( चित्र - गूगल से साभार )
कुछ सच्ची कुछ झूठी है मेरी कविता !!
कोशिश करता हूँ लिखू कठिन शब्दों में
पर बहुत ही सरल शब्दों में है मेरी कविता !!
लिखना चाहता हूँ हमेशा बड़ी कविता
पर अक्सर छोटी ही रह जाती है मेरी कविता !!
जो शब्द,लफ्ज विचार आते है मन में लिख देता हूँ
इन सब को मिला कर तैयार हुई है मेरी कविता !!
दर्द के लम्हो को लिख दिया कागज पर
तभी तो बहुत परेशान है मेरी कविता !!
सभी साथियों को मेरा नमस्कार काफी दिनों से व्यस्त होने के कारण ब्लॉगजगत को समय नहीं दे पा रहा हूँ पर अब आप सभी के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ अपनी नई रचना के साथ उम्मीद है आपको पसंद आये.........!!!
-- संजय भास्कर