भारत की सांस्कृतिक पहचान को सेक्स पर्यटन के कलंक से बचाए रखने के लिए सरकार ने आचार संहिता तय कर ली है, जिसके तहत होटलों से लेकर टूर आपरेटरों और एयरलाइनों के निदेशकों से लेकर कर्मचारियों तक पर जिम्मेदारी होगी। राज्यों से मशविरे के बाद इसे अंतिम रूप दे दिया गया है।
माना जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन, यानी आठ मार्च से शुरू हो चुकी है
गोवा, उड़ीसा व आंध्र प्रदेश समेत दूसरे भारतीय पर्यटन स्थलों पर सेक्स पर्यटन व बाल यौन शोषण के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब हो रही देश की छवि से परेशान सरकार ने जिम्मेदारी तय करने का प्रारूप तैयार किया है।
अंतराराष्ट्रीय संस्थाओं के अलावा राष्ट्रीय महिला आयोग से विचार-विमर्श के बाद 'सेफ एंड आनरेबल टूरिज्म' के लिए आचार संहिता बना ली है। राज्यों के साथ साथ पर्यटन से जुड़े सभी क्षेत्रों से भी मशविरा किया जा चुका है।
बड़ी संख्या में पर्यटकों की यौन लोलुपता का शिकार हो रहे हैं।
गौरतलब है कि आचार संहिता के जरिए न सिर्फ इसकी रोकथाम के प्रति जागरूकता लाई जाएगी बल्कि निगरानी करने वाली स्टीयरिंग कमेटी को रिपोर्ट भी देनी होगी। यानी पर्यटन स्थलों की छवि बिगड़ी तो उनकी छवि भी नहीं बचेगी जो या तो अपने फायदे के लिए इसे बढ़ावा दे रहे या नजरअंदाज कर रहे हैं।
...आचार संहिता का कडाई से पालन होना चाहिये!!!
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी ,आचार संहिता का पालन होना चाहिये
जवाब देंहटाएंदेखिये, कहाँ तक सफल होते हैं.
जवाब देंहटाएंआपने बड़े सम्वेदनशील विषय को छुआ है ! आचार संहिता का तो पालन कड़ाई से होना ही चाहिए साथ ही लोगों को भी अपनी दूषित मानसिकता पर लगाम लगाना अति आवश्यक है जो पल भर के उन्माद में आ अपनी व अपने देश की प्रतिष्ठा धूल में मिला देते हैं !
जवाब देंहटाएं...आचार संहिता का पालन होना चाहिये!!!
जवाब देंहटाएंsachai byaan ki hai..
जवाब देंहटाएंकानून और दंड रोक लेते इस उलटे बहा को.. तो शायद हिन्दुस्तान में बढ़ती न तादाद ऐसी न मुराद घटनाओं की।
जवाब देंहटाएंchaliye sarkar kuch to kar rahi hai...dejhiye iska palan kitna hota hai...jaankari ke liye dhanyawad....
जवाब देंहटाएंhttp://dilkikalam-dileep.blogspot.com/
आज आचार संहिता कहा पालन हो रहा है लोगो ने तो आचार संहिता का मजाक बना रखा है ।
जवाब देंहटाएंलोगो से आचार संहिता आज गुजारिश है कि आचार संहिता का पालन करे और दुसरो को भी बताये ।
सुन्दर पोस्ट..
बधाई हो।
भारतीय सांस्कृति को ध्यान में रख कर आचार संहिता बनाई जाए तो ज़्यादा अच्छा है ... पर हम सब आधुनिकता के मकर जाल में फँस चुके हैं .....
जवाब देंहटाएंआज के सन्दर्भ में एक सार्थक बिचार |
जवाब देंहटाएंआशा
chalo kuch to naya huwa
जवाब देंहटाएंacha he
agar saare kanoonon ka palan sachhai aur imaandaari se kiya jata to aaj hamara bharat ek khoobsoorat duniya hota...
जवाब देंहटाएंlekin afsos aisa kuch nahi hai.......
umeed hai hamari awwaz se kuch farq padega...
achhi soch ke liye badhai.....
mere blog mein is baar...
तुम मुझे मिलीं....
jaroor padhein...
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जवाब देंहटाएंकिसी भी आचार संहिता का तब तक कोई मतलब नहीं
जवाब देंहटाएंजबतक उसका कड़ाई से पालन न हो
लेख के लिए धन्यवाद
Bahut sargarbhit jankari...
जवाब देंहटाएं"अच्छी जानकारी ,आचार संहिता का पालन होना चाहिये"
जवाब देंहटाएंsonal ji bailkul sahi kaha!
janakari badhiya di aapne...
kunwar ji,
"अच्छी जानकारी ,आचार संहिता का पालन होना चाहिये"
जवाब देंहटाएंsonal ji bailkul sahi kaha!
janakari badhiya di aapne...
kunwar ji,
बहुत बढ़िया पोस्ट! अच्छी जानकारी और सार्थक विचार! बधाई!
जवाब देंहटाएंBadi mahatvpoorn jankaari dee aapne!
जवाब देंहटाएंबाल यौन शोषण एक जघन्य अपराध है।
जवाब देंहटाएंइसे हर हालत में रोका जाना चाहिए ।
आचार संहिता का पालन हो , आशा रखते हैं।
सरकार ने सही कदम उठाया है देखना है कि कितनी शख्ती से इसे लागू किया जाता है।
जवाब देंहटाएंजानकारी देने के लिए धन्यावाद
आचार संहिता का पालन होना चाहिये!!!
जवाब देंहटाएंkaanoon bahut badhiyaa or jaruri hain.
जवाब देंहटाएंlekin iskaa sakhti se, kadaai se paalan honaa chaahiye.
lekin iske saath-saath logo ki soch, vichaar or maansiktaa main badlaaw aanaa chahiye.
thanks.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
संजय जी पहली बार आपके ब्लॉग का अवलोकन किया..बहुत ही समसामयिक है आपके विचार...एक संवेदनशील मन के स्वामी से मिलाना बहुत अच्छा लगा....शुभकामनाये..
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