हो चुका होता है ...!

    जवाब देंहटाएं
  8. पूरी मार्मिकता से उभारा है चित्र आपने!

    जवाब देंहटाएं
  9. पुराने युग से निकल कर ..आज के युग में आओ !भास्कर भाई ..
    आज तो पड़ोस में टी.वी. चल रहा होता है ?
    आप की भावनाओ को सलाम !
    शुभकामनायें!

    जवाब देंहटाएं
  10. सच कहा..ये संन्नाटा उम्र भर दर्द देजाता है..शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  11. दिल को छू लेने वाली अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  12. हाँ ..ऐसा ही होता है जब भावनाए जागृत होती हैं तब...अन्यथा कुछ भी नहीं

    जवाब देंहटाएं
  13. आज की ब्लॉग बुलेटिन बिना संघर्ष कोई महान नहीं होता - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

    जवाब देंहटाएं
  14. बड़ा दुखदाई दिन होता है ..एक एक पल बड़ा भारी पड़ता हैं

    पधारिये आजादी रो दीवानों: सागरमल गोपा (राजस्थानी कविता)

    जवाब देंहटाएं
  15. चारों दिशओं में जैसे
    एक ख़ामोशी सी छा जाती है ....sahi bat...mujhse behtar ise kaun samjh sakta hai.....

    जवाब देंहटाएं
  16. भाव पूर्ण अभिव्यक्ति |उम्दा है |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  17. शब्दों को चित्र ने समझा दिया
    मार्मिक

    जवाब देंहटाएं
  18. शब्दों को चित्र ने समझा दिया
    मार्मिक

    जवाब देंहटाएं
  19. भावात्मक अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  20. जीवन के इस अंतिम सत्य को प्राकृति भी पहचानती है ...
    अर्थपूर्ण लिखा है संजय जी ..

    जवाब देंहटाएं
  21. सच को तो स्वीकारना ही पड़ता है. संवेदनशील प्रस्तुति.

    जवाब देंहटाएं
  22. दिल को छू लेने वाली अभिव्यक्ति संवेदनशील प्रस्तुति.

    जवाब देंहटाएं
  23. ..
    भाई सब कुछ वही रहते हुए भी खामोशी ..दिल का सूनापन अलग अलग रिश्तों पर अलग प्रभाव ...
    लेकिन अब समय बहुत बदल चूका है बड़ी मुश्किल से लोग थोड़ी देर ...फिर बदल
    Bhramar5

    जवाब देंहटाएं
  24. यही शून्य दुनियाँ है, सुंदर रचना.......

    जवाब देंहटाएं
  25. नवरात्रों की बहुत बहुत शुभकामनाये
    आपके ब्लाग पर बहुत दिनों के बाद आने के लिए माफ़ी चाहता हूँ
    बहुत खूब बेह्तरीन अभिव्यक्ति!शुभकामनायें
    आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
    मेरी मांग

    जवाब देंहटाएं
  26. नवरात्रों की बहुत बहुत शुभकामनाये
    आपके ब्लाग पर बहुत दिनों के बाद आने के लिए माफ़ी चाहता हूँ
    बहुत खूब बेह्तरीन अभिव्यक्ति!शुभकामनायें
    आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
    मेरी मांग

    जवाब देंहटाएं
  27. बहुत बढ़िया संजय जी ... सादर !

    जवाब देंहटाएं
  28. लाजवाब ! सुन्दर पोस्ट लिखी आपने | पढ़ने पर आनंद की अनुभूति हुई | आभार |

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

    जवाब देंहटाएं
  29. निशब्द कर दी आपकी कविता ...संवेदनशील रचना

    जवाब देंहटाएं
  30. भावमय करते शब्‍द ....
    बिल्‍कुल सही कहा आपने

    जवाब देंहटाएं
  31. अच्‍छा लगा आपकी पहली कविता को पढ़ कर। जीवन-मृत्‍यु मेरे लिए भी कविताई करने के सर्वोत्‍कृष्‍ट विषय हैं। (शक्श) को (शख्‍स) कर लें। अच्‍छी कविताओं में गलतियां अखरती हैं। आपके प्रत्‍युत्‍तरों हेतु धन्‍यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  32. aaha ha.kya bat hai sr waaaaaah waaaaaaaaaah...

    जवाब देंहटाएं

  33. गहन अनुभूति
    सुंदर रचना
    उत्कृष्ट प्रस्तुति
    शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  34. संवेदनशील प्रस्तुति....

    जवाब देंहटाएं
  35. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  36. बेहतरीन रचना.. मृत्यु अंतिम सत्य है संजय जी.. और यही हमारे जीवन को त्वरा देता है....

    जवाब देंहटाएं
  37. बहुत बढ़िया संजय जी

    जवाब देंहटाएं

एक निवेदन !
आपके द्वारा दी गई प्रतिक्रिया मेरे लिए मूल्यवान है
- संजय भास्कर