06 फ़रवरी 2012

......अनाम रिश्ते.....संजय भास्कर

आप सभी ब्लॉगर साथियों को मेरा सादर नमस्कार काफी दिनों से व्यस्त होने के कारण ब्लॉगजगत को समय नहीं दे पा रहा हूँ  पर अब आप सभी के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ अपनी नई कविता के साथ उम्मीद है आप सभी को पसंद आयेगी..!!




कुछ रिश्ते अनाम होते है 
पर वो रिश्ते दिल के करीब होते है 
अनाम होने पर भी रिश्ते 
........... कायम रहते है !
पर जब भी उन्हें नाम देने की कोशिश 
.............की जाती है !
तो जाने क्‍यूँ
वो रिश्ते लड़खड़ाने लगते है 
नाम से रिश्ते तो बन्ध जाते है !
पर बेनाम आगे बढते जाते है 
न कोई बंधन और न ही कोई सहारा 
सच्ची मुस्कान लिए होते है 
..............अनाम रिश्ते !
सभी बन्धनों से मुक्त ,
बिना किसी सहारे के लम्बी दूरी तक 
साथ निभाते है अनाम रिश्ते ! 
हमेशा दिल के पास होते है 
ये अनाम रिश्‍ते
अपनेपन का नाम साथ लेकर ही
.............बस खास होते है !


-- संजय भास्कर

138 टिप्‍पणियां:

  1. ये अनाम रिश्‍ते,

    अपनेपन का नाम साथ लेकर ही

    .......बस खास होते हैं ।


    वाह ...बहुत बढि़या ...

    जवाब देंहटाएं
  2. बिल्कुल अपने रिश्तों की तरह.... बहुत खूब.

    जवाब देंहटाएं
  3. eyse rishte sabhi bandhano se mukt hote hain aajad panchi ki tarah khule gagan me udaan bharte hain inki dori me koi girah nahi hoti sadiyon tak kaayam rahte hain.....bahut achchi unda prastuti.

    जवाब देंहटाएं
  4. wah jii wah... anam rishte ke pichhe chhipe pyare se bandhan ko darsha diya..:)

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत हि सुन्दर रचना इस अनाम रिश्ते के बारे में सही कहा पाने बहुत हि खास होते हैं और सच है कि नाम दो तो लडखडाने लगते हैं...

    जवाब देंहटाएं
  6. बिना किसी सहारे के लम्बी दूरी तक
    साथ निभाते है अनाम रिश्ते !
    हमेशा दिल के पास होते है
    ये अनाम रिश्‍ते
    अपनेपन का नाम साथ लेकर ही
    .............बस खास होते है !

    बहुत सुंदर पंक्तियाँ !

    जवाब देंहटाएं
  7. सही कहा
    अनाम रिश्ते ही साथ साथ चल पाते हैं
    नाम वाले तो राह मे ही रुक जाते हैं

    जवाब देंहटाएं
  8. ....इस रिश्ते को कोई नाम न दो....बढ़िया !

    जवाब देंहटाएं
  9. ..............अनाम रिश्ते !
    सभी बन्धनों से मुक्त ,
    बिना किसी सहारे के लम्बी दूरी तक
    साथ निभाते है अनाम रिश्ते !
    हमेशा दिल के पास होते है

    vastutah yahi sach hai bahit hi sundar rachna....

    जवाब देंहटाएं
  10. वाह! खूबसूरत भाव हैं!

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत सुन्दर..बिलकुल सही कहा आपने वो अनाम रिश्ते ही होते हैं ..अक्सर ..जो दिल के बेहद करीब होते हैं...जब भी कभी उन्हें नाम देने की कोशिश की जाती है वो दरकने लगते हैं.बाँधने की कोशिश में हम उनका भी दम घोटने लगते हैं .

    जवाब देंहटाएं
  12. ये अनाम रिश्‍ते

    अपनेपन का नाम साथ लेकर ही
    .............बस खास होते है !
    सच कहा आपने !!

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत सुंदर पंक्तियाँ ,खूबसूरत भाव

    जवाब देंहटाएं
  14. सुन्दर भाव... वाकई अनाम रिश्ते नाम का बोझ नहीं ढोते हैं... बहुत बढ़िया कविता...

    जवाब देंहटाएं
  15. कुछ रिश्ते अनाम होते हुए भी दिल के खास बन जाते है ,,
    वो किसी नाम के मोहताज नहीं होते है बस निभाते है दिल का रिश्ता ..
    हर वक्त और हमेशा , ये अनाम रिश्ते ..
    सत्य कथन संजय जी ..
    बहुत सुन्दर और बेहतरीन रचना है ...

    जवाब देंहटाएं
  16. ये अनाम रिश्‍ते
    अपनेपन का नाम साथ लेकर ही
    .............बस खास होते है !

    सुन्दर प्रस्तुति !
    आभार !

    जवाब देंहटाएं
  17. रिश्तों का गणित बड़ा ही कठिन है..

    जवाब देंहटाएं
  18. I too written after a long time on my blog...so visited odr's too after quite long...But your lines really impressed me...
    Kya baat, Kya baat Kya baat

    जवाब देंहटाएं
  19. ये अनाम रिश्ते बड़े खास होते हैं...
    बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.... आभार...

    जवाब देंहटाएं
  20. बहुत अच्छी रचना है संजय जी...वर्तमान में रिश्तों की परिभाषा बदल गयी है...बेनाम रिश्तों के साथ लोग खुश रहते हैं वहीं जब नाम जुड़ जाता है रिश्तों के साथ तो उसे ज़िम्मेदारी नहीं बल्कि बोझ समझ लेते हैं...कविता वाकई बहुत बेहतरीन है..

    बिना किसी सहारे के लम्बी दूरी तक
    साथ निभाते है अनाम रिश्ते ! बहुत ख़ूब

    जवाब देंहटाएं
  21. बहुत सुन्दर भाव.. तभी तो हमारे गुरुदेव कहते हैं कि
    सिर्फ एहसास है ये रूह से महसूस करो,
    प्यार को प्यार ही रहने दो कोइ नाम न दो!
    सुन्दर बात कही है भागिनेय!!

    जवाब देंहटाएं
  22. बिल्कुल सही कहा..उत्तम रचना!!

    जवाब देंहटाएं
  23. लम्‍बे समय बाद आपको ब्‍लॉग पर पा कर अच्‍छा लगा।

    जवाब देंहटाएं
  24. रिश्ते 'अनाम' हों या 'नाम' , जो निभाना जाने, वही सिकंदर.

    जवाब देंहटाएं
  25. बस नाम देते ही कभी चटक तो कभी टूट जाते हैं,
    अनाम ही रहे तभी पनप पाते है ....ये अनाम रिश्ते
    ....बहुत खूब लिखा है संजय जी ...बधाई

    जवाब देंहटाएं
  26. bahut khoob sanjay ji.....kuch aise anaam rishte hote jaroor hain...

    जवाब देंहटाएं
  27. सच बात है कुछ रिश्ते अनाम होते हैं। बेहद खूबसूरत कविता।

    जवाब देंहटाएं
  28. बहुत सुन्दर एवं सटीक लिखा है आपने! ये अनाम रिश्ते बहुत ख़ास होते हैं और एक एक शब्द लाजवाब लगा! इस उम्दा रचना के लिए बधाई!

    जवाब देंहटाएं
  29. कुछ रिश्तों का नाम नहीं होता ...जैसे मेरा-तुम्हारा :-)

    जवाब देंहटाएं
  30. ये अनाम रिश्ते ही सच्चे और अच्छे होते हैं जिनसे कभी विरक्ति नहीं होती कभी ऊब नहीं होती ! सुन्दर रचना ! आभार एवं शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  31. कुछ रिश्ते फरिश्ते जैसे होते हैं और कुछ रिश्ते तो सिर्फ रिसते रहते हैं।

    बहुत अच्छी कविता।

    जवाब देंहटाएं
  32. न कोई बंधन और न ही कोई सहारा
    सच्ची मुस्कान लिए होते हैं अनाम रिश्ते!

    बहुत सुंदर रचना|

    जवाब देंहटाएं
  33. पर बेनाम आगे बढते जाते है
    न कोई बंधन और न ही कोई सहारा
    सच्ची मुस्कान लिए होते है
    ..............अनाम रिश्ते !
    kahi aur bhi suni hoo....!
    har khushi ka koi mukam ho jaruri to nahi.... !
    har rishte ka koi naam ho jaruri to nahi.... !

    जवाब देंहटाएं
  34. पर बेनाम आगे बढते जाते है
    न कोई बंधन और न ही कोई सहारा
    सच्ची मुस्कान लिए होते है
    ..............अनाम रिश्ते !
    kahi aur bhi suni hoo....!
    har khushi ka koi mukam ho jaruri to nahi.... !
    har rishte ka koi naam ho jaruri to nahi.... !

    जवाब देंहटाएं
  35. सदा व्यस्त रहिये ,मस्त रहिये।

    जवाब देंहटाएं
  36. इस अनाम रिश्ते में बहुत सा अपनापन होता है तभी तो दूर तक साथ निभाते है...

    जवाब देंहटाएं
  37. पर जब भी उन्हें नाम देने की कोशिश
    .............की जाती है !
    तो जाने क्‍यूँ
    वो रिश्ते लड़खड़ाने लगते है

    .....प्रेम को जब भी रिश्तों में बांधने की कोशिश की जाती है वह बंधन बोझ बन् जाते हैं...लेकिन कुछ रिश्ते अनाम होते हुए भी जिंदगी का संबल बने रहते हैं..बहुत सुंदर रचना जो दिल को छू गयी .

    जवाब देंहटाएं
  38. बेहतर प्रस्तुति .....यह अनाम रिश्ते भी जिन्दगी को बहुत कुछ दे जाते हैं ...!

    जवाब देंहटाएं
  39. वाह बहुत खूब .....


    कुछ हमने भी लिखा था इस बारे में कभी .....


    http://apnokasath.blogspot.in/search?updated-min=2010-01-01T00:00:00%2B05:30&updated-max=2011-01-01T00:00:00%2B05:30&max-results=21

    जवाब देंहटाएं
  40. अनाम रिश्तों को अनाम ही रहने देना ठीक... दायरे मे आते ही वो नियम कानून और सीमाओं के गुलाम हो जाते हैं ...

    जवाब देंहटाएं
  41. न कोई बंधन और न ही कोई सहारा
    सच्ची मुस्कान लिए होते है
    ..............अनाम रिश्ते

    सच कहा आपने

    जवाब देंहटाएं
  42. अनाम रिश्ते ही साथ निभाते हैं..सही कहा.

    जवाब देंहटाएं
  43. रिश्तों की गर्माहट पर इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह अनाम हैं. कभी कभी तो वह ज्यादा सहारा प्रदान करते हैं. बहुत सुंदर भाव और प्रस्तुति.

    जवाब देंहटाएं
  44. रिश्ते तो रिश्ते हैं.....रिश्तोंका क्या ?

    जवाब देंहटाएं
  45. ये अनाम रिश्‍ते
    अपनेपन का नाम साथ लेकर ही
    .............बस खास होते है !बिलकुल सही कहा आपने ऐसे रिश्ते हमेसा हमारे आस-पास होते है.....

    जवाब देंहटाएं
  46. रिश्ते कैसे भी हों, अच्छे हों...

    जवाब देंहटाएं
  47. bahut sundar likha hai aapne.. sanjayji .... badhai..

    जवाब देंहटाएं
  48. रिश्ते बनाने में मैं कछुए की चाल चलता hun संजय जी

    जवाब देंहटाएं
  49. अपनेपन का नाम साथ लेकर ही

    .......बस खास होते हैं ।


    बहुत बढि़या लिखा ... ...

    जवाब देंहटाएं
  50. सच कहा ...बहुत सुंदर पंक्तियाँ ....

    जवाब देंहटाएं
  51. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर की गई है। चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......

    जवाब देंहटाएं
  52. नाम ही बदनाम होते हैं अक्सर,
    बेहतर है ऐसे रिश्ते को एक खूबसूरत एहसास की तरह जी लिया जाय बस |
    "दिल की बात दिल से "

    जवाब देंहटाएं
  53. अपनेपन से बढ़ कर और क्या रिश्ता हो सकता है. उम्दा रचना.

    जवाब देंहटाएं
  54. बस खास होते है ये अनाम रिश्ते ! सुन्दर ..बधाई !

    जवाब देंहटाएं
  55. सच कहा है संजय जी ... कोई जरूरी नहीं है की रिश्तों को नाम के बंधन में अटका दिया जाए ...

    जवाब देंहटाएं
  56. देर से आये पर लाजवाब रचना लाये हैं ...

    जवाब देंहटाएं
  57. सुन्दर एवं सार्थक प्रस्तुति !
    आभार !

    जवाब देंहटाएं
  58. नाम से रिश्ते तो बन्ध जाते है !
    पर बेनाम आगे बढते जाते है
    न कोई बंधन और न ही कोई सहारा
    सच्ची मुस्कान लिए होते है
    ..............अनाम रिश्ते !
    प्यार की जुबां रिश्तों की मोहताज़ नहीं .अच्छी रचना है संजय भाई लिखी आपने भोगी हम सबने है .

    जवाब देंहटाएं
  59. वाह क्या बात है बहुत ही सटीक और लजावाब रचना ...समय मिले कभी तो ज़रूर आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
    http://mhare-anubhav.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  60. अच्छी रचना के लिए बधाई |
    अनजाने रिश्तों पर बहुत सही लिखा है |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  61. बिल्कुल सही लिखा है संजय जी

    मन की बातें
    मन ही जाने
    और कोई न जाने
    अनजाने से रिश्ते
    क्यूँ लगते जाने पहचाने ....

    जवाब देंहटाएं
  62. bilkul sahi baat kahi hai aapne. bhaiya.. :)

    जवाब देंहटाएं
  63. रिश्ते तो रिश्ते होते है,चाहे नाम हो या बेनाम,

    बहुत अच्छा लिखा आपने,बढ़िया प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  64. बहुत सुन्दर रचना के साथ आपका पदार्पण । बहुत सही लिखा है आपने ।
    मेरी नई रचना देखें-
    मेरी कविता:आस

    जवाब देंहटाएं
  65. नाम से रिश्ते तो बन्ध जाते है !
    पर बेनाम आगे बढते जाते है
    न कोई बंधन और न ही कोई सहारा
    सच्ची मुस्कान लिए होते है
    ..............अनाम रिश्ते !..
    संजय भाई बहुत सुन्दर ..और आदत मुस्कुराने की इसमें एक पहल होती है ..बड़े प्यारे होते हैं ऐसे रिश्ते ..न लेना न देना फिर भी टिकाऊ ..
    भ्रमर ५

    जवाब देंहटाएं
  66. बहुत सही रचना
    ' हाँथ से छू के इसे रिश्तों का इल्जाम न दो '
    की याद आती है

    जवाब देंहटाएं
  67. कुछ रिश्ते अनाम होते है
    पर वो रिश्ते दिल के करीब होते है
    अनाम होने पर भी रिश्ते
    ........... कायम रहते है !
    पर जब भी उन्हें नाम देने की कोशिश
    .............की जाती है !
    खूबसूरत प्रस्तुति ...

    जवाब देंहटाएं
  68. सच कुछ रिश्ते होते ही ऐसे हैं, अनाम होते हुए भी दिल के इतने करीब!
    अच्छी प्रस्तुति संजय भाई!

    जवाब देंहटाएं
  69. सुंदर प्रस्तुति ।
    बिना नामके ये रिश्ते अजीब होते हैं ।
    क्या बताये दिल के कितने करीब होते हैं ।

    जवाब देंहटाएं
  70. @
    सभी बन्धनों से मुक्त ,
    बिना किसी सहारे के लम्बी दूरी तक
    साथ निभाते है अनाम रिश्ते !

    सत्य वचन!

    जवाब देंहटाएं
  71. bahut sahi likha hai apne apni kavita kay madhyam say........mere maan ki baat likh di...seedhe saral sahabdo may...badhai apko

    जवाब देंहटाएं
  72. अनाम रिश्ते...स्वार्थ से परे होते है!....बहुत उम्दा रचना!

    जवाब देंहटाएं
  73. बेनामी2/10/2012

    sundar rachna bhai
    maja aa gaya
    kuch rishte ko benaam hi rahne dena chahiye

    जवाब देंहटाएं
  74. संजय जी ने इस अनाम रिश्ते पर बहुत सुन्दर रचना दी .. धन्यवाद ..सच ये अनाम रिश्ते अपने पण से भरे स्वार्थहीन होते हैं ..

    जवाब देंहटाएं
  75. आज तुमने रिश्ते कि बात कि वो भी उन रिश्तों कि जो कभी किसी रिश्ते में नहीं बंधे फिर भी जाने पहचाने हैं उसी में दो लाईनें कहना चाहूंगी |

    ये जो तेरा - मेरा रिश्ता है |
    कुछ - कुछ जाना पहचाना है |
    किसी धागे से भी बंधा नहीं |
    फिर भी अपना सा लगता है |
    तो ये सब अहसास हैं जो हमें आपस में जोड़े हुए हैं और इस रिश्ते से बड़ा कई रिश्ता नहीं क्युकी इसमें स्वतंत्रता का खूबसूरत अहसास है | बहुत सुन्दर रचना |

    जवाब देंहटाएं
  76. ऐसी बात है तो नाम में अनाम ढूढिंए:)

    जवाब देंहटाएं
  77. अति सुन्दर अभिव्यक्ति।
    सार्थक प्रस्तुति।
    धन्यवाद।
    आनन्द विश्वास

    जवाब देंहटाएं
  78. वाह ...बहुत बढि़या

    जवाब देंहटाएं
  79. कल 14/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  80. कुछ रिश्ते अनाम होते है
    पर वो रिश्ते दिल के करीब होते है
    अनाम होने पर भी रिश्ते
    ........... कायम रहते है !
    बहुत अच्छा लिखा आपने,बढ़िया प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  81. आगरा से बहार होने की वजह से ब्लॉग पर नहीं आ सका!

    जवाब देंहटाएं
  82. सभी पाठकों को बहुत बहुत शुक्रिया ....!

    जवाब देंहटाएं
  83. बहुत सुंदर लिखा आपने .............

    जवाब देंहटाएं
  84. Ye anam rishte bhi kitne kareeb ho jaate hai!
    bahut badiya rachna!

    जवाब देंहटाएं
  85. सभी बन्धनों से मुक्त ,
    बिना किसी सहारे के लम्बी दूरी तक
    साथ निभाते है अनाम रिश्ते ! der se aaye par bahut khoobsurti ke sath aye......

    जवाब देंहटाएं
  86. साथ निभाते है अनाम रिश्ते !

    welcome to my new post-

    काव्यांजलि

    फुहार

    जवाब देंहटाएं
  87. bahut sunder satik rachna .bahut -bahut badhai sanjay ji .

    http://sapne-shashi.blogspot.com .

    जवाब देंहटाएं
  88. वाह!!!!!संजय जी बहुत अच्छी प्रस्तुति,

    MY NEW POST ...सम्बोधन...

    जवाब देंहटाएं
  89. kuch riste anam hi acche lagte hain!! Naam aksar expectation saath me lata hai... samaj saath me lata hai... jaha samaj..waha phir pyar... akela pad jata hain

    जवाब देंहटाएं
  90. महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाये.

    जवाब देंहटाएं
  91. सही बात है संजय जी। शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  92. बेनामी2/22/2012

    check this http://drivingwithpen.blogspot.in/2012/02/another-award.html

    an award for you

    जवाब देंहटाएं
  93. sach hai kuch rishton ko naam nahi de pate hum par wo khas hote hain....sundar rachna

    जवाब देंहटाएं
  94. sirf ahshas hain ye rooh se mehshoos karo....riston ko riste hee rahne do koi naam naa do....behtarin raechna ke liye sadar badhayee aaur amantran ke sath

    जवाब देंहटाएं
  95. संजय जी,बहुत दिनों से मेरे पोस्ट पर नही आये,..
    आइये स्वागत है,....

    MY NEW POST...आज के नेता...

    जवाब देंहटाएं
  96. अच्छी है आपकी यह प्रस्तुति.
    रिश्तों को नाम दुनियावाले दे
    ही देते हैं.

    नाम और रूप के बिना रिश्ता
    निर्गुण निराकार का ही ध्यान है.

    जवाब देंहटाएं
  97. रिश्तों की अहमियन वही जानता है जो इन्हें निभाना जानता है, गहरी रचना.

    जवाब देंहटाएं
  98. अपनेपन का नाम साथ लेकर ही
    .............बस खास होते है !

    .खासुलखास होतें हैं .ज़िन्दगी की सबसे बड़ी सौगात होतें हैं ,फिर भी रिश्ते वो अनाम होतें हैं .

    जवाब देंहटाएं
  99. अपनेपन का नाम साथ लेकर ही
    .............बस खास होते है !

    .खासुलखास होतें हैं .ज़िन्दगी की सबसे बड़ी सौगात होतें हैं ,फिर भी रिश्ते वो अनाम होतें हैं .

    जवाब देंहटाएं
  100. अपनेपन का नाम साथ लेकर ही
    .............बस खास होते है !

    .खासुलखास होतें हैं .ज़िन्दगी की सबसे बड़ी सौगात होतें हैं ,फिर भी रिश्ते वो अनाम होतें हैं .

    जवाब देंहटाएं
  101. Visit my new blog post @
    http://rahulpoems.blogspot.in/2012/02/blog-post.html

    जवाब देंहटाएं
  102. बहुत खूबसूरत प्रस्तुति| धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  103. अनाम रिश्ते सीमाओं की परिधि से परे होते हैं ...सुन्दर रचना

    जवाब देंहटाएं
  104. सीधे दिल से निकली बात....दिल को छू गयी...अत्यंत सुन्दर.....

    जवाब देंहटाएं
  105. अनाम रिश्ते !
    सभी बन्धनों से मुक्त ,
    बिना किसी सहारे के लम्बी दूरी तक
    साथ निभाते है अनाम रिश्ते !
    हमेशा दिल के पास होते है बहुत बढ़िया प्रसंसनीय प्रस्तुति,सुंदर रचना के लिए बधाई .

    मै आपका नियमित पाठक हूँ बहुत दिनों आप मेरे पोस्ट पर नही आये,...आइये स्वागत है

    NEW POST काव्यान्जलि ...: चिंगारी...

    जवाब देंहटाएं
  106. कुछ रिश्ते समय के साथ मजबूत हो जाते हैं तो कुछ समय के साथ कमजोर ....कुछ रिश्ते अनाम भले ही होते हैं लेकिन वे एक सेतु का काम कर अपनी उपयोगिता सिद्ध करते हैं..
    बहुत बढ़िया लगी रचना..

    जवाब देंहटाएं
  107. खुबसूरत अभिव्यक्ति ...... स:परिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं.....

    जवाब देंहटाएं
  108. बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति| होली की शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  109. होली मुबारक .गुलाल ,मुबारक,अबीर और गुझिया खाओ रंग लगाओ ..
    हुजूमे गम मेरी फितरत बदल नहीं सकते ,
    मैं क्या करूं मुझे आदत है मुस्कुराने की ,

    जवाब देंहटाएं
  110. बहुत प्यारी रचना .....

    हमारे ब्लॉग पर आपका आना सुखद लगा...
    स्नेह बनाये रखिये.

    शुक्रिया.

    जवाब देंहटाएं
  111. होली की बधाई और शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  112. सच कुछ रिश्ते होते ही ऐसे हैं, अनाम होते हुए भी दिल के इतने करीब!
    अच्छी प्रस्तुति.....
    संजय जी,आप ने पोस्ट में आना ही छोड़ दिया
    जब कि मै आपका नियमित पाठक हूँ

    RESENT POST...काव्यान्जलि ...: बसंती रंग छा गया,...

    जवाब देंहटाएं
  113. badhai bhaskar ji ....behad sundar prabvishiti ke liye abhar.

    जवाब देंहटाएं
  114. Sanjay...its a beautiful poem.

    The lines so true-
    पर जब भी उन्हें नाम देने की कोशिश
    .............की जाती है !
    तो जाने क्‍यूँ
    वो रिश्ते लड़खड़ाने लगते है
    नाम से रिश्ते तो बन्ध जाते है !
    पर बेनाम आगे बढते जाते है

    Nicely written truth :)

    जवाब देंहटाएं
  115. यह अनाम रिश्ते हमेशा ही अपनेपन लिए हमारे साथ होते हैं भाई
    अपने तो साथ छोड़ जाते हैं पर अनाम रिश्ते हमेशा हमारा साथ निभाता है
    बहुत सुन्दर कविता भाई

    जवाब देंहटाएं
  116. क्या बात कही है , आपने ! बहुत खूब

    जवाब देंहटाएं
  117. Dasarath Singh3/27/2012

    बहुत बढियां!

    जवाब देंहटाएं
  118. सुंदर भाव। वैसे यकीनन बड़े लम्बे हैं अनाम रिश्ते।

    जवाब देंहटाएं
  119. "नाम से रिश्ते तो बन्ध जाते है !
    पर बेनाम आगे बढते जाते है "

    वाह..रिश्तों की सार्थकता का क्या सुंदर चित्रण किया है भास्कर भाई..बधाई :)

    जवाब देंहटाएं
  120. संजय जी ,आपकी पोस्ट पढ़ कर टिप्पणी के लिए कई बार सोचा ,१०० से अधिक महानुभाओं की कातर लगी है सोचा बधाई ही लिख दूँ .. हार्दिक बधाई .........

    जवाब देंहटाएं

एक निवेदन !
आपके द्वारा दी गई प्रतिक्रिया मेरे लिए मूल्यवान है
- संजय भास्कर