14 अप्रैल 2010
संविधान-निर्माता बाबा अम्बेडकर जी की जयंती 14 अप्रैल पर शत-शत नमन !!!!!
!!!!! बाबा साहब अम्बेडकर की छवि बड़ी व्यापक है। आपके योगदान को कभी भी विस्मृत नहीं किया जा सकता। संविधान-निर्माता बाबा अम्बेडकर जी की जयंती 14 अप्रैल पर शत-शत नमन !!!!!
दुनिया भले ही बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को कानून और संविधान के एक विशेषज्ञ के तौर पर जानती है, लेकिन यह भी सच है कि वह सही मायने में एक अर्थशास्त्री थे।
लेकिन बदकिस्मती यह है कि आज भी उन्हें एक दलित नेता के रूप में ही जाना जाता है। उन्होंने जातिविहीन समाज की स्थापना का सपना देखा था, लेकिन तथाकथित अंबेडकरवादी आज जातिवाद को मजबूत करके ही अपनी राजनीति कर रहे हैं।
बाबा साहेब ने अमेरिका और इंग्लैंड जाकर आला दर्जे की तालीम हासिल की थी। वहीं से उन्होंने कानून की डिग्री भी हासिल की। उन्होंने कानून, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में डॉक्टरेट भी हासिल किया था। भारत लौटने पर उन्होंने कुछ समय तक कानून की प्रैक्टिस की और उस दौर में भारत में अछूत माने जाने वाले वर्ग के लोगों के राजनीतिक अधिकारों तथा सामाजिक आजादी की वकालत करते हुए एक जर्नल का प्रकाशन शुरू किया। काबिलियत तथा विद्वता के चलते ही बाबा साहेब को स्वतंत्र भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए संविधान सभा की ओर से गठित संविधान मसौदा समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। वह भारत के पहले कानून मंत्री भी थे।
14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के मिलिट्री हेडक्वॉर्टर ऑफ वॉर में पैदा हुए डा. भीमराव रामजी अंबेडकर को 1990 में देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया। 14 अप्रैल के दिन ही देशभर में उनका जन्मदिन मनाया जाता है और सरकार ने इस दिन को सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया।
बाबा साहेब को याद करने और उनके बारे में जानकारी देने के लिए शुक्रिया
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी पोस्ट लिखी है।अच्छी जानकारी दी है। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंjaankaari bhari post
जवाब देंहटाएंअच्छी पोस्ट. बाबा साहब को नमन.
जवाब देंहटाएंकुछ लोग हैं जो वक्त के सांचे में ढल गए
जवाब देंहटाएंकुछ लोग हैं जो वक्त के सांचे बादल गए
कोटीश: नमन संविधान के इस पुरोधा को... आप को बधाई...अच्छी पोस्ट के लिए
great thoughts and informations sir
जवाब देंहटाएंसंविधान-निर्माता बाबा अम्बेडकर जी को मेरा शत-शत नमन!
जवाब देंहटाएं--
रंग-रँगीला जोकर
माँग नहीं सकता न, प्यारे-प्यारे, मस्त नज़ारे!
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संपादक : सरस पायस
इस महत्वपूर्ण जानकारी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया...बाबा साहब को भाव भीनी श्रधांजलि...
जवाब देंहटाएंनीरज
शत-शत नमन।
जवाब देंहटाएंBahut hi achchi post.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी पोस्ट...
जवाब देंहटाएंउन्होंने जातिविहीन समाज की स्थापना का सपना देखा था, लेकिन तथाकथित अंबेडकरवादी आज जातिवाद को मजबूत करके ही अपनी राजनीति कर रहे हैं।
जवाब देंहटाएंमजे की बात है कि केवल भुनाने में लगे है वे जो कोई सरोकार नहीं रखते हैं.
अच्छी पोस्ट
बहुत अच्छी ...जानकारी दिया आपने ......बेहतरीन पोस्ट .
जवाब देंहटाएं...नमन ... नमन ... नमन ... प्रभावशाली अभिव्यक्ति !!!!
जवाब देंहटाएंmera bhi naman.. aur tumhara aabhar Sanjay
जवाब देंहटाएंबेहद शानदार पोस्ट। मेरे दोस्त।
जवाब देंहटाएंएक संविधान निर्माता के रूप में बाबा साहब का योगदान अमिट है । स्वतंत्रतापूर्व भारतीय इतिहास भी कम विवादित नहीं रहा है इसलिए उनके योगदान का आकलन ठीक ठीक नहीं हो सका खासकर गांधीवादी आभामंडल के बीच । वे सचमुच ही स्मरण रखने योग्य हैं ॥
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया पोस्ट! अच्छी जानकारी मिली! बाबा साहब को शत शत नमन!
जवाब देंहटाएंmeraa salaam or shat-shat naman to b.r.a.ji.
जवाब देंहटाएंthanks.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
kya aap unki maut-death ke baare main kuch bataa sakte hain????
जवाब देंहटाएंWWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
बाबा साहब को शत शत नमन!
जवाब देंहटाएंShukriya Aap sabhi ka ..... ap jaise mahanubhavo ki kripa rahi to lekhan me hum bhi kuch apne zazbaat byaan kar payenge..
जवाब देंहटाएंशत शत नमन !
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी देने के लिए धन्यवाद संजय जी।
जवाब देंहटाएंप्रयास सराहनीय है।
अच्छी जानकारी .... धन्यवाद संजय जी ...
जवाब देंहटाएंbehtarin
जवाब देंहटाएंdhanyvaad sanjay ji..... aapne meri krti ko saraha.....!
जवाब देंहटाएंसाहब को शत शत नमन!
जवाब देंहटाएंbahut hi sar garbhit lekh likha aap ne ....badhaai
जवाब देंहटाएंबाबा अम्बेडकर जी को मेरा शत-शत नमन!
जवाब देंहटाएंइसे भी पढ़िए.......
असरदार बाबा तो.........
जो है और बाबा सभी बेअसर हैं।
असरदार बाबा तो अम्बेडकर हैं॥
मेरे भीम बाबा हैं, धरती के सूरज-
उधर वो प्रखर है इधर ये प्रखर हैं॥
अंगूठे भी लेलें न कुछ इल्म देंवें-
बिना कुछ लिए ये सिखाते हुनर हैं॥
कुएं में पड़े थे हम अज्ञानता के-
प्रगति हमें दीं डगर ही डगर डगर हैं॥
ख़जानों की वे चाभियाँ दे गए हैं-
ये नज़रों का धोखा न आती नज़र हैं॥
बाबा साहब को शत शत नमन!
जवाब देंहटाएंBharat ratan Dr. baba sahab Bhemraw Ambedkar ek mhan puros the Unko sat sat Naman
जवाब देंहटाएंबाबा साहब को शत शत नमन
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