बहुत खूब। आनंद आ गया। मुझे लगता है कि आज की भागम-भाग के युग में कविता बस ऐसी ही होनी चाहिये। धीमे से आये, कान में कुछ कहे और चुपचाप चली जाये, सोचने के लिये छोड़कर।
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मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए धन्यवाद संजय भास्कर
wah bahut achche
जवाब देंहटाएंwah bahut achche
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत बात कही है...वाह
जवाब देंहटाएंwah wah bahut khoob
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह उम्दा रचना..बधाई.
जवाब देंहटाएंआप जैसे मुसाफिरों का तो ,
जवाब देंहटाएंरास्ते भी इंतज़ार करते है |
.........बहुत खूब,
chhoti kintu shasakt rachna ! Raaston ka intjaar karan nai baat hai... naya vimb hai... umda !
जवाब देंहटाएंसच ही कहा आपने, एक बहुत सच्ची बात पर आज लोगों में इस हौसले की ही कमी है तभी तो आत्महत्याएं,आक्रोश बढ रहे हैं
जवाब देंहटाएंbahut khoob!!!!!
जवाब देंहटाएंअच्छी लगी आपकी कवितायें - सुंदर, सटीक और सधी हुई।
जवाब देंहटाएंसुन्दर है.
जवाब देंहटाएंsunder rachna
जवाब देंहटाएंraaste bas inki hi raah takte hain...
जवाब देंहटाएंprabhawshali
ख़ूबसूरत रास्ता है!
जवाब देंहटाएंइन प्रेरणादायक पंक्तियों के लिए आभार संजय
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत बात कही है...वाह
जवाब देंहटाएंबढिया प्रेरणादायी पंक्तियां।
जवाब देंहटाएं...बहुत सुन्दर !!!
जवाब देंहटाएंkya baat hai sanjay jee,
जवाब देंहटाएंbahut khoob, hosla deti hai ye panktiya,
sadhuwad
सच ही कहा आपने, एक बहुत सच्ची बात पर आज लोगों में इस हौसले की ही कमी है तभी तो आत्महत्याएं,आक्रोश बढ रहे hain.....
जवाब देंहटाएंजो सफ़र की शुरुआत करते है
जवाब देंहटाएंवो मंजिल को पार करते है ,
बस एक बार चलने का हौसला रखिये
आप जैसे मुसाफिरों का तो ,
रास्ते भी इंतज़ार करते है
वाह, एक प्रेरक बात कह दी !
sanjay ji bahut sunder panktiyan hain lekin kin musafiron ki baat aap kar rahe hain iska bhi khulasa kijiye naa!
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह उम्दा रचना..बधाई.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब संजय.... गागर मे सागर भरने की कला बहुत प्रभावित करती है...
जवाब देंहटाएंbahut badiya janab
जवाब देंहटाएंक्या खूब लिखा है -"रास्ते भी इंतज़ार करते हैं "
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी लगी|बधाई
आशा
वाह क्या बात है! बहुत खूब! सही कहा है आपने!
जवाब देंहटाएंक्या बात है संजय जी ... हॉंसला होना चाहिए ... मंज़िल खुद बा खुद आ जाती है ....
जवाब देंहटाएंवाह थोड़े में ही भुत कुछ कह दिया. मार्गदर्शक पंक्तिया.बधाई.
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन!
जवाब देंहटाएंati sundar
जवाब देंहटाएंu r improved man..:)
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत अच्छे... वाह वाह गुरु..
जवाब देंहटाएंब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंsanjay bhaskar..
जो सफ़र की शुरुआत करते है
जवाब देंहटाएंवो मंजिल को पार करते है सुंदर .बहुत सुन्दर
बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंआनंद आ गया। मुझे लगता है कि आज की भागम-भाग के युग में कविता बस ऐसी ही होनी चाहिये। धीमे से आये, कान में कुछ कहे और चुपचाप चली जाये, सोचने के लिये छोड़कर।
khoobsoorat ....
जवाब देंहटाएंआप जैसे मुसाफिरों का तो ,
जवाब देंहटाएंरास्ते भी इंतज़ार करते है |
बिल्कुल सही कह रहे हैं भास्कर साहब।
very good.
जवाब देंहटाएंGood thought
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी बात कही हैं आपने.
जवाब देंहटाएंब्लोग्गर भाई-लोगो को भी प्रेरणा मिल सकती हैं आपकी इस पोस्ट से.
बहुत बढ़िया,
धन्यवाद.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंsanjay bhaskar..
बहुत ही खूबसूरत बात कही है आपने संजय जी।
जवाब देंहटाएंप्रभावशाली और प्रेरक पंक्तिया .....हम जैसे मुसाफिर तभी पार होंगे जब आप जैसे हमसफ़र साथ हो
जवाब देंहटाएंBahut,bahut sundar!
जवाब देंहटाएंPichhale kuchh dinon se mujhe blog access nahi tha,isliye padh nahi paa rahi thi!
प्रेरक पंक्तिया ...
जवाब देंहटाएंchaar laaino me hi jindgi ki seekh de di hai sir ..........
जवाब देंहटाएंprerak panktiyan
कमाल की प्रस्तुति ....जितनी तारीफ़ करो मुझे तो कम ही लगेगी
जवाब देंहटाएंइतने लोगों ने प्रशंसा कर दी, हमारे लिए कुछ बचा ही नहीं.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब, बहुत अच्छा.
धन्यवाद ,
जवाब देंहटाएंDalip ji @ Sangeeta ji @ Sonal Ji @ Bhushan ji @ Arun ji @rachna di @ Vandana ji @ Nilesh mathur ji @ Ajeet ji @ Vandani dube di @ Palak ji @ Rasim mummy ji @ Ravi ji @ Deepak bhaiya @ Madhav ji @ Kiran purohit ji @ uday ji @ Sunil gajani ji @ Mehfooz ali ji @ godiyal ji @ Dr Kavita kiran ji @ Paramjeet bali ji @ Minaxshi mummy ji @ sanjay bhai @ Asha mummy ji @ Babli ji @ Digambar Naswa ji @ anamika di @ udan tastari ji @ Jyoti mummy ji @ Anand bhai @ Tau ji @ Dev jha ji @ Vidhi ji @ Tilak raj kpoor ji @ chakresh bhai @ Neraj jaat ji @ Mridula ji @ Radha saxsena ji Chander soni ji @ Harshita di @ Rajender mina bhai @ Kshama ji @ Ram tyagi ji @ Anand bhai @ Karan bhai @ Prithvi ji
मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए
धन्यवाद
संजय भास्कर
लोगो को भी प्रेरणा मिल सकती हैं आपकी इस पोस्ट से.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया,
बहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंप्रणाम
प्रभावशाली और प्रेरक पंक्तिया ...
जवाब देंहटाएं...प्रेरणादायी पंक्तियां।
जवाब देंहटाएंbauhat khoob!
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