जिन लोगों ने देश की स्वतन्त्रता के लिए अपना सर्वस्व यहाँ तक कि प्राण तक न्यौछावर कर दिया,नेताजी सुभाषचन्द्र बोस भी उन महान सच्चे स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों में से एक हैं जिनके बलिदान का इस देश में सही आकलन नहीं हुआ देश को स्वतन्त्रता सिर्फ गांधी जी और नेहरू जी के कारण ही मिली। हमारे भीतर की इस भावना ने अन्य सच्चे स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों को उनकी अपेक्षा गौण बना कर रख दिया। हमारे समय में तो स्कूल की पाठ्य-पुस्तकों में यदा-कदा “खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी…”, “अमर शहीद भगत सिंह” जैसे पाठ होते भी थे किन्तु आज वह भी लुप्त हो गया है
सुभाष चंद्र बोस | |
पूरा नाम | सुभाष चंद्र बोस |
प्रचलित नाम | नेताजी |
जन्म | 23 जनवरी, 1897 |
जन्म भूमि | कटक, उड़ीसा, भारत |
अविभावक | जानकीनाथ बोस, प्रभावती |
धर्म | हिन्दू |
आंदोलन | भारतीय स्वतंत्रता संग्राम |
विद्यालय | प्रेज़िडेंसी कॉलेज, स्कॉटिश चर्च कॉलेज, केंब्रिज विश्वविद्यालय |
शिक्षा | स्नातक |
प्रमुख संगठन | आज़ाद हिन्द फ़ौज़ |
भारत सरकार ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को 1992 में 'भारत रतन' से सम्मानित किया| आजादी के लिए उन्होंने जितने भी कार्य और प्रयास किये उन्हें भुलाया नहीं जा सकता| वे हम सभी कि दिलों में हमेशा अमर रहेंगे
सुभाष चंद्र बोस, प्यार नेताजी के रूप में कहा जाता है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे प्रमुख नेताओं में से एक था भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की सफल परिणति में सुभाष चन्द्र बोस का योगदान कम नहीं है. उन्होंने भारतीय इतिहास के इतिहास में अपनी सही जगह का खंडन किया है उन्होंने इंडियन नेशनल आर्मी ( आजाद हिंद फ़ौज ) की स्थापना के लिए भारत से ब्रिटिश साम्राज्य को उखाड़ फेंकने और भारतीय जनता के बीच पौराणिक दर्जा हासिल किया !
सुभाष भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय देश भर में घूमें और निष्कर्ष निकाला-
हमारी सामाजिक स्थिति बद्तर है, जाति-पाति तो है ही, ग़रीब और अमीर की खाई भी समाज को बाँटे हुए है। निरक्षरता देश के लिए सबसे बड़ा अभिशाप है। इसके लिए संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है। सुभाष चंद्र बोसकांग्रेस के अधिवेशन में सुभाष चंद्र बोस ने कहा-
मैं अंग्रेज़ों को देश से निकालना चाहता हूँ। मैं अहिंसा में विश्वास रखता हूँ किन्तु इस रास्ते पर चलकर स्वतंत्रता काफ़ी देर से मिलने की आशा है।क्रान्तिकारियों को बोस ने सशक्त बनने को कहा। वे चाहते थे कि अंग्रेज़ भयभीत होकर भाग खड़े हों। वे देश सेवा के काम पर लग गए। दिन देखा ना रात। उनकी सफलता देख देशबन्धु ने कहा था-
मैं एक बात समझ गया हूँ कि तुम देश के लिए रत्न सिद्ध होगे।सुभाषचन्द्र बोस उन महान सच्चे स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों में से एक हैं जिन्होंने देश की स्वतन्त्रता के लिए अपना सर्वस्व यहाँ तक कि प्राण तक न्यौछावर कर दिया !
नेताजी ने हमें -"जय हिन्द," और " तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आजादी दूँगा" का महामन्त्र दिया ।
स्वदेशाभिमान के बारे में नेताजी न कहा था.....
यदि
स्वदेशाभिमान सीखना है,
तो
मछली से सीखो ...
जो
स्वदेश (पानी ) के लिए
तड़प - तड़प कर
अपनी जान दे देती है।
मेरी पसंद और नेता जी को समर्पित यह कविता आपको समर्पित कर रहा हूँ ....!
है समय नदी की बाढ़ कि जिसमें सब बह जाया करते हैं।
है समय बड़ा तूफ़ान प्रबल पर्वत झुक जाया करते हैं ।।
अक्सर दुनियाँ के लोग समय में चक्कर खाया करते हैं।
लेकिन कुछ ऐसे होते हैं, इतिहास बनाया करते हैं ।।
यह उसी वीर इतिहास-पुरुष की अनुपम अमर कहानी है।
जो रक्त कणों से लिखी गई,जिसकी जयहिन्द निशानी है।।
प्यारा सुभाष, नेता सुभाष, भारत भू का उजियारा था ।
पैदा होते ही गणिकों ने जिसका भविष्य लिख डाला था।।
यह वीर चक्रवर्ती होगा , या त्यागी होगा सन्यासी।
जिसके गौरव को याद रखेंगे, युग-युग तक भारतवासी।।
सो वही वीर नौकरशाही ने,पकड़ जेल में डाला था ।
पर क्रुद्ध केहरी कभी नहीं फंदे में टिकने वाला था।।
बाँधे जाते इंसान,कभी तूफ़ान न बाँधे जाते हैं।
काया ज़रूर बाँधी जाती,बाँधे न इरादे जाते हैं।।
वह दृढ़-प्रतिज्ञ सेनानी था,जो मौका पाकर निकल गया।
वह पारा था अंग्रेज़ों की मुट्ठी में आकर फिसल गया।।
जिस तरह धूर्त दुर्योधन से,बचकर यदुनन्दन आए थे।
जिस तरह शिवाजी ने मुग़लों के,पहरेदार छकाए थे ।।
बस उसी तरह यह तोड़ पींजरा , तोते-सा बेदाग़ गया।
जनवरी माह सन् इकतालिस,मच गया शोर वह भाग गया।।
वे कहाँ गए, वे कहाँ रहे,ये धूमिल अभी कहानी है।
हमने तो उसकी नयी कथा,आज़ाद फ़ौज से जानी है।।
सुभाष चन्द्र बॉस जी पर लिखी ये कविता अवनीश आनंद जी के ब्लॉग से मिली
छवि और जानकारी गूगल से साभार
भारत माता से महान सपूत को मेरा सलाम
-- संजय भास्कर
सार्थक पोस्ट , नेताजी को नमन
जवाब देंहटाएं"तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा " सुभाषचंदर बोस के जन्म दिन पर उन्हें श्रन्धांजलि...
जवाब देंहटाएंवे कहाँ गए, वे कहाँ रहे,ये धूमिल अभी कहानी है।
हमने तो उसकी नयी कथा,आज़ाद फ़ौज से जानी है।।
महानायक को नमन..
जवाब देंहटाएंभारत माता के महान सपूत को मेरा भी सलाम.... !
जवाब देंहटाएंनेताजी सुभाषचन्द्र बोस के जीवन पर उत्तम रचना..... !!
ऐसे व्यक्तित्व को लाख - लाख नमन . काश हम सब ऐसे व्यक्तित्व से प्रेरणा ले पाते .....!
जवाब देंहटाएंइस भारत सपूत को प्रणाम ...
जवाब देंहटाएंमहानायक सचमुच हमारे हृदय में अमर रहेंगे और हमारे महान राष्ट्र के लिये प्रेरणास्रोत बने रहेंगे। इस आलेख और कविता के लिये आभार!
जवाब देंहटाएंvah khun kaho kis matlab ka jisme ubaal ka naam nahi !!
जवाब देंहटाएंjai hind
netaji amar rahe !!
भास्कर भाई यही तो हमारी धरोहर। नेता जी ने देश के लिए जो कुर्बानी दी उसे देश को याद रखना चाहिए। वरना नेता जी के लिए यह शेर ही सटीक है
जवाब देंहटाएंमैं तो पहाड़ खोदता रहा ता उम्र
कुछ लोग गीली मिटटी खोद कर फरहाद बन गए।
"तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा " श्रन्धांजलि.
जवाब देंहटाएंसही अर्थों में सुभाष जी भारत के नेता थे।
जवाब देंहटाएंजन्म दिन पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
सही अर्थों में सुभाष जी भारत के नेता थे।
जवाब देंहटाएंजन्म दिन पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
नेताजी ने वह कर दिखाया जो लोग सोचते हुए भी डरते थे. नमन.
जवाब देंहटाएंभारत माता के महान सपूत को हमारा शत-शत नमन... कविता और आलेख के लिए आपका आभार
जवाब देंहटाएंभारत के असली नेता को प्रणाम !
जवाब देंहटाएंश्रद्धेय नमन...
जवाब देंहटाएंनेताजी को नमन
जवाब देंहटाएंदेश के महानायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस जी को शत्-शत् नमन
जवाब देंहटाएंसार्थक पोस्ट संजय भाई
जिस तरह आज के नेताओं ने "नेता" शब्द को बदनाम किया है कि यह सोचना भी कि सुभाष चंद्र बोस जैसे व्यक्ति ने इस शब्द को इतनी गरिमा और ऊंचाई दी थी, आज असंभव सा लगता है!!
जवाब देंहटाएंइस महान विभूति को मेरा भी नमन! अच्छी प्रस्तुति भागिनेय!!
नेता जी को नमन
जवाब देंहटाएंजय हिंद ....
नेता जी सही मायने में नेता जी कहलाने के लायक थे .
जवाब देंहटाएंउन्हें शत शत नमन .
नेताजी से मैं बहुत ही प्रभावित रही हूँ .
जवाब देंहटाएंनेताजी को शत -शत नमन .
०
विनम्र श्रद्धांजलि।
जवाब देंहटाएंयह वीर चक्रवर्ती होगा , या त्यागी होगा सन्यासी।
जवाब देंहटाएंbahut achchi prastuti.thanks sanjay jee.
Really very niceeeeee
जवाब देंहटाएंसंजय भाई असली नेता सम्पूर्ण भारत में कोई हुआ है तो सिर्फ़ सुभाष चन्द्र बोस जी इनके अलावा मैं तो किसी को नेता मानता ही नहीं हूँ, इन्होंने हमेशा देश की सेवा व चिंता की थी जबकि बाकि लगभग सभी ने(कोई एक दो छोडकर) देश को खाने व अपनी मौज की। लेकिन रहस्मयी रुप से भारत के तथाकथित नेताओं व अंगेजों के बीच हुई गुप्त संधि के बारे में नेता जी जान गये थे, अत: उनकी मौत भी एक रहस्य बनकर रह गयी है। वैसे एक बात सबको स्वीकार करनी होगी कि भारत में किसी का भी कोई भी आंदोलन कभी सफ़ल नहीं हुआ है, अब वो चाहे पहला आजादी का 1857 वाला या गाँधी का कोई भी आंदोलन ले लो सभी अधूरे ही रह गये, यहाँ तक की रामदेव व अन्ना भी हार गये, तो भला सुभाष चन्द्र बोस का आंदोलन कैसे सफ़ल हो पाता? थोडी बहुत सफ़लता सभी को जरुर मिली होगी लेकिन मंजिल पर कॊई नहीं पहुँच पाया? रही बात आजादी की भारत को आजादी अंगेजों के डर के कारण मिली, अंगेज डर गये थे कि अगर भारतीय सैनिक विद्रोह पर उतर गये तो कोई जिंदा नहीं बचेगा। वर्तमान में देख लो सब एक दूसरे पर कीचड उछाल कर एक दूसरे की असलियत बता रहे है। आप तलाश कर लो तथा मुझे अगले दस वर्ष में बता देना कि आपको असली देशभक्त नेता मिल गया है, जय हिन्द, जय भारत, बन्देमातरम।
जवाब देंहटाएंनेताजी के जन्म दिवस पर उनके जीवन और आदर्शों को प्रस्तुत करती एक सराहनीय पोस्ट...बधाई!
जवाब देंहटाएंasa mahapurusho ke jeevan se prerna lekar hi hum unhe sachchi shrdanjali de sakte hai...bahut achchi prastuti..
जवाब देंहटाएं"तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा ... आज़ादी के इस दीवाने को भूलना नामुमकिन है देशवासियों के लिए ... विमानर श्रधांजलि है नेता जी को ...
जवाब देंहटाएंसार्थक पोस्ट , नेताजी को नमन|
जवाब देंहटाएंsarthak janakari ke sath sundar prastuti. netaji ko mera shat shat naman.
जवाब देंहटाएंsarthak janakari ke sath sundar prastuti. netaji ko mera shat shat naman.
जवाब देंहटाएंबहुत सामयिक आलेख है. आपने सुंदर तरीके से इसे प्रस्तुत किया है. आभार. इस पोस्ट का अर्से से इंतज़ार था.
जवाब देंहटाएंदेश के इस महान सपूत को हमारा नमन.
जवाब देंहटाएंबाँधे जाते इंसान,कभी तूफ़ान न बाँधे जाते हैं।
जवाब देंहटाएंकाया ज़रूर बाँधी जाती,बाँधे न इरादे जाते हैं।।..
प्रिय संजय भाई ..बहुत सुन्दर नेता जी की याद करा के आप ने जोश और उमंगें जगा दी ...हमारे नौजवान सीखें ..रचें बढ़ें ..
नेता जी को और सभी शहीदों को भ्रमर का नमन ...
आप को बधाई सुन्दर रचना
भ्रमर ५
बहूत अच्छी पोस्ट है
जवाब देंहटाएंनेताजी को सादर नमन..
नेता जी के जन्म दिवस पर बहुत सुंदर प्रस्तुति. नेता जी हम सब की ओर से विनम्र श्रधांजली. देश की आज़ादी के लिये नेता जी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता.
जवाब देंहटाएंदेश के महानायक नेताजी सुभाष चंद बोस की जयंती पर बहुत ही सुंदर रचना पढ़ने मिली.
जवाब देंहटाएंजाट देवता की बातें सत्य प्रतीत होती हैं...
जवाब देंहटाएंनेताजी को कोटिश नमन
netaji ko samarpit lekh aur kavita ke liye aapka dhanyawaad.
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर की गई है। चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट्स पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......
जवाब देंहटाएंनेताजी को नमन!
जवाब देंहटाएं▬● बहुत खूबसूरती से लिखा है आपने... शुभकामनायें...
जवाब देंहटाएंदोस्त अगर समय मिले तो मेरी पोस्ट पर भ्रमन्तु हो जाइयेगा...
● Meri Lekhani, Mere Vichar..
.
नेताजी के बारे में अचची जानकारी मिली । बहुत संदर प्स्तुति । मेरे नए पोस्ट " डॉ.ध्रमवीर भारती" पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंनेताजी के बारे में अचची जानकारी मिली । बहुत संदर प्स्तुति । मेरे नए पोस्ट " डॉ.ध्रमवीर भारती" पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंनेता जी का जीवन किसी रहस्य से कम नहीं था. कहा जाता है कि उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ नहीं था, बल्कि कराया गया था. कहीं कहीं तो यह भी समझा जाता है कि उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ ही नहीं. उन्हें किसी तरीके से गायब कर दिया गया, ताकि वे उन लोगों का श्रेय न ले जाएं, जो आने वाले समय में भारत को संभालेंगे. बोस से कांग्रेस की लीडरशिप महात्मा गांधी ने छीनी थी. यदि बोस उसकी लीडरशिप करते रहते तो 1947 से पहले भारत आज़ाद होता और खंडों में न होकर अखंडित होता.
जवाब देंहटाएंवीर रस से परिपूर्ण कविता। पढ़कर शरीर का रोम रोम उत्साह से खड़ा हो गया।
जवाब देंहटाएंमहानायक को समर्पित इस उत्कृष्ट प्रस्तुति के लिए बहुत -बहुत आभार ।
जवाब देंहटाएंजानकारी से पूर्ण सार्थक पोस्ट , नेताजी को नमन..
जवाब देंहटाएंनेता जी को हमारी भी श्रद्धांजली। मैं नेता जी, सरदार पटेल और शहीद भगतसिंह को सबसे महान मानती हूँ। कविता भी बहुत अच्छी लगी लेखन के साथ।
जवाब देंहटाएंशानदार आलेख और सुन्दर गीत...
जवाब देंहटाएंनेता जी को सादर नमन.
बहुत सुन्दर आलेख...नेता जी को विनम्र नमन..
जवाब देंहटाएंNeta ji Subhash ko shradha suman aprpit karata hoon.....sach to ye hai neta ji ki rajnaitik hatya hui thi........aj tk neta ji asthiyan bhi bharat sarkar desh ko nahi de saki......anand ji kavita sahit apki post ......behad prabhavshali lagi ...gantantrdiwas pr hardik badhai.
जवाब देंहटाएंsanjay bahut sunder lekh likha hai netaji par , badhai
जवाब देंहटाएंजानकारी देता अच्छा लेख |
जवाब देंहटाएंआशा
अब तो कबीर पर भी फ़तवे लगने लगे हैं!
जवाब देंहटाएंमहानायक को नमन करते हुये,
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
vikram7: कैसा,यह गणतंत्र हमारा.........
नेताजी के संबंध में अच्छी जानकारी एवं
जवाब देंहटाएंकविता के माध्यम से सच्ची श्रद्धांजली।
कृपया इसे भी पढ़े-
क्या यह गणतंत्र है?
क्या यही गणतंत्र है
बाँधे जाते इंसान,कभी तूफ़ान न बाँधे जाते हैं।
जवाब देंहटाएंकाया ज़रूर बाँधी जाती,बाँधे न इरादे जाते हैं।।
वह दृढ़-प्रतिज्ञ सेनानी था,जो मौका पाकर निकल गया।
वह पारा था अंग्रेज़ों की मुट्ठी में आकर फिसल गया।।
जोश और फड़कन भारती आलोड़ित करती कविता आपने पढवाई .सुभाष 'बाबू '/नेताजी ने ये संबोधन अपनी गर्म छवि से कमाए थे आजकल मुलायम अली 'नेताजी 'हो गए हैं .उनका पुत्र कहता है -मुख्य मंत्री तो 'नेताजी 'ही होंगे .कैसा जोश और फड़कन भारती आलोड़ित करती उः कविता आपने पढवाई .सुभाष 'बाबू '/नेताजी ने ये संबोधन अपनी गर्म छवि से कमाए थे आजकल मुलायम अली 'नेताजी 'हो गए हैं .उनका पुत्र कहता है -मुख्य मंत्री तो 'नेताजी 'ही होंगे .कैसा जोश और फड़कन भारती आलोड़ित करती उः कविता आपने पढवाई .सुभाष 'बाबू '/नेताजी ने ये संबोधन अपनी गर्म छवि से कमाए थे आजकल मुलायम अली 'नेताजी 'हो गए हैं .उनका पुत्र कहता है -मुख्य मंत्री तो 'नेताजी 'ही होंगे .कैसा गण निरपेक्ष तंत्र आज हम देख रहें हैं निस्पृह भाव लिए ?
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंगणतन्त्र दिवस की शुभकामनाएँ!
सुन्दर प्रस्तुति......
जवाब देंहटाएं" गणतन्त्र दिवस की शुभकामनाएँ"
.बढ़िया वृतांत... गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामना
जवाब देंहटाएंनेताजी को नमन
जवाब देंहटाएंनेता जी को हमारी भी श्रद्धांजली।
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए.....
बहुत बढ़िया और महत्वपूर्ण जानकारी आपने दी है....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंbahut sundar likha hai aapne
जवाब देंहटाएंसुन्दर लेख और खूबसूरत कविता | शुक्रिया |
जवाब देंहटाएंनेता जी के बारे में अच्छी जानकारी और कविता भी बहुत अच्छी...नेता जी को नमन|
जवाब देंहटाएंदेश का नेता कैसा हो,सुभाष चंद्र बोस जैसा हो,...
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति ,..
NEW POST --26 जनवरी आया है....
संजय जी देर से आने के लिए....क्षमा
neta ji ko namn aur aap ke un ke prti aadr bhaav ko bhi namn.....
जवाब देंहटाएंगौ वंश रक्षा मंच ,सब गौ प्रेमियों को सादर आमंत्रित करता है के अपने विचार /सुझाव/लेख/ कविताये मंच पर रक्खें ,मंच के सदस्य बने ,और मंच के लेखको में अपना नाम जोड़ कर मंच को गरिमा प्रदान करें ....गौ हम सब की माँ है , माँ के लिए एक जुट होना हमारा फ़र्ज़ है.....
http://gauvanshrakshamanch.blogspot.com/
खूब मेहनत करके बढ़िया पोस्ट तैयार की आपने। बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंSubhas chandra bose ka Bahut hi sundar vratchitra prastutikaran bahut sarthak laga..aabhar!
जवाब देंहटाएंBasant panchmi kee haardik shubhkamnayen!
अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंis post par bahut der se pahuchi kshama karna.bahut achcha vivran aur aujpoorn kavita padhi neta ji ko main apna aadarsh manti hoon kash aaj ke uva neta ji ki tarah bhrashtachar ki ladaai laden to desh is gulami se muqt hoga.vasant ritu ki badhaai evam shubhkamnayen.
जवाब देंहटाएंआज 29/01/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर (सुनीता शानू जी की प्रस्तुति में) लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
बहुत बढिया ...सार्थक पोस्ट
जवाब देंहटाएंNice site , i have bookmarked it for later use, thanks.
जवाब देंहटाएंबसंत पंचमी की शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति,
जवाब देंहटाएंwelcome to new post ...काव्यान्जलि....
Sahi baat hai. Subhash Chandra Bose ji ka bhi bahut yogdaan tha desh ki swatantrata me par unhe yaad karna aksar log bhul jatey hain. Unke prayaason ko bhulaya nahi ja sakta. He was really great.
जवाब देंहटाएंAapki ye post hme bahut pasand aayi...dil se shukriya :) :)
प्रिय संजय जी अभिवादन और गणतंत्र दिवस , वसंत पंचमी की हार्दिक शुभ कामनाएं ..
जवाब देंहटाएंप्रेरक प्रसंग ..सुभाष जी पर सुन्दर जानकारी ...लोगों को इनसे ओज तेज जोश लेना चाहिए ...
....
भ्रमर का दर्द और दर्पण में भी आइये - अपना स्नेह बनाये रखें और समर्थन भी हो सके तो दें /
भ्रमर ५
सुंदर सार्थक प्रस्तुति अच्छी लगी.,
जवाब देंहटाएंwelcome to new post --काव्यान्जलि--हमको भी तडपाओगे....
सुंदर सार्थक प्रस्तुति अच्छी लगी.,
जवाब देंहटाएंwelcome to new post --काव्यान्जलि--हमको भी तडपाओगे....
बहोत ही अच्छी रचना...आपका ब्लोग अच्छा लगा ..धन्यवाद आप मेरे ब्लोगमे आये और टीप्पणी दि..
जवाब देंहटाएंसपना
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के जन्मदिवस पर आपने बहुत सुन्दर पोस्ट लिखा है! महत्वपूर्ण एवं ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त हुई! इस बेहतरीन पोस्ट के लिए धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट निश्चित रूप से विचारों को उद्द्वेलित करने वाली है ....राजनीति कि अंधी दौड़ ने नेता जी जैसे क्रांतिकारियों को भी उपेक्षित कर दिया है ...जो बेहद शर्मनाक है .....एक सार्थक रचना के लिए बधाई !
जवाब देंहटाएंLovely read..
जवाब देंहटाएंa great man of India !!
Bahut achcha likha hai aapne! saarthak evam prerak!
जवाब देंहटाएंneta ji ke bare bahut hi achchhi post aane likhi hai... sunder prastuti.
जवाब देंहटाएंनेताजी को नमन
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति ,
जवाब देंहटाएंसंजय जी,..पोस्ट को कुछ ज्यादा दिनों तक खीच देते है,.....नए पोस्ट के इंतजार मे
NEW POST....
...काव्यान्जलि ...: बोतल का दूध...
...फुहार....: कितने हसीन है आप.....
सभी पाठकों को बहुत बहुत शुक्रिया ....!
जवाब देंहटाएंमहानायक को नमन इसी शीर्षक से सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर एक उपन्यास मैने पिछले साल पढा है । आपको भी शायद अच्छा लगे ।
जवाब देंहटाएंजिस तरह धूर्त दुर्योधन से,बचकर यदुनन्दन आए थे।
जवाब देंहटाएंजिस तरह शिवाजी ने मुग़लों के,पहरेदार छकाए थे ।।
बस उसी तरह यह तोड़ पींजरा , तोते-सा बेदाग़ गया।
जनवरी माह सन् इकतालिस,मच गया शोर वह भाग गया।।
वे कहाँ गए, वे कहाँ रहे,ये धूमिल अभी कहानी है।
हमने तो उसकी नयी कथा,आज़ाद फ़ौज से जानी है।।
बहुत शानदार पंक्तियां