18 दिसंबर 2018

ऐसा सुपरस्टार जिसका जादू सिर चढ़कर बोलता था - राजेश खन्ना

हिंदी सिनेमा में वो भी एक दौर था जब बॉलीवुड के फलक पर चमकता था राजेश खन्ना नाम का सितारा। आज हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार का जन्मदिन है। राजेश खन्ना का दौर सिनेमा का गोल्डेन पीरिय़ड माना जाता है। उन्हें रोमांटिक हीरो के तौर पर बहुत पसंद किया गया। उनके लिए दीवानगी फैन्स के सिर चढ़कर बोलती थी। लड़कियां उन्हें खून से खत लिखती थी। उनकी कार लिपस्टिक के निशानों से लाल हो जाती थी !
अपने अभिनय से लोगों को दीवाना बनाने वाले अभिनेता तो कई हुए और दर्शकों ने उन्हें स्टार कलाकार माना पर बॉलीवुड के अब तक के इतिहास को अगर उठाकर देखा जाए तो राजेश खन्ना का नाम अलग से दिखाई पड़ता है सत्तर के दशक में राजेश खन्ना पहले ऐसे अभिनेता के तौर पर अवतरित हुये जिन्हें दर्शको ने ‘सुपर स्टार’ की उपाधि दी। कहा जाता है कि लड़कियां उनके लिए पागल थीं. उनकी एक झलक पाने के लिए, वे घन्टों लाइन लगाती थीं पंजाब के अमृतसर में 29 दिसंबर 1942 को जन्में जतिन खन्ना उर्फ राजेश खन्ना का बचपन के दिनों से ही रूझान फिल्मों की और था और वह अभिनेता बनना चाहते थे हांलाकि उनके पिता इस बात के सख्त खिलाफ थे।
राजेश खन्ना अपने करियर के शुरूआती दौर में रंगमंच से जुड़े और बाद में ऑल इंडिया टैलेंट कान्टेस्ट में चुने गये। राजेश खन्ना ने अपने सिने करियर की शुरूआत 1966 में चेतन आंनद की फिल्म ‘आखिरी खत’ से की । वर्ष 1966 से 1969 तक राजेश खन्ना फिल्म इंडस्ट्री मे संघर्ष करते रहे। राजेश खन्ना के अभिनय का सितारा  शक्ति सामंत की क्लासिकल फिल्म ‘अराधना’ से चमका। बेहतरीन संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की गोल्डन जुबली कामयाबी ने राजेश खन्ना को ‘स्टार’ के रूप में स्थापित कर दिया 70 के दशक में राजेश खन्ना रूमानी भूमिका से बहार निकल निर्माता -निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी ने मदद की और उन्हें लेकर 1972 में फिल्म ‘बावर्ची’ जैसी हास्य से भरपूर फिल्म का निर्माण किया और सबको आश्चर्यचकित कर दिया। 1972 में ही प्रदर्शित फिल्म ‘आनंद’ में राजेश खन्ना के अभिनय का नया रंग देखने को मिला। ऋषिकेश मुखर्जी निदेर्शित इस फिल्म में राजेश खन्ना बिल्कुल नये अंदाज में देखे गए। फिल्म में राजेश खन्ना का बोला गया यह संवाद ‘बाबूमोशाय ..हम सब रंगमंच की कठपुतलियां है जिसकी डोर ऊपर वाले की उंगलियों से बंधी हुई है कौन कब किसकी डोर खींच जाए ये कोई नही बता सकता’’ उन दिनों सिने दर्शको के बीच काफी लोकप्रिय हुआ था और आज भी सिने दर्शक उसे नहीं भूल पाए।
1969 से 1976 के बीच कामयाबी के सुनहरे दौर में राजेश खन्ना ने जिन फिल्मों में काम किया उनमें अधिकांश फिल्में हिट साबित हुयी अस्सी के दशक से खुद को विभिन्न भूमिकाओं में पेश किया। फिल्म ‘अराधना’ की सफलता के बाद अभिनेता राजेश खन्ना शक्ति सामंत के प्रिय अभिनेता बन गए। बाद में उन्होंने राजेश खन्ना को कई फिल्मों में काम करने का मौका दिया। इनमें ‘कटी पतंग’, ‘अमर प्रेम’, ‘अनुराग’, , ‘अजनबी’, ‘अनुरोध’ और ‘आवाज’ आदि शामिल है। फिल्म अराधना की सफलता के बाद राजेश खन्ना की छवि रोमांटिक हीरो के रूप में बन गई। 70 के दशक में राजेश खन्ना लोकप्रियता के शिखर पर जा पहुंचे और उन्हें हिंदी फिल्म जगत के पहले सुपरस्टार होने का गौरव प्राप्त हुआ।
1985 में प्रदर्शित फिल्म ‘अलग अलग’ के जरिए राजेश खन्ना ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया। राजेश खन्ना के सिने करियर में उनकी जोड़ी अभिनेत्री मुमताज और शर्मिला टैगोर के साथ काफी पसंद की गयी। राजेश खन्ना को उनके सिने कैरियर में तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सामनित किया गया। राजेश खन्ना अपने चार दशक लंबे सिने करियर में लगभग 125 फ़िल्मों में मुख्य भूमिका निभायी अपने रोमांस के जादू से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाले किंग ऑफ रोमांस 18 जुलाई 2012 को इस दुनिया को अलविदा कह गए !  उनकी कुछ अन्य उल्लेखनीय फिल्में है - दो रास्ते, सच्चा झूठा, आन मिलो सजना, अंदाज, दुश्मन, अपना देश, आप की कसम, प्रेम कहानी, सफर, दाग, खामोशी, इत्तेफाक, महबूब की मेेंहदी, अंदाज, नमकहराम, रोटी, महबूबा, कुदरत, दर्द, राजपूत, अवतार, अगर तुम ना होते, आखिर क्यों, अमृत, स्वर्ग, खुदाई आ अब लौट चले ... राजेश खन्ना एक ऐसी शख्सियत थे जो हमेशा याद रहेंगे सिर्फ इसलिए नही की वो बहुत बड़े कलाकर थे बल्कि इसलिए भी बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार थे और ये बात हमेशा याद रखी जायेगी। राजेश खन्ना की ही एक फ़िल्म का संवाद है कि “ज़िन्दगी बड़ी होनी चाहिए लम्बी नही” और उनकी जी गई ज़िन्दगी यही बताती है।

- संजय भास्कर

10 टिप्‍पणियां:

दिगम्बर नासवा ने कहा…

एक ऐसा सुपरस्टार जिसने तहलका मचा दिया सिनेमा में ...
ऐसा कलाकार जो जहाँ से गुज़रता था तूफ़ान ला देता था अपने समय में .... राजेश खन्ना को भुलाना नामुमकिन है ...

Meena Bhardwaj ने कहा…
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Meena Bhardwaj ने कहा…

बेहतरीन और रोचकता से परिपूर्ण मनोरंजक लेख । राजेश खन्ना अपने दौर के वास्तव में ऐसे अभिनेता थे जिन्होंने फिल्म जगत में अपनी अमिट पहचान बनाई उनकी फिल्मों का संगीत आज भी उतना ही लोकप्रिय है जितना सत्तर के दशक में होगा ।

डॉ. दिलबागसिंह विर्क ने कहा…

आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 20.12.2018 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3191 में दिया जाएगा

धन्यवाद

Jaishree Verma ने कहा…

हिंदी सिने जगत की अमर शख्शियतों में से एक रहे हैं राजेश खन्ना।उनका एक समय था जब उन्होंने लोगों के दिल और दिमाग पर राज किया।उनकी मुस्कान,उनके पहनावे,उनके जादुई व्यक्तित्व की अब भी मिसाल दी जाती है। उनके ऊपर फिल्माए गए गाने अब तक तिलिस्म जगाते हैं। ये उनपर लिखा गया एक खूबसूरत लेख है।

Anuradha chauhan ने कहा…

राजेश खन्ना जी को भुलाना बहुत मुश्किल है बहुत ही बेहतरीन अभिनेता थे राजेश जी बहुत सुंदर लेख लिखा आपने 👌

Atoot bandhan ने कहा…

राजेश खन्ना का जमाना भूलना मुश्किल है .... लोग दीवाने थे , उनका जादू सर चढ़ कर बोलता था .... बहुत अच्छा लिखा आपने

Kamini Sinha ने कहा…

आदरणीय संजय जी ,आपने राजेश खन्ना का जीवन दर्शन बड़ी ही खुबशुरती से कराया है ,राजेश खन्ना जी को कौन नहीं पसंद करता था, सादर नमन

Viraj verma ने कहा…

राजेश खन्ना जी को भुलाना बहुत मुश्किल है बहुत ही बेहतरीन अभिनेता

Viraj verma ने कहा…

ऐसा सुपरस्टार जिसने तहलका मचा दिया सिनेमा में