इस बार मैंने अपने ननिहाल से जुडी कुछ यादों के बारे लिखा है !
छिंदवाड़ा जिले का सबसे पुराना जनजातीय संग्रहालय जब मैंने इसे पहली बार देखा तो देखता ही रह गया !
पहली बार मुझे 2006 में इसे देखने का मौका मिला .....उसके बाद से जब भी ननिहाल गया संग्रहालय देखने के कोई मौका नहीं मिला लेकिन आज भी संग्रहालय देखने का बहुत मन करता है पर अब समय ही नहीं निकाल पाते जल्दबाजी में गए जल्दबाजी में आ गये इतना समय ही नहीं मिलता की घूमने का मौका मिले हम यह सोच लेते है जितना समय है मामा मामी , भाई बहनों के साथ बिता ले क्योकि रोज रोज तो आया जाता नहीं है ! .... .......कई बार सोचा इन यादें के बारें में लिखू पर कभी लिखने का वक्त नहीं निकाल पाया पर अभी कुछ दिन पहले ही मैं अपने पर्स को चेक कर रहा था की अचानक पर्स की अन्दर की जेब से म्यूजियम प्रवेश का 2 रुपये का शुल्क वाला टिकेट मिला 2 सितम्बर 2006 जिसे मैंने पहली बार म्यूजियम देखने के लिए लिया था जिसे देख कर पुरानी याद तजा हो गई और मैंने उसी दिन उन यादों को लिख डाला !
जब मैं पहली बार संग्रहालय देखने गया था तो संग्रहालय के के कर्मचारी से संग्रहालय के बारे में काफी जानकारी मिली थी | उससे मुझे संग्रहालय के बारे में लिखने में बहुत मदद मिली ........!
पहली बार मुझे 2006 में इसे देखने का मौका मिला .....उसके बाद से जब भी ननिहाल गया संग्रहालय देखने के कोई मौका नहीं मिला लेकिन आज भी संग्रहालय देखने का बहुत मन करता है पर अब समय ही नहीं निकाल पाते जल्दबाजी में गए जल्दबाजी में आ गये इतना समय ही नहीं मिलता की घूमने का मौका मिले हम यह सोच लेते है जितना समय है मामा मामी , भाई बहनों के साथ बिता ले क्योकि रोज रोज तो आया जाता नहीं है ! .... .......कई बार सोचा इन यादें के बारें में लिखू पर कभी लिखने का वक्त नहीं निकाल पाया पर अभी कुछ दिन पहले ही मैं अपने पर्स को चेक कर रहा था की अचानक पर्स की अन्दर की जेब से म्यूजियम प्रवेश का 2 रुपये का शुल्क वाला टिकेट मिला 2 सितम्बर 2006 जिसे मैंने पहली बार म्यूजियम देखने के लिए लिया था जिसे देख कर पुरानी याद तजा हो गई और मैंने उसी दिन उन यादों को लिख डाला !
जब मैं पहली बार संग्रहालय देखने गया था तो संग्रहालय के के कर्मचारी से संग्रहालय के बारे में काफी जानकारी मिली थी | उससे मुझे संग्रहालय के बारे में लिखने में बहुत मदद मिली ........!
छिंदवाड़ा स्थित जनजातीय संग्रहालय की शुरूआत 20 अप्रैल 1954 ई. में हुई थी। 1975 ई. में इस संग्रहालय को राज्य संग्रहालय का नाम दिया गया। लेकिन 8 सितम्बर 1997 ई. को इसका नाम बदल कर श्री बादल भोई जनजातीय संग्रहालय रख दिया गया। श्री बादल भोई इस जिले के क्रांतिकारी जनजातीय नेता थे। उन्हीं के नाम पर इस संग्रहालय का नाम रखा गया। इस जनजातीय संग्रहालय को 15 अगस्त 2003 में सभी पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। यह संग्रहालय पर्यटकों के लिए प्रतिदिन खुला रहता है। इस संग्रहालय में इस जिले में रहने वाले जनजातीय लोगों से जुड़े संरक्षित घरों के भण्डार और अनोखी वस्तुएं देखी जा सकती है। यहां आप घर, कपड़े ,आभूषण, शस्त्र, कृषि उपकरण, कला, संगीत, नृत्य, धार्मिक गतिविधियां आदि चीजें देख सकते हैं। इस संग्रहालय में जनजातीय समुदायों की परम्परा और पुरानी संस्कृति की झलकियां भी देखने को मिलती है। इस जिले में गोंड और बेगा प्रमुख जनजातियां है।
इस म्यूजियम में जिले की जनजातियों से सम्भंधित इक़ से इक़ अद्भुत चीजें हैं। इसमें घर, कपडे, जेवरात, हथियार, कृषि के साधन, कला, संगीत, नृत्य, त्यौहार, देवी-देवता, धार्मिक गतिविधियाँ, आयुर्वेदिक संग्रह जैसी वस्तुएं के बारे में विस्तृत जानकारी मिलती है.
यह म्यूजियम जनजातीय संप्रदाय की उन्नत परम्पराओं और प्राचीन संस्कृति पर प्रकाश डालता है. जिले में गौंड और बैगदो प्रमुख जनजातियाँ थीं. इसमें उन लोगों के परिवार के रहने सहने के ढंग का भी वर्णन मिलता है. इसमें यह भी जानकारी मिलती है कि अगरियाजन्जाती के लोग किस तरह लोहे को मोदते थे. इन बातों को अगर इक़ लाइन में कहा जाए तो यह म्यूजियम जिले की जनजातीय के बारे में जानकारी जुटाने का सर्वथा उपयुक्त साधन है...........!
-- संजय भास्कर
इस म्यूजियम में जिले की जनजातियों से सम्भंधित इक़ से इक़ अद्भुत चीजें हैं। इसमें घर, कपडे, जेवरात, हथियार, कृषि के साधन, कला, संगीत, नृत्य, त्यौहार, देवी-देवता, धार्मिक गतिविधियाँ, आयुर्वेदिक संग्रह जैसी वस्तुएं के बारे में विस्तृत जानकारी मिलती है.
यह म्यूजियम जनजातीय संप्रदाय की उन्नत परम्पराओं और प्राचीन संस्कृति पर प्रकाश डालता है. जिले में गौंड और बैगदो प्रमुख जनजातियाँ थीं. इसमें उन लोगों के परिवार के रहने सहने के ढंग का भी वर्णन मिलता है. इसमें यह भी जानकारी मिलती है कि अगरियाजन्जाती के लोग किस तरह लोहे को मोदते थे. इन बातों को अगर इक़ लाइन में कहा जाए तो यह म्यूजियम जिले की जनजातीय के बारे में जानकारी जुटाने का सर्वथा उपयुक्त साधन है...........!
आप सभी भी जाकर देखें मुझे उम्मीद है आप सभी को संग्रहालय बहुत पसंद आएगा !
संग्रहालयके बारे में हमारे मित्र राम कृष्ण जी भी लिख चुके है जो छिंदवाड़ा के ही है!-- संजय भास्कर
संजय भाई,
जवाब देंहटाएंबहुत दिनों बाद आपके यहाँ अपनी पसंद की पोस्ट देखी है और पसंद भी बहुत आयी है।
जानकारी भी काफ़ी मिली है।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ||
जवाब देंहटाएंपढ़कर आनंदित हुआ ||
बधाई ||
बहुत सुन्दर जानकारी संजय जी. कभी छिंदवाडा जाने का अवसर मिला तो जरुर जाऊंगा .. बढ़िया संस्मरण.
जवाब देंहटाएंसंजय जी ... छिंदवाडा के इस संग्रहालय की अच्छी जानकारी दी है आपने ...
जवाब देंहटाएंकभी अवसर मिलेगा तो जरूर छिंदवाडा जाऊँगा ..
जवाब देंहटाएंअच्छे संस्मरण प्रस्तुत किये हैं आपने अपनी ननिहाल के!
जवाब देंहटाएंसंदीप पवार (जाट देवता) की टीप मेरी भी मानी जाए.
जवाब देंहटाएंबढ़िया जानकारी भरा आलेख जो मुझे पसंद आया है. ननिहाल के आस-पास कुछ भी हो वह भूलता नहीं है.
जवाब देंहटाएंएक बात महसूस कर रहा हूँ कि एक चित्र में आदिवासी संग्रहालय में घोड़े की प्रतिकृति रखी है. हैरान हूँ कि गोंड या अन्य भारतीय जनजातियों की संस्कृति का इनके साथ क्या संबंध हो सकता है.
ऐसा आलेख लिखने के लिए बधाई और शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंWaah Sanajy ji itni vividhtatye chupa rakhi hai apne pane ander.aap to sabhi kshetro me parangat hai .maan gaya aapko badhai
जवाब देंहटाएंaapke sunder sansmanran se parichay karane ke liye dhanvyawaad
जवाब देंहटाएंपहली बार एक 'जनजातीय संग्रहालय' के बारे में सुन रहा हूँ। यह एक अच्छा प्रयास है हमारी जनजातीय विविधता के संरक्षण का। इस पोस्ट के लिए आप प्रशंसा के पात्र हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा भाई आपकी यादों की पालकी में सैर कर...।
जवाब देंहटाएंsarthak bloging...
जवाब देंहटाएंaabhar
बहुत सुन्दर जानकारी मिली संग्रहालय के बारे में आपसे.सुन्दर चित्र प्रस्तुति की शोभा बड़ा रहे हैं.
जवाब देंहटाएंआभार.
@ जाट देवता संदीप पवाँर जी
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया आपको मेरी पोस्ट पसंद आई
@ शुक्रिया रविकर जी
@ अरुण चन्द्र रॉय जी.. शुक्रिया मौका मिले तो जरूर जाइएगा
@ दिगंबर नसवा जी
अवसर मिले तो जरूर छिंदवाडा जाइएगा ....बहुत बहुत आभार
संजय जी ... छिंदवाडा के इस संग्रहालय के बारे में बहुत अच्छी जानकारी दी है आपने हम भी जा चुके है छिंदवाडा लेकिन इसके बारे में जानकारी नहीं थी अब गए तो जरुर देखेंगे ...अच्छी जानकारी और बढ़िया संस्मरण......
जवाब देंहटाएंकभी छिंदवाड़ा जाने का अवसर मिला तो संग्रहालय जरुर जाएँगे .........जानकारी देने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी दी इस संग्रहालय की, आभार.
जवाब देंहटाएंसंग्रहालय के बारे में इतनी विस्तृत एवं रोचक जानकारी देने के लिये आभार ।
जवाब देंहटाएंछिंदवाडा के इस संग्रहालय की अच्छी जानकारी दी है आपने|चित्र भी बहुत सुन्दर हैं| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंwow bhai... yaaden taza ho gai... bas kuch photos ki kami lagi... jaise jaha unki dressing aur kaam ka section hai...
जवाब देंहटाएंpost shaandaar...
संजय जी नमस्कार। बड़ी रोचक जानकारी है पिक्चरों के सहित संजय भाई जन्म दिन की बधाई तो आपको दे ही चुकी हूं। ब्लाग पर आते जाते रहिएगा। मेरी प्रोफाइल पर जाएगे तो एक ब्लाग मेरा जनदर्पण नाम से होगा उसे भी देखिएगा। जयहिन्द्।
जवाब देंहटाएंआलेख जानकारी भरा है |आभार
जवाब देंहटाएंकाफी अच्छा संग्रह है जनाब...
जवाब देंहटाएंपढ़ कर आनंदित हुआ...
छिंदवाड़ा स्थित श्री बादल भोई जनजातीय संग्रहालय के बारे में जानकारी से भरा आपका संस्मरण पढ़कर अच्छा लगा !
जवाब देंहटाएंकभी मौका मिला तो अवश्य देखूंगा !
आभार !
बढ़िया जानकारी प्रदान की है । आभार ।
जवाब देंहटाएं@ डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी
जवाब देंहटाएं....शुक्रिया मौका मिले तो जरूर जाइएगा
@ दीपक बाबा जी
....शुक्रिया मौका मिले तो जरूर जाइएगा
@ भूषण जी..
पूरी जानकारी के लिए आपको संग्रहालय जाना चाहिए
@ अमरेंदर भाई
....शुक्रिया मौका मिले तो जरूर जाइएगा
@ घनश्याम मौर्य जी
शुक्रिया मौका मिले तो जरूर जाइएगा
आपको बहुत पसंद आएगा मुझे पूरी उम्मीद है
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
आपके माध्यम से हमने भी देख लिया, कभी आकर भी देखेंगे।
जवाब देंहटाएंकभी अवसर लगा तो अवश्य देखेंगे जी, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम
बहुत सुन्दर लेख |बधाई |
जवाब देंहटाएंचित्र भी बहुत सही डाले हैं |
आशा
@ शुक्रिया सत्यम भाई
जवाब देंहटाएं@ शुक्रिया अरुण जी
@ राकेश कुमार जी
बहुत बहुत शुक्रिया...!
@ संध्या शर्मा जी
आप जब भी जाये तो जरुर देखें मुझे उम्मीद है आप सभी को संग्रहालय बहुत पसंद आएगा !
@ रेखा जी
अवसर मिले तो जरूर छिंदवाडा जाइएगा
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया...!
बढ़िया जानकारी देती हुई बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति .....
जवाब देंहटाएंमहत्वपूर्ण जानकारी से भरपूर सुन्दर संस्मरणात्मक आलेख ! हर संग्रहालय अपने आप में अनमोल होता है क्योंकि वह अतीत की गौरवशाली संकृति की धरोहरों को अपने में समेटे होता है ! अवसर मिला तो इसे अवश्य देखेंगे !
जवाब देंहटाएंनई जानकारी देने के लिए शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लॉगिंग को वास्तव में ऐसी ही पोस्ट्स समृद्ध करती हैं।
http://hbfint.blogspot.com/2011/09/9-against-female-feticide.html
संजय जी ... छिंदवाडा के इस संग्रहालय की अच्छी जानकारी दी है आपने ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर और रोचक जानकारी॥
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर जानकारी छिंदवाडा के संग्रहालय के विषय में. बधाई.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा भ्रमण कराया...आभार...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी उपलब्ध कराई है आपने।
जवाब देंहटाएंAchchi Jankari deti behtreen post...
जवाब देंहटाएंजब मैं सिवनी में पोस्टेड थी...छिंदवाडा के इस संग्रहालय की जानकारी मिली थी...किन्तु जा नहीं पाई थी. न पहुंच पाने की कसक रह गई थी मन में....
जवाब देंहटाएंआपके लेख ने उस कसक के दूर कर दिया...पढ़ कर मन आनंदित हो गया...
आभार.
जानकारी से भरपूर लेख...कभी मौका मिला तो मैं भी खुद जाकर देखना चाहूंगी..संग्रहालय को .
जवाब देंहटाएंजल्दी ही हमारे ब्लॉग की रचनाओं का एक संकलन प्रकाशित हो रहा है.
जवाब देंहटाएंआपको सादर आमंत्रण, कि आप अपनी कोई एक रचना जिसे आप प्रकाशन योग्य मानते हों हमें भेजें ताकि लोग हमारे इस प्रकाशन के द्वारा आपकी किसी एक सर्वश्रेष्ट रचना को हमेशा के लिए संजो कर रख सकें और सदैव लाभान्वित हो सकें.
यदि संभव हो सके तो इस प्रयास मे आपका सार्थक साथ पाकर, आपके शब्दों को पुस्तिकाबद्ध रूप में देखकर, हमें प्रसन्नता होगी.
अपनी टिपण्णी से हमारा मार्गदर्शन कीजिये.
जन सुनवाई jansunwai@in.com
आपके ब्लॉग की चर्चा ब्लॉग4वार्ता पर
जवाब देंहटाएंब्लोगोदय नया एग्रीगेटर
पितृ तुष्टिकरण परियोजना
बहुत ही रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी .
जवाब देंहटाएंअरे वाह ! तुम कबसे घुमने लगे संजय ! यह तो मेरी और संदीप की मन पसंद पोस्ट हैं ..खेर, जोरदार जानकारी ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर जानकारी संजय जी...
जवाब देंहटाएंकभी छिंदवाडा जाने का अवसर मिला तो जरुर जाऊंगा .. बढ़िया संस्मरण.
आपकी याददाश्त बहुत खूब है. 2006 का देखा हुआ भी आपको अच्छे से याद है.
जवाब देंहटाएंएक अच्छे लेख के लिए बधाई.
बहुत सुन्दर जानकारी संजय. कभी छिंदवाडा जाने का अवसर मिला तो जरुर जाऊंगा .. बढ़िया संस्मरण.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति ||
जवाब देंहटाएंइस जानकारी भरी पोस्ट के लिए आपका आभार....काश आप कुछ अधिक फोटो दिखाते...अब छिंदवाडा जा कर तो इसे देखने से रहे...आपके माध्यम से जान तो लिया लेकिन देखने की हसरत मन में रह गयी...
जवाब देंहटाएंनीरज
@ शुक्रिया समीर जी
जवाब देंहटाएं@ शुक्रिया सदा जी
@ Thanks Patali-The-Village
@ शुक्रिया पूजा
पर मेरे पास इतने ही फोटो थे..जब गया था
तो कैमरे वाला मोबाइल नहीं था नहीं तो और कुछ फोटो ले आता
गूगल पर तीन ही फोटो मिले है
@ शुक्रिया सुमन दुबे जी
@ शुक्रिया वर्ज्य नारी स्वर जी
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
छिंदवाडा के इस संग्रहालय की अच्छी जानकारी दी है………रोचक पोस्ट्।
जवाब देंहटाएंकभी छिंदवाडा जाना हुआ तो जरूर देखेंगे। बहुत अच्छी जानकारी, आभार।
जवाब देंहटाएंछिंदवाडा की नई जानकारी तस्वीरों के साथ देख कर लगा कि आधी सैर तो यहीं हो गई...मौका मिला तो देखने भी ज़रूर जाएँग़े...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर और रोचक आलेख ! आपकी विनम्रता काबिले तारीफ़ है !
जवाब देंहटाएंbahut sari jankari mili apki is post se.....
जवाब देंहटाएंदुर्लभ जानकारी!! कुछ और तस्वीरें होतीं तो और भी आकर्षण बढ़ जाता (यदि चित्रग्रहण वर्जित ना रहा हो तो)!!
जवाब देंहटाएंachhi lagi jankari ........
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी मिली !
जवाब देंहटाएंसुन्दर और सार्थक जानकारीपरक पोस्ट...
जवाब देंहटाएंसुन्दर संस्मरण के माध्यम से संग्रहालय से परिचय कराने के लिए आभार!
जवाब देंहटाएंthankx sanjay
जवाब देंहटाएंvisit my post
@ शुक्रिया अमन मारवाड़ी
जवाब देंहटाएं@ शुक्रिया ज्ञानचंद मर्मज्ञ जी
अवसर मिले तो जरूर छिंदवाडा जाइएगा ....बहुत बहुत आभार
@ शुक्रिया डॉ टी एस दराल जी
@ शुक्रिया प्रवीण पाण्डेय जी
@ ताऊ रामपुरिया जी जरूर जाइएगा
@ शुक्रिया आशा जी
बहुत बहुत शुक्रिया...!
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
@ शुक्रिया महेश्वरी कनेरी
जवाब देंहटाएं@ शुक्रिया साधना वैद जी
.......शुक्रिया मौका मिले तो जरूर जाइएगा
@ शुक्रिया अनवर जमाल जी
@ शुक्रिया विद्या जी
@ शुक्रिया कैलाश शर्मा जी
@ शुक्रिया रचना दीक्षित जी
मौका मिले तो जरूर जाइएगा मुझे उम्मीद है आप सभी को संग्रहालय बहुत पसंद आएगा !
रोचक जानकारी वाली ये पोस्ट पसंद आई संजय जी!
जवाब देंहटाएंविस्तृत रूप एंव रोचक जानकारी, छवियाँ भी सुन्दर तरीके से प्रस्तुत की हैं आपने
जवाब देंहटाएंरोचक जानकारी के साथ तस्वीरें भी सुन्दर..
जवाब देंहटाएंhum toh mp ke hai fir bhi ghum nahi paate,,,,,,,,apki jankaari zaroor kaam ayegi.......
जवाब देंहटाएंBahut achhee jaankaaree milee! Dekhne kaa man karta hai!
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी देती सार्थक पोस्ट
जवाब देंहटाएंgreat toor Bhaskar..
जवाब देंहटाएंKeep writing, we love to read your blog.. ;-)
बेहतरीन संग्रहनीय आलेख , सुन्दर जानकारी दे है संजय जी आपने बधाई
जवाब देंहटाएंयह अनूठा सा लगा ...
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें संजय !
बढ़िया संस्मरण संजय भईया.....धन्यवाद...:)
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया जानकारी परक प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंसुन्दर चित्रावली...
सादर आभार...
इस प्रकार के संग्रहालय ही हैं जहां हमारे जनजातियों के बारे में विस्तृत जानकारी मिल सकती है ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर..........!!!
जवाब देंहटाएंभाई संजय जी अद्भुत जानकारी देने के लिए आपका बहुत -बहुत आभार
जवाब देंहटाएंभाई संजय जी अद्भुत जानकारी देने के लिए आपका बहुत -बहुत आभार
जवाब देंहटाएंachha sansmaran
जवाब देंहटाएंkabhi chhindvada jana hua to museum to pakka jana padega!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर जानकारी संजय जी. कभी छिंदवाडा जाने का अवसर मिला तो जरुर जाऊंगा
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर जानकारी मिली संग्रहालय के बारे में
जवाब देंहटाएंजानकारी देती पोस्ट।
जवाब देंहटाएंjankari poorn post...chhindwara ek bar jana hua tha lekin iske bare me jankari nahi thi...ab agali bar jaroor dekhenge...
जवाब देंहटाएं@ शुक्रिया डॉ शरद सिंह जी.
जवाब देंहटाएं@ शुक्रिया मनोज कुमार जी
@ शुक्रिया डॉ॰ मोनिका शर्मा जी
@ शुक्रिया डॉ वर्षा सिंह जी
@ शुक्रिया डॉ निधि टंडन जी.
@ शुक्रिया सीमा प्रकाश जी.
....शुक्रिया मौका मिले तो जरूर जाइएगा आपको बहुत पसंद आएगा मुझे पूरी उम्मीद है !
@ ब्लॉ.ललित शर्मा जी.
जवाब देंहटाएं.......शुक्रिया
@ अरुण कुमार निगम जी.
..........शुक्रिया मौका मिले तो जरूर जाइएगा
@ दर्शन कौर जी.
.........शुक्रिया मौका मिले तो जरूर जाइएगा
@ अनिल अवतार जी
......शुक्रिया मौका मिले तो जरूर जाइएगा
@ एम सिंह जी.
........शुक्रिया
@ मुकेश सिन्हा जी
...........शुक्रिया मौका मिले तो जरूर जाइएगा
@ दीपक भाई
जवाब देंहटाएं...शुक्रिया
@ नीरज गोस्वामी जी
......शुक्रिया
@ वंदन जी..
......शुक्रिया
@ अजीत गुप्ता जी
..........शुक्रिया मौका मिले तो जरूर जाइएगा
@ मीनाक्षी जी
......शुक्रिया
@ अनीता जी
......शुक्रिया
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
सुन्दर प्रस्तुति .........
जवाब देंहटाएंdear sanjay ji...aaj sangrahalay se jude behtarin alekh ka pura pura lutf uthaya..rangeen chitron ne isme char chand laga diye hain..hardik badhayee ke sath
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लगा! नयी और महत्वपूर्ण जानकारी मिली! लाजवाब प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंaapke nanihaal ka sangrahaly.......bahot achcha laga.
जवाब देंहटाएंa fantastic anecdote...loved reading it !!
जवाब देंहटाएंभाई...
जवाब देंहटाएंदेर हो गयी....
लेकिन इतनी भी नहीं कि बधाई न दे सकूं !!
जब जागो हुआ सवेरा...
हर नई सुबह के साथ
नया दिन और जन्मदिन दोनों ही...
आज के इस जन्मदिन के लिए ढेरों बधाई !
ईश्वर से प्रार्थना है कि आपकी मुस्कराने की आदत यूँ ही बनी रहे....!!
भाष्कर जी,बहुत अच्छी जानकारी दी है. सुन्दर पोस्ट .
जवाब देंहटाएंbahut achhi jaankari..shukriya
जवाब देंहटाएंgood n happy nvratri.
जवाब देंहटाएंBahut hi badiya jaankari..
जवाब देंहटाएंNavratri kee haardik shubhkamnayen..
बहुत सुन्दर जगह घुमाया आपने...शुक्रिया
जवाब देंहटाएंदो वर्ष पूर्व जब कवि नरेश चन्द्रकर को लक्ष्मण प्रसाद मंडलोई सम्मान मिला था उस समय कवि चन्द्रकांत देवताले , नरेश सक्सेना , लीलाधर मंडलोई , नरेश चन्द्रकर , राजेन्द्र शर्मा और बसंत त्रिपाठी के साथ इस संग्रहालय में जाने का अवसर प्राप्त हुआ था > इस संग्रहालय मे जिस बात ने मुझे सबसे अधिक आकर्षित किया था वह था पहाड़ों की तराई में बसे गाँव पातालकोट का मॉडेल । इस संग्रहालय की जानकारी प्रस्तुत करने के लिये तुम्हे बधाई । जो भी छिन्दवाडा जाये इसे अवश्य देखे ।
जवाब देंहटाएंnice presentation.
जवाब देंहटाएंनवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें.
आपको एवं आपके परिवार को नवरात्रि पर्व की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंसंजय भाई नवरात्रि की शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत दिनों बाद आये ब्लाग में
बहुत सुन्दर लेख
आप भी मेरे फेसबुक ब्लाग के मेंबर जरुर बने
mitramadhur@groups.facebook.com
MADHUR VAANI
BINDAAS_BAATEN
MITRA-MADHUR
क्या बात है,
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी है।
सार्थक पोस्ट
sangrahaalay kisi bhi jagah ki sanskriti ko parilakshit karti hai. kabhi jaa to nahin sakungi lekin aapke lekh se ek jhalak mil gai wahan ki. dhanyawaad.
जवाब देंहटाएंविजय दशमी की हार्दिक बधाई ...
जवाब देंहटाएंsanjay ji
जवाब देंहटाएंbahut bahut dhanyvaad aapke yaado ke jharokhe le liye bahut hi achha laga .mujhe to iski jaankaari hi nahi thi.
bahut der se aapke blog par aai hun xhama chahti hun.
punah hardik dhanyvaad
main aapke is post par teen baar comments daal chuki hun par pata nahi kyon post nahi ho pa raha hai.
poonam
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंsanjay ji,
जवाब देंहटाएंbahut hi achchi lagi jaankari.mujhe to iske baare mein pataa hi nahi tha.comment dene mein vilamb ke liye maafi chahati hun.
thankyou,
poonam.
Chhindwada ke bare mein batakar aapne upyogi jankari di hai
जवाब देंहटाएंबढ़िया,
जवाब देंहटाएंविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
@ शुक्रिया कुमार भाई
जवाब देंहटाएं@ शुक्रिया सलिल जी..
@ शुक्रिया सुमन जी..
@ शुक्रिया इन्द्रनील जी..
@ शुक्रिया सुरेन्द्र सिंह " झंझट " जी..
@ शुक्रिया अनुपमा पाठक जी..
@ शुक्रिया विद्या जी..
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं...!
@ शुक्रिया विरेन्द्र सिंह चौहान जी..
जवाब देंहटाएं@ शुक्रिया अरविन्द जांगिड जी..
@ शुक्रिया ऋता शेखर 'मधु' जी..
@ शुक्रिया अमित सेंदाने भाई
@ शुक्रिया क्षमा जी..
@ शुक्रिया संगीता स्वरुप जी
@ शुक्रिया तपशवनी आनंद जी
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
@ कुश्वंश जी
जवाब देंहटाएं...............शुक्रिया
@ सतीश सक्सेना जी..
..............शुक्रिया
@ एस विक्रम जी
............शुक्रिया
@ संजय मिश्र जी..
..........शुक्रिया
@ आशा जोगलेकर जी..
..........शुक्रिया
@ मनोज कुमार
..........शुक्रिया
@ जयकृष्ण राय तुषार जी..
..........शुक्रिया
@ देवेंदर शर्मा जी..
..........शुक्रिया
धन्यवाद, मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए
बढ़िया जानकारी ... धन्यवाद
जवाब देंहटाएंThanku Bhaskar bhaiya...
जवाब देंहटाएंapne hame nih-shulk is khubsurat se sangrhalay ki shair karai.
यह तो बहुत अच्छी जगह घुमाया आपने...
जवाब देंहटाएं'पाखी की दुनिया' में भी घूमने आयें..
Manoranjak evm gyanbardhak shair karate rahiye sanjayji.
जवाब देंहटाएंप्रिय संजय भाई सच में आप की कमी खल रही थी रिश्तेदारों के बीच जाकर उनसे दूर घुमते रह जाना सच में मन को थोडा बोझिल बनता है पर इसी समय में सब कुछ तो करना है ...सुखद रही यात्रा आप के द्वारा दी गयी इतनी सारी जानकारी श्री बादल भोई जनजातीय संग्रहालय के बारे में मिली मन खुश हुआ ...जय माता दी
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सुंदर कृति
भ्रमर ५
sanjayji mera bhi nanihal chhindwara me hai...is post ne meri bhi yaden taja kar di.....
जवाब देंहटाएंआपकी उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआपके नए पोस्ट का इंतज़ार रहेगा !
बहुत सुन्दर जानकारी .
जवाब देंहटाएंgyanvardhak jaankari..
जवाब देंहटाएंaap mere blog me aaye,apka abhar....
apko bhi deepawali ki agrim shubhkamnayen....
@ शुक्रिया प्रज्ञा जी
जवाब देंहटाएं...................शुक्रिया
@ अरविन्द जी
...................शुक्रिया
@ देवेन्द्र पाण्डेय जी
...................शुक्रिया
@ कविता जी
...................शुक्रिया
@ निवेदिता जी
...................शुक्रिया
@ डॉ आशुतोष जी
...................शुक्रिया
@ बबली जी
...................शुक्रिया
@ मृदुला प्रधान जी
...................शुक्रिया
शुक्रिया मौका मिले तो जरूर जाइएगा
आपको बहुत पसंद आएगा मुझे पूरी उम्मीद है
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
@ ज्योति मिश्र जी.
जवाब देंहटाएं..............शुक्रिया
@ पूनम जी
..............शुक्रिया
@ अमृता तन्मय जी
..............शुक्रिया
@ सुमन जी
..............शुक्रिया
@ निशा महाराणा जी
..............शुक्रिया
@ कविता जी
..............शुक्रिया
@ चन्द्र भूषण गाफिल जी
..............शुक्रिया
@ शरद कोकस जी
..............शुक्रिया
अवसर मिले तो जरूर छिंदवाडा जाइएगा .... आप सभी का बहुत बहुत आभार
आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
आपको धनतेरस और दीपावली की हार्दिक दिल से शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंMADHUR VAANI
MITRA-MADHUR
BINDAAS_BAATEN
acchi jankari.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआपको व आपके परिवार को दीपावली कि ढेरों शुभकामनायें
बहुत रोचक .....आपको भी दीपावली की हार्दिक मंगलकामनाएं !
जवाब देंहटाएंदीपावली की आपको हार्दिक शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंसंजय,
जवाब देंहटाएंआपके निंरतर मेरी रचनाओं को पड़ कर उन पर टिप्प्णी देने के लिये धन्यवाद. आपने संग्रहालय की बात करी तो सोचा आप के साथ जानकारी बांट लुँ, एक कलाकार मित्र ने हाल में ही झाबुआ और रायपुर के २ आदिवासी गांवों में स्थानिय निवासियॊं के साथ मिलकर अपनी कला और कलाक्रतियों के लिये स्वय़ं ही ऐसे सग्रहालय का निर्माण किया था!
www.negfire.org पर शायदा आपको इसकी रिपोर्ट मिले!
दीवाली की गालिय़ॊं के लिये शुक्रिया!
आप की रचना बड़ी अच्छी लगी और दिल को छु गई
जवाब देंहटाएंइतनी सुन्दर रचनाये मैं बड़ी देर से आया हु आपका ब्लॉग पे पहली बार आया हु तो अफ़सोस भी होता है की आपका ब्लॉग पहले क्यों नहीं मिला मुझे बस असे ही लिखते रहिये आपको बहुत बहुत शुभकामनाये
आप से निवेदन है की आप मेरे ब्लॉग का भी हिस्सा बने और अपने विचारो से अवगत करवाए
धन्यवाद्
दिनेश पारीक
http://dineshpareek19.blogspot.com/
http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/
आप की रचना बड़ी अच्छी लगी और दिल को छु गई
जवाब देंहटाएंइतनी सुन्दर रचनाये मैं बड़ी देर से आया हु आपका ब्लॉग पे पहली बार आया हु तो अफ़सोस भी होता है की आपका ब्लॉग पहले क्यों नहीं मिला मुझे बस असे ही लिखते रहिये आपको बहुत बहुत शुभकामनाये
आप से निवेदन है की आप मेरे ब्लॉग का भी हिस्सा बने और अपने विचारो से अवगत करवाए
धन्यवाद्
दिनेश पारीक
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vah ... bhaskar ji ....bhaut upyogi sarthak pravishti pr abhar.
जवाब देंहटाएंROFL could this be your pic? http://j.mp/zY4PBz?=z1qhG2z
जवाब देंहटाएंनव वर्ष मंगलमय हो आपको संजय जी
जवाब देंहटाएंइस संग्रहालय की जानकारी नहीं थी. शुक्रिया.
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