03 जून 2013

माँ तुम्हारे लिए हर पंक्ति छोटी है -- संजय भास्कर


चित्र--  गूगल से साभार  

मेरी प्यारी माँ
तुम्हारे बारे में क्या लिखू
तुम मेरा सर्वत्र हो
मेरी दुनिया हो
तुम्हारे लिए हर पंक्ति छोटी है !
हर स्पर्श बहुत छोटा है 

सारी दुनिया न्योछावर कर दू
तुम्हारे चरणों में
लेकिन वह भी जैसे काफी 

नहीं है !
मैं तुम्हारे खून का वह कतरा हूँ !
जिसे तुम इस दुनिया में
लेकर आई 

और बहुत प्यार से पालकर 
बड़ा किया तुम्हारी गोद में
आकर मैंने आँखें खोली
तुम्हारे सहारे ही मैंने दुनिया दारी देखी माँ 

 
आप सभी ब्लॉगर साथियों को मेरा सादर नमस्कार काफी दिनों से व्यस्त होने के कारण ब्लॉगजगत को समय नहीं दे पा रहा हूँ  पर अब आप सभी के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ अपनी एक छोटी कविता के साथ उम्मीद है आप सभी को पसंद आयेगी.......!!

@ संजय भास्कर 


52 टिप्‍पणियां:

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

मां ही इस जहां से पहला परिचय करवाती है, बहुत ही सुंदर पंक्तियां लिखी आपने, शुभकामनाएं.

रामराम.

Rewa Tibrewal ने कहा…

sundar rachna....maa kay liye jitne likho kam hai.......

राज चौहान ने कहा…

बहुत ही अच्छी लगी मुझे रचना........शुभकामनायें ।

Ravi Rajbhar ने कहा…

bahut hi sunder maa ke prem ko samarpit...!!

apko badhai

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

कविता बहुत अच्छी लगी, पुनः स्वागत है।

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

बहुत ही खूबसूरत
बेटे जी आपकी रचना

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

बहुत सुन्दर कविता है संजय.

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

माँ से बढ़कर कौन ।

Rajesh Kumari ने कहा…

आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार ४ /६/१३ को चर्चामंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आप का वहां हार्दिक स्वागत है ।

वसुन्धरा पाण्डेय ने कहा…

बहुत ही सुन्दर...अद्भुत....माँ के लिए तो सर्वत्र न्योछावर...

Jyoti Mishra ने कहा…

pankti kya.. poora ka poora literature chhota hai :)

lovely read !!

ashokkhachar56@gmail.com ने कहा…

बहुत ही अच्छी रचना........शुभकामनायें ।

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) ने कहा…

प्रिय संजय, आपने अपने मन के साथ-साथ सबके मन की बात इस कविता में कह दी.अति-सुंदर...

Shikha Kaushik ने कहा…

.बहुत सुन्दर प्रस्तुति .मन को छू गयी .आभार . हम हिंदी चिट्ठाकार हैं.
BHARTIY NARI .

Unknown ने कहा…

बहुत ही सुन्दर..

Unknown ने कहा…

बहुत ही सुन्दर..

SAJAN.AAWARA ने कहा…

Maa to akhir maa hai maa ki har baat nirali hai
Jai maa bharti

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

मन को छूती बहुत सुंदर रचना,,,बधाई संजय जी

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अरुन अनन्त ने कहा…

आपकी यह रचना कल मंगलवार (04 -06-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.

शिवनाथ कुमार ने कहा…

माँ तो बस माँ होती है
सुन्दर रचना
आभार!

दिल की आवाज़ ने कहा…

बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति आदरणीय माँ के लिए ... माँ पर लिखी हर रचना मुझे बहुत अछि लगती है क्यूंकि माँ के जैसा इस दुनिया में कोई दूसरा नहीं ...

vandana gupta ने कहा…

्माँ के प्रति सुन्दर उदगार

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

बहुत ही सुंदर शुभकामनाएं.

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

बहुत ही अच्छी रचना!
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कविता रावत ने कहा…

माँ को समर्पित सुन्दर प्यारी माँ सी रचना ..

Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…

ma ke bare me kitna bhi likhen km hai .....sundar rachna ..

Satish Saxena ने कहा…

इनसे बड़ा कोई नहीं संजय...

ASHOK BIRLA ने कहा…

kya baat hai sanjay bhai behtarin hamesa ki tarah

ASHOK BIRLA ने कहा…

kya baat hai sanjay bhai behtarin hamesa ki tarah

Bharat Bhushan ने कहा…

भोजन के स्वाद से लेकर मृत्यु द्वार तक माँ की याद रहती है. सच है कि माँ सर्वत्र है.

ओंकारनाथ मिश्र ने कहा…

अति सुंदर.

Maheshwari kaneri ने कहा…

माँ तो माँ है.. माँ सर्वत्र है.सुन्दर रचना....

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

माँ सी प्यारी सी कविता

मुकेश पाण्डेय चन्दन ने कहा…

माँ के लिए जितना लिखा जाये कम है . इश्वर भी अवतार माँ की ममता पाने के लिए ही तो लेता है .
ममत्वपूर्ण रचना !
बहुत दिनों ब्लोगिंग के लिए समय निकल पाया हूँ . परन्तु अब प्रयास करूँगा की नियमित रहू .

babanpandey ने कहा…

मैं समझता हूँ.. माँ.. ही प्रकृति की सर्वोत्तम रचना है

Ranjana verma ने कहा…

माँ पर बहुत सुंदर अभिव्यक्ति !!

रचना दीक्षित ने कहा…

माँ तो माँ है. याद कैसे जायेगी उसकी.

सुंदर कविता.

संध्या शर्मा ने कहा…

सचमुच माँ दुनिया में होती ही है सबसे निराली... उसकी उपमा कहाँ ... बहुत सुन्दर रचना...

Ramakant Singh ने कहा…

माँ की महिमा का गुणगान बहुत सुन्दर प्रस्तुति

दिगम्बर नासवा ने कहा…

माँ पे लिखा तो एक शब्द भी काव्य सामान है ... ग्रन्थ भी छोटे हैं उसके प्रेम के सामने ...

Dr.Ashutosh Mishra "Ashu" ने कहा…

behtareen rachna ..aapkee rachna to bhavuk banatee hai

Tanuj arora ने कहा…

सर्वप्रथम आपका शुक्रिया इतनी सुन्दर टिप्पणियाँ देने के लिए मेरी कविताओं पर..
माँ एक पूरी दुनिया हम बच्चों के लिए
हर शब्द उनके लिए जैसे बहुत छोटा लगता है...
धन्यवाद ...

Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…

माँ के जैसा इस दुनिया में कोई दूसरा नहीं ... सुन्दर प्रस्तुति....

Manjusha negi ने कहा…

माँ की तरफ एक बेटे के भावों को दर्शाती सुंदर रचना

ज्योति-कलश ने कहा…

सुन्दर भावाभिव्यक्ति ....

Dr. Shorya ने कहा…

वाह अतिसुंदर, माँ तो माँ ही होती है,

Darshan jangra ने कहा…

बहुत ही खूबसूरत रचना

राज चौहान ने कहा…

माँ को समर्पित सुन्दर प्यारी माँ सी रचना

के. सी. मईड़ा ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Darshan jangra ने कहा…

बहुत खूबसूरत

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

बहुत ही सुन्दर रचना..
माँ की तरह ही सुन्दर और कोमल...
अति उत्तम...
:-)

Sameer Mahajan ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना.....