ऐसी खुशी नहीं चाहता
जो किसी का दिल दुखाने से मिले,
हंसी ऐसी नहीं चाहता जो किसी को रुलाने से मिले
उस दौलत का क्या करना जो अपनों से कर दे दूर,
जो जाने-अंजाने पैदा कर देती दिल में गुरूर |
सर ढकने को छत हो
खाने को रोटी हो भूखे पेट कोई सोये ना ,
नहीं चाहिए वो राम जो इंसानों में फर्क करे
आपस में बैर व धरती को नरक करे
कब आएगा वो दिन
जब उंच- नीच ख़तम होगा मानव सभी की जात होगी,
मानवता ही धरम होगा रोते हुये को हँसाना सबसे बड़ा करम होगा
मिलेगी ख़ुशी इस मन को तभी जब सारी दुनिया एक समान होगी..............!!!!
चित्र - गूगल से साभार
@ संजय भास्कर
सुन्दर और उदात्त भावनाऍं। ईश्वर सबका कल्याण करें, सबको स्वस्थ-सुखी-प्रसन्न रखें।
जवाब देंहटाएंकाश ऐसा हो पाए. सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंबहुत ---बहुत सुन्दर भाव लिए रचना | मकर संक्रांति पर हार्दिक शुभ कामनाएं और आशीर्वाद |
जवाब देंहटाएंआशा
बहुत सुन्दर रचना, शुभ कामनाएं
जवाब देंहटाएंकाश,सब यह समझ सकें !
जवाब देंहटाएंप्रभावी है-
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें ||
नहीं चाहिए वो राम जो इंसानों में फर्क करे ,काश हमारा यह सपना पूरा होता।बहुत ही सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत भाव पूर्ण रचना..
जवाब देंहटाएंभावमय करते शब्दों का संगम ...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लिखा है ...
सुन्दर
जवाब देंहटाएंरचना.
संदर भावोंवाली सुंदर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएं...बस मुस्कुराते रहो :-)
जवाब देंहटाएंनहीं चाहिए वो राम जो इंसानों में फर्क करे ,
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव लिए उम्दा प्रस्तुति,,,संजय जी बधाई,,,,
recent post: मातृभूमि,
भावपूर्ण रचना ...
जवाब देंहटाएंअगर दुनिया ऐसी हो जाए तो स्वरक की कामना कौन करेगा ...
सुंदर प्रस्तुति सुंदर भाव*** ऐसी खुशी नहीं चाहता
जवाब देंहटाएंजो किसी का दिल दुखाने से मिले,
हंसी ऐसी नहीं चाहता जो किसी को रुलाने से मिले
उस दौलत का क्या करना जो अपनों से कर दे दूर,
जो जाने-अंजाने पैदा कर देती दिल में गुरूर |
सर ढकने को छत हो
खाने को रोटी हो भूखे पेट कोई सोये ना ,
बहुत अच्छी कामना है..
जवाब देंहटाएंकाश ऐसा हो पाए...
सुन्दर रचना...
:-)
बहुत अच्छे भाव हैं..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भाव...काश ऐसा हो जाए...
जवाब देंहटाएं" वसुधैव कुटुम्बकम " का भाव लिए सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंवाह मित्रवर संजय भाई शानदार रचना हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भाव....
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लिखा है, सबकी ख़ुशी में है अपनी ख़ुशी ।
जवाब देंहटाएंभाव भरी कविता..
जवाब देंहटाएंutam
जवाब देंहटाएंसच किसी का दिल दुखाकर मिलने वाली ख़ुशी कुछ पल की ख़ुशी हो सकती हैं लेकिन यह वास्तविक रूप से ख़ुशी नहीं हो सकती .....
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रचना
मिलेगी ख़ुशी इस मन को तभी जब सारी दुनिया एक समान होगी..............!!!haan....
जवाब देंहटाएंआपकी इस पोस्ट की चर्चा 17-01-2013 के चर्चा मंच पर है
जवाब देंहटाएंकृपया पधारें और अपने बहुमूल्य विचारों से अवगत करवाएं
भावो का सुन्दर समायोजन......
जवाब देंहटाएंबहुत सशक्त और गहन रचना.
जवाब देंहटाएंरामराम.
is umda khayaal ke liye aamen hi nikalta hai! Khoobsurat rachna!
जवाब देंहटाएंकब आएगा वो दिन
जवाब देंहटाएंजब उंच- नीच ख़तम होगा मानव सभी की जात होगी,
मानवता ही धरम होगा रोते हुये को हँसाना सबसे बड़ा करम होगा
मिलेगी ख़ुशी इस मन को तभी जब सारी दुनिया एक समान होगी..............!!!!
काश कि ये दिन जल्दी आये....!!
काश ऐसा हो सके तो बहुत अच्छा ....
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव ...
साभार !
सुंदर भावना ।
जवाब देंहटाएंसार्थक और सटीक!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
हर राष्ट्र मानुष रखे विश्व बंधुत्व के भाव ......
जवाब देंहटाएंफिर क्यों दिखाए पड़ोसी अपना ताव
..........बहुत सुन्दर रचना ...
राम बेकार बदनाम हो रहे है ... हरकतें यह हमारी और आपकी है ... :(
जवाब देंहटाएंकब आएगा वो दिन
जवाब देंहटाएंजब उंच- नीच ख़तम होगा मानव सभी की जात होगी,
मानवता ही धरम होगा रोते हुये को हँसाना सबसे बड़ा करम होगा
मिलेगी ख़ुशी इस मन को तभी जब सारी दुनिया एक समान होगी..............!!!!
जब सब दिल से एक साथ कोशिश करेगें ........
अपने ही प्रयासों से युवाओं की हिम्मत और बलिदानों से वो दिन जरूर आएगा मेरे बेटे उदास ना हो !!
जवाब देंहटाएंसुंदर भावपूर्ण कविता. सार्थक सन्देश.
जवाब देंहटाएंमिलेगी ख़ुशी इस मन को तभी जब सारी दुनिया एक समान होगी..............!!!!
जवाब देंहटाएंऐसा भाव कहीं और नही दिखा
सादर
बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति. हार्दिक बधाई.
बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई.
sach khushi batna bbahut aasan hai...bus hunar honi chahiye...
जवाब देंहटाएंआशा पूरी हो ..
जवाब देंहटाएंमंगलकामनाएं आपको !
बहुत सुन्दर भावनाएं... सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंख़ुशी बाँटने से बढती है और आप अपनी तरफ से ख़ुशी बांटते जाईये
जवाब देंहटाएंऔर जहान ऐसा बनाये की न खुद तुम्हे कांटा लगे न दूजे को लगायो
बहुत सुन्दर भाव है !!!
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Gift- Every Second of My life.
ख़ुशी बाँटने से बढती है और आप अपनी तरफ से ख़ुशी बांटते जाईये
जवाब देंहटाएंऔर जहान ऐसा बनाये की न खुद तुम्हे कांटा लगे न दूजे को लगायो
बहुत सुन्दर भाव है !!!
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Gift- Every Second of My life.
बहुत सुंदर भाव व्यक्त किए है इस कविता में..काश सभी ऐसी ही भावना से संपन्न हों...तो ये दुनिया एक खूबसूरत गुलिस्ता बन जाएगी।
जवाब देंहटाएंBhawpurna rachna
जवाब देंहटाएंACHHI RACHNA...
जवाब देंहटाएंACHHI RACHNA...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना...
जवाब देंहटाएंbeautiful expressions as ever :)
जवाब देंहटाएंloved the opening lines !!
मंगलवार 29/01/2013को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं .... !!
जवाब देंहटाएंआपके सुझावों का स्वागत है .... !!
धन्यवाद .... !!
नहीं चाहिए वो राम जो इंसानों में फर्क करे
जवाब देंहटाएंआपस में बैर व धरती को नरक करे.....
Badhayi ... bahut accha.. sanjay ji
अति सुन्दर ,भावपूर्ण रचना ...
जवाब देंहटाएंखूब..
जवाब देंहटाएंOh my goodness! Impressive article dude! Thanks, However I am
जवाब देंहटाएंencountering issues with your RSS. I don't understand why I am unable to join it. Is there anyone else getting the same RSS issues? Anyone that knows the answer will you kindly respond? Thanx!!
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bahut sunder
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंअदभुत--बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई
behad khoobsurat rachna sanjay ji
जवाब देंहटाएंsahi bat aisee khushi kis kam ki.....
जवाब देंहटाएंsahi bat aisee khushi kis kam ki.....
जवाब देंहटाएंKaash..! Sabhi aisa sochte aur shuruaat hum khud se kar sakte hain...
जवाब देंहटाएंBadhiya likha h aapne...
बहुत खूब
जवाब देंहटाएं