24 जून 2012

........मैं लिखता हूँ--संजय भास्कर



इस भाग दौड़ भरी दुनिया में
जब भी समय मिलता है
मैं लिखता हूँ ।
जब समय नहीं कटता मेरा
समय काटने के लिए
मैं लिखता हूँ ।
जब भी लिखता हूँ,
बहुत ध्यान और
शांत मन से लिखता हूँ ,
लिखने से पहले
अपने मन को भेजता हूँ ,
उन गलियारों में
जहाँ से मेरा मन
शब्द इकठ्ठा करता है ,
जिसे मैं कलम के जरिये

अपनी डायरी में सजा सकूं ,
और दुनिया के सामने
अपने मन की बातें 
कह सकूं
कुछ अपने दिल की
सुना सकूँ.... !
आप सबको
अपने शब्‍द संसार से
परिचित करा
सकूँ.............!!

( चित्र गूगल से साभार  )

@ संजय भास्कर  

80 टिप्‍पणियां:

kunwarji's ने कहा…

wah sanjay bhai....
likhte rahe kisi bhi karan se... likhte raho... parichaya paane ke liye ham bhi utsuk hai...

kunwar ji

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

समय मिलने पर जरूर लिखना चाहिए,,,,
मनोभाव का सुंदर सम्प्रेषण,,,,,

RECENT POST,,,,,काव्यान्जलि ...: आश्वासन,,,,,

kunwarji's ने कहा…

man ke bhavo ko shabo me baandhna ek bahut hi mushkil kaam hota h
or aap use bde aaram se muskurate huye krate ja rahe ho....
achchha lagta h...

kunwar ji...

Ramakant Singh ने कहा…

सहज सरल मनोभावों कि अभिव्यक्ति के मालिक हैं , सुन्दर कहने का ढ़ंग .....

Dinesh pareek ने कहा…

बहुत ही सुन्दर भाव है संजय जी बस आशा करते है की बस आप लिखते रहिये उही
मेरी नई कविता -
मुझे लडकी बना दे
पर अपनी नज़र जरुर डाले

Mridula Ujjwal ने कहा…

padhwate rahiye shabdon ke galiyaaron ki baatein....sunder kehan

abhaar
naaz di

Rajesh Kumari ने कहा…

bahut sundar prastuti...man ke bhaav jab bhi baahar nikalne ke liye chhatpataayen turant kalam utha leni chahiye.

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

लिखते रहिये अपने मन कि बाते
सांझा किजीये...आपके शब्द संसार से
हम भी परिचित होते रहेंगे...
मनोभावो को व्यक्त करती सुंदर रचना....
:-)

Anjani Kumar ने कहा…

लेखन के लिये आपको प्रेरित करने वाले भाव प्रशंसनीय हैं.....बस लिखते रहें इसी तरह

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) ने कहा…

लिखना हरदम चाहिये,चुन चुन सुघड़ विचार
सतत चले जब लेखनी, बढ़े कलम की धार
बढ़े कलम की धार , यही नवयुग है लाती
यही सम्हाले रहती है , हर युग की थाती
किंतु जरूरी तत्व, लेख में सच का दिखना
चुन चुन सुघड़ विचार,चाहिये हरदम दिखना ||

musafir ने कहा…

shabdon ke madhyam se bhavnaon ki abhivyakti ek sunder prakriya hai .......... waise jaise ek painter painting karta hai .......... jaise ek moortikar moorti banata hai....

Asha Lata Saxena ने कहा…

बहुत सरल और सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए हार्दिक शुभकामनाएं |जो शांत चित्त से लिखता है बही सफल होता है |
आशा

Dr. Madhuri Lata Pandey (इला) ने कहा…

saral sachhi abhivyakti...badhai

अरुन अनन्त ने कहा…

बेहद खुबसूरत संजय जी

अजय कुमार झा ने कहा…

वाह आप लिखते हैं और लिखने से पहले लेखक के मनोभावों को बेहतरीन रूप से उकेरा आपने । बहुत खूब लिखते रहिए यूं ही ।

ऋता शेखर 'मधु' ने कहा…

बहुत सहज, सरल और सुंदर है आपके शब्दों का संसार...सदा लिखते रहें...शुभकामनाएँ !!

Sneha Rahul Choudhary ने कहा…

aapki rachnaao me jo sarasta aur sahajta hai woh mujhe bahut pasand hai kyunki isi ke kaaran aapki rachna sejudaav mehsoos hota hai. hamesha ki tarah ek bahut hi behtareen rachna...!!!

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

संजय जी,

बहुत ही सुन्दर भाव है

डॉ टी एस दराल ने कहा…

सुन्दर मनोभाव .
लेखन से सोच भी निखरती है .

Coral ने कहा…

सच मे बहुत बार समय नही कटता करके मै भी लिखती हू ...खुशी गम सब का हिसाब रखती हू --- बहुत सुन्दर रचना !

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ ने कहा…

क्या बात है!!
आपकी यह ख़ूबसूरत प्रविष्टि कल दिनांक 25-06-2012 को सोमवारीय चर्चामंच-921 पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ

vandana gupta ने कहा…

मन के भावो का सुन्दर सम्प्रेक्षण्।

रचना दीक्षित ने कहा…

मन के भावों को किसी भी रूप में सम्प्रेषण किया जाय वह मन को शांति देता है.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

भाव जब भी मन में आयें जरूर लिख देना चाहिए ... शब्द बुन लेना चाहिए ...
सुन्दर लिखा है संजय जी ...

Anupama Tripathi ने कहा…

sahaj saral ..sundar abhivyakti ..

मुकेश पाण्डेय चन्दन ने कहा…

isi tarah samay nikalte rahna taki hame sundar kavitaye padhne milti rhe .

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

मन में घुमड़ते बादलों को बरसने की इच्छा होती है, इसलिये मैं लिखता हूँ..

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बस यूं ही लिखते रहें ...

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत ही सुंदर भावपूर्ण रचना, शुभकामनाएं.

रामराम.

Pawan Kumar ने कहा…

संजय जी
अपनी डायरी में सजा सकूं ,
और दुनिया के सामने
अपने मन की बातें
कह सकूं
कुछ अपने दिल की
सुना सकूँ.... !
आप सबको
अपने शब्‍द संसार से
परिचित करा सकूँ.............!!

अच्छी और नाज़ुक एहसासात से रची बसी रचना...
वास्तव में एक डाइरी से बेहतर कोई दोस्त हो ही नहीं सकता.....

Suresh kumar ने कहा…

जब भी लिखता हूँ,
बहुत ध्यान और
शांत मन से लिखता हूँ ,
लिखने से पहले
अपने मन को भेजता हूँ ,
लिखते रहिये संजय भाई बिलकुल शांत मन से हम भी पढ़ते रहेगें ........अच्छी -अच्छी रचनाएँ .............

अजय कुमार झा ने कहा…

आपके इस खूबसूरत पोस्ट का एक कतरा हमने सहेज लिया है साप्ताहिक महाबुलेटिन ,101 लिंक एक्सप्रेस के लिए , पाठक आपकी पोस्टों तक पहुंचें और आप उनकी पोस्टों तक , यही उद्देश्य है हमारा , उम्मीद है आपको निराशा नहीं होगी , टिप्पणी पर क्लिक करें और देखें

Arun sathi ने कहा…

bahut sundar ...man ki baat...

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

वाह क्या खूब लिखा हैं ....बहुत बढिया संजय

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

बहुत बढ़िया


सादर

संतोष त्रिवेदी ने कहा…

...पर लिखा क्या है भाई,यह तो बताओ !

विभूति" ने कहा…

jaise bhi likhte h bhaut hi khubsurat likhte hai aap....

विभूति" ने कहा…

jaise bhi likhte h bhaut hi khubsurat likhte hai aap....

M VERMA ने कहा…

वजह कोई भी हो आप लिखते रहें यूं ही ..
शुभकामनाएं

Anamikaghatak ने कहा…

apke lekhani ko meri dher sari shubhakamnaye

sourabh sharma ने कहा…

अच्छा लिखने की यही पहली शर्त है शांत मन, लिखने की प्रक्रिया की सुंदर काव्यात्मक अभिव्यक्ति

Unknown ने कहा…

likhte rahe bahut sundar ...

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

समय काटने के लिए लिखने वाला कवि नहीं होता. कविता को जीने वाला कवि होता है. इसलिए समय काटने के लिए लिख कर किसी पाठक का समय बरबाद न करो........ कविता को जीयो तो कोई बात बने.......

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

अच्छी अभिव्यक्ति!

कमल कुमार सिंह (नारद ) ने कहा…

सुन्दर संजय भाई

समय चक्र ने कहा…

बहुत बढ़िया रचना अभिव्यक्ति ...

राहुल ने कहा…

बहुत सुन्दर और सरल तरीके से लिखी गयी दिल की बातें......

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

बहुत अच्छा करते हैं जो लिखते हैं.....
हमसे सांझा करते रहिये बस........

शुभकामनाएं
अनु

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

अपनी डायरी में सजा सकूं ,
और दुनिया के सामने
अपने मन की बातें
कह सकूं
कुछ अपने दिल की
सुना सकूँ.... !


आपने बहुत सुन्दर शब्दों में अपनी बात कही है...भावनाओं का बहुत सुंदर चित्रण . ...बधाई.

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') ने कहा…

अच्छा ख़याल है...

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

aise hi man aur kalam ka taratamya bana rahe, aap likhte rahen...:)

सदा ने कहा…

वाह ... बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ...

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

मनोभाव का सुंदर सम्प्रेषण..... बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ..

Dr.Ashutosh Mishra "Ashu" ने कहा…

सुना सकूँ.... !
आप सबको
अपने शब्‍द संसार से
परिचित करा सकूँ.............!!aap isme hamesha hee safal rahe hai...behad sadgi se behtarin baat

बेनामी ने कहा…

aap bahut hi shandar likhte hain bhai

डॉ. दिलबागसिंह विर्क ने कहा…

सुन्दर .................

Bharat Bhushan ने कहा…

आप कहते हैं प्यार से, हम शौक से सुनते हैं.

Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…

संजय भाई और सरल हों मन गुलाब सा प्रफुल्लित हो सीपी से और मोती निकलें और हम सब धन्य हों ..
सुन्दर आप के मन की /....
भ्रमर ५

Anita ने कहा…

बहुत सुंदर कविता बन पड़ी है...सीधी सच्ची बात !

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना ..मन को प्रभावित करती सुंदर अभिव्यक्ति..

smshindi By Sonu ने कहा…

बहुत सुंदर कविता .अच्छी कविता के लिए बधाई |

smshindi By Sonu ने कहा…

बहुत सुंदर कविता .अच्छी कविता के लिए बधाई |

संध्या शर्मा ने कहा…

जब भी मन कहे इस शब्द संसार को सजाइए, कुछ अपने दिल की लिखिए...
सुन्दर प्रस्तुति

मन के - मनके ने कहा…

अपने मन को भेजता हूं
उन गलियारों में---
जहां मेरा मन शब्द ढूढता है---
बहुत सुंदर

amrendra "amar" ने कहा…

Sunder prastuti

mridula pradhan ने कहा…

bas likhte raha kijiye.....

Satish Saxena ने कहा…

अच्छी रचना संजय ...
बधाई !

Jyoti Mishra ने कहा…

loved this one...
the simple and pure reason behind writing :)

शिवनाथ कुमार ने कहा…

सही लिखा है आपने ...
लिखना जरुरी है, मन के अंदर उठते विचारों को रखना जरुरी है
बस ऐसे ही लिखते रहिये
सुंदर रचना
बधाई !!

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

लिखना स्वयं को अभिव्यक्त करना है, स्वयं को पहचानने की एक कोशिश है।
अच्छी पंक्तियां।

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

jindgi ke har mod par ya jo ham apne aas -paas dete hain kisi se kah nahi sakte use apni dil ki dairy me likh lena jyada behtar hai aur fir apni lekhni se use vykt krnaapne aap me ek vishhisht kala bhi .jo aapke andar bakhubi viddhmaan hai.
yah aapki anmol dharohar haijise sabhaal kar likhte rahiye ----yun hi sada---- nirantar
poonam

रमा शर्मा, जापान ने कहा…

बहुत सुंदर .....जब भी आप के ब्लॉग पर आई ....बहुत कुछ सीखने को मिला ....

Minoo Bhagia ने कहा…

sach hai sanjay , likhna mujhe bhi bahut achha lagta hai

shalini rastogi ने कहा…

बस ऐसे ही अपने मनोभावों को शब्दों में पिरोते रहिए........ हमेशा लिखते रहिए... शुभकामनाएँ!

prritiy----sneh ने कहा…

waah kya khoob likha hai, sach hai likhne ke liye ye sab karna hi padta hai.
shubhkamnayen

Asha Joglekar ने कहा…

लिखते रहिये
पढाते रहिये ।

Nidhi ने कहा…

आप खूब लिखें इसके लिए...शुभकामनायें.

Rakesh Kumar ने कहा…

खूब लिखे,सार्थक लिखें.
हार्दिक शुभकामनाएँ आपको.

राज चौहान ने कहा…

सही लिखा है आपने ...

बस ऐसे ही लिखते रहिये

Unknown ने कहा…

bahut acha likhte hai aap