बॉलीवुड का ऐसा नाम जो आज भी सब के जुबां पर रहता है वो है रेखा सदाबहार अभिनेत्री रेखा हिन्दी फिल्म जगत की शान हैं। उनके चेहरे की चमक आज भी अन्य अभिनेत्रियों की शान को फीका कर देती है। अपने हिस्से आए हर किरदार को दमदार बनाने वाली रेखा के आंचल में कई बड़े पुरस्कार आए। वो राजकीय पुरस्कार पद्मश्री से भी सम्मानित हैं। रहस्यमयी रेखा जैसी खूबसूरती पाना आज भी कई अभिनेत्रियों की हसरत है एक बेहतरीन अदाकारा होने के साथ-साथ एक खूबसूरत इंसान है लेकिन वक्त के साथ उनकी खूबसूरती और भी निखरती जा रही है बॉलीवुड के सदाबाहार और बेहतरीन अदाकारा रेखा ने अपनी करियर की शुरुआत महज 13 साल से की रेखा ने दक्षिण भारतीय फिल्मों से शुरुआत करने के बाद हिंदी सिनेमा में अपनी अदाकारी से मील के कई पत्थर स्थापित किए. 50 से ज्यादा बड़ी हिंदी फिल्मों में काम किया है जिनमें से कई फिल्में ब्लॉकबस्टर साबित हुई हैं बॉलीवुड के सदाबाहार और बेहतरीन अदाकारा रेखा जिनकी आंखों के मस्ताने हजारों तो है ही लेकिन इस हजारों की भीड़ में अकेली रेखा की जिंदगी में बहुत सारी अनकही कहानी है जिसे उनकी आंखों में पढ़ा जा सकता है अभी कुछ दिन पहले ही रेखा जी का जन्मदिन था उनके जन्मदिन पर रेखा की जिंदगी की कुछ बातें जानी है अक्सर बढ़ती उम्र में लोगों की खूबसूरती ढल जाती है लेकिन रेखा के साथ ऐसा बिल्कुल नहीं है वह आज भी अपनी खूबसूरती की वजह से चर्चा में बनी रहती है फिल्म मुकद्दर का सिंकंदर में वे एक बार फिर अमिताभ बच्चन के साथ दिखाई दीं। यह फिल्म उस साल की बड़ी हिट रही और रेखा उस समय की सबसे सफल अभिनेत्रियों में शुमार हो गईं
फिल्म की काफी तारीफ हुई और रेखा को सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेत्री का के तौर पर फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया 1981 में आई उनकी उमराव जान। यह फिल्म उनके करियर की बेस्ट फिल्मों ंमें से एक रही और इस फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिया गया। इसके बाद भी उनकी कई फिल्में आई जो कि काफी हिट हुईं। रेखा के कैरियर में उमराव जान एक नया मोड़ साबित हुई, जिसमें रेखा ने अदायगी का जादू बिखेरा। इस फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार जीतना रेखा की अभिनय क्षमता का प्रमाण था। उमराव जान के बाद रेखा के कैरियर में मंदी जरूर आई, लेकिन निजी तौर पर फिल्म-जगत में उनका जादू अब भी बरकरार है। आज भी रेखा की क्षमता और रहस्य हमेशा दिलचस्पी का सबब बना हुआ है और शायद हमेशा बना रहे। अमिताभ के साथ सफलता और प्रेम के रिश्तों ने रेखा की जिंदगी को नई दिशा दी। अब इस खूबसूरत हसीन अदाकारा के बारे में सही शब्द ही है 'संपूर्ण अभिनेत्री'। रेखा की बहुतेरी ऐसी फिल्में हैं, जहा उन की आखों पर फोकस रहा है। रेखा की आखों में मस्ती भी है और भरपूर मादकता भी। तभी तो मुजफ्फर अली को उमराव जान में शहरयार से रेखा की आखों की खातिर एक पूरी गजल ही कहलवानी पडी, 'इन आखों की मस्ती के मस्ताने हजारों हैं'.........बात भी सच ही है !!
- संजय भास्कर
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 22 मई 2022 को साझा की गयी है....
जवाब देंहटाएंपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
सादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (22-5-22) को "यह जिंदगी का तिलिस्म है"(चर्चा अंक-4438) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
रेखा एक सदाबहार अभिनेत्री है। बिल्कुल सही कहा आपने।
जवाब देंहटाएं''सम्पूर्ण अभिनेत्री''रेखा के बारे में बढ़िया पोस्ट |
जवाब देंहटाएंवाह !!! बहुत अच्छा लिखा संजय । रेखा जी की अभिनय क्षमता के हम भी प्रशंसक रहे हैं ।
जवाब देंहटाएंजैसी बेहतरीन अदाकारा, वैसा ही बेहतरीन लेख।
जवाब देंहटाएंबेमिसाल अभिनेत्री रेखा जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर बेहतरीन लेख ।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी रेखा जी के बारे में ...
जवाब देंहटाएंरोचक प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंरोचक जानकारी
जवाब देंहटाएंbadhiya
जवाब देंहटाएंबेहतरीन आलेख।।।।।। एक व्यक्तित्व और उसकी प्रतिभा का आकलन अद्वितीय है।।।।
जवाब देंहटाएंरेखा जी के बारे में बहुत सुन्दर एवं सटीक लेख।
जवाब देंहटाएंवाकई सम्पूर्ण अभिनेत्री !
बढ़िया रोचक !
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