16 जनवरी 2013

ऐसी खुशी नहीं चाहता -- -- संजय भास्कर

 
ऐसी खुशी नहीं चाहता
जो किसी का दिल दुखाने से मिले,
हंसी ऐसी नहीं चाहता जो किसी को रुलाने से मिले
उस दौलत का क्या करना जो अपनों से कर दे दूर,
जो जाने-अंजाने पैदा कर देती दिल में गुरूर |
सर ढकने को छत हो
खाने को रोटी हो भूखे पेट कोई सोये ना ,
नहीं चाहिए वो राम जो इंसानों में फर्क करे
आपस में बैर व धरती को नरक करे
कब आएगा वो दिन
जब उंच- नीच ख़तम होगा मानव सभी की जात होगी,
मानवता ही धरम होगा रोते हुये को हँसाना सबसे बड़ा करम होगा
मिलेगी ख़ुशी इस मन को तभी जब सारी दुनिया एक समान होगी..............!!!!
 
चित्र - गूगल से साभार

@ संजय भास्कर 
 
 

66 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्‍दर और उदात्‍त भावनाऍं। ईश्‍वर सबका कल्‍याण करें, सबको स्‍वस्‍थ-सुखी-प्रसन्‍न रखें।

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  2. काश ऐसा हो पाए. सुन्दर रचना.

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  3. बहुत ---बहुत सुन्दर भाव लिए रचना | मकर संक्रांति पर हार्दिक शुभ कामनाएं और आशीर्वाद |
    आशा

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  4. बहुत सुन्दर रचना, शुभ कामनाएं

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  5. प्रभावी है-
    शुभकामनायें ||

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  6. नहीं चाहिए वो राम जो इंसानों में फर्क करे ,काश हमारा यह सपना पूरा होता।बहुत ही सुन्दर रचना।

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  7. बहुत भाव पूर्ण रचना..

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  8. भावमय करते शब्‍दों का संगम ...
    बहुत अच्‍छा लिखा है ...

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  9. संदर भावोंवाली सुंदर प्रस्तुति ।

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  10. नहीं चाहिए वो राम जो इंसानों में फर्क करे ,

    बहुत सुंदर भाव लिए उम्दा प्रस्तुति,,,संजय जी बधाई,,,,

    recent post: मातृभूमि,

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  11. भावपूर्ण रचना ...
    अगर दुनिया ऐसी हो जाए तो स्वरक की कामना कौन करेगा ...

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  12. सुंदर प्रस्तुति सुंदर भाव*** ऐसी खुशी नहीं चाहता
    जो किसी का दिल दुखाने से मिले,
    हंसी ऐसी नहीं चाहता जो किसी को रुलाने से मिले
    उस दौलत का क्या करना जो अपनों से कर दे दूर,
    जो जाने-अंजाने पैदा कर देती दिल में गुरूर |
    सर ढकने को छत हो
    खाने को रोटी हो भूखे पेट कोई सोये ना ,

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  13. बहुत अच्छी कामना है..
    काश ऐसा हो पाए...
    सुन्दर रचना...
    :-)

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  14. बहुत सुन्दर भाव...काश ऐसा हो जाए...

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  15. " वसुधैव कुटुम्बकम " का भाव लिए सुन्दर रचना

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  16. वाह मित्रवर संजय भाई शानदार रचना हार्दिक बधाई

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  17. बहुत सुन्दर भाव....

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  18. बहुत अच्छा लिखा है, सबकी ख़ुशी में है अपनी ख़ुशी ।

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  19. भाव भरी कविता..

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  20. सच किसी का दिल दुखाकर मिलने वाली ख़ुशी कुछ पल की ख़ुशी हो सकती हैं लेकिन यह वास्तविक रूप से ख़ुशी नहीं हो सकती .....
    बहुत बढ़िया रचना

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  21. मिलेगी ख़ुशी इस मन को तभी जब सारी दुनिया एक समान होगी..............!!!haan....

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  22. आपकी इस पोस्ट की चर्चा 17-01-2013 के चर्चा मंच पर है
    कृपया पधारें और अपने बहुमूल्य विचारों से अवगत करवाएं

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  23. भावो का सुन्दर समायोजन......

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  24. बहुत सशक्त और गहन रचना.

    रामराम.

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  25. is umda khayaal ke liye aamen hi nikalta hai! Khoobsurat rachna!

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  26. कब आएगा वो दिन
    जब उंच- नीच ख़तम होगा मानव सभी की जात होगी,
    मानवता ही धरम होगा रोते हुये को हँसाना सबसे बड़ा करम होगा
    मिलेगी ख़ुशी इस मन को तभी जब सारी दुनिया एक समान होगी..............!!!!

    काश कि ये दिन जल्दी आये....!!

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  27. काश ऐसा हो सके तो बहुत अच्छा ....
    सुन्दर भाव ...
    साभार !

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  28. सार्थक और सटीक!
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति!

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  29. हर राष्ट्र मानुष रखे विश्व बंधुत्व के भाव ......

    फिर क्यों दिखाए पड़ोसी अपना ताव

    ..........बहुत सुन्दर रचना ...

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  30. राम बेकार बदनाम हो रहे है ... हरकतें यह हमारी और आपकी है ... :(

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  31. कब आएगा वो दिन
    जब उंच- नीच ख़तम होगा मानव सभी की जात होगी,
    मानवता ही धरम होगा रोते हुये को हँसाना सबसे बड़ा करम होगा
    मिलेगी ख़ुशी इस मन को तभी जब सारी दुनिया एक समान होगी..............!!!!
    जब सब दिल से एक साथ कोशिश करेगें ........

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  32. अपने ही प्रयासों से युवाओं की हिम्मत और बलिदानों से वो दिन जरूर आएगा मेरे बेटे उदास ना हो !!

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  33. सुंदर भावपूर्ण कविता. सार्थक सन्देश.

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  34. मिलेगी ख़ुशी इस मन को तभी जब सारी दुनिया एक समान होगी..............!!!!
    ऐसा भाव कहीं और नही दिखा
    सादर

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  35. बहुत सुंदर रचना
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति. हार्दिक बधाई.

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  36. बहुत सुंदर रचना
    हार्दिक बधाई.

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  37. sach khushi batna bbahut aasan hai...bus hunar honi chahiye...

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  38. आशा पूरी हो ..
    मंगलकामनाएं आपको !

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  39. बहुत सुन्‍दर भावनाएं... सुन्दर रचना...

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  40. ख़ुशी बाँटने से बढती है और आप अपनी तरफ से ख़ुशी बांटते जाईये
    और जहान ऐसा बनाये की न खुद तुम्हे कांटा लगे न दूजे को लगायो

    बहुत सुन्दर भाव है !!!

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    Gift- Every Second of My life.

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  41. ख़ुशी बाँटने से बढती है और आप अपनी तरफ से ख़ुशी बांटते जाईये
    और जहान ऐसा बनाये की न खुद तुम्हे कांटा लगे न दूजे को लगायो

    बहुत सुन्दर भाव है !!!

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    Gift- Every Second of My life.

    जवाब देंहटाएं
  42. बहुत सुंदर भाव व्यक्त किए है इस कविता में..काश सभी ऐसी ही भावना से संपन्न हों...तो ये दुनिया एक खूबसूरत गुलिस्ता बन जाएगी।

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  43. beautiful expressions as ever :)
    loved the opening lines !!

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  44. मंगलवार 29/01/2013को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं .... !!
    आपके सुझावों का स्वागत है .... !!
    धन्यवाद .... !!

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  45. नहीं चाहिए वो राम जो इंसानों में फर्क करे
    आपस में बैर व धरती को नरक करे.....



    Badhayi ... bahut accha.. sanjay ji

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  46. अदभुत--बहुत सुंदर
    बहुत बहुत बधाई

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  47. Kaash..! Sabhi aisa sochte aur shuruaat hum khud se kar sakte hain...
    Badhiya likha h aapne...

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  48. बेनामी6/30/2013

    बहुत खूब

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- संजय भास्कर