28 जनवरी 2014

.......परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग :))


खुल के दिल से मिलो तो सजा देते हैं लोग
सच्चे जज़्बात भी ठुकरा देते हैं लोग
क्या देखेंगे दो लोगों का मिलना
बैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग !


ये पंक्तियाँ मझे SMS में मिली, अच्छी लगी तो ब्लॉग पर आप सब से साँझा कर लीं !


-- संजय भास्कर 


30 टिप्‍पणियां:

  1. बेहद खूबसूरत और एकदम सही बात लिखी गई है...!!

    जवाब देंहटाएं
  2. संजय जी ..बड़ा अच्छा किया आपने जो इन पंक्तियों को हमारे साथ बाँट लिया.
    इसके लिए आपको आभार

    जवाब देंहटाएं
  3. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  4. ऐसे ही होते हैं लोग...

    जवाब देंहटाएं
  5. वाह, बहुत ही सुन्दर संजय जी।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति, आभार आपका।

    जवाब देंहटाएं
  7. सुंदर और सार्थक प्रस्तुति. शुक्रिया इसे साझा करने के लिये.

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत सुन्दर और सटीक...

    जवाब देंहटाएं
  9. सुन्दर पंक्तियां

    जवाब देंहटाएं
  10. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  11. गज़ब भाई जी , इस वक़्त कुछ कुछ ऐसा हि बीत रहा है मेरे साथ , इन पंक्तियों में बहुत कुछ है , धन्यवाद
    Information and solutions in Hindi

    जवाब देंहटाएं
  12. प्यार की परिभाषा बताओ उन्हें जो दो परिंदो को उड़ा देते हैं

    जवाब देंहटाएं
  13. :-) सुन्दर पंक्तियाँ है....

    अनु

    जवाब देंहटाएं
  14. भावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने...

    जवाब देंहटाएं
  15. वाह बहुत खूब .....और सही भी है

    जवाब देंहटाएं
  16. मर्म भेदी पंक्तियाँ।

    जवाब देंहटाएं
  17. जितनी सुंदर पंक्तियाँ उतना ही सुंदर चित्र। कैसे कोई इतना निर्मम हो सकता है।

    जवाब देंहटाएं
  18. बहुत ही लाजवाब बंध है ... सच है की छोटी छोटी खुशियाँ नहीं दे पाते हैं कुछ लोग ...

    जवाब देंहटाएं
  19. वाह .... बहुत खूब

    जवाब देंहटाएं
  20. बहुत अच्छी रचना है ! बिलकुल सटीक !!

    जवाब देंहटाएं

एक निवेदन !
आपके द्वारा दी गई प्रतिक्रिया मेरे लिए मूल्यवान है
- संजय भास्कर