अगर हम किसी महानगर या शहर की बात करे तो एक ही तस्वीर दिमाग में उतरती है कि चारो तरफ होर्न की ची ची पो पो और ज्यादातर हिस्सों में ट्रेफिक जाम का होना |
हर साल न जाने कितने ही वाहन सड़क पर उतरते है परन्तु ज्यादा तर सड़को व बाजारों के हालात तो बहुत ही पुराने है ऐसे में ट्रेफिक जाम का होना आम बात है जहा पर इन सड़को के हालत न बदलने के लिए सरकार जिम्मेदार है , वहीँ पर कुछ बातों के लिए हम स्वयं भी जिम्मेदार है |
शहरो में दुकानदार भाइयों का तालुक है उनमे से ज्यादा तर दुकानदार तो ज्यादा से ज्यादा सामान अपनी दूकान के बाहर लगाया होता है ,और राही सही कसर रेहड़ी वाले पूरा कर देते है ,जिससे बाजारों में वाहन सुचारू रूप से कैसे चल सकते है |
बाजारों में अक्सर देखा जाता है कि लोग आज एक दुसरे से आगे निकलने कि होड़ में ट्रेफिक नियमो कि धज्जियाँ उड़ा देते है |
अपनी साइड के बजाय आने वाले कि साइड में ही वाहन भिड़ा देते है ,जिसकी वजह से यातायात में बाधा आती है जो कि ट्राफिक जाम में सहायक सिद्ध होता है दूसरे वो लोग है जो अपने वाहन को पार्किंग करने में लग जाते है | ऐसे में अगर सड़क खाली नहीं होगी तो ट्रेफिक जाम होना स्वाभाविक है एक वो ट्रेफिक कर्मचारी है जो अपना काम इमानदारी से नहीं करते
और तो और ड्यूटी के टाइम पर पान कि दुकम में पान खाने में मस्त रहते है | कहने को तो हम सभी ट्रेफिक जाम से दुखी है
लेकिन हम सभी किसी न किसी रूप में ट्रेफिक जाम को बढ़ावा देने में मदद भी करते है |
आखिर इसका हल क्या है | अगर हम सभी मन में ठान ले कि ट्रेफिक नियमो का कड़ाई से पालन करना है ,तो इस बात में कोई शक नहीं कि ट्रेफिक जाम कि समस्या कैसे गायब हो जाती है पता भी नहीं चलेगा |
........................संजय कुमार भास्कर
hum niyamon ka paalan kabhi nahin karte isliye ye sthiti banti hai
जवाब देंहटाएंbadiya baat
संजय भाई बिलकुल सही बात कही आपने जब तक हम खुद नहीं सुधरेंगे कोई सुधार नहीं हो सकता.कारण इस अतिक्रमण के लिए देखा जाए तो हम ही जिम्मेदार हैं जो अंततः ट्रैफिक जाम का कारण भी बनता है.
जवाब देंहटाएंनिश्चित रूप से एक विचारणीय पोस्ट.
बहुत सही बात कही संजय जी...
जवाब देंहटाएंजिम्मेदार तो हम सब खुद ही होते हैं... और शोर भी हम ही मचाते हैं.
सही लिखा है . ट्रैफिक जाम की समस्या का मुख्य कारण ट्रैफिक नियमों की
जवाब देंहटाएंअनदेखी करना ही है. कुछ लोगों को छोड़कर आजकल कोई भी ट्रैफिक नियमों
का पालन नहीं करता. ये वाकई एक गंभीर मसला है .
संजय भाई आपने कहने के लिए कुछ छोडा ही नही। सब कुछ तो लिख दिया
जवाब देंहटाएंबस इतना कहूंगा जब तक हम खुद को नही सुधारेगें तब तक कुछ नही होगा
रोज इसी तरह जाम लगता रहेगा और हम उसका हिस्सा बनते रहेगें
sanjay ji baat to bilkul sahi hai. lekin kya kare hum insaan hai aur insano me ek bahut khatranak bimari hoti hai. use apni galti dikhai nahi padti lekin dusro ki galtiya bahut zaldi dekh leta hai.
जवाब देंहटाएंआपने बिलकुल सही कहा है संजय जी।
जवाब देंहटाएंसही लिखा है . ट्रैफिक जाम की समस्या का मुख्य कारण ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करना ही है.
जवाब देंहटाएंसंजय जी, अभी तो समस्या कम लग रही है. दस साल के बाद की कल्पना करके आने वाली पीढ़ी के स्वास्थ्य की चिंता होने लगती है. हम दोनों साइकिल का सहारा लें तो अच्छा होगा.
जवाब देंहटाएं100% true....we all cry about this and other peoblems....but we never take an initiave...it's very easy to stand aside and curse government...to do is difficult and thats why we dont do.
जवाब देंहटाएंwe are in the habit of cursing but not doing.when will we learn to curse ourselves????
बहुत अच्छा विषय चुना है आपने, संजय जी। अगर लोग अभी नहीं सुधरे तो कब सुधरेंगे ? आम जन को जागरूक करती अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबिल्कूल सही कहा है आप ने | कई बार दुकान तो तीन चार फिट की होती है और दुकान का आधे से ज्यादा समान फुटपाथ पर होता है तो कई जगह रेहड़ी वाले फुटपाथ को घेर कर रखते है और पैदल चलाने वाला सड़क पर चलाता है और इस वजह से गाडियों को रेंगते हुए चलना पड़ता है और इन सबका नतीजा पूरा रास्ता जाम | बस ट्रैफिक पुलिस एक बार सबसे कड़ी से पेश आना शुरू हो जाये फिर देखिये सब कैसे लाइन पर आ जाते है | गेम के समय देख होगा की दिल्ली में कितनी कड़ी थी और सब के सब सुधारे हुए थे | बिना कड़ाई के हम सभी सुधरने वाले नहीं है |
जवाब देंहटाएंभाई ट्रेफिक जाम को बढ़ावा देने वालों में मुझे शामिल मत करो. मैं ट्रेफिक के हर नियम का यथाशक्ति पालन करता हूँ. मैंने आज तक अपनी बाइक भी पचास के ऊपर नहीं चलाई न ही कोई लाल लाईट जम्प की.
जवाब देंहटाएंसही लिखा है . ट्रैफिक जाम की समस्या का मुख्य कारण ट्रैफिक नियमों की
जवाब देंहटाएं...विचारणीय लेख के लिए बधाई
We are
जवाब देंहटाएं1. ब्लाग4वार्ता :83 लिंक्स
2. मिसफ़िट पर बेडरूम
3. प्रेम दिवस पर सबसे ज़रूरी बात प्रेम ही संसार की नींव है
लिंक न खुलें तो सूचना पर अंकित ब्लाग के नाम पर क्लिक कीजिये
लीजिये अब अगर हम प्रण कर ही लें तो धरती स्वर्ग नहीं बन जाएगी भला... बात तो यहीं आकर अटक जाती है... जरा सा फायदा कहीं दिखा नहीं कि ये प्रण तेल लेने चला जाता है...
जवाब देंहटाएंकाश हम अडिग रह पाएं इस प्रण पर...
अच्छी और विचारनीय पोस्ट...
samyik rachnaa
जवाब देंहटाएंvicharniya post!!!
जवाब देंहटाएंswayam sudhrenge to samasya ka samadhan bhi hoga... aapki baat sahi hai!
regards,
संजय भाई , आजकल रोड पर ट्राफिक जाम आम समस्या है. ट्राफिक नियमों का हर जगह उलंघन होता है. एक अच्छी और विचारणीय पोस्ट.
जवाब देंहटाएंठीक कहा आपने, इसके जिम्मेदार हम ही हैं। हमें खुद को ही पहले सुधारना होगा। दिल पर हाथ रखकर हर व्यक्ति क्या यह कह सकता है कि वह ट्रैफिक के नियमों का पालन करता है। अच्छी पोस्ट....
जवाब देंहटाएंइस गति से वाहन बिके तो हर नगर में ट्रैफिक जाम निश्चित हैं।
जवाब देंहटाएंHamare gharon me, paath shalaon me civic sense sikhaya hee jata!Bilkul sahi kaha aapne...ham sabhi iske liye zimmedaar hain...!Har saal nahee,har din kitne naye wahan sadkon pe aa jate hain!
जवाब देंहटाएंसंजय जी हम लोग अक्सर ट्राफिक समस्या को देखकर कोसते है लेकिन इन सब के पीछे बहुत ज्यादा तो नहीं कहूँगा लेकिन कुछ हद तक दोषी है!क्योकि कही न कही बहुत ज्यादा न सही थोडा बहुत तो ट्राफिक नियम तोड़ते ही है!
जवाब देंहटाएंबहुत सही बात कही संजय जी...
जवाब देंहटाएंअच्छी और विचारनीय पोस्ट...
@ संजय कुमार चौरसिया जी..
जवाब देंहटाएं@ यशवन्त जी..
जब तक हम खुद नहीं सुधरेंगे कोई सुधार नहीं हो सकता
इसके लिए पहले हमे सुधारना होगा
@ अमित तिवारी जी..
जिम्मेदार तो हम सब खुद ही हैं
@ विरेन्द्र सिंह चौहान जी..
आपने बिलकुल सही कहा है . ट्रैफिक जाम की समस्या का मुख्य कारण ट्रैफिक नियमों की
अनदेखी करना ही है.
@ दीपक भाई
जब तक हम खुद को नही सुधारेगें तब तक कुछ नही होगा
रोज इसी तरह जाम लगता रहेगा और हम उसका हिस्सा बनते रहेगें
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
उम्मीद है आप सभी हमेशा ही उत्साहवर्धन करते रहेंगे
बहुत बहुत धन्यवाद
आभार
संजय भास्कर
संजय जी प्रत्येक व्यक्ति अपना निजी वाहन रखना चाहता हैँ इसी होँड़ की बजह से ट्रफिक कन्जैशन बढ़ रहा है। दूसरा ट्रफिक के नियमोँ का ठीक से पालन नहीँ करना भी हैँ। आपका लेख सार्थक तथा बहुत ही उपयोगी हैँ। आभार।
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पढ़िये मेरे ब्लोग "Sansar" पर नई गजल....
जो भी पाया था कभी खुदा से मैँने
पढ़िये मेरे ब्लोग पर लेख....
वायरल, ड़ेँगूँ तथा चिकुनगुनिया से बचने का तरीका तथा प्रभावी इलाज
@ अमित चंदर ( अहसास )
जवाब देंहटाएंतभी तो कहताहूँ हमने तो ठान रखी है हम नहीं सुधरेंगे
@ आमीन जी..
@ अरुण चन्द्र रॉय जी..
@ भूषण जी..
क्या बात है भूषण जी खूब कही आपने लगता है शायद आगे ऐसा ही करना होगा
@ एस विक्रम जी
@ महेंदर वर्मा जी..
आम जनता में जागरूपता आना बहुत जरूरी है नहीं गंभीर समस्या बनती चली जाएगी
आपने ब्लॉग पर आकार अपनी राय और प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
उम्मीद है आप सभी हमेशा ही उत्साहवर्धन करते रहेंगे
बहुत बहुत धन्यवाद
आभार
संजय भास्कर
@ अंशुमाला जी..
जवाब देंहटाएंसाडी समस्या की जड़ ही दूकानदार और रेहड़ी है
कई बार दुकान तो तीन चार फिट की होती है और दुकान का आधे से ज्यादा समान फुटपाथ पर होता है तो कई जगह रेहड़ी वाले फुटपाथ को घेर कर रखते है और पैदल चलाने वाला सड़क पर चलाता है
@ हिन्दिज़ं .कॉम
@ ॐ जी..
@ गिरीश बिल्लोरे जी..
@ शेखर सुमन जी..
हम प्रण कर ही लें तो धरती स्वर्ग नहीं बन जाएगी भला.
पर शेखर जी.
किसी न किसी को तो शुरुआत करनी ही पड़ेगी
@ सोनल रस्तोगी जी..
@ अनुपमा पाठक जी..
आपने ब्लॉग पर आकार अपनी राय और प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
उम्मीद है आप सभी हमेशा ही उत्साहवर्धन करते रहेंगे
बहुत बहुत धन्यवाद
आभार
संजय भास्कर
सही है, हमारा खुद का सुधरना ही पहले ज़रूरी है.
जवाब देंहटाएंआप के उठाये गए मुद्दे में दम है भाई !
जवाब देंहटाएंपर असली गुनाहगार और जिम्मेदार कारक हैं हमारा सिस्टम !
6/10
जवाब देंहटाएंसामाजिक सरोकार से जुड़ा विचारणीय मुद्दा.
इतनी दुकानों की भरमार है लेकिन वहां 'सिविक सेन्स' नहीं मिलता. अधिकाँश समस्याओं की तरह 'ट्रेफिक जाम' भी प्रायः हमारी ही बेवकूफियों से उत्पन्न होता है.
सही विषय पर बात की..... सिविक सेन्स बहुत ज़रूरी है.....
जवाब देंहटाएंFine topic and nice way of writing.keep it up
जवाब देंहटाएंAsha
भास्कर जी
जवाब देंहटाएं९.७५/१०
सामाजिक सरोकार से जुड़ा विचारणीय मुद्दा अत:अच्छे अंक .
क्या आप जानते हैं कि उस्ताद जी अपने फर्जी ब्लॉग में माडरेशन क्यों लगाये हुए हैं ?
इसके जिम्मेदार हम ही हैं
जवाब देंहटाएं............. विचारनीय पोस्ट संजय जी
इन जैसी सारी समस्याओं का स्थाई हल तो जनसंख्या नियंत्रण ही है।
जवाब देंहटाएं...पूर राष्ट्र को मिलकर जनसंख्या नियंत्रण के आंदोलन चलाना चाहिए।
इन जैसी सारी समस्याओं का स्थाई हल तो जनसंख्या नियंत्रण ही है।
जवाब देंहटाएं...पूर राष्ट्र को मिलकर जनसंख्या नियंत्रण के आंदोलन चलाना चाहिए।
इन जैसी सारी समस्याओं का स्थाई हल तो जनसंख्या नियंत्रण ही है।
जवाब देंहटाएं...पूर राष्ट्र को मिलकर जनसंख्या नियंत्रण के आंदोलन चलाना चाहिए।
इन जैसी सारी समस्याओं का स्थाई हल तो जनसंख्या नियंत्रण ही है।
जवाब देंहटाएं...पूर राष्ट्र को मिलकर जनसंख्या नियंत्रण के आंदोलन चलाना चाहिए।
इन जैसी सारी समस्याओं का स्थाई हल तो जनसंख्या नियंत्रण ही है।
जवाब देंहटाएं...पूर राष्ट्र को मिलकर जनसंख्या नियंत्रण के आंदोलन चलाना चाहिए।
@ उपेन्द्र जी..
जवाब देंहटाएंआजकल रोड पर ट्राफिक जाम आम समस्या है. ट्राफिक नियमों का हर जगह उलंघन होता है.
इसका कारण भी तो हम हिया है उपेंदर जी..]
@ वीना जी..
इसके जिम्मेदार हम ही हैं। हमें खुद को ही पहले सुधारना होगा। दिल पर हाथ रखकर हर व्यक्ति क्या यह कह सकता है कि वह ट्रैफिक के नियमों का पालन करता है।
@ प्रवीण पाण्डेय जी..
ये बात भी सही कही आपने जी..
@ केशमा जी..
सिखाया तो सब कुछ जाता है पर उस पर धयान तो नहीं देते ..
आपने ब्लॉग पर आकार अपनी राय और प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
उम्मीद है आप सभी हमेशा ही उत्साहवर्धन करते रहेंगे
बहुत बहुत धन्यवाद
@ अमर जीत जी..
जवाब देंहटाएंये बात भी सही कही आपने जी..
@ प्रीती जी..
@ डॉ अशोक जी..
बिलकुल सही अशोक जी.
@ वन्दना अवस्थी दुबे जी..
हमारा खुद का सुधरना ही पहले बहुत ज़रूरी है
@ प्रवीण त्रिवेदी ╬ PRAVEEN TRIVEDI जी
असली गुनाहगार और जिम्मेदार कारक हैं हमारा सिस्टम !
आपने ब्लॉग पर आकार अपनी राय और प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
उम्मीद है आप सभी हमेशा ही उत्साहवर्धन करते रहेंगे
बहुत बहुत धन्यवाद
बिल्कुल सही कहा... आप पान बस खाने की बात कर रहे हो, यहाँ लोग सब्जी-फल खरीदने, किरण लेने, किसी से मिलने-बतियाने में बिजी हो जाते हैं, और उनके कारण कितनो को परेशानी हो रही है, ये तो भूल ही जाते हैं... ऐसा लगता है जैसे सड़क उन्हें दहेज़ में मिली हो...
जवाब देंहटाएंबात सही है - हम सुधरेंगे - युग सुधरेगा !!
जवाब देंहटाएंYou and I.....
जवाब देंहटाएंBhaiya aap Rehri walo ko kyu dosh de rahe ho...vo bechare kha jayege fir kaise kamayege....i think car walo ki vajah se hi jyada traffic hota hai... itni badi car me 1 hi banda bethta hai... :-D
जवाब देंहटाएंआपसे पूरी तरह से सहमत हूँ ! जब तक हम स्वयं नियमों का पालन नहीं करेंगे तब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो पायेगा ! आखिर सड़क पर हम भी तो होते हैं जो किसी न किसी रूप में इस जाम का हिस्सा होते हैं ! सार्थक पोस्ट !
जवाब देंहटाएंकभी कभी तो लगता है कि शहर में जाम नहीं बल्कि जाम में शहर है ....
जवाब देंहटाएंये बात तो है इंसान खुद ही जिम्मेदार ज्यादा है मगर पूरी तरह नही…………जिस दिन यहाँ नियमो का पालन हर क्षेत्र मे होने लगेगा हर समस्या से मुक्ति मिल जायेगी।
जवाब देंहटाएं... kyaa baat hai ... behatreen !
जवाब देंहटाएंबहुत हद तक हम सब जिम्मेदार है इस अव्यवस्था के लिए ...
जवाब देंहटाएंसहमत !
संजयजी ,
जवाब देंहटाएंआपने तो अपना फर्ज़ निभाया सही बात बता कर ,अब दायित्व है यह पोस्ट पढने वालों का कि,वे सब को समझा कर नियम -पालन हेतु प्रेरित करें .
सही लिखा है . ट्रैफिक जाम की समस्या का मुख्य कारण ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करना ही है.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंविचार-श्री गुरुवे नमः
haan sanjay ji aapne bilkul saamyik post daala hai..isame aapki chinta saaf jhalkati hai...future me yah samsyaa aur adhik badhegi...jarurat hai logo ko traffic rules ko follow karaane ki aadat dalwaane ki ...aur yah kaam kewal government ke bharoshe nahi ho sakta...
जवाब देंहटाएंसही बात है असल मे सभी समस्याओं का आधा हल तो हमारे अपने पास होता है अगर हम समझें तो। शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंbahut khub.
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही बात पूरी तरह सहमत हूँ ....शुभकामनाएँ !
जवाब देंहटाएंइंसान खुद ही जिम्मेदार ज्यादा हैसही है, हमारा खुद का सुधरना ही पहले ज़रूरी है.
जवाब देंहटाएं@ उस्ताद जी
जवाब देंहटाएंसामाजिक सरोकार से जुड़ा विचारणीय मुद्दा.
@ डॉ॰ मोनिका शर्मा जी..
@ आशा जी..
@ अमित जी..
@ देवेन्द्र पाण्डेय जी..
@ पूजा जी..
बिलकुल सही कहा आपने ऐसा लगता है जैसे सड़क उन्हें दहेज़ में मिली हो...
@ राम त्यागी जी..
@ आशीष/ ਆਸ਼ੀਸ਼ / ASHISH ji
आपने ब्लॉग पर आकार अपनी राय और प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
उम्मीद है आप सभी हमेशा ही उत्साहवर्धन करते रहेंगे
बहुत बहुत धन्यवाद
@ सुमन अनुरागी जी
जवाब देंहटाएंमैं रेहड़ी वालो को दोष इसलिए दोष दे रहा हूँ क्योकि ये लोग अपनी रेहड़ी निर्धारित जगह पर नहीं खड़ी
करते बल्कि इधर उधर खड़ी करते है जो की जाम में बाधा उत्पन करता है
@ साधना वैद जी..
पूरी तरह से सहमत हूँ ! जब तक हम स्वयं नियमों का पालन नहीं करेंगे तब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो पायेगा !
@ अरविन्द मिश्र जी..
@ वन्दना जी..
इंसान खुद ही जिम्मेदार ज्यादा है मगर पूरी तरह नही ये बात भी है
@ उदय जी..
@ वाणी गीत जी..
आपने ब्लॉग पर आकार अपनी राय और प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
@ विजय माथुर जी
जवाब देंहटाएंहमारा तो काम है अपने लेखो से सोये हुए लोगो को जगाना अब दायित्व है यह पोस्ट पढने वालों का कि,वे सब को समझा कर नियम -पालन हेतु प्रेरित करें .
@ कविता रावत जी..
@ मनोज कुमार जी..
@ मार्क रॉय जी..
@ निर्मला कपिला जी..
आपने ब्लॉग पर आकार अपनी राय और प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
उम्मीद है आप सभी हमेशा ही उत्साहवर्धन करते रहेंगे
बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत ज्वलंत और सही समस्या उठाई है आपने
जवाब देंहटाएंBAHUT SAHI LIKHA HAI APNE.....AUR YEH AAJ HAR JAGAH KI SAMASYA HAI.........MERE BLOG KI NAYI POETRY BHI PADHE.....
जवाब देंहटाएंबहुत सच्ची बात कही जी
जवाब देंहटाएंट्रैफिक जाम के जिम्मेदार हम ही हैं।
प्रणाम
बहुत बढ़िया लिखा है आपने! हम सब इसके लिए ज़िम्मेदार हैं! ट्रेफिक जेम के वजह से बहुत कठिनाइयाँ होती है और इसका कारण है बढ़ती आबादी और साथ ही साथ बढ़ती हुई गाड़ियों की संख्या ! बहुत ही कठिन समस्या है जिसका हल निकालना उतना ही कठिन है!
जवाब देंहटाएंसंजय एक ज्वलंत समस्या को उठाया है तुमने । सबसे ज्यादा जिम्मेवारी हमारी बनती है हम जो सबसे जल्दी सबसे आगे निकलने की चाह में सब कुछ गडबड कर देते हैं । धैर्य का बेहद अभाव इसका एक बडा कारण है जो जाम धैर्य रखने से 10 मिनट में साफ हो सकता है अधैर्य के कारण हम उसमें आधा घंटा फंसे रहते हैं ।
जवाब देंहटाएंलगता है किसी दिन बुरे फंसे हैं ट्रेफिक में. तभी ये लेख आया. क्यों न शुरुआत स्वयं से ही की जाए नियमों के पालन की .
जवाब देंहटाएंसबसे पहले अपने आप को ... फिर समाज को और फिर सरकार को जागना पढ़ेगा ... समझना पड़ेगा की ये एक समस्या है .... तभी इसका कोई इलाज हो सकता ...
जवाब देंहटाएंसंजय जी बिलकुल सही कहा है आपने .....
जवाब देंहटाएंSanjay jee..........sab ek saath thaan le to fir koi baat hi nahi........par aisa na ho pata hai, na ho payega..........isliye Traffic ki samasya to rahegi hi..:)
जवाब देंहटाएं@ ऊ माय लव
जवाब देंहटाएं@ रानीविशाल जी..
@ सुनीता जी..
@ कुंवर कुसुमेश जी..
@ रेवा जी..
@ अन्तर सोहिल जी..
@ बबली जी..
हम सब इसके लिए ज़िम्मेदार हैं!
@ आशा जोगलेकर जी..
सबसे ज्यादा जिम्मेवारी हमारी बनती है हम जो सबसे जल्दी सबसे आगे निकलने की चाह में सब कुछ गडबड कर देते हैं बिलकुल सही कहा आपने आशा जी
आपने ब्लॉग पर आकार अपनी राय और प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
उम्मीद है आप सभी हमेशा ही उत्साहवर्धन करते रहेंगे
बहुत बहुत धन्यवाद
संजय जी, कोमन वेल्थ गेम्स के समय में दिल्ली का ट्रेफिक कंट्रोल सही था मैं तो बहुत खुश थी इसका मतलब की अगर चाहें तो चला सकते हैं पर "हम तो नहीं सुधरेंगे"
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा विषय तुमने लिया है वाकई मे अगर हम अपने अपने स्तर पर कोसिस करे तो बहुत कुछ चीज़े सही हो सकती है ....
जवाब देंहटाएं७५ वीं टिप्पणी यह रही शुभकामनायें भास्कर !
जवाब देंहटाएंsanjay ji..
जवाब देंहटाएंaap bahut asardaar likhte hai...
bina kisi laag- lapet ke...
andaaj aisa hi rahe.. blog padhne wala hai aapka...
@ मेरे भाव ने कहा…
जवाब देंहटाएं@ दिगम्बर नासवा ने कहा…
@ अंजना जी..
@ mukesh sinha ji
@ रचना दीक्षित जी..
@ मंजुला जी..
@ सतीश सक्सेना जी..
@ काफ़िर जी..
आपने ब्लॉग पर आकार अपनी राय और प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
उम्मीद है आप सभी हमेशा ही उत्साहवर्धन करते रहेंगे
बहुत बहुत धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत हद तक हम सब जिम्मेदार है इस अव्यवस्था के लिए ...
सहमत !