जिन्दगी के कुछ रंगों को समेटकर शब्दों से मुस्कुराहट बाँटने की कोशिश :)
बात तो बिल्कुल सही कही है!
bahut acha likha hai sanjay ji...acha sandesh aa raha hai lekin antim line nahi hoti to bhav or acha banta...good
सच है संजय जी ... अंधेरे में तो साया भी साथ नही देता ...बहुत अच्छा लिखा है ..
bada katu satya bahut hi saralta se kah diya.
खुद का साया खुद बन जाईएऔरो के सहारे क्योखुद का सहारा खुद बन जाईए
वक्त के साथ सब बदल जाता है...बहुत खूब
Dear sanjay bhai, bilkul bahut sahi kaha hai aapne.Shubhkamnay.
बल्कुल सटीक !!
सही बात कही है।पांचवी पंक्ति की ज़रुरत नहीं थी।
superb
बहुत सुंदर लिखा है , और हां जैसा कि डा. साहब ने भी कहा , पांचवी पंक्ति की जरूरत नहीं थी ..दोहराव की भी नहीं । शुभकामनाएं अजय कुमार झा
संजय, सारगर्भित, सटीक, सुंदर।
वाह बहुत बढ़िया! बिल्कुल सही कहा है आपने! बहुत खूब!
बहुत सच्चा पर कटु सत्य हर इंसान इससे होकर गुजरता ही है
बहुत सुन्दर जी । वक्त बहुत बेरहम होता है । बहुत बढ़िया लिखा है आपने ।
जब बुरा वक्त आता है ' संजय 'खुद अपने ही जज्बात बदल जाते है'अपनों तक के ख्यालात बदल जाते है |वाह वाह बहुत खूब । आशीर्वाद्
bilkul sahi !vichar badalte hi rahte hai .
bahut khoob janaab..मेरे बारे में अपनी कोई राय मत रखना,मेरा वक़्त बदलेगा, तुम्हारी राय बदल जाएगी..
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बिल्कुल सही कहा है आपने! बहुत खूब
एक निवेदन !आपके द्वारा दी गई प्रतिक्रिया मेरे लिए मूल्यवान है - संजय भास्कर
बात तो बिल्कुल सही कही है!
जवाब देंहटाएंbahut acha likha hai sanjay ji...acha sandesh aa raha hai lekin antim line nahi hoti to bhav or acha banta...good
जवाब देंहटाएंसच है संजय जी ... अंधेरे में तो साया भी साथ नही देता ...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लिखा है ..
bada katu satya bahut hi saralta se kah diya.
जवाब देंहटाएंखुद का साया खुद बन जाईए
जवाब देंहटाएंऔरो के सहारे क्यो
खुद का सहारा खुद बन जाईए
वक्त के साथ सब बदल जाता है...बहुत खूब
जवाब देंहटाएंDear sanjay bhai, bilkul bahut sahi kaha hai aapne.
जवाब देंहटाएंShubhkamnay.
बल्कुल सटीक !!
जवाब देंहटाएंसही बात कही है।
जवाब देंहटाएंपांचवी पंक्ति की ज़रुरत नहीं थी।
superb
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिखा है , और हां जैसा कि डा. साहब ने भी कहा , पांचवी पंक्ति की जरूरत नहीं थी ..दोहराव की भी नहीं । शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंअजय कुमार झा
संजय, सारगर्भित, सटीक, सुंदर।
जवाब देंहटाएंवाह बहुत बढ़िया! बिल्कुल सही कहा है आपने! बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंबहुत सच्चा पर कटु सत्य हर इंसान इससे होकर गुजरता ही है
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर जी । वक्त बहुत बेरहम होता है । बहुत बढ़िया लिखा है आपने ।
जवाब देंहटाएंजब बुरा वक्त आता है ' संजय '
जवाब देंहटाएंखुद अपने ही जज्बात बदल जाते है'
अपनों तक के ख्यालात बदल जाते है |
वाह वाह बहुत खूब । आशीर्वाद्
bilkul sahi !
जवाब देंहटाएंvichar badalte hi rahte hai .
bahut khoob janaab..
जवाब देंहटाएंमेरे बारे में अपनी कोई राय मत रखना,
मेरा वक़्त बदलेगा, तुम्हारी राय बदल जाएगी..
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जवाब देंहटाएंbilkul sahi !
जवाब देंहटाएंvichar badalte hi rahte hai .
बिल्कुल सही कहा है आपने! बहुत खूब
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