14 सितंबर 2010

क्यूँ बुझ रहा है... ये मन..........!!!!!

 क्यूँ बुझ रहा है
मन
क्यों उड़ रहा है
मन
चैन भी नहीं है
उमंग भी नहीं
दूर भी नहीं है
संग भी नहीं
ये मन
आज क्यूँ बुझ रहा है
मन
ना अपना सा लगता है
ना पराया सा
शांत भी नहीं
ना घबराया सा
ये मन
क्यों बुझ सा रहा है...
अजीब से सवाल हैं
इनके जवाब नहीं
क्या खोया क्या पाया
कुछ तो हिसाब नहीं
ये मन
पंछी उदासा सा
बादल प्यासा सा
रोशनी को मोहताज
बेचारा तमाशा सा
ये मन
मेरा मन......

-मलखान सिंह आमीन

44 टिप्‍पणियां:

  1. पंछी उदास सा
    बादल प्यासा सा
    रोशनी को मोहताज
    बेचारा तमाशा सा
    ये मन
    मेरा मन......
    ... यूँ ही तो मन उदास नहीं होता ....मन की उदासी को बखूबी प्रस्तुत करने ले लिए धन्यवाद....
    गणेशोत्सव और हिंदी दिवस की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ

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  2. क्यों बुझ सा रहा है...
    अजीब से सवाल हैं
    इनके जवाब नहीं
    क्या खोया क्या पाया
    कुछ तो हिसाब नहीं
    ये मन
    इन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....

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  3. मन
    ना अपना सा लगता है
    ना पराया सा
    ...achhi rachna.

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  4. हिंदी दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएँ

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  5. दिल के सुंदर एहसास
    हमेशा की तरह आपकी रचना जानदार और शानदार है।

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  6. बेनामी9/14/2010

    aksar hi mann udaas ho jaata hai...
    kya karein....
    kuch kar bhi nahi sakte na.....
    kar sakte hain to bas intzaar....
    bahut achhi rachna.....

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  7. सुंदर रचना के लिए साधुवाद

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  8. आज के लामाने में मन से और उम्मीद भी क्या होगी यूँ ही परेशान हैरान और बेचैन ही रहेगा आखिर उसकी हालत के जिम्मेदार भी तो हम ही हैं

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  9. मन की कितनी आशायें, असमर्थ जीवन।

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  10. kamaal karte ho yaar kamaal likhte ho yaar.........
    shubhkaamnayein

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  11. बहुत खूब लिखा है |बधाई
    आशा

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  12. दिल की कशमकश को अच्छे शब्द दिये हैं शुभकामनायें।

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  13. Baichan man ke bhavon ka sundar shabdchitra ....Dhanywaad.
    http://anushkajoshi.blogspot.com/

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  14. मन
    ना अपना सा लगता है
    ना पराया सा
    शांत भी नहीं
    ना घबराया सा
    ये मन
    सुन्दर रचना

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  15. bahut sundar kavita hyi he,
    man ko chhu gayi

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  16. आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत
    धन्यवाद, मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए

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  17. सब कुछ कह कर भी कभी कभी खुल कर कह नही पाता मन ... बहुत सुंदर रचना है ...

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  18. बहुत सुन्दर शब्द चुने आपने कविताओं के लिए..
    आप तक बहुत दिनों के बाद आ सका हूँ, क्षमा चाहूँगा,
    हिंदी दिवस की बहुत शुभकामनाएँ

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  19. बहुत सुंदर और उत्तम भाव लिए हुए.... खूबसूरत रचना......

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  20. पंछी उदासा सा
    बादल प्यासा सा
    रोशनी को मोहताज
    बेचारा तमाशा सा
    ये मन
    मेरा मन......
    एक बेहतरीन अश`आर के साथ पुन: आगमन पर आपका हार्दिक स्वागत है.

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  21. एक बेहतरीन रचना!!


    हिन्दी के प्रचार, प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है. हिन्दी दिवस पर आपका हार्दिक अभिनन्दन एवं साधुवाद!!

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  22. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...........

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  23. अजीब से सवाल हैं
    इनके जवाब नहीं
    क्या खोया क्या पाया
    कुछ तो हिसाब नहीं..
    बहुत सुन्दर पंक्तियाँ! मन की उदासी को आपने बहुत सुन्दरता से प्रस्तुत किया है! उम्दा रचना!

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  24. बहुत दर्दभरी और खूबसूरत रचना है ! शुभकामनाएं !

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  25. कोई लाइलाज अलालत है ......

    डॉ को दिखाया .......?

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  26. पंछी उदासा सा
    बादल प्यासा सा
    रोशनी को मोहताज
    बेचारा तमाशा सा
    ये मन
    मेरा मन....

    सुंदर प्रस्तुति... पंक्तियों ने छू लिया...

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  27. Aamin ji shubhkamnayen...
    bahut hi acchi rachna hai.aisi rachna tabhi nirmit hoti hai jab ek pookar hriday se uthti hai.Sanjay ji aabhar is sundar aur samwedanshil geet ko samne lane ke liye.

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  28. maine pehle bhi is blog-post par comment kar di thi.
    lekin, ab wo comment kahin dikhaai nahi de rahi.?????
    chakkar kyaa hain?????
    kyaa aapne meri comment ko delete kar diyaa hain?????
    (please reply to my email (CHANDERKSONI@YAHOO.COM), because it is not possible to return here again and again.)
    thanks.
    WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM

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  29. बहुत सुन्दर रचना...बधाई.


    _____________________________
    'पाखी की दुनिया' - बच्चों के ब्लॉगस की चर्चा 'हिंदुस्तान' अख़बार में भी.

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  30. पंछी उदासा सा
    बादल प्यासा सा
    रोशनी को मोहताज
    बेचारा तमाशा सा
    ये मन
    मेरा मन......
    ....बहुत सुंदर पंक्तियां!

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  31. पंछी उदासा सा
    बादल प्यासा सा
    रोशनी को मोहताज
    बेचारा तमाशा सा
    ये मन
    मेरा मन..

    बहुत सुंदर रचना...बधाई

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  32. बहुत सुंदर और उत्तम भाव लिए हुए.... खूबसूरत रचना.....

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  33. मन को छू लेने वाली कविता लिखी है आपने। बधाई।

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  34. आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत
    धन्यवाद, मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए

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  35. Yes, sometime u really dont know what is happening...life just passes by..

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  36. obahut khub pad kar man khush ho gaya hai

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  37. अजीब से सवाल हैं
    इनके जवाब नहीं
    क्या खोया क्या पाया
    कुछ तो हिसाब नहीं..
    बहुत सुन्दर पंक्तियाँ..........

    जवाब देंहटाएं

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- संजय भास्कर