02 अगस्त 2014

विषम परिस्थितियों में छाप छोड़ता लेखन -- कविता रावत :)

ब्लॉगजगत में कविता रावत जी एक जाना पहचाना नाम है ( कविता रावत -- भोपाल गैस त्रासदी की मार झेलने वाले हजारों में से एक हूँ. ऐसी विषम परिस्थितियों में मेरे अंदर उमड़ी संवेदना से लेखन की शुरुआत हुई कविता जी की ) कविता जी के लेखन की जितनी भी तारीफ की जाए कम है....हमेशा ही संवेदन शील विषय पर हर शब्‍द दिल को छूकर गुज़र जाता है हमेशा ही नया और छाप छोड़ता हुआ हर आलेख विषय चाहे कोई भी हो शब्द बनते चले जाते है हर शब्द हमेशा ही दिल को छूकर गुजरता है और हमेशा ही उनकी पोस्ट से एक नई प्रेरणा मिलती है...!!


आज सुबह जैसे ही ब्लॉग पढ़ने बैठा एक पुराने लिंक से कविता जी की एक पुरानी रचना पढ़ने को मिली ( घर को तेरा इन्तजार है
घर सारा बीमार है !! )
जो दोबारा पढ़ने पर बहुत ही मर्मस्पर्शी लगी कविता रावत जी के लिखने का अंदाज ही ऐसा है कि पाठक अपने आप ही उनके ब्लॉग पर खिंचा चला आता है उनके लेखन ने हमेशा ही ब्लॉगजगत को प्रभावित किया है और उनके अपार स्नेह के कारण ही कविता जी के बारे में लिख रहा हूँ ......!!

कविता जी की एक पुरानी रचना ( घर को तेरा इन्तजार है घर सारा बीमार है ) कुछ पंक्तिया साँझा कर रह हूँ.........!!
एक बार आकर देख जा बेटे
घर को तेरा इन्तजार है
घर सारा बीमार है.

बाप के तेरे खांस-खांस कर
हुआ बुरा हाल है
छूटी लाठी, पकड़ी खटिया
बिन इलाज़ बेहाल है
तेरे नाम के रटन लगी
जान जर्जर सूखी डार है
घर सारा बीमार है.
भाई तेरा रोज दुकान पर खटता
देर रात नशे में धुत लौटता
उस पर किसी का जोर न चलता
नशे में भूला घर परिवार है
घर सारा बीमार है

यह निशानी पुरखों के घर की
वह भी अपनी नियति पर रोती है!
झर-झर कर कंकाल बन बैठी
जाने कब तक साथ निभाती है?
खंडहर हो रही हैं जिंदगियां
कहने भर को बचा यह संसार है
घर सारा बीमार है...!

कविता जी की लेखनी से प्रभावित होकर ही कविता जी के बारे में लिख रहा हूँ पर शायद किसी के बारे में लिखना मेरे लिए बड़ी उपलब्धि है.........!!

सुंदर लेखन के लिए कविता दीदी को मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ....!!

(C) संजय भास्कर

41 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

वाह संजय जी। बहुत खूब। सत्य कह रहे हैं आप। कविता रावत जी की कलम बेहद उम्दा है।

nayee dunia ने कहा…

sahi kaha kavita ji ki lekhni kamal ki hai ...

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

कविता जी एक संवेदनशील कवयित्री हैं।
‘पुरखों के घर’ का दर्द मर्म को स्पर्श करता है।
रचना साझा करने के लिए आभार संजय जी।

संध्या शर्मा ने कहा…

सचमुच कविताजी का लेखन लाज़वाब है … रचना साझा करने के लिए शुक्रिया

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

कविता जी को उनके ब्लॉग पर पढ़ते रहते हैं। … उनकी अभिव्यक्ति प्रभावित करती है ।

निवेदिता श्रीवास्तव ने कहा…

प्रभावित करती अभिव्यक्ति ......

Anita ने कहा…

कविता रावत जी को पढ़कर ऐसा ही लगा है..शुभकामनायें !

Unknown ने कहा…

कविता जी की लेखनी तो है ही बढ़िया लेकिन अपने भी उनके बारे में बहुत अच्छा लिखा है भास्कर जी

दिगम्बर नासवा ने कहा…

कविता जी के ये संवेदनशील रचना मन को छूती है ... सच के एहसास से परिचय कराती है ... आपका आभार संजय जी इस रचना को पढवाने का ...

BLOGPRAHARI ने कहा…

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सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

कविता जी सच में बहुत अच्छी कलमकार हैं । उनके बारे आपकी पोस्ट बहुत अच्छी लगी ।

प्रभात ने कहा…

आपने बिलकुल सटीक लिखा है आपके बारे में..... कविता पढ़ कर ही कविता जी के बारे में बहुत कुछ गहराईयाँ लेखन में दिख जाती है..... साभार!

Dr Kiran Mishra ने कहा…

शब्दों से विचारो की अभिवक्ति तो सभी करते है पर कुछ के शब्द बोलते है कुछ के गहरे से असर करते है कुछ के शब्द समाज बदलते है कविता जी उनमे से एक है

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

कविता जी सच में बहुत अच्छी लेखिका हैं । उनके बारे आपकी पोस्ट पर पढ़ बहुत अच्छा लगा

Writefully Yours ने कहा…

Itni umda kavita hum sab ke sath sajha karne ke kiye dhanyavaad...kavita ji ke baare mein jankar achcha laga

Kunwar Kusumesh ने कहा…

उम्दा

Kunwar Kusumesh ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

मर्म को छू गई ,बहुत सुन्दर रचना |

Kailash Sharma ने कहा…

कविता जी के उत्कृष्ट लेखन से पहले से ही परिचित हूँ...बहुत कमाल का लिखती हैं...

Asha Lata Saxena ने कहा…

कविता जी का लेखन सदा प्रभावित करता है |

Satish Saxena ने कहा…

कविता जी की सुंदर कलम को मंगलकामनाएं !

राहुल ने कहा…

sahi kaha aapne........kavitaji acchha likhti hain....

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ ने कहा…

बहुत ख़ूब!

Amrit Sinha ने कहा…

Very beautiful :-)

Himkar Shyam ने कहा…

वाकई में तारीफ के काबिल है कविता जी का लेखन. इस सुंदर प्रस्तुति के लिए आपको धन्यवाद!

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

कविता जी का लेखन प्रभावशाली है और इस कविता के प्रस्तुतीकरण की भूमिका भी तदनुरूप है.

राजीव कुमार झा ने कहा…

बहुत सुंदर प्रस्तुति.
नई पोस्ट : आमि अपराजिता.....

सदा ने कहा…

आपने बिल्‍कुल सच कहा कविता जी के बारे में .... उनकी रचना को पढ़वाने का शुक्रिया
....

Jyoti khare ने कहा…

कविता जी को समर्पित उत्कृष्ट पोस्ट
सुन्दर और सार्थक संयोजन
बधाई

Asha Joglekar ने कहा…

बहुत मर्मस्पर्शी कविता। कविता जी को इतने भावपूर्ण लेखन के लिये बधाई।

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' ने कहा…

बेहद उम्दा और बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको बहुत बहुत बधाई...
नयी पोस्ट@जब भी सोचूँ अच्छा सोचूँ
रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनायें....

शिवनाथ कुमार ने कहा…

बहुत ही अच्छा लिखा है संजय जी आपने एक संवेदनशील कवयित्री के विषय में !
उनकी रचनाएँ प्रभावकारी होती ही हैं !
साभार !

Ankur Jain ने कहा…

कविता जी की रचनाओं का मैं भी प्रशंसक हूँ..वैसे भी ये भी मेरे शहर भोपाल की हैं तो लगाव कुछ ज्यादा ही है।।

Naveen Mani Tripathi ने कहा…

कविता जी रचनाएँ बहुत प्रभावशाली होती हैं । आभार भास्कर जी।

virendra sharma ने कहा…

अपने समय का सत्य रही होगी ये कविता अब परिवेश बदला है परिवर्तन की आश्वस्त करती बयार है। यौमे आज़ादी मुबारक।

Kavita Rawat ने कहा…

हतप्रभ हूँ संजय भैया जी ..मुझे अफ़सोस है मैं बहुत देर से आयी ..आपने मेरे बारे में लिखा बहुत ख़ुशी हुयी .. ब्लोग्गर्स साथियों द्वारा भी टीप की गयी है जिसे पढ़कर अच्छा लगा .. यह सब आप लोगों का ही स्नेह है की मैं कुछ लिख पाती हूँ वर्ना घर परिवार और दफ्तर की भागमभाग में लिंखने की ऊर्जा कहाँ मिलती ...
पुनः आभार है आपका
स्नेह

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

कविता रावत जी को पढ़ा है, बहुत उम्दा लिखती हैं. कविता जी की बेहद मर्मस्पर्शी कविता को आपने यहाँ साझा किया है, धन्यवाद. कविता जी को बधाई.

Sneha Rahul Choudhary ने कहा…

Marmsparshi

राज चौहान ने कहा…

आपने बिलकुल सटीक लिखा है आपके बारे में

Unknown ने कहा…

कविता जी से परिचित करवाने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद संजय जी...,
मन को छू गयी उनकी ये कविता

Unknown ने कहा…

बिल्‍कुल सच कहा कविता जी के बारे में