06 मार्च 2010

हालात बदल जाते है '


वक्त के साथ हालात बदल जाते है '
अपनों तक के ख्यालात  बदल  जाते है|
जब बुरा वक्त आता है ' संजय '
खुद अपने ही जज्बात बदल जाते है'
अपनों तक के ख्यालात बदल जाते है |

21 टिप्‍पणियां:

  1. बात तो बिल्कुल सही कही है!

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  2. bahut acha likha hai sanjay ji...acha sandesh aa raha hai lekin antim line nahi hoti to bhav or acha banta...good

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  3. सच है संजय जी ... अंधेरे में तो साया भी साथ नही देता ...
    बहुत अच्छा लिखा है ..

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  4. bada katu satya bahut hi saralta se kah diya.

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  5. खुद का साया खुद बन जाईए
    औरो के सहारे क्यो
    खुद का सहारा खुद बन जाईए

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  6. वक्त के साथ सब बदल जाता है...बहुत खूब

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  7. Dear sanjay bhai, bilkul bahut sahi kaha hai aapne.
    Shubhkamnay.

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  8. सही बात कही है।
    पांचवी पंक्ति की ज़रुरत नहीं थी।

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  9. बहुत सुंदर लिखा है , और हां जैसा कि डा. साहब ने भी कहा , पांचवी पंक्ति की जरूरत नहीं थी ..दोहराव की भी नहीं । शुभकामनाएं
    अजय कुमार झा

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  10. संजय, सारगर्भित, सटीक, सुंदर।

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  11. वाह बहुत बढ़िया! बिल्कुल सही कहा है आपने! बहुत खूब!

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  12. बहुत सच्चा पर कटु सत्य हर इंसान इससे होकर गुजरता ही है

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  13. बहुत सुन्दर जी । वक्त बहुत बेरहम होता है । बहुत बढ़िया लिखा है आपने ।

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  14. जब बुरा वक्त आता है ' संजय '
    खुद अपने ही जज्बात बदल जाते है'
    अपनों तक के ख्यालात बदल जाते है |
    वाह वाह बहुत खूब । आशीर्वाद्

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  15. bahut khoob janaab..

    मेरे बारे में अपनी कोई राय मत रखना,
    मेरा वक़्त बदलेगा, तुम्हारी राय बदल जाएगी..

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  16. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  17. bilkul sahi !
    vichar badalte hi rahte hai .

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  18. बिल्कुल सही कहा है आपने! बहुत खूब

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- संजय भास्कर