आप सभी ब्लॉगर साथियों को मेरा सादर नमस्कार काफी दिनों से व्यस्त होने के कारण ब्लॉगजगत को समय नहीं दे पा रहा हूँ पर अब आप सभी के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ अपनी नई कविता के साथ उम्मीद है आप सभी को पसंद आयेगी..!!
कुछ रिश्ते अनाम होते हैपर वो रिश्ते दिल के करीब होते है
कुछ रिश्ते अनाम होते है
अनाम होने पर भी रिश्ते
........... कायम रहते है !
पर जब भी उन्हें नाम देने की कोशिश
.............की जाती है !
तो जाने क्यूँ
वो रिश्ते लड़खड़ाने लगते है
वो रिश्ते लड़खड़ाने लगते है
नाम से रिश्ते तो बन्ध जाते है !
पर बेनाम आगे बढते जाते है
न कोई बंधन और न ही कोई सहारा
सच्ची मुस्कान लिए होते है
..............अनाम रिश्ते !
सभी बन्धनों से मुक्त ,
बिना किसी सहारे के लम्बी दूरी तक
साथ निभाते है अनाम रिश्ते !
हमेशा दिल के पास होते है
ये अनाम रिश्ते
अपनेपन का नाम साथ लेकर ही
.............बस खास होते है !
-- संजय भास्कर