( चित्र गूगल से साभार )
रोजगार की तलाश में
घर से बहुत दूर बसे लोग
ऊब जाते है जब
खाकर होटलो का बना खाना
तब अक्सर ढूंढते है माँ के हाथों की बनी रोटियां
पर नहीं मिलती
लाख चाहने पर भी वो रोटियां
क्योंकि कुछ समय बाद
याद आता है की घर तो छोड़ आये
इन्ही रोटियों के लिए !!
- संजय भास्कर