24 जनवरी 2011

टीवी पर ठगी का धंधा जोरों पर ........!

 
 
सिनेमा पर तो थोड़ी बहुत लगाम है पर विज्ञापनों के मामले में टीवी बेलगाम है। टीवी को विज्ञापन चाहिएं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि विज्ञापन कैसे हैं। अच्छे या बुरे। समाज के हित में या अहित में। टीवी के मामले में कोई ठोस पॉलिसी नहीं होने की वजह से ही जागो ग्राहक जागो जैसे अभियान के दर्शन आजकल दूरदर्शन पर हो रहे हैं।कभी कभी  टीवी पर समाचार सुनने या फिर नए-पुराने गीत सुनने के लिए आध घंटे का समय मिलता है तो  इस बीच कई चैनल बदलने पड़ते हैं। ज्यादातर चैनलों पर नजर सुरक्षा कवच, कुबेर कुंजी पैक, श्री धन लक्ष्मी यंत्र आदि के बारे में बताया जा रहा होता है। इनके कथित अनेकों लाभ गिनाए जा रहे होते हैं।पढ़ाई में जीरो एक लड़का इनका यंत्र पहनकर अचानक विश्वनाथन आंदन के समान बुद्धि पा जाता है। वह क्लास में प्रथम आता है।बिजनेस में घाटा रूक जाता है और अचानक करोड़ों का फायदा होने लगता है।एक खूबसूरत-सी लड़की की शादी नहीं हो रही होती तो यंत्र पहनकर अचानक उसकी शादी पक्की हो जाती है।बच्चों के चारों तरफ नजर सुरक्षा कवच बन जाता है, जैसा कि अर्जुन के चारों तरफ भगवान श्री कृष्ण जी ने बना दिया था।अचानक तरक्की मिलने लगती है। यंत्र पहनकर बेरोजगारों को रोजगार मिल जाता है। हा-हा।
इन कथित यंत्रों की कीमत सुनकर तो और भी अचंभा होता है। क्योंकि दस से तीस हजार तक इन्हें बेचा जा रहा है। कोई तो खरीदता ही होगा। यदि बिक नहीं रहे होते तो इतने लैंथी विज्ञापन नहीं बनाए जाते और ये कथित चमत्कारी यंत्र औने-पौने दामों में बिक रहे होते। एक बात यह है कि इनमें एक्टर्स को लिया जाता है और अभिनय कराया जाता है। वे बताते हैं कि उन्हें क्या-क्या लाभ हुए। इनके विज्ञानपों में कहानियां भी ऐसी गढ़ी जाती हैं, यदि कोई एक मिनट के लिए भी सुन ले तो पूरा सुनने को मजबूर हो जाता है। कुल मिलाकर लोगों को भ्रमित करके ठगने का धंधा शबाब पर है। यह तो शुक्र है कि मेरे देश की बहुत सी जनसंख्या इस वक्त टीवी के सामने नहीं होती। हालांकि ये विज्ञापन एकाध बार दिन भी दिखाई दे जाते हैं।सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को इस विषय में कुछ सोचना चाहिए और टीवी पर लगाम लगानी चाहिए।

118 टिप्‍पणियां:

  1. हमारी आँखें खोलने के लिए धन्यवाद.

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  2. सही बात है संजय्………कुछ लोग तो फ़ंस ही जाते हैं सुनते है इस बारे मे भी और इसके लिये तुम उम्मीद करते हो कि सरकार कदम उठाये तो बेकार है………सरकार देश का ही सोच ले तो काफ़ी है उसके पास देश के लिये फ़ुरसत नही तो इनके लिये कहाँ से होगी।

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  3. Sahi mudda uthaya hai sanjay bhai..
    TV par aaye din jis tarah ke dhokhebhare vigyapano ka daur chal raha hai.. usko lekar kuchh na kuchh kadam uthaye jaane jaroori hain...
    inke jariye andhvishwas ka bazar khada karne ki taiyari hoti hai.. yah samaj ke hit mien bhi nahi hai..
    is par dhyan diya jaana jaroori jaroorat ban chuka hai..

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  4. aap ek dum sahi kah raha ho sanjay bhai...

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  5. अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता और सेंसरशिप की उदारता के ढेरों लाभ हैं, लेकिन उसकी कुछ कीमत भी चुकानी होती है.

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  6. एकदम सही बात कही है...इसी को कहते है मूर्ख बनाना....और मजेदार बात है हम बनते भी हैं...यानि कोई न कोई लेता ही होगा....

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  7. एकदम सत्य... ऐसे पोस्ट्स की आज हमारे समाज में उन लोगों के लिए बहुत जरूरत है जो इनके देखे में आ जाते हैं...
    बधाई एवं धन्यवाद...

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  8. बेटा कहीं तुम तो नही ठगे गये? बच के रहना रे बाबा। आशीर्वाद।

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  9. kaas ye sach ho jaaye , koi gareeb 1000-2000 dekar dhanvaan ban jaaye,


    bahut bahut dhnyvaad, logon ko jaagruk karne ke liye

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  10. बहुत सही लिखा है |सजग करने के लिये बधाई \आशा

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  11. इन चैनल्स की टी आर पी बढ़ने वाले भी तो हम ही हैं ।
    कोई देखने वाला ही न हो तो अपने आप बंद हो जायेंगे ।

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  12. @ भूषण जी..
    बहुत बहुत धन्यवाद
    @ वंदना जी..
    बहुत से ऐसे लोग जो जाल में फंसे हुए है
    @ अमित तिवारी जी..
    हर दिन नया विज्ञापन दिखा दिखा कर लोगो की सोच ही बदल कर रख दी है टीवी वालो ने
    @ आनंद जी
    बहुत बहुत shukriya

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  13. सत्य कहा..सुंदर लेख..!!

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  14. .........काबिलेतारीफ बेहतरीन

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  15. ध्यान देने योग्य बात.
    अच्छा विषय उठाया है

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  16. Sahi kah rahe ho sanjay bhai jab bhi tv kholo to ye hi dikhta hai,
    aur kamal ki baat ke bikta bhi hai
    sarthak lekh

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  17. इन कार्यक्रम को छोड़कर आगे बढ़ जाते हैं।

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  18. बहुत ही सही कहा आपने यह तो सोचने यौग्य विषय है

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  19. बहुत सही पोस्ट है मेरे दोस्त। पर अगर कुछ हल जो जाए तो बात है।

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  20. बहुत सुन्दर आँख खोलने वाली प्रस्तुति..

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  21. एकदम सही बात कही है...इसी को कहते है मूर्ख बनाना.

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  22. बिलकुल सही है भास्कर जी, मेरे एक बात समझ में नहीं आती अगर इनको पहनने से ही कामयाबी मिल जाती है तो ये खुद ही क्यूँ नहीं पहन लेते.

    सार्थक रचना के लिए आपका आभार.

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  23. @ राहुल सिंह जी..
    एकदम सही बात कही है राहुल सर
    @ वीणा जी..
    हमी में से कोई न कोई तो बनता है
    @ पूजा जी
    बहुत बहुत धन्यवाद
    @ निर्मला कपिला जी..
    हा माँ बचा के रहूँगा
    @ संजय कुमार चौरसिया जी..
    बहुत बहुत धन्यवाद

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  24. @ आशा जी..
    @ डॉ टी एस दराल जी..
    इन चैनल्स की टी आर पी बढ़ने वाले भी तो हम ही हैं । सही कहा सर जी
    @ प्रियांकाभिलाशी जी..
    @ ॐ जी..
    @ कुंवर कुसुमेश जी..
    आप सबका ह्रदय से आभारी हूँ , आपने मुझे प्रोत्साहित किया ...यूँ ही अपना मार्गदर्शन देते रहना ...आप सबका धन्यवाद

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  25. संजय जी ...आपकी बात पूरी तरह सत्य है। बड़ी अच्छी जानकारी आपने दी है। इसके लिए आपका आभार।

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  26. एक से एक ठग बैठे हैं भाई साहब...
    बात सोच और अंधविश्वास की है.. जो मानसिकता सड़क वाले बाबाजी से २ रुपये का ताबीज खरीदने में काम करती है वही हजारों रूपये के इन तंत्रों को खरीदने में.. इस सोच वाले लोग हर आर्थिक स्तर के हैं और यह बात बेचने वालों को पता है :)

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  27. Afasos ki baat yah hai ki inke shikaar jyadatar paise waale aur padhe likhe log hote hain.
    Upayogi post ke liye dhanyawaad.

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  28. संजय जी बेवकुफ़ो ओर पढे लिखे बेवकुफ़ो की भी कमी नही भारत मे... यह बिकते हे तभी तो यह करोडो रुप्यो के विग्यापन दिखाये जाते हे,फ़िर कभी देखो साधू संतो के पंडाल केसे भरे होते हे...:)्जब कि यह सब खुद तो एयर कंडीशन कारो मे बगलो मे रहते हे, ओर गरीब भी अपना सब कुछ इन्हे लुटाने को तेयार बेठा हे अमीर तो लुट ही रहा हे

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  29. bakai sanjai ji, aapne ek dam sahi mudda ujthaya he
    sabse jyada thagi aaj-kal TV per hi horahihe,
    aur wo bhi ek dam professional andaj me, sahi bat he, itne salike , program kom sajaya /sanwara jate he , koi to fansta hi hoga,
    sarkar ko kuch kadam utyhane chahiye, in jhoothe/loot-mar ke program par ban lagana chahiye,
    lekin sarkar bhi aajkal bina-kar ke hai, wo bhi makkar -jhoothi he, tv ya sarkar dono janta ko bewakoof bana rahe hain

    sundar samayaik lekhanke liye bahut bahut shubkamnaye!

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  30. तुम्हारा अंदाज़ा बिलकुल सही है पर उनका तो ये पैसा कमाने का जरिया भर है उनको किसी से क्या लेना देना ! समझना तो हमें है की हमारे लिए क्या सही और क्या गलत होगा !

    बिलकुल सही दृष्टि कोण !

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  31. हम तो टीवी देखते ही नही ।

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  32. जिस दर से ठगने वाले बढ़ रहे हैं उसी अनुपात में ठगाने वाले भी बड़ रहे हैं।
    इस उपयोगी पोस्ट से शायद लोगों की आंख खुले।

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  33. अरे साहब कदम कदम पर ठगी भरी पडी है....लोग गंगा छोड़ कर ओस से प्यास बुझाने की सोचते हैं और इन ठगी के जंजालों में पड़ते हैं....
    ये फर्जी तावीज़ पहले २-२ रूपये में सडकों पर बेचे जाते थे और अब बढ़ा चढ़ा कर हज़ारों में....
    इश्वर सब को सदबुद्धी दे....
    कर्म की प्रधानता पर मेरी कुछ रचनाएमं है....
    कभी मन करे तो पधारियेगा जरूर.
    http://www.swarnakshar.blogspot.com/
    राजेश

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  34. इस किस्म के यंत्र अमूमन 3,000/- रु. से 4,000/- रु. बेचे जा रहे हैं और जिस प्रकार के नामी-गिरामी व खूबसूरत चेहरों से ये विज्ञापन करवाए जा रहे हैं अच्छे खासे लोग इन्हें एक चांस या इन्वेस्टमेंट मानकर खरीद ही रहे हैं ।

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  35. @ दीपक भाई
    बिलकुल सही कहा आपने बिकता भी है
    @ प्रवीण पाण्डेय जी..
    आगे तो सभी बढ़ जाते है पर कई बार देखने भी लग जाते है
    @ अमन अगरवाल जी
    आभार आपका
    @ मलखान सिंह जी..
    हालात बदलेंगे एक दिन
    @ कैलाश शर्मा जी..
    आप सबका ह्रदय से आभारी हूँ , आपने मुझे प्रोत्साहित किया ...यूँ ही अपना मार्गदर्शन देते रहना ...आप सबका धन्यवाद

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  36. @ संदीप जी..
    @ अरविन्द जी..
    यही बात तो मुझे भी समझ में नहीं आई
    @ वीरेंदर चोहान जी..
    बात पूरी तरह सत्य है
    @ डॉ मोनिका शर्मा जी..
    @ सतीश सत्यार्थी जी..
    एक से एक ठग बैठे हैं भाई साहब...
    आप सबका ह्रदय से आभारी हूँ , आपने मुझे प्रोत्साहित किया

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  37. @ भारतीय नागरिक जी..
    @ ज्ञानचंद मर्मज्ञ जी..
    ए तो बिलकुल सही कहा आपने सर जी..
    @ राज भाटिया जी..
    ए तो बिलकुल सही कहा आपने सर जी..दुनिया में बहुत से बेवकूफ है और बेवकूफ बनाने वाले
    @ अरुण चन्द्र रॉय जी..
    @ अलोक खरे जी..
    आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत आभार ! इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !

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  38. बहुत सुन्दर आँख खोलने वाली प्रस्तुति

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  39. शुक्रिया आपके लेख़ ने ज्ञान बढाया.

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  40. बहुत ही सही विषय चुना है आपने ....इस बेहतरीन लेखन एवं विषय के लिये बधाई ।

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  41. Sanjay ji ..... media, sarkaar aur log ... teenon hi jimmewaar हैं ऐसे vigyapanon ke liye ....

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  42. Kai baar to hansi aati hai dekhkar aise vigyapanon ko ...

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  43. aapki chinta bilkul waazib hai....aaj inke madhyam se log fans jaate hai aur baad me afsos karte hai..thanks for posting.

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  44. अक्सर ऐसा होता है कि जब लोग हर तरफ से निराश हो जाते हैं और उन्हें आशा की कोई किरण नहीं दिखती तो वे इधर को झुकते हैं...और ये ही लोग इन विज्ञापनदाताओं के मुख्य टारगेट होते हैं...इनमें से तो कई ऐसे होते हैं जो दिल से आज भी इन बातों को नहीं मानते पर 'कहीं कुछ असर कर जाए, कहीं कुछ सफलता मिल जाए' की एक आशा इनसे ये सब करवा बैठती है...

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  45. @ मीनाक्षी पन्त जी..
    समझना तो हमें है की हमारे लिए क्या सही और क्या गलत होगा !
    @ किरण राजपुरोहित नितिला जी..
    पर करे क्या
    @ शरद कोकस जी..
    खूब कही
    @ महेंदर वर्मा जी..
    इस उपयोगी पोस्ट से शायद लोगों की आंख खुले।
    @ राजेश कुमार 'नचिकेता
    सही कहा जी

    आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत आभार ! इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !

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  46. @ सुशील बाकलीवाल जी..
    खूबसूरत चेहरों से ये विज्ञापन करवाए जा रहे हैं सत्य है जी..
    @ मिथिलेश दुबे जी..
    @ एस.एम.मासूम जी..
    @ रशमी प्रभा जी..
    @ निर्झर'नीर जी..
    आप सबका शुक्रिया जिन्होंने अपने
    बेशकीमती विचारों की टिप्पणियां दी
    और मेरा हौसला बढाया

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  47. सही वक्त पर सही सलाह !

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  48. बहुत बढ़िया संजय. इस विषय पर कभी खुल कर गुफ्तगू करूँगा. एक अच्छा विषय उठाने पर बधाई दोस्त.

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  49. संजय भाई, सही कहा आपने।
    खुलेआम बेवकूफ बनाया जा रहा है पर सरकार और कानून चुपचाप देध रहा है।

    क्‍या आपको मालूम है कि हिन्‍दी के सर्वाधिक चर्चित ब्‍लॉग कौन से हैं?

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  50. बिलकुल सच कहा है, पर जनता को खुद जागरूक होने की जरुरत है तभी कुछ हो सकता है, शायद मीडिया तक आपकी बात पहुँच सके सरकार से तो कोई उम्मीद रखना बेकार है ..अच्छा प्रयास..

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  51. जागरूक करती अच्छी पोस्ट ...वैसे अब दर्शक सब समझते हैं ...

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  52. @भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…
    धन्धा चालू आहे

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  53. संजय भाई,

    सही सवाल उठाया है आपने लेकिन दिक्कत की बात यह है कि ऐसे लुभावने विज्ञापनों मे बेचारा फंसता एक वही आम आदमी है जो खुद दिन प्रतिदिन की समस्याओं से परेशान है ऐसे मे यदि उसको ठगा जा रहा है तो इससे बडा नैतिक अपराध और कोई नही हो सकता है।

    विज्ञापन प्रसारण की भी एक आचार संहिता होनी चाहिए...कभी लोग टी.वी पर ऐसे विज्ञापनो के चक्कर मे फंसते है तो कभी अखबार के क्लासीफाईड के भ्रामक समस्या निवारण विज्ञापनों मे जिसमे 'शाह सूफी बंगाली' वशीकरण स्पेशलिस्ट जैसे विज्ञापन खुब होते है।

    क्या किया जाए!!!!

    डा.अजीत

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  54. Gantantr Diwas kee dheron badhayee!

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  55. इन्होंने एक नेशनल ब्रॉडकास्टिंग ऐसोसियेशन भी बना रखा है, जिसका काम है इस तरह की बातों पर नज़र रखना.. लेकिन वो भी इन्हीं की उपज है इसलिये बेअसर है!!

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  56. संजय जी बहुत ही सही मुद्दा उठाये है आप इस पोस्ट के माध्यम से....... सुंदर एवम विचारणीय प्रस्तुति.

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  57. sanjay ji bahut vicharniya subject chuna hai,is sadi me bhi kuch log hai in chijon par vishvas karte hai....aur thag jate hai...

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  58. विषय बहुत बढ़िया। पढ़े लिखे बेवकूफ़ वाली बात एकदम सत्य। पहले हम स्वत: अपने आप मे झांके। अपनी कर्तव्य परायणता आंकें।………गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत बधाई।

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  59. अच्छी जानकारी-आभार।

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  60. गणतंत्र दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ...

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  61. पढ़े लिखे बेवकूफ़ वाली बात एकदम सत्य।
    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें|

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  62. संजय जी बहुत ही सही कहा टीवी पर ठगी का धंधा जोरों है।

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  63. गणतंत्र दिवस की आपको भी हार्दिक शुभकामनायें.

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  64. बहुत अच्छा लेख है ..मीडिया एक जनमानस को जागृत करनेका मीडियम होना चाहिए

    आप को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं!

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  65. आपने सही कहा संजय भाई ....विज्ञापन हमारे निर्णयों को बदलने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ..और आजकल जिस तरह से इन चीजों का प्रचार प्रसार किया जा रहा है ..मुझे लगता है कि वैज्ञानिक युग में भी हमें अंधविश्वास कि तरफ धकेला जा रहा है .......बहुत आभार इस सार्थक और विचारणीय प्रस्तुति के लिए

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  66. गंदा है पर धंधा है ये..... क्या करेंगे...

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  67. @ सोनल रस्तोगी जी..
    आभार आपका
    @ सदा जी..
    बहुत बहुत आभार आपका
    @ दिगम्बर नसवा जी..
    बहुत बहुत आभार आपका
    @ मार्क रॉय जी..
    लोग तो ज़रूर ही फसते है
    @ प्रज्ञा जी..
    अक्सर ऐसा होता है कि जब लोग हर तरफ से निराश हो जाते हैं और उन्हें आशा की कोई किरण नहीं दिखती तो वे इधर को झुकते हैं...
    आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत आभार ! इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !

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  68. @ अनीता जी..
    सही सलाह !
    @ सूर्य गोयल जी..
    जरूर गुफ्तगू करूँगा सर जी..
    @ ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ जी..
    खुलेआम बेवकूफ बनाया जा रहा है
    @ संध्या जी..
    जनता को खुद जागरूक होने की जरुरत है तभी कुछ हो सकता है
    आप सबका शुक्रिया जिन्होंने अपने
    बेशकीमती विचारों की टिप्पणियां दी
    और मेरा हौसला बढाया

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  69. @ उदय जी..
    @ संगीता स्वरुप जी..
    बहुत बहुत आभार आपका
    @ दीपक बाबा जी..
    बहुत बहुत आभार आपका
    @ डॉ अजीत जी..
    ऐसे लुभावने विज्ञापनों मे बेचारा फंसता एक वही आम आदमी है जो खुद दिन प्रतिदिन की समस्याओं से परेशान है ऐसे मे यदि उसको ठगा जा रहा है तो इससे बडा नैतिक अपराध और कोई नही हो सकता है।
    @ संतोष कुमार जी..
    बहुत बहुत आभार आपका
    @ क्षमा जी..
    बहुत बहुत आभार आपका
    आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं

    जवाब देंहटाएं
  70. @ चला बिहारी ब्लॉगर जी..
    सही कहा आपने
    @ उपेंदर जी..
    बहुत बहुत आभार आपका
    @ सुमन जी..
    बहुत बहुत आभार आपका
    @ सूर्यकांत गुप्ता जी..
    पढ़े लिखे बेवकूफ़ वाली बात एकदम सत्य।
    @ दिव्या जी..
    बहुत बहुत आभार आपका
    ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

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  71. संजय भाई, बिलकुल सही कहा है आपने. ठगी का पेशा सुचना तकनीक का इस्तेमाल कर अब और भी ज्यादा स्मार्ट हो गया है.
    गणतंत्र दिवस की शुभकामनाओं के साथ.

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  72. क्या कहें..गजब ठगी का धंधा है.

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  73. नजर सुरक्षा कवच, कुबेर कुंजी पैक, श्री धन लक्ष्मी यंत्र.....

    ????????????????
    संजय जी ......कहीं आप.....ने....तो.....?????

    तभी आपकी टिप्पणियों की संख्या बढती जा रही है .....

    बधाइयाँ जी बधाइयाँ....!!

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  74. संजय जी,
    मीडिया का ध्येय भी पैसा कमाना ही हो गया. अख़बारों में भी ऐसे ही विज्ञापनों की भरमार रहती है. अच्छी जागरूक करती पोस्ट.
    गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं

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  75. तुम्हारा अंदाज़ा बिलकुल सही है पर उनका तो ये पैसा कमाने का जरिया भर है उनको किसी से क्या लेना देना !

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  76. are wah bhai.........kya baat hai..kya najar hai ....bahut khoob ........bahut hi acha likha hai

    ur bro
    parveen

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  77. अच्छी जागरूक करती पोस्ट.
    गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं

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  78. संजय जी , बहुत देर से आना हुआ --शर्मिंदा हु ---आपने ठीक कहा इन विज्ञापनो की कोई हद नही हे --हमारी सरकार को इन विज्ञापनों को रोक ने के लिए कोई कानून बनाना ही चाहिए --वरना निरीह जनता इनके फंदे में फसती ही रहेगी |

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  79. इसीलिए कहा है - जब तक दुनिया में एक मूर्ख जिन्‍दा है तब तक कोई भी अक्‍लमन्‍द भूखों नहीं मर सकता।

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  80. मैं इंडिया टीवी को प्रथम पुरूस्कार देना चाहूँगा !:)

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  81. बिलकुल सही बात कही है आपने...देर रात आने वाले इन विज्ञापनों को तुरंत रोक देना चाहिए...ये भ्रामक हैं और सीधे सादे लोगों को उल्लू बनाने के प्रसारित किये जाते हैं...चैनल वाले पैसे के लालच में किस हद तक गिर सकते हैं उसका जीता जागता उधाहरण हैं ये विज्ञापन....

    नीरज

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  82. संजय जी ... मैं आज तक ये समझ नहीं पायी की कोई ऐसे कैसे इन झांसों में आ सकता है.. मैंने देखा है की पढ़े लिखे लोग भी इन सब में विश्वास करते हैं ... पता नहीं उन पर हंसा जाए या तरस खाया जाए :)

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  83. संजय भाई ...आपका कहना बहुत सही है ....एक संवेदन शील मुद्दे पर पोस्ट लिख कर आपने हमें कृतार्थ कर दिया

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  84. Aisa hai to ek mere liye bhi book karva dena.. Jadoo baba ki jai..

    ;-) poore raat inka maya jaal faila rahata hai..

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  85. इस तरह के जागरूकता भरे लेख समाज के लिए उपयोगी और आपके ब्लॉग की सार्थकता को बढ़ाते हैं . शुभकामना

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  86. Sanjay ...very nice thought no doubt at all ...but we audiance / viewers are making these thing valuable ...they are showing these kind of things bcs WE only want to see that ..WE can STOP it..

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  87. संजय भाई शतक की बधाई हो .....चलो मुंह मीठा हो जाये

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  88. बेनामी1/28/2011

    bilkul sahi baat kahi aapane
    is tarah k ad bas faltu hote hain
    andhvishvas ko badhava dete hain ye
    ad.
    bahut khoob
    mere blog par comment karne k liye dahnaywad umeed karta hun aap dobara aayenge
    http://iamhereonlyforu.blogspot.com/

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  89. संजय जी,
    एकदम सही बात । टी.वी. पर ऐसे प्रोग्रामो को चैनेल और मन्त्रालय सिर्फ पैसे के लिये बढ़ावा देते है और आम जनता इन चीजो पर भरोसा करने लगती है, क्योंकी उन्हे ऐसे लोभनिये तरीके से पेश किया जाता है । जनता को जागरुक होना पड़ेगा, ऐसे प्रोग्रामो के खिलाफ़ जिससे अन्धविशवास को बढ़ावा मिलता है ।

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  90. बहुत खूब
    संजय जी , बहुत देर से आना हुआ --शर्मिंदा हु -आपने ठीक कहा इन विज्ञापनो की कोई हद नही हे
    कभी समय मिले तो हमारे ब्लॉग//shiva12877.blogspot.com पर भी अपनी एक नज़र डालें

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  91. मुबारक हो संजयजी आपकी पोस्ट पर इतने सारे कमेन्ट...आपकी बात इतने लोगो तक पहुँच सकी यही पोस्ट की सार्थकता है ..

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  92. bahut sundar prastuti... saarthak post jyada se jyada jan maanas tak pahunche aur log kuch to sochen yahi to hamara udeshya hai...
    bahut khushi huyee hi ki bahut se logon ne aapko padha...
    vyasta ke chalte main roj net par nahee aa paati hun.. do chaar din mein 1-2 ghante mil gaye to kuch blog aur email padh paati hun... late huyee thoda narvousness lagta hai.. khair..
    shubhkamnayne

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  93. 108 कमेंट्स यानी शतक पार.वाह वाह century master संजय जी. मज़ा आ गया. you are a wonderful blogger.
    very very good.
    congrats.

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  94. @ महेंदर मिश्र जी..
    @ पातली विल्लेगे
    @ यशवंत माथुर जी..
    @ सवाई सिंह राज जी..
    @ कोरल जी..
    @ केवल राम जी..
    मुझे लगता है कि वैज्ञानिक युग में भी हमें अंधविश्वास कि तरफ धकेला जा रहा है
    एकदम सही बात कही है
    आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत आभार ! इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !

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  95. @ देव कुमार झा जी..
    @ मनोज कुमार जी..
    @ समीर लाल जी..
    @ हर्कित हीर जी..
    @ रचना दीक्षित जी..
    एकदम सही बात कही है मीडिया का ध्येय भी पैसा कमाना ही हो गया
    @ तिलक जी..
    आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत आभार ! इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !

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  96. @ परवीन भाई
    @ पि अस भाकुनी जी..
    @ दर्शन कौर धनोए जी..
    देर से ही सही आप आई तो सही
    @ अमरेंदर जी..
    @ रश्मी स्वरुप जी..
    @ विष्णु बैरागी जी..
    आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं

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  97. नमस्कार........आपकी रचना वाकई तारीफ के काबिल है
    मैं ब्लॉग जगत में नया हूँ, कृपया मेरा मार्गदर्शन करें......

    http://harish-joshi.blogspot.com/

    आभार.

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  98. बस यूँ ही हर प्रकार के अंध विश्वास का विरोध करते रहिए।
    सकून से जीना है तो टी0वी0 से दूरी बनाए रहिए।

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  99. बहुत ही सच लिखा आपने,इन भ्रामक विज्ञापनों पर लगाम लगनी ही चाहीये.
    क्या BIS भी कोई कदम उठाएगा.

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  100. बेनामी1/30/2011

    tv par dekh kar log jaldi dhoke mein aa jate hain na isliye ...
    mere naye blog par aapka sawagat hai..
    http://uniquestorm.blogspot.com/

    or isme mai aapko lekhak ke tor par aamantrit karna chahti hun, kya aap humare blog se judna pasand kareinge??
    aapke jawab ke intzaar mein..
    thank you

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  101. sahi baat....par ye dhanda aaj se thode hi hai...sadiyon se chal raha hai bhai.....

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  102. अरे संजय जी ! आपने तो हमारी दिल की बात छीन ली ... हम जब ऐसे प्रोग्राम देखते है तो इतनी हँसी आती है इतनी की क्या कहें .. किस तरह से अंधविश्वास को फैला रहे है ये लोग ... जबकि काफी मुश्किलों से अंधविश्वास की जड़ों को कम किया गया है... क्या ऐसे में हमारे टी वी चेनल्स की जिमेदारी बनती है कि वो ऐसे भ्रामक विज्ञापनों को णा दिखाए भोली भाली जनता और कुछ बेवकूफ लोग इनके चुंगुल में फंस सकते है...
    आपकी पोस्ट ऐसे में बहुत उपयोगी है..

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  103. 108 कमेंट्स यानी शतक पार.वाह वाह century master संजय जी. मज़ा आ गया

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  104. mere mann ki baatein likh daali.....
    bahut sahi......
    mujhe ek baat aur samajh nahi aati ki inke price round figures mein kyun nahi hote ,ye log ek rupaye kyun bachaate hai,jaise shree yantra matr 1999 rupaye mein ,jabki kisi shubh cheez ke liye di hui rashi mein hum ek rupaya jyada hi dete hai jaise 101,
    jo bhi hai har aadmi kamaane mein juta hua chahe tareeka beimani ho ya imaandaari ho..........

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- संजय भास्कर