उसकी दुआ तुझ पे फलती नहीं तो क्या हुआ
वक्त के साथ घडी चलती नहीं तो क्या हुआ !!
बाजुओ में तेरे ताकत आज भी है बहुत
रहम की भीख तुझे नहीं मिलती तो क्या हुआ !!
पेट की आग तो वो भी बुझा लेते है
अब चूल्हे में लकड़ी जलती नहीं तो क्या हुआ !!
कूद जाते है फल खुद ही दरख्त से
डाली अब नरमी से झुकती नहीं तो क्या हुआ !!
तर जाते है सागर भी हिम्मत वाले
पहुचने की कश्ती नहीं मिलती तो क्या हुआ !!
उस रब की इबादत पे भरोसा रख तू
अब के किस्मत तेरी चमकी नहीं तो क्या हुआ !!
*********************************************************************************
आदरणीय राजेश कुमारी ब्लॉगजगत की जानी मानी शक्सियत है
जिन्हें ब्लॉगजगत में -- हिंदी कविताये आपके विचार -- ब्लॉग के माध्यम से जाना जाता है और चर्चा मंच की एक उम्दा चर्चाकार है !
ब्लॉग के माध्यम से तो राजेश कुमारी जी बहुत समय से पढता आ रहा हूँ पर मेरी मुलाकात राजेश कुमारी जी से परिकल्पना समारोह में लखनऊ में हुई वहाँ से लौटने के बात उनकी कविता संग्रह ( ह्रदय के उदगार ) को पढने का मुका मिला .......... उसी से जुड़े कुछ विचार आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ !
राजेश कुमारी जी का ब्लागर बनने का सफ़र --
नेट पर सर्च करते करते ब्लोगिंग का पता चला और ब्लॉग शुरू कर दिया पर वास्तविकता कुछ और है बहुत रोचक घटना है मेरी ब्लोगिंग के पीछे बहुत दिनों से आप सब से शेयर करना चाहती थी सो आज आज सोचा कुछ अलग लिखूं |
ब्लोगर से पहले मैं ओर्कुटर थी ऑरकुट एक फेस बुक की तरह की वेब साईट शायद अधिकतर लोग जानते होंगे ,खूब मजे से ओर्कुटियाते थे एक से बढ़कर एक चित्र चिपकाते थे ,लोग टिपियाते थे|एक बार मेरे एक ऑरकुट मित्र मुकन्दा/आक्रोशित मन (आजकल कवी विद्रोही रवि भी लिखते हैं)ने एक फोटो पोस्ट की भैंस पर खड़ा हुआ लड़का ,फिर क्या था टिप्पणियों की बौछार हो गई|मुझे भी उस चित्र ने आकर्षित किया जैसे ही मैं टिपण्णी करने लगी तो मुझे सबसे ऊपर एक टिपण्णी दिखाई दी जो किसी दीनदयाल शर्मा जी की थी लिखा था ---फोटो मेरा और वाह वाही पाओ तुम कम से कम मेरा नाम तो लिख दिया होता पहले तो मैंने सोचा शायद भैंस के ऊपर जो लड़का है उसका कमेन्ट है किन्तु अगली टिपण्णी में बात साफ़ हो गई जिसमे लिखा था फोटो खींचूँ मैं और टिप्पणियाँ बटोरो तुम ---सच मानिए ये टिप्पणी का मजेदार सिलसिला काफी लम्बा चला फिर मैंने उत्सुकता वश दीनदयाल जी की प्रोफाइल को खोलकर देखा वहां उनके ब्लॉग का लिंक पाया दीनदयाल शर्मा उसपर क्लिक किया तो देखा वो एक बहुत जाने माने राष्ट्रपतिके हाथों से सम्मानित एक बाल साहित्यकार हैं उनकी बहुत सी बुक प्रकाशित हो चुकी हैं |बस वहां से आइडिया मिला और अपना ब्लॉग क्रियेट किया ,इस तरह मेरे ब्लॉग का जन्म हुआ !
.........................मेरी और से राजेश कुमारी जी को काव्य - संग्रह " ह्रदय के उदगार " के लिए हार्दिक बधाई और ढेरो शुभकामनायें ।
वक्त के साथ घडी चलती नहीं तो क्या हुआ !!
बाजुओ में तेरे ताकत आज भी है बहुत
रहम की भीख तुझे नहीं मिलती तो क्या हुआ !!
पेट की आग तो वो भी बुझा लेते है
अब चूल्हे में लकड़ी जलती नहीं तो क्या हुआ !!
कूद जाते है फल खुद ही दरख्त से
डाली अब नरमी से झुकती नहीं तो क्या हुआ !!
तर जाते है सागर भी हिम्मत वाले
पहुचने की कश्ती नहीं मिलती तो क्या हुआ !!
उस रब की इबादत पे भरोसा रख तू
अब के किस्मत तेरी चमकी नहीं तो क्या हुआ !!
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आदरणीय राजेश कुमारी ब्लॉगजगत की जानी मानी शक्सियत है
जिन्हें ब्लॉगजगत में -- हिंदी कविताये आपके विचार -- ब्लॉग के माध्यम से जाना जाता है और चर्चा मंच की एक उम्दा चर्चाकार है !
ब्लॉग के माध्यम से तो राजेश कुमारी जी बहुत समय से पढता आ रहा हूँ पर मेरी मुलाकात राजेश कुमारी जी से परिकल्पना समारोह में लखनऊ में हुई वहाँ से लौटने के बात उनकी कविता संग्रह ( ह्रदय के उदगार ) को पढने का मुका मिला .......... उसी से जुड़े कुछ विचार आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ !
राजेश कुमारी जी का ब्लागर बनने का सफ़र --
नेट पर सर्च करते करते ब्लोगिंग का पता चला और ब्लॉग शुरू कर दिया पर वास्तविकता कुछ और है बहुत रोचक घटना है मेरी ब्लोगिंग के पीछे बहुत दिनों से आप सब से शेयर करना चाहती थी सो आज आज सोचा कुछ अलग लिखूं |
ब्लोगर से पहले मैं ओर्कुटर थी ऑरकुट एक फेस बुक की तरह की वेब साईट शायद अधिकतर लोग जानते होंगे ,खूब मजे से ओर्कुटियाते थे एक से बढ़कर एक चित्र चिपकाते थे ,लोग टिपियाते थे|एक बार मेरे एक ऑरकुट मित्र मुकन्दा/आक्रोशित मन (आजकल कवी विद्रोही रवि भी लिखते हैं)ने एक फोटो पोस्ट की भैंस पर खड़ा हुआ लड़का ,फिर क्या था टिप्पणियों की बौछार हो गई|मुझे भी उस चित्र ने आकर्षित किया जैसे ही मैं टिपण्णी करने लगी तो मुझे सबसे ऊपर एक टिपण्णी दिखाई दी जो किसी दीनदयाल शर्मा जी की थी लिखा था ---फोटो मेरा और वाह वाही पाओ तुम कम से कम मेरा नाम तो लिख दिया होता पहले तो मैंने सोचा शायद भैंस के ऊपर जो लड़का है उसका कमेन्ट है किन्तु अगली टिपण्णी में बात साफ़ हो गई जिसमे लिखा था फोटो खींचूँ मैं और टिप्पणियाँ बटोरो तुम ---सच मानिए ये टिप्पणी का मजेदार सिलसिला काफी लम्बा चला फिर मैंने उत्सुकता वश दीनदयाल जी की प्रोफाइल को खोलकर देखा वहां उनके ब्लॉग का लिंक पाया दीनदयाल शर्मा उसपर क्लिक किया तो देखा वो एक बहुत जाने माने राष्ट्रपतिके हाथों से सम्मानित एक बाल साहित्यकार हैं उनकी बहुत सी बुक प्रकाशित हो चुकी हैं |बस वहां से आइडिया मिला और अपना ब्लॉग क्रियेट किया ,इस तरह मेरे ब्लॉग का जन्म हुआ !
.........................मेरी और से राजेश कुमारी जी को काव्य - संग्रह " ह्रदय के उदगार " के लिए हार्दिक बधाई और ढेरो शुभकामनायें ।
पुस्तक का नाम – ह्रदय के उदगार
रचना कार -- राजेश कुमारी
पुस्तक का मूल्य – 299/
आई एस बी एन – 978-93-82009-20-7
प्रकाशक - ज्योतिपर्व प्रकाशन 99,ज्ञान खंड -3 इंदिरापुरम गाजियाबाद -201012
@ संजय भास्कर
@ संजय भास्कर
33 टिप्पणियां:
राजेश कुमारी जी से ब्लॉग पर तो हम परिचित थे ही उनकी पुस्तक अब तक नहीं पढ़ी थी......उसका परिचय करने के लिए शुक्रिया:)
बहुत ही उम्दा गजल है
राजेश कुमारी जी को पुस्तक के प्रकाशन के लिए बहुत बहुत बधाई ......आपकी समीक्षा बहुत सुन्दर है .....बधाई
राजेश कुमारी जी को काव्य - संग्रह " ह्रदय के उदगार " के लिए हार्दिक बधाई और ढेरो शुभकामनायें ।
आदरेया राजेश कुमारी जी को हार्दिक बधाई, संजय भाई पुस्तक से रूबरू करवाने हेतु आपको अनेक-2 धन्यवाद.
राजेश जी को काव्य संग्रह के लिए हार्दिक शुभकामनाएं !
आप्केमाध्य्म से राजकुमारी जी के बारे में और उनकी पुस्तक के बारे में जानकारी मिली |राजकुमारी जी को पुस्तक के लिए हार्दिक बधाई |आपकी लेखन प्रणाली बहुत अच्छी और सहज सरल है |
आशा
ढेरों शुभकामनायें..
बहुत ही अच्छी समीक्षा की है आपने ... राजेश कुमारी जी को बहुत-बहुत बधाई पुस्तक के प्रकाशन पर ...
बहुत बधाई
बहुत उम्दा गजल,
राजेश कुमारी जी के काव्य संग्रह"ह्रदय के उदगार" की समीक्षा के लिलिए हार्दिक बधाई और ढेरो शुभकामनायें ।
recent post...: अपने साये में जीने दो.
उत्कृष्ट प्रस्तुति |
बधाई स्वीकारें ||
सही कहा राजेश जी के बारे में इतनी जानकारी नही थी
राजेश जी को काव्य संग्रह हेतु..
बहुत -बहुत शुभकामनाएँ..:-)
संजय जी आपको भी शुभकामनाएँ...:-)
राजेश कुमारी के बारे में जानकारी साँझा करने के लिए संजय जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद
गज़ल तो बेहद अच्छी लगी :)
खूबसूरत समीक्षा
उत्कृष्ट प्रस्तुति उम्दा गजल
thanku sangay bhai ,..bahut pyari rachana.
सुन्दर रचना ....पुएतक ह्रदय के उद्गार के लिए बधाई
bhetreen gazal
खूबसूरत उद्गार हैं .
राजेश कुमारी जी को पुस्तक प्रकाशन के लिए बधाई.
अच्छा लिखा है.
प्रिय संजय भास्कर आज आपने बहुत अच्छा सरप्राइज दिया आज चर्चामंच भी किसी कारण वश देर से खोला और इस समीक्षा का लिंक उसमे देखा बहुत अच्छा लिखा है आपने। हार्दिक धन्यवादआप सभी की बधाई मुझ तक पहुच गई आप जो भी मेरा ब्लोगर मित्र देहरादून आये मुझसे जरूर मिले अपने हाथों से अपनी पुस्तक ह्रदय के उद्दगार भेंट में दूँगी एक बार फिर से आभार
हृदय के उद्गार" के लिए राजेश जी को बधाई |
और इतनी उम्दा समीक्षा के लिए आपको बधाई |
मेरी नई पोस्ट-गुमशुदा
आभार |
Bahut dinon baad aapke blog pe aayi hun...padhungi baad me...anek shubh kamnayen.
To kya hua..
Bahut hi accha laga..
Rajesh jee se main bhi Lucknow me mila tha.. achchha laga unke baare me padh kar...:)
shubhkamnayen...
राजेशकुमारी जी समर्थ रचनाकार हैं। उनकी कृति से परिचय कराने के लिए आभार।
राजेशकुमारी जी को शतशः शुभकामनाएं।
राजेश कुमारी जी से उनके ब्लॉग के द्वारा परिचय पहले से ही है। बहुत सुंदर समीक्षा। शुभकामनायें!
bahut sunder lagi gazal...shubhkamnayen.
ब्लॉग जगत में तो जाना पहचाना नाम हैं ही वो .. अब इस प्रकाशन पे उनको दुगनी बधाई ...
कल 14/12/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर (कुलदीप सिंह ठाकुर की प्रस्तुति में ) लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
धन्यवाद!
बाजुओ में तेरे ताकत आज भी है बहुत
रहम की भीख तुझे नहीं मिलती तो क्या हुआ !!
बहुत ही प्रेरक रचना
आदरणीय राजेश जी को बहुत बहुत बधाई
बढ़िया प्रस्तुति ...बधाई हो ..आप भी पधारो स्वागत है ,....मेरा पता है
http://pankajkrsah.blogspot.com
achchi ghazal hai
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