कुछ रिश्ते अनाम होते है
पर वो रिश्ते
दिल के करीब होते है
अनाम होने पर भी रिश्ते
कायम रहते है !
पर जब भी उन्हें नाम देने
की कोशिश की जाती है !
तो जाने क्यूँ
वो रिश्ते लड़खड़ाने लगते है
नाम से रिश्ते तो बन्ध जाते है !
पर बेनाम आगे बढ़ते जाते है
न कोई बंधन और न ही कोई सहारा
सच्ची मुस्कान लिए होते है
अनाम रिश्ते !
सभी बन्धनों से मुक्त ,
बिना किसी सहारे के लम्बी दूरी तक
साथ निभाते है अनाम रिश्ते !
हमेशा दिल के पास होते है
ये अनाम रिश्ते
अपनेपन का नाम साथ लेकर ही
बस खास होते है !
( C ) संजय भास्कर
तभी तो कहा है गुलजार ने..प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम न दो..रिश्तों का अंजाम न दो...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना सुंदर भाव ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी है और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा - बुधवार- 29/10/2014 को
हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः 40 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी पधारें,
रिश्तों में जब अपनापन हो तो उसे किसी नाम की क्या जरुरत ....
जवाब देंहटाएंसच्चे रिश्तों को बखूबी उकेरा है आपने
सच एकदम और लिखने का रिस्ता सब्दो से बेहद सुन्दर रचना संजयभाई
जवाब देंहटाएंसच एकदम और लिखने का रिस्ता सब्दो से बेहद सुन्दर रचना संजयभाई
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ....बात भी सच्ची
जवाब देंहटाएंसुन्दर भावपूर्ण रचना.....आपको बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंनयी पोस्ट@आंधियाँ भी चले और दिया भी जले
नयी पोस्ट@श्री रामदरश मिश्र जी की एक कविता/कंचनलता चतुर्वेदी
बहुत सही बयां करती रचना प्यारे से अनाम रिश्तों के नाम |बहुत भावपूर्ण रचना |
जवाब देंहटाएंप्रेम से बढ़ कर कुछ नहीं..बोलती कविता..
जवाब देंहटाएंहर रिश्ते को नाम देना संभव नहीं क्यों कि सभी को एक सीमित परिभाषा में नहीं बाँधा जा सकता !
जवाब देंहटाएंवाह ...बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंप्यार को प्यार ही रहने गो कोई नाम न दो ...
जवाब देंहटाएंआशीर्वाद का ये गाना याद आ गया आपकी खूबसूरत नज़्म पढने के बाद संजय जी ... रिश्ते करीब होने चाहियें ... नाम की जरूरत पड़े तो वो रिश्ता ही क्या ...
कितनी सुन्दर शब्दों में अनाम रिश्ते की खूबसूरती को बयां किया है .. रिश्तों में प्यार को रहने दो ,, नाम के लिए रिश्ते मोहताज नहीं.... बहुत ही सुन्दर, प्यारी रचना... :-)
जवाब देंहटाएंये अनाम रिश्ते ही सबसे खूबसूरत और मज़बूत होते हैं ! बहुत सुन्दर एहसास !
जवाब देंहटाएंsach kaha sanjay....bahut khubsoorati say bayan kiya anam rishton ko....ye rishte anam hote hue bhi bahut majboot hote hain....sundar sarthak rachna
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर। रिश्ते एसे ही होते हैं।
जवाब देंहटाएंBahut sunder bhaaw hai rachna ke.. Sahi kaha anaam rishtey naami rishto se jyaada kareeb ho jaate hain..dil ke pass... Umda abhivyakti !!
जवाब देंहटाएंअनाम में भी नाम छिपा है भाई।
जवाब देंहटाएंसचमुच बड़े मज़बूत होते हैं ये अनाम रिश्ते ...लाज़वाब रचना
जवाब देंहटाएंप्यार को प्यार ही रहने गो कोई नाम न दो ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति संजय जी! धन्यवाद!
धरती की गोद
अनाम रिश्ते ही जीवन का संबल होते हैं..रिश्तों की सच्चाई को बहुत प्रभावी ढंग से चित्रित किया है...
जवाब देंहटाएंसंजय जी,बहुत ही सुंदर-सत्य-शुभ विवेचन किया अ-नाम रिश्तों का.
जवाब देंहटाएंमैं भी ऐसे कितने अ-नाम रिश्तों को जी रहूं हूं.
जी बहुत अच्छी अभिव्यक्ति.........बिलकुल दिल की बात ..........मुझे भी कुछ लिखने को प्रेरित कर दिया आपने ...............आभार!
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना
जवाब देंहटाएंआपके ब्लाँग पर पहली बार आया हूँ।
ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति…
जवाब देंहटाएंबहुत खूब संजय , मंगलकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंपर जब भी उन्हें नाम देने
जवाब देंहटाएंकी कोशिश की जाती है !
तो जाने क्यूँ
वो रिश्ते लड़खड़ाने लगते है
बहुत खूब...
सच लिखा है.
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्ते बेनाम ही अच्छे होते हैं ...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रचना ..
कुछ रिश्ते बेनाम ही अच्छे होते हैं ...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रचना ..
Lovely poem depicting the unsaid, unheard melodies.............
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना.. रिश्तों की खूबसूरती को बहुत ही अच्छे से व्यक्त किया है आपने...
जवाब देंहटाएं:)
यहाँ शायद किसी खास रिश्ते की बात हो रही है वरना रिश्तों के नाम ही तो वे लक्ष्मण रेखाऐं होतीं हैं जो प्रतिपल हमें हमारी मर्यादाओं का स्मरणकरातीं रहतीं हैं।
जवाब देंहटाएंA very heartfelt presentation :-)
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्ते बेनाम ही अच्छे होते हैं
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रचना, श्री संजय जी
sanjay ji..
जवाब देंहटाएंaap mere blog tak pahunche aur rchnaa ko srahaa....uske liye tah e dil se shukriya,..
samy ki kmi aur jiwan ki bhaagdoudi kuh yun he ki ab.,...smay mujhse aage bhaagtaa he aur main uske piche piche...isii bhagadoudi me....apne blog tak pahunchnaa mushkil ho jata he...pr jab kabhi main ussse kuch kadam aage pahunch jaati hun...to yahaan aa jaati hun aur kuch likh leti hun....
aapki sraahnaa...bahut sukhad ehsaas deti he...aur preerit krti he ki main kuch aur tez bhaagun taaki ..yhaan aksr aati rahun
aapka lekhan bahut hi khoobsurat he..:)
कुछ रिश्ते बेनाम ही अच्छे होते हैं .... bahut hi umda krati.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंनाम से क्या फर्क पङता है
जब हर रिश्ता हर पल संग रहता है।
बहुत बढ़िया ...
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की ढेरों शुभकामनाएं!!
वो रिश्ते लड़खड़ाने लगते है
जवाब देंहटाएंनाम से रिश्ते तो बन्ध जाते है !
पर बेनाम आगे बढ़ते जाते है
न कोई बंधन और न ही कोई सहारा
सच्ची मुस्कान लिए होते है
अनाम रिश्ते !
एकदम बढ़िया
बहुत सुन्दर रचना.. रिश्तों की खूबसूरती को बहुत ही अच्छे से व्यक्त किया है आपने
जवाब देंहटाएंसम्बन्धों की सच्चाई बयान करती खूबसूरत रचना .
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