बरसों बीत गए
तुम्हारे इंतज़ार में
आँखें तरस गए
तुम्हारी राह देखते हुएं
यादें ताज़ा होती रही
हरपल आपकी याद में
वादें सताने लगे
आपकी गैर मौजूदगी में
साँसे थमसी गयी
खबर आपकी ना आने में ...
तुम्हारे इंतज़ार में
आँखें तरस गए
तुम्हारी राह देखते हुएं
यादें ताज़ा होती रही
हरपल आपकी याद में
वादें सताने लगे
आपकी गैर मौजूदगी में
साँसे थमसी गयी
खबर आपकी ना आने में ...
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Pravallika जी जी की कलम से ये पंक्तिया आप तक | |||
पहुंचा रहे है प्रवाल्लिका जी को मेरी १०० वी समर्थक है जिन्होंने मुझे सैकड़े तक पहुचाया है बहुत बहुत आभार प्रवाल्लिका जी इसी पर आप सभी आदरणीय सुधिपाठक महानुभावों तक पेश है प्रवाल्लिका जी की एक सुंदर कविता............... आप अपनी अनमोल प्रतिक्रियाओं से प्रोत्साहित कर हौसला बढाईयेगा |
samman dene ka ye tareeka bhi khoob raha....
जवाब देंहटाएंkunwar ji,
kavita vaastav me sundar hai....
जवाब देंहटाएंkunwar ji,
साँसे थमसी गयी
जवाब देंहटाएंखबर आपकी ना आने में ...
sunder rachna! sunder ehsaas ! vichoh se hi prem gehrata hai ! century ke liye badhai...
बेहद खूबसूरत
जवाब देंहटाएं5.21.2010
जवाब देंहटाएंआपके इंतज़ार में...
बरसों बीत गए
तुम्हारे इंतज़ार में
आँखें तरस गए
तुम्हारी राह देखते हुएं
यादें ताज़ा होती रही
हरपल आपकी याद में
वादें सताने लगे
आपकी गैर मौजूदगी में
साँसे थमसी गयी
खबर आपकी ना आने में ...
पूरी पोस्ट पढ़नी पड़ी, एक सांस में ही पी गए। और क्या चाहिए..इस दीवानगी से ज्यादा।
bahut khub pravallika ji...
जवाब देंहटाएंbahut achha likh ahi aapne...
aur sanjay bhai century par badhai..........
beautiful poem
जवाब देंहटाएंasha
ye pyar ka intezar cheez hi aisi hai...or ant me hota yehi hai
जवाब देंहटाएंnice poem...
Pravallika ji ko smmaan dene ke liye dhanyawaad
जवाब देंहटाएंदिल के सुंदर एहसास
जवाब देंहटाएंsunder rachna! century ke liye badhai...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया कविता!
जवाब देंहटाएं--
100 समर्थकों के लिए बधाई!
--
बौराए हैं बाज फिरंगी!
हँसी का टुकड़ा छीनने को,
लेकिन फिर भी इंद्रधनुष के सात रंग मुस्काए!
100 समर्थक
जवाब देंहटाएंयाने मील का पत्थर
काव्य जगत में स्वागत...झूठी प्रशंसा नहीं करूंगा...आपमें कविताई की क्षमता है पर अभी तराशना होगा. एक दोष बता दूँ कोई अन्य तो कहेगा नहीं. पहले एक संबोधन है फिर अकारण दूसरा. पूरी कविता में या तो आप लिखे या तुम.
जवाब देंहटाएंदिल के सुंदर एहसास
जवाब देंहटाएंबढ़िया रचना...
जवाब देंहटाएंसमर्थकों की दृष्टिकोण से शतक वीर होने की बधाई!!
bahut pyari rachna, man ke bhaawo ki sundar abhivyakti, bahut shubhkaamnayen.
जवाब देंहटाएंbahut hi sundarta se man ki chatpataahat vyakt ki hai.....
जवाब देंहटाएंab to 101 ho gaye bahut bahut badhai.
जवाब देंहटाएंबेहद प्यारी रचना, आपका और प्रवालिका का आभारी हूँ, एक अच्छी रचना से रूबरू करवाने के लिए।
जवाब देंहटाएंकुछ गलतियाँ सुधार कर भेज रहा हूँ, जो शायद टाईपिंग के दौरान हो गई होंगी।
बरसों बीत गए
तुम्हारे इंतज़ार में
आँखें तरस गई
तुम्हारी राह देखते हुए
यादें ताज़ा होती रही
हर पल आपकी याद में
वादे सताने लगे
आपकी गैर मौजूदगी में
साँसे थम सी गई
खबर आपकी न आने में...
nice ghazal, close to heart
जवाब देंहटाएंबहुत खूब संजय जी! आंखे तरस गई तुम्हारे इंतजार में!!!
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया कविता!
जवाब देंहटाएंसौ समर्थक मिळणे कि बधी हो संजयजी!!!और हा ध्यान राहे हम भी एक है!
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत कविता है! बढ़िया लगा!
जवाब देंहटाएं...बहुत बहुत बधाई ... शतक बनाने वाले व बनाने मे सहयोग करने वाले को ....!!!
जवाब देंहटाएंसाँसे थमसी गयी
खबर आपकी ना आने में ...
.... अदभुत भाव ..... प्रसंशनीय !!!
सुन्दर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंसाँसे थमसी गयी
जवाब देंहटाएंखबर आपकी ना आने में ...
बेहद खूबसूरत...!!
लाजवाब रचना ..........बहुत खूब
जवाब देंहटाएंसाँसे थम सी गयी आपके ना आने से ...
जवाब देंहटाएं100 वें समर्थक की बधाई
Hello Sanjay ji,
जवाब देंहटाएंfirst of all... i extend my sincere thanks for giving me such an honour... am thankful to you.
Congratulations for crossing your 100 followers...
I thank each one of you here for your valuable feedbacks.
Kulwant Happy ji, thanks for correcting my poem.
Acharya Sanjeev Varma ji, thank you soo much for the correction...and i shall certainly try to improvise and implement your feedback.
Thanks & Best Regards,
Pravallika
www.mypoetry4all.blogspot.com
waah,
जवाब देंहटाएंaapko century key liye badhai....
जवाब देंहटाएंachhi rachna
जवाब देंहटाएंलाजबाब रचना ।
जवाब देंहटाएंmubarak baad sweekar karen...behtar rachnaon ke intezar rahega
जवाब देंहटाएंसाँसे थमसी गयी
जवाब देंहटाएंखबर आपकी ना आने में ...
Bahut khoob ... kashish liye ..
बेहद प्यारी रचना,
जवाब देंहटाएं100 वें समर्थक की बधाई.
बहुत बढ़िया कविता!
जवाब देंहटाएं100 समर्थकों के लिए बधाई!
साँसे थम सी गयी आपके ना आने से ...
जवाब देंहटाएं100 वें समर्थक की बधाई
bahut shubhkaamnayen..
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई ... शतक बनाने वाले व बनाने मे सहयोग करने वाले को ....!!!
जवाब देंहटाएंnice poem....congratulations to u too!
जवाब देंहटाएंआपका और प्रवालिका का आभारी हूँ, एक अच्छी रचना से रूबरू करवाने के लिए।
जवाब देंहटाएं