( चित्र - गूगल से साभार )
हर कोई अक्सर कहता है
मैं दुखी हूँ !
पर वो ये नहीं जानता
की दुनिया में बहुत लोग दुखी है !
हर कोई है परेशान
पर सबका अपना - अपना
नसीब है !
ये हर घर की कहानी है
हर किसी की कोई न कोई
परेशानी है !
कोई दुखी है पैसे न आने से
कोई दुखी है !
अपनी औलादों के कारनामो से
पर शायद सुख दुःख
इसी का नाम
...............जिंदगी है !
इन्ही सब से बनती है !
जिंदगी की कहानी
....जो अलग अलग होती है !
सब की जुबानी.......!!!
@ संजय भास्कर
62 टिप्पणियां:
सत्य कहा ...
सुन्दर रचना ...
कभी धूप तो कहीं छाँह..
सच में यही ज़िंदगी है...
नमस्कार
आपकी यह रचना कल बुधवार (19-06-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधार कर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य रखें |
सादर
सरिता भाटिया
सुख - दुःख का मेल ही जीवन ... सुन्दर प्रस्तुति ... शुभकामनायें
सही कहा संजय जी .. यही जिंदगी है ..
इसी का नाम जिन्दगी है,,,
बहुत उम्दा अभिव्यक्ति,सुंदर रचना,,,
RECENT POST : तड़प,
बस इसी का नाम ज़िन्दगी है
खुशी हो या ग़म ,
बस मुस्कुराना चाहती हूँ ....
इस छोटी सी ज़िन्दगी के
गिले- शिकवे मिटाना चाहती हूँ ....
सब को अपना कह सकूँ ,
ऐसा ठिकाना चाहती हूँ ....
टूटे तारों से सबके लिए मांग
आज़माना चाहती हूँ ....
खुशी हो या ग़म ,
बस मुस्कुराना चाहती हूँ ....
हार्दिक शुभकामनायें
सुख और दुःख दोनों ही जीवन के अभिन्न अंग हैं. एक के बिना दुसरे की अहमियत भी पता नहीं चलती. सुंदर भाव खूबसूरत कविता.
नानक दुखिया सब संसार.
नानक दुखिया सब संसार.
सही बात ..हम हैं तो गम हैं .....गम है तो खुशियाँ ,,,,
आपका कहना बिल्कुल सत्य है....सुख दुख का नाम ही जिन्दगी है...
बहुत उम्दा ..सुन्दर रचना
आज की ब्लॉग बुलेटिन आसमानी कहर... ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ...
सादर आभार !
इसे ही जीवन का खेला कहते हैँ । बधाई
दुखों के निशानों के बगैर जिंदगी का मज़ा ही क्या????
इन्ही सब से बनती है जिंदगी...
यही जिंदगी है
Pardukh sheetalam!
वाकई..ज़िंदगी से से बनती है
इसी का नाम जिंदगी है ......बेहतरीन रचना
जीवन का सच कहा है ... दुख तो हर किसी को है .. पर सुख की तलाश ही रहे दुख में भी तो कितना सफल हो जाए जीवन ...
bhaut hi khubsurat panktiyaan...
सच कहा...सबके दुख अपने होते हैं और बड़े लगते हैं।
जिंदगी की ये ही कहानी है
सुख तो किसी को बताते भी नहीं .ज़रा सा दुख पड़े तो हल्ला मचाते हैं लोग !
बिलकुल सही कहा है.
संजय जी , सच का सामना , आपकी कविता सभी को अपनी सी लगती है, बधाई, आभार
chitranshsoul
सुंदर प्रस्तुति।।।
वो एक गीत है न.....।
दुनिया मे कितने गम हैं,मेरा गम कितना कम है।
.......औरों का गम देखा तो ,मैं अपना गम भूल चली.
Profound! Great poem.
वाह...सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
उम्दा.........सुख की अनुभूति दुःख की वजह से ही बनी हुई है........"जिंदगी..... कैसी है पहेली हाय,............ कभी ये हंसाये,......... कभी ये रुलाये"
सही कहा है आपने सर यही जिंदगी है...
सबकी अपनी अपनी कहानी है...
:-)
यथार्थ ..जीवन दर्शन !!
ज्योत्स्ना शर्मा
वाह एक एक शब्द बिलकुल सत्य है , बहुत सुंदर रचना, शुभकामनाये
बहुत उम्दा अभिव्यक्ति,सुंदर रचना
. सुन्दर प्रस्तुति
बिलकुल सही कहा इसी का नाम जिंदगी है !
बड़े दिनों बाद ब्लॉग पर आये भास्कर जी,आभार !
जीवन का सच कहा है ....इसी का नाम जिंदगी है ......बेहतरीन रचना
बहुत अच्छे भाई जी-
आपको सादर बधाइयां -
ऐसा शायद ही कोई हो जिसकी कहानी में सुख और दुःख दोनों में से कोई नहीं है
कहीं थोडा कहीं ज्यादा ....
सार्थक रचना
bohot hi gehrai se aapne ye kavita likhi hi..
aur sach hi kaha hai ''isis ka naam hai jindagi''
bittersweet symphony that's life :)
पर शायद सुख दुःख
इसी का नाम
...............जिंदगी है !
इन्ही सब से बनती है !
जिंदगी की कहानी
....जो अलग अलग होती है !
यथार्थ से रू-ब-रू कराती कविता ।
बहुत उम्दा...
इसी का नाम
...............जिंदगी है !
इन्ही सब से बनती है !
जिंदगी की कहानी
....जो अलग अलग होती है !
सब की जुबानी.......!!!
आपने ज़िन्दगी को बड़ी खूबसूरती और सिद्दत से याद किया है लाजवाब
बहुत उम्दा ,सुंदर रचना
badiya
satayam shivam sundaram :)
दुनिया में कितना गम है मेरा गम कितना कम है ।
यही जिन्दगी है ...
शुभकामनायें !
बहुत सुंदर.सटीक.बधाई!
बहुत उम्दा
बहुत खूब लिखा ज़िन्दगी के बारे में..
सुख दुःख लगा ही रहता है...!
बिल्कुल सही कहा .... बहुत ही अच्छी प्रस्तुति
कहानी अलग- अलग हैं सबका अंत एक ही हैं
http://savanxxx.blogspot.in
सच कहा...सबके दुख अपने होते हैं और बड़े लगते हैं।
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