आप सभी ब्लॉगर साथियों को मेरा सादर नमस्कार काफी दिनों से व्यस्त होने के कारण ब्लॉगजगत को समय नहीं दे पा रहा हूँ पर अब आप सभी के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ अपनी नई कविता के साथ उम्मीद है आप सभी को पसंद आयेगी..!!
कुछ रिश्ते अनाम होते हैपर वो रिश्ते दिल के करीब होते है
कुछ रिश्ते अनाम होते है
अनाम होने पर भी रिश्ते
........... कायम रहते है !
पर जब भी उन्हें नाम देने की कोशिश
.............की जाती है !
तो जाने क्यूँ
वो रिश्ते लड़खड़ाने लगते है
वो रिश्ते लड़खड़ाने लगते है
नाम से रिश्ते तो बन्ध जाते है !
पर बेनाम आगे बढते जाते है
न कोई बंधन और न ही कोई सहारा
सच्ची मुस्कान लिए होते है
..............अनाम रिश्ते !
सभी बन्धनों से मुक्त ,
बिना किसी सहारे के लम्बी दूरी तक
साथ निभाते है अनाम रिश्ते !
हमेशा दिल के पास होते है
ये अनाम रिश्ते
अपनेपन का नाम साथ लेकर ही
.............बस खास होते है !
-- संजय भास्कर
ये अनाम रिश्ते,
जवाब देंहटाएंअपनेपन का नाम साथ लेकर ही
.......बस खास होते हैं ।
वाह ...बहुत बढि़या ...
सटीक रचना ...
जवाब देंहटाएंबिल्कुल अपने रिश्तों की तरह.... बहुत खूब.
जवाब देंहटाएंeyse rishte sabhi bandhano se mukt hote hain aajad panchi ki tarah khule gagan me udaan bharte hain inki dori me koi girah nahi hoti sadiyon tak kaayam rahte hain.....bahut achchi unda prastuti.
जवाब देंहटाएंwah jii wah... anam rishte ke pichhe chhipe pyare se bandhan ko darsha diya..:)
जवाब देंहटाएंबहुत हि सुन्दर रचना इस अनाम रिश्ते के बारे में सही कहा पाने बहुत हि खास होते हैं और सच है कि नाम दो तो लडखडाने लगते हैं...
जवाब देंहटाएंबिना किसी सहारे के लम्बी दूरी तक
जवाब देंहटाएंसाथ निभाते है अनाम रिश्ते !
हमेशा दिल के पास होते है
ये अनाम रिश्ते
अपनेपन का नाम साथ लेकर ही
.............बस खास होते है !
बहुत सुंदर पंक्तियाँ !
सही कहा
जवाब देंहटाएंअनाम रिश्ते ही साथ साथ चल पाते हैं
नाम वाले तो राह मे ही रुक जाते हैं
....इस रिश्ते को कोई नाम न दो....बढ़िया !
जवाब देंहटाएं..............अनाम रिश्ते !
जवाब देंहटाएंसभी बन्धनों से मुक्त ,
बिना किसी सहारे के लम्बी दूरी तक
साथ निभाते है अनाम रिश्ते !
हमेशा दिल के पास होते है
vastutah yahi sach hai bahit hi sundar rachna....
वाह! खूबसूरत भाव हैं!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर..बिलकुल सही कहा आपने वो अनाम रिश्ते ही होते हैं ..अक्सर ..जो दिल के बेहद करीब होते हैं...जब भी कभी उन्हें नाम देने की कोशिश की जाती है वो दरकने लगते हैं.बाँधने की कोशिश में हम उनका भी दम घोटने लगते हैं .
जवाब देंहटाएंये अनाम रिश्ते
जवाब देंहटाएंअपनेपन का नाम साथ लेकर ही
.............बस खास होते है !
सच कहा आपने !!
बहुत सुंदर पंक्तियाँ ,खूबसूरत भाव
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव... वाकई अनाम रिश्ते नाम का बोझ नहीं ढोते हैं... बहुत बढ़िया कविता...
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्ते अनाम होते हुए भी दिल के खास बन जाते है ,,
जवाब देंहटाएंवो किसी नाम के मोहताज नहीं होते है बस निभाते है दिल का रिश्ता ..
हर वक्त और हमेशा , ये अनाम रिश्ते ..
सत्य कथन संजय जी ..
बहुत सुन्दर और बेहतरीन रचना है ...
ये अनाम रिश्ते
जवाब देंहटाएंअपनेपन का नाम साथ लेकर ही
.............बस खास होते है !
सुन्दर प्रस्तुति !
आभार !
रिश्तों का गणित बड़ा ही कठिन है..
जवाब देंहटाएंI too written after a long time on my blog...so visited odr's too after quite long...But your lines really impressed me...
जवाब देंहटाएंKya baat, Kya baat Kya baat
ये अनाम रिश्ते बड़े खास होते हैं...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.... आभार...
बहुत अच्छी रचना है संजय जी...वर्तमान में रिश्तों की परिभाषा बदल गयी है...बेनाम रिश्तों के साथ लोग खुश रहते हैं वहीं जब नाम जुड़ जाता है रिश्तों के साथ तो उसे ज़िम्मेदारी नहीं बल्कि बोझ समझ लेते हैं...कविता वाकई बहुत बेहतरीन है..
जवाब देंहटाएंबिना किसी सहारे के लम्बी दूरी तक
साथ निभाते है अनाम रिश्ते ! बहुत ख़ूब
बहुत सुन्दर भाव.. तभी तो हमारे गुरुदेव कहते हैं कि
जवाब देंहटाएंसिर्फ एहसास है ये रूह से महसूस करो,
प्यार को प्यार ही रहने दो कोइ नाम न दो!
सुन्दर बात कही है भागिनेय!!
बिल्कुल सही कहा..उत्तम रचना!!
जवाब देंहटाएंलम्बे समय बाद आपको ब्लॉग पर पा कर अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंरिश्ते 'अनाम' हों या 'नाम' , जो निभाना जाने, वही सिकंदर.
जवाब देंहटाएंबस नाम देते ही कभी चटक तो कभी टूट जाते हैं,
जवाब देंहटाएंअनाम ही रहे तभी पनप पाते है ....ये अनाम रिश्ते
....बहुत खूब लिखा है संजय जी ...बधाई
bahut khoob sanjay ji.....kuch aise anaam rishte hote jaroor hain...
जवाब देंहटाएंसच बात है कुछ रिश्ते अनाम होते हैं। बेहद खूबसूरत कविता।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर एवं सटीक लिखा है आपने! ये अनाम रिश्ते बहुत ख़ास होते हैं और एक एक शब्द लाजवाब लगा! इस उम्दा रचना के लिए बधाई!
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्तों का नाम नहीं होता ...जैसे मेरा-तुम्हारा :-)
जवाब देंहटाएंये अनाम रिश्ते ही सच्चे और अच्छे होते हैं जिनसे कभी विरक्ति नहीं होती कभी ऊब नहीं होती ! सुन्दर रचना ! आभार एवं शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्ते फरिश्ते जैसे होते हैं और कुछ रिश्ते तो सिर्फ रिसते रहते हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी कविता।
sundar...
जवाब देंहटाएंन कोई बंधन और न ही कोई सहारा
जवाब देंहटाएंसच्ची मुस्कान लिए होते हैं अनाम रिश्ते!
बहुत सुंदर रचना|
पर बेनाम आगे बढते जाते है
जवाब देंहटाएंन कोई बंधन और न ही कोई सहारा
सच्ची मुस्कान लिए होते है
..............अनाम रिश्ते !
kahi aur bhi suni hoo....!
har khushi ka koi mukam ho jaruri to nahi.... !
har rishte ka koi naam ho jaruri to nahi.... !
पर बेनाम आगे बढते जाते है
जवाब देंहटाएंन कोई बंधन और न ही कोई सहारा
सच्ची मुस्कान लिए होते है
..............अनाम रिश्ते !
kahi aur bhi suni hoo....!
har khushi ka koi mukam ho jaruri to nahi.... !
har rishte ka koi naam ho jaruri to nahi.... !
सदा व्यस्त रहिये ,मस्त रहिये।
जवाब देंहटाएंइस अनाम रिश्ते में बहुत सा अपनापन होता है तभी तो दूर तक साथ निभाते है...
जवाब देंहटाएंपर जब भी उन्हें नाम देने की कोशिश
जवाब देंहटाएं.............की जाती है !
तो जाने क्यूँ
वो रिश्ते लड़खड़ाने लगते है
.....प्रेम को जब भी रिश्तों में बांधने की कोशिश की जाती है वह बंधन बोझ बन् जाते हैं...लेकिन कुछ रिश्ते अनाम होते हुए भी जिंदगी का संबल बने रहते हैं..बहुत सुंदर रचना जो दिल को छू गयी .
बेहतर प्रस्तुति .....यह अनाम रिश्ते भी जिन्दगी को बहुत कुछ दे जाते हैं ...!
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूब .....
जवाब देंहटाएंकुछ हमने भी लिखा था इस बारे में कभी .....
http://apnokasath.blogspot.in/search?updated-min=2010-01-01T00:00:00%2B05:30&updated-max=2011-01-01T00:00:00%2B05:30&max-results=21
अनाम रिश्तों को अनाम ही रहने देना ठीक... दायरे मे आते ही वो नियम कानून और सीमाओं के गुलाम हो जाते हैं ...
जवाब देंहटाएंन कोई बंधन और न ही कोई सहारा
जवाब देंहटाएंसच्ची मुस्कान लिए होते है
..............अनाम रिश्ते
सच कहा आपने
अनाम रिश्ते ही साथ निभाते हैं..सही कहा.
जवाब देंहटाएंरिश्तों की गर्माहट पर इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह अनाम हैं. कभी कभी तो वह ज्यादा सहारा प्रदान करते हैं. बहुत सुंदर भाव और प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंरिश्ते तो रिश्ते हैं.....रिश्तोंका क्या ?
जवाब देंहटाएंये अनाम रिश्ते
जवाब देंहटाएंअपनेपन का नाम साथ लेकर ही
.............बस खास होते है !बिलकुल सही कहा आपने ऐसे रिश्ते हमेसा हमारे आस-पास होते है.....
रिश्ते कैसे भी हों, अच्छे हों...
जवाब देंहटाएंbahut sundar likha hai aapne.. sanjayji .... badhai..
जवाब देंहटाएंरिश्ते बनाने में मैं कछुए की चाल चलता hun संजय जी
जवाब देंहटाएंअपनेपन का नाम साथ लेकर ही
जवाब देंहटाएं.......बस खास होते हैं ।
बहुत बढि़या लिखा ... ...
सच कहा ...बहुत सुंदर पंक्तियाँ ....
जवाब देंहटाएंkya baat hai sanjay jiiiiiiiii
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर की गई है। चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......
जवाब देंहटाएंनाम ही बदनाम होते हैं अक्सर,
जवाब देंहटाएंबेहतर है ऐसे रिश्ते को एक खूबसूरत एहसास की तरह जी लिया जाय बस |
"दिल की बात दिल से "
अपनेपन से बढ़ कर और क्या रिश्ता हो सकता है. उम्दा रचना.
जवाब देंहटाएंबस खास होते है ये अनाम रिश्ते ! सुन्दर ..बधाई !
जवाब देंहटाएंpyaari kavita, bhaiya. :)
जवाब देंहटाएंसच कहा है संजय जी ... कोई जरूरी नहीं है की रिश्तों को नाम के बंधन में अटका दिया जाए ...
जवाब देंहटाएंदेर से आये पर लाजवाब रचना लाये हैं ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर एवं सार्थक प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंआभार !
नाम से रिश्ते तो बन्ध जाते है !
जवाब देंहटाएंपर बेनाम आगे बढते जाते है
न कोई बंधन और न ही कोई सहारा
सच्ची मुस्कान लिए होते है
..............अनाम रिश्ते !
प्यार की जुबां रिश्तों की मोहताज़ नहीं .अच्छी रचना है संजय भाई लिखी आपने भोगी हम सबने है .
वाह क्या बात है बहुत ही सटीक और लजावाब रचना ...समय मिले कभी तो ज़रूर आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
जवाब देंहटाएंhttp://mhare-anubhav.blogspot.com/
अच्छी रचना के लिए बधाई |
जवाब देंहटाएंअनजाने रिश्तों पर बहुत सही लिखा है |
आशा
बिल्कुल सही लिखा है संजय जी
जवाब देंहटाएंमन की बातें
मन ही जाने
और कोई न जाने
अनजाने से रिश्ते
क्यूँ लगते जाने पहचाने ....
bilkul sahi baat kahi hai aapne. bhaiya.. :)
जवाब देंहटाएंरिश्ते तो रिश्ते होते है,चाहे नाम हो या बेनाम,
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लिखा आपने,बढ़िया प्रस्तुति
बहुत सुन्दर रचना के साथ आपका पदार्पण । बहुत सही लिखा है आपने ।
जवाब देंहटाएंमेरी नई रचना देखें-
मेरी कविता:आस
नाम से रिश्ते तो बन्ध जाते है !
जवाब देंहटाएंपर बेनाम आगे बढते जाते है
न कोई बंधन और न ही कोई सहारा
सच्ची मुस्कान लिए होते है
..............अनाम रिश्ते !..
संजय भाई बहुत सुन्दर ..और आदत मुस्कुराने की इसमें एक पहल होती है ..बड़े प्यारे होते हैं ऐसे रिश्ते ..न लेना न देना फिर भी टिकाऊ ..
भ्रमर ५
sahi nd satik abhivyakti.
जवाब देंहटाएंबहुत सही रचना
जवाब देंहटाएं' हाँथ से छू के इसे रिश्तों का इल्जाम न दो '
की याद आती है
कुछ रिश्ते अनाम होते है
जवाब देंहटाएंपर वो रिश्ते दिल के करीब होते है
अनाम होने पर भी रिश्ते
........... कायम रहते है !
पर जब भी उन्हें नाम देने की कोशिश
.............की जाती है !
खूबसूरत प्रस्तुति ...
सच कुछ रिश्ते होते ही ऐसे हैं, अनाम होते हुए भी दिल के इतने करीब!
जवाब देंहटाएंअच्छी प्रस्तुति संजय भाई!
सुंदर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंबिना नामके ये रिश्ते अजीब होते हैं ।
क्या बताये दिल के कितने करीब होते हैं ।
@
जवाब देंहटाएंसभी बन्धनों से मुक्त ,
बिना किसी सहारे के लम्बी दूरी तक
साथ निभाते है अनाम रिश्ते !
सत्य वचन!
bahut sahi likha hai apne apni kavita kay madhyam say........mere maan ki baat likh di...seedhe saral sahabdo may...badhai apko
जवाब देंहटाएंअनाम रिश्ते...स्वार्थ से परे होते है!....बहुत उम्दा रचना!
जवाब देंहटाएंsundar rachna bhai
जवाब देंहटाएंmaja aa gaya
kuch rishte ko benaam hi rahne dena chahiye
संजय जी ने इस अनाम रिश्ते पर बहुत सुन्दर रचना दी .. धन्यवाद ..सच ये अनाम रिश्ते अपने पण से भरे स्वार्थहीन होते हैं ..
जवाब देंहटाएंbahut sunder rchnaa lagee....vaah!!!!
जवाब देंहटाएंआज तुमने रिश्ते कि बात कि वो भी उन रिश्तों कि जो कभी किसी रिश्ते में नहीं बंधे फिर भी जाने पहचाने हैं उसी में दो लाईनें कहना चाहूंगी |
जवाब देंहटाएंये जो तेरा - मेरा रिश्ता है |
कुछ - कुछ जाना पहचाना है |
किसी धागे से भी बंधा नहीं |
फिर भी अपना सा लगता है |
तो ये सब अहसास हैं जो हमें आपस में जोड़े हुए हैं और इस रिश्ते से बड़ा कई रिश्ता नहीं क्युकी इसमें स्वतंत्रता का खूबसूरत अहसास है | बहुत सुन्दर रचना |
सार्थक प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंऐसी बात है तो नाम में अनाम ढूढिंए:)
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंसार्थक प्रस्तुति।
धन्यवाद।
आनन्द विश्वास
वाह ...बहुत बढि़या
जवाब देंहटाएंकल 14/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
कुछ रिश्ते अनाम होते है
जवाब देंहटाएंपर वो रिश्ते दिल के करीब होते है
अनाम होने पर भी रिश्ते
........... कायम रहते है !
बहुत अच्छा लिखा आपने,बढ़िया प्रस्तुति
आगरा से बहार होने की वजह से ब्लॉग पर नहीं आ सका!
जवाब देंहटाएंसभी पाठकों को बहुत बहुत शुक्रिया ....!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिखा आपने .............
जवाब देंहटाएंबहुत बढि़या...
जवाब देंहटाएंYe anam rishte bhi kitne kareeb ho jaate hai!
जवाब देंहटाएंbahut badiya rachna!
सभी बन्धनों से मुक्त ,
जवाब देंहटाएंबिना किसी सहारे के लम्बी दूरी तक
साथ निभाते है अनाम रिश्ते ! der se aaye par bahut khoobsurti ke sath aye......
बेहतरीन रचना....बधाई
जवाब देंहटाएंनेता- कुत्ता और वेश्या (भाग-2)
साथ निभाते है अनाम रिश्ते !
जवाब देंहटाएंwelcome to my new post-
काव्यांजलि
फुहार
waah sanjay bhai aapne to Riston ki ahmiyat samjha di ......
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा... !!
जवाब देंहटाएंvery nice post.....
जवाब देंहटाएंउम्दा !!!
जवाब देंहटाएंbahut sunder satik rachna .bahut -bahut badhai sanjay ji .
जवाब देंहटाएंhttp://sapne-shashi.blogspot.com .
वाह!!!!!संजय जी बहुत अच्छी प्रस्तुति,
जवाब देंहटाएंMY NEW POST ...सम्बोधन...
kuch riste anam hi acche lagte hain!! Naam aksar expectation saath me lata hai... samaj saath me lata hai... jaha samaj..waha phir pyar... akela pad jata hain
जवाब देंहटाएंमहाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाये.
जवाब देंहटाएंसही बात है संजय जी। शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंcheck this http://drivingwithpen.blogspot.in/2012/02/another-award.html
जवाब देंहटाएंan award for you
sach hai kuch rishton ko naam nahi de pate hum par wo khas hote hain....sundar rachna
जवाब देंहटाएंsirf ahshas hain ye rooh se mehshoos karo....riston ko riste hee rahne do koi naam naa do....behtarin raechna ke liye sadar badhayee aaur amantran ke sath
जवाब देंहटाएंसंजय जी,बहुत दिनों से मेरे पोस्ट पर नही आये,..
जवाब देंहटाएंआइये स्वागत है,....
MY NEW POST...आज के नेता...
अच्छी है आपकी यह प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंरिश्तों को नाम दुनियावाले दे
ही देते हैं.
नाम और रूप के बिना रिश्ता
निर्गुण निराकार का ही ध्यान है.
रिश्तों की अहमियन वही जानता है जो इन्हें निभाना जानता है, गहरी रचना.
जवाब देंहटाएंअपनेपन का नाम साथ लेकर ही
जवाब देंहटाएं.............बस खास होते है !
.खासुलखास होतें हैं .ज़िन्दगी की सबसे बड़ी सौगात होतें हैं ,फिर भी रिश्ते वो अनाम होतें हैं .
अपनेपन का नाम साथ लेकर ही
जवाब देंहटाएं.............बस खास होते है !
.खासुलखास होतें हैं .ज़िन्दगी की सबसे बड़ी सौगात होतें हैं ,फिर भी रिश्ते वो अनाम होतें हैं .
अपनेपन का नाम साथ लेकर ही
जवाब देंहटाएं.............बस खास होते है !
.खासुलखास होतें हैं .ज़िन्दगी की सबसे बड़ी सौगात होतें हैं ,फिर भी रिश्ते वो अनाम होतें हैं .
Visit my new blog post @
जवाब देंहटाएंhttp://rahulpoems.blogspot.in/2012/02/blog-post.html
बहुत खूबसूरत प्रस्तुति| धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंअनाम रिश्ते सीमाओं की परिधि से परे होते हैं ...सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंWAH BAHUT KHOOB SANJAY JI .
जवाब देंहटाएंबढ़िया है
जवाब देंहटाएंसीधे दिल से निकली बात....दिल को छू गयी...अत्यंत सुन्दर.....
जवाब देंहटाएंअनाम रिश्ते !
जवाब देंहटाएंसभी बन्धनों से मुक्त ,
बिना किसी सहारे के लम्बी दूरी तक
साथ निभाते है अनाम रिश्ते !
हमेशा दिल के पास होते है बहुत बढ़िया प्रसंसनीय प्रस्तुति,सुंदर रचना के लिए बधाई .
मै आपका नियमित पाठक हूँ बहुत दिनों आप मेरे पोस्ट पर नही आये,...आइये स्वागत है
NEW POST काव्यान्जलि ...: चिंगारी...
बहुत खूब परिभाषा दी है अनाम रिश्तों की।
जवाब देंहटाएं------
..की-बोर्ड वाली औरतें।
मूस जी मुस्टंडा...
कुछ रिश्ते समय के साथ मजबूत हो जाते हैं तो कुछ समय के साथ कमजोर ....कुछ रिश्ते अनाम भले ही होते हैं लेकिन वे एक सेतु का काम कर अपनी उपयोगिता सिद्ध करते हैं..
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लगी रचना..
बेहद खूबसूरत...
जवाब देंहटाएंखुबसूरत अभिव्यक्ति ...... स:परिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं.....
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति| होली की शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंहोली मुबारक .गुलाल ,मुबारक,अबीर और गुझिया खाओ रंग लगाओ ..
जवाब देंहटाएंहुजूमे गम मेरी फितरत बदल नहीं सकते ,
मैं क्या करूं मुझे आदत है मुस्कुराने की ,
बहुत प्यारी रचना .....
जवाब देंहटाएंहमारे ब्लॉग पर आपका आना सुखद लगा...
स्नेह बनाये रखिये.
शुक्रिया.
होली की बधाई और शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंसच कुछ रिश्ते होते ही ऐसे हैं, अनाम होते हुए भी दिल के इतने करीब!
जवाब देंहटाएंअच्छी प्रस्तुति.....
संजय जी,आप ने पोस्ट में आना ही छोड़ दिया
जब कि मै आपका नियमित पाठक हूँ
RESENT POST...काव्यान्जलि ...: बसंती रंग छा गया,...
badhai bhaskar ji ....behad sundar prabvishiti ke liye abhar.
जवाब देंहटाएंSanjay...its a beautiful poem.
जवाब देंहटाएंThe lines so true-
पर जब भी उन्हें नाम देने की कोशिश
.............की जाती है !
तो जाने क्यूँ
वो रिश्ते लड़खड़ाने लगते है
नाम से रिश्ते तो बन्ध जाते है !
पर बेनाम आगे बढते जाते है
Nicely written truth :)
यह अनाम रिश्ते हमेशा ही अपनेपन लिए हमारे साथ होते हैं भाई
जवाब देंहटाएंअपने तो साथ छोड़ जाते हैं पर अनाम रिश्ते हमेशा हमारा साथ निभाता है
बहुत सुन्दर कविता भाई
क्या बात कही है , आपने ! बहुत खूब
जवाब देंहटाएंबहुत बढियां!
जवाब देंहटाएंबहुत बढियां!
जवाब देंहटाएंसुंदर भाव। वैसे यकीनन बड़े लम्बे हैं अनाम रिश्ते।
जवाब देंहटाएं"नाम से रिश्ते तो बन्ध जाते है !
जवाब देंहटाएंपर बेनाम आगे बढते जाते है "
वाह..रिश्तों की सार्थकता का क्या सुंदर चित्रण किया है भास्कर भाई..बधाई :)
संजय जी ,आपकी पोस्ट पढ़ कर टिप्पणी के लिए कई बार सोचा ,१०० से अधिक महानुभाओं की कातर लगी है सोचा बधाई ही लिख दूँ .. हार्दिक बधाई .........
जवाब देंहटाएं