मैं अनाथ हूँ तो क्या
मुझे न मिलेगा प्यार कभी
किसी की आँख का तारा
क्या कभी बन पाऊंगा
किसी के घर आँगन में
फूल बन मह्कूंगा कभी
ओ दुनिया वालों
मैं भी तो इक बच्चा हूँ
माना तुम्हारा खून नही हूँ
न ही संस्कार तुम्हारे हैं
फिर भी हर बाल सुलभ
चेष्टाएं तो हैं मेरी भी वही
क्या संस्कार ही बच्चे को
माँ की गोद दिलाते हैं
क्या खून ही बच्चे को
पिता का नाम दिलाता है
क्या हर रिश्ता केवल
खून और संस्कार बनाता है
तुम तो सभ्य समाज के
सभ्य इंसान हो
फिर क्यूँ नही
मेरी पीड़ा समझ पाते हो
मैं भी तरसता हूँ
माँ की लोरी सुनने को
मैं भी मचलना चाहता हूँ
पिता की ऊँगली पकड़
मैं भी चलना चाहता हूँ
क्या दूसरे का बच्चा हूँ
इसीलिए मैं बच्चा नही
यदि खून की ही बात है तो
खुदा ने तो न फर्क किया
फिर क्यूँ तुम फर्क दिखाते हो
लाल रंग है लहू का मेरे भी
फिर भी मुझे न अपनाते हो
अगर खून और संस्कार तुम्हारे हैं
फिर क्यूँ आतंकियों का बोलबाला है
हर ओर देश में देखो
आतंक का ही साम्राज्य है
अब कहो दुनिया के कर्णधारों
क्या वो खून तुम्हारा अपना नही
एक बार मेरी ओर निहारो तो सही
मुझे भी अपना बनाओ तो सही
फिर देखना तुम्हारी परवरिश से
ये फूल भी खिल जाएगा
तुम्हारे ही संस्कारों से
दुनिया को जन्नत बनाएगा
बस इक बार
हाथ बढाओ तो सही
हाथ बढाओ तो सही
मुझे न मिलेगा प्यार कभी
किसी की आँख का तारा
क्या कभी बन पाऊंगा
किसी के घर आँगन में
फूल बन मह्कूंगा कभी
ओ दुनिया वालों
मैं भी तो इक बच्चा हूँ
माना तुम्हारा खून नही हूँ
न ही संस्कार तुम्हारे हैं
फिर भी हर बाल सुलभ
चेष्टाएं तो हैं मेरी भी वही
क्या संस्कार ही बच्चे को
माँ की गोद दिलाते हैं
क्या खून ही बच्चे को
पिता का नाम दिलाता है
क्या हर रिश्ता केवल
खून और संस्कार बनाता है
तुम तो सभ्य समाज के
सभ्य इंसान हो
फिर क्यूँ नही
मेरी पीड़ा समझ पाते हो
मैं भी तरसता हूँ
माँ की लोरी सुनने को
मैं भी मचलना चाहता हूँ
पिता की ऊँगली पकड़
मैं भी चलना चाहता हूँ
क्या दूसरे का बच्चा हूँ
इसीलिए मैं बच्चा नही
यदि खून की ही बात है तो
खुदा ने तो न फर्क किया
फिर क्यूँ तुम फर्क दिखाते हो
लाल रंग है लहू का मेरे भी
फिर भी मुझे न अपनाते हो
अगर खून और संस्कार तुम्हारे हैं
फिर क्यूँ आतंकियों का बोलबाला है
हर ओर देश में देखो
आतंक का ही साम्राज्य है
अब कहो दुनिया के कर्णधारों
क्या वो खून तुम्हारा अपना नही
एक बार मेरी ओर निहारो तो सही
मुझे भी अपना बनाओ तो सही
फिर देखना तुम्हारी परवरिश से
ये फूल भी खिल जाएगा
तुम्हारे ही संस्कारों से
दुनिया को जन्नत बनाएगा
बस इक बार
हाथ बढाओ तो सही
हाथ बढाओ तो सही
चित्र :- ( गूगल से साभार )
कविता के माध्यम से एक अनाथ के दर्द को बयाँ किया है
वंदना जी ने इतनी सुन्दरता से लिखा कि मैं अपने ब्लॉग पर ही ले आया
वंदना जी कि कलम से निकली एक बेहतरीन रचना
वंदना गुप्ता जी के ब्लॉग से ये कविता आप तक पहुंचा रहे है संजय भास्कर
... bahut sundar lekhan ... shaandaar prastuti ... aap dono badhaai ke paatra hain ... bahut bahut badhaai !!!
जवाब देंहटाएंआप मनचाही दुआ, हम अनसुनी फरियाद ...
जवाब देंहटाएंbahut badiya lekhan
जवाब देंहटाएंanaath ki sachchi gaatha
अधिकार उनका भी है, इस धरा में।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और मार्मिक कविता है
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना.........हम तक पहुचाने के लिए धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंआपका और वंदना जी का आभार इस रचना हेतु |
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना.... पढवाने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंवंदना जी को बधाई इस भावपूर्ण रचना के लिए
@ ॐ जी बहुत बहुत आभार
जवाब देंहटाएंशुक्रिया संजय मेरी कविता को अपने ब्लोग पर जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंबहुत संवेदनशील अभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएंसंजय जी वंदना जी की इस कविता को प्रस्तुत करने के लिए आभार ... बहुत ही भावपूर्ण व सुंदर कविता
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और मार्मिक कविता है| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंSanjayji aapko va Vandanaji aapko bhi itani sunder rachna ke liye dhanywad.. bahut hi achchha prayas hai aapka... congratulations
जवाब देंहटाएंआह बहुत खूबसूरत कविता लिखी मनो दिल निचोड़ कर रख दिया हो.
जवाब देंहटाएंहमें पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
जवाब देंहटाएंवंदना जी को बधाई इस भावपूर्ण रचना के लिए
मर्मस्पर्शी /
जवाब देंहटाएंबाल समस्या के कारणों को टटोलती एक सुंदर रचना
एक बार मेरी ओर निहारो तो सही
जवाब देंहटाएंमुझे भी अपना बनाओ तो सही
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
इन पंक्तियों में एक अनाथ अबोध बालक का दर्द बहुत गहराई से अभिव्यक्त हुआ है ....
बहुत भावपूर्ण...
जवाब देंहटाएंमुझे भी अपना बनाओ तो सही
जवाब देंहटाएंफिर देखना तुम्हारी परवरिश से
ये फूल भी खिल जाएगा
तुम्हारे ही संस्कारों से
दुनिया को जन्नत बनाएगा
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
आशा का कितना बखूबी चित्र खिंचा है ........और यह वास्तविकता है कि आभावों में जिया हुआ व्यक्ति भी जिन्दगी में नेक काम कर सकता है .....बहुत आभार संजय जी आपका .....बंदना गुप्ता जी आपको शुभकामनायें ...शुक्रिया
मार्मिक रचना ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति ।
अत्यंत सुन्दर रचना, बधाई.
जवाब देंहटाएंकिसी की आँख का तारा
जवाब देंहटाएंक्या कभी बन पाऊंगा
किसी के घर आँगन में
फूल बन मह्कूंगा कभी
..
जितनी तारीफ की जाए कम है
आपका और वंदना जी का आभार इस रचना हेतु |
जवाब देंहटाएंएक अनाथ बच्चे की पीड़ामय संसार की मर्मस्पर्शी एव संवेदनशील प्रस्तुति ने इसे असाधारण बना दिया है. आपका और वंदना जी का आभार इस खूबसूरत रचना के लिए.
जवाब देंहटाएंसादर,
डोरोथी.
एक मार्मिक ओर बहुत अच्छी रचना धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर शब्दों में सजाया है कविता को |
जवाब देंहटाएंबधाई
क्रिसमस की हार्दिक शुभ कामनाओं के साथ
आशा
वंदना जी की कविता पढ़वाने के लिए आभार. एक अनाथ के दर्द को लोगों तक पहुँचाना समाज सेवा है.
जवाब देंहटाएंvandana ji ki anya rachnaye bhi maine padhi hai. yeha rachna bhi sunder hai........
जवाब देंहटाएंसंजय भाई, शब्दों के माध्यम से इतनी जीवंत तस्वीर कैसे खींच लेते हैं आप। हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएं---------
अंधविश्वासी तथा मूर्ख में फर्क।
मासिक धर्म : एक कुदरती प्रक्रिया।
vandana gupta ji ka to kya kehna....
जवाब देंहटाएंआपका धन्यवाद और वंदना जी का हार्दिक आभार इस रचना के लिये
जवाब देंहटाएंप्रणाम
@ उदय जी..
जवाब देंहटाएं@ राहुल सिंह जी..
@ संजय कुमार जी..
@ प्रवीण पाण्डेय जी..
@ ॐ जी..
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
@ नरेश सिह राठौड़ जी..
जवाब देंहटाएं@ वन्दना जी..
@ कैलाश शर्मा जी..
@ उपेंदर जी..
@ Patali-The-villege जी.
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
@ वन्दना दीदी जी..
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत शुक्रिया जो आपने मुझे अपनी रचना को दोबारा प्रकाशित करने की इजाजत दी
bahut khoobsurt
जवाब देंहटाएंmahnat safal hui aapki sanjay ji ...
vandan ji khobsurat rchna se roobroo karyawa aapne......
Vandana ji bahut hu sunder likhti hai...
जवाब देंहटाएंaap dono ka bahut aabhaar
or haan deri ke liye sorry.
regards
Preeti
bahut hi sunder rachna. badai swikare
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रचना प्रस्तुति..वंदना जी को बधाई
जवाब देंहटाएंआपके रचना पढते पढते आँसू आ गये ।
जवाब देंहटाएंइतनी अच्छी रचना कि रुला गयी मुझे ।
ये नन्हे बेबस बच्चे कहते
बिन गलती की ना हमे सजा दो ।
भविष्य नही भगवान नही
बस हमको भी इंसान बना दो ॥
@ संध्या जी..
जवाब देंहटाएं@ बजरंग जी..
@ बबन पाण्डेय जी..
@ सुशिल बाकलीवाल जी..
@ डॉ टी एस दराल जी..
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
@ केवल राम जी..
जवाब देंहटाएं.बहुत आभार आपका
आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
धन्यवाद,
@ अरविन्द जांगिड जी..
जवाब देंहटाएं@ एस.एम.मासूम जी..
@ अरुण रॉय जी.
@ डोरोथी जी..
@ राज भाटिया जी..
@ आशा जी..
@ भूषण जी..
आप सबका शुक्रिया जिन्होंने अपने
बेशकीमती विचारों की टिप्पणियां दी
और मेरा और वंदना जी का हौसला बढाया
संजय जी,
जवाब देंहटाएंबड़ी संवेदना है इस कविता में ! कविता में उभरते प्रश्न मन को उद्वेलित करते हैं !
हमारी सामाजिक व्यवस्था को तार तार करती हुई यह कविता अपने मर्मस्पर्शी भाव से हृदय को विचलित करती है !
वंदना जी ने बड़ी ही गहराई में डूब कर यह कविता लिखी होगी !
इस कविता को आपने अपने ब्लॉग पर प्रकाशित करके अपने संवेदशील हृदय का परिचय दिया है !
आभार,
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
खून और संस्कार ही रिश्ते नहीं बनाते. यदि ऐसा होता तो हमारे दोस्त नहीं होते.
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार लिखा है. बधाई.
एक अनाथ की व्यथा को शानदार तरीके से पेश किया है.
सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंतुम्हारे ही संस्कारों से
जवाब देंहटाएंदुनिया को जन्नत बनाएगा
बस इक बार
हाथ बढाओ तो सही
हाथ बढाओ तो सही
अच्छा और सुन्दर चित्रण
bahut sundar lekhan ... shaandaar prastuti
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत लिखा है आपने!
जवाब देंहटाएंvery touchy
जवाब देंहटाएं@ सुमन जी..
जवाब देंहटाएं@ जाकिर अली जी..
@ शेखर सुमन जी..
@ अन्तर सोहिल जी..
@ प्रीती जी..
@ पलक जी..
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
बहुत बढ़िया रचना प्रस्तुति......वंदना जी को बधाई
जवाब देंहटाएंसंवेदनशील जज्बातोँ को व्यक्त करती सुन्दर रचना । वन्दना जी और संजय भाई आप दोनोँ का आभार ।
जवाब देंहटाएं" नज़रेँ मिलाके ना नज़रेँ झुकाओँ....... गजल "
http://vishwaharibsr.blogpost.com
बेटा , बहुत सुंदर लिखा है ।
जवाब देंहटाएंआज आपकी याद आ रही थी सोचा आपकी ख़ैरियत भी ले लूं और अपनी याद भी दिला दूं !
बहुत प्यारी रचना ....
जवाब देंहटाएंवंदना जी और आपको आभार
shukriya sanjay ji..
जवाब देंहटाएंnav varsh ki shubhkaamnaye ..
काश कि हममें से हर कोई एक-एक इन मासूम बच्चों को गोद ले लेता....जनसंख्या कम करना और किसी को माता-पिता देना, दोनों काम एकसाथ हो जाते...
जवाब देंहटाएंसंजय तुम्हारा और सभी ब्लोगर दोस्तो का हार्दिक धन्यवाद जो कविता को इतना सराहा मगर मुझे लगता है मेरा लेखन तब तक पूर्ण नही है जब तक कि ये संदेश प्रयोग मे ना लाया जाये।
जवाब देंहटाएंवाह भाई...
जवाब देंहटाएंवाकई बहुत मार्मिक रचना है...
आपको और वंदना जी को... बधाई...
NAYA SAAL 2011 CARD 4 U
जवाब देंहटाएं_________
@(________(@
@(________(@
please open it
@=======@
/”**I**”/
/ “MISS” /
/ “*U.*” /
@======@
“LOVE”
“*IS*”
”LIFE”
@======@
/ “LIFE” /
/ “*IS*” /
/ “ROSE” /
@======@
“ROSE”
“**IS**”
“beautifl”
@=======@
/”beautifl”/
/ “**IS**”/
/ “*YOU*” /
@======@
Yad Rakhna mai ne sub se Pehle ap ko Naya Saal Card k sath Wish ki ha….
मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है !
ur post is nice. apna post continue rakhiye. i like ur post. plz follow me,visit me, & comment me.
जवाब देंहटाएंhttp://alahindipoems.blogspot.com/
sundar aur marmik kavita.. aapke samajik sarokar ko darshati hui
जवाब देंहटाएंनवबर्ष की शुभ-कामनाओं सहित
जवाब देंहटाएंसंजय कुमार चौरसिया
नव वर्ष की शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंयदि खून की ही बात है तो
जवाब देंहटाएंखुदा ने तो न फर्क किया
फिर क्यूँ तुम फर्क दिखाते हो
लाल रंग है लहू का मेरे भी
फिर भी मुझे न अपनाते हो
बहुत ही मार्मिक रचना।
आप के और वंदना गुप्ता जी के प्रति आभार।
@ महेन्द्र मिश्र जी..
जवाब देंहटाएं@ अपर्णा सेन पलाश जी..
@ ज्ञानचंद मर्मज्ञ जी..
@ मलखान सिंह जी..
@ अनुपमा पाठक जी..
@ कुंवर कुसुमेश जी..
धन्यवाद, मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए
@ अरविन्द जी..
जवाब देंहटाएं@ प्रेरणा जी..
@ अलोकिता जी..
@ अमित जी..
@ मुस्कान जी..
@ डॉ. अशोक जी..
@ शेखचिल्ली जी..
आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत आभार ! इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !
@ सतीश जी..
जवाब देंहटाएं@ हर्मन जी..
@ प्रज्ञा जी..
@ वंदना जी..
@ पूजा
@ सोनू शर्मा हिंदी
@ विवेक जी..
@ अरुण चन्द्र रॉय जी..
धन्यवाद, मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए
@ संजय कुमार चौरसिया जी..
जवाब देंहटाएं@ अजित गुप्ता जी..
@ महेंद्र वर्मा जी..
मेरी हौसला अफज़ाई के लिए आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया.
वंदना जी को बधाई इस भावपूर्ण रचना के लिए
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंनए साल पर हार्दिक शुभकामना .. आपकी पोस्ट बेहद पसंद आई ..आज चर्चामंच पर आपकी यह पोस्ट / रचना मैंने रखी है .. http://charchamanch.uchacharan.blogspot.com.. पुनः नववर्ष पर मेरा हार्दिक अभिनन्दन और मंगलकामनाएं |
जवाब देंहटाएंनववर्ष की शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंAs we move towards a brand NEW START in 2011.
जवाब देंहटाएंWishing you & your family a very Happy & Prosperous New Year.
May the year ahead be filled Good Health, Happiness and Peace !!!
बेहद मार्मिक अभिव्यक्ति ....आपको और वंदना जी दोनों को ही बहुत धन्यवाद और नववर्ष की ढेरों शुभकामनाएँ !!
जवाब देंहटाएंnaye varsh ki anek shubh kamnaye..........
जवाब देंहटाएंबड़ी दर्द भरी कविता है..
जवाब देंहटाएंआभार शेयर करने के लिए...
मैं नए वर्ष में कोई संकल्प नहीं लूंगा
Dil ke behad karib se gujri aapki ye rachna
जवाब देंहटाएंआपका और वंदना जी का आभार ...
जवाब देंहटाएंवाकई बहुत मार्मिक रचना है...
जवाब देंहटाएंसंवेदनशील जज्बातोँ को व्यक्त करती सुन्दर रचना ।
जवाब देंहटाएंआप तक बहुत दिनों के बाद आ सका हूँ, क्षमा चाहूँगा,
bahut khoobsurt
जवाब देंहटाएंmahnat safal hui aapki sanjay ji ...
आपका और वंदना जी का आभार इस खूबसूरत रचना के लिए.
जवाब देंहटाएंसादर,
आह बहुत खूबसूरत कविता लिखी मनो दिल निचोड़ कर रख दिया हो.
जवाब देंहटाएंहमें पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
जवाब देंहटाएंवंदना जी को बधाई इस भावपूर्ण रचना के लिए
@ मार्क रॉय जी..
जवाब देंहटाएं@ डॉ. नूतन - नीति जी..
@ अरूण साथी जी..
@ गोदियाल जी..
@ रानी विशाल जी..
मेरी हौसला अफज़ाई के लिए आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया.
वंदना जी को बधाई इस भावपूर्ण रचना के लिए
@ डॉ. नूतन - नीति जी..
जवाब देंहटाएं.........मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार !
@ सुमन जी..
जवाब देंहटाएं@ सतीश जी..
@ अमरेंदर अक्स जी..
@ दिगम्बर नासवा जी..
@ परवीन जी..
मेरी हौसला अफज़ाई के लिए आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया.
वंदना जी को बधाई इस भावपूर्ण रचना के लिए
@ तिलक जी..
जवाब देंहटाएं@ करण जी..
मेरी हौसला अफज़ाई के लिए आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया.
वंदना जी को बधाई इस भावपूर्ण रचना के लिए
बहुत खूबसूरत लिखा है आपने!
जवाब देंहटाएं...बहुत आभार संजय जी आपका .....बंदना गुप्ता जी आपको शुभकामनायें ...शुक्रिया
जवाब देंहटाएंएक मार्मिक ओर बहुत अच्छी रचना धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत उत्तम रचना
जवाब देंहटाएं