08 नवंबर 2010

.........परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग



खुल के दिल से मिलो तो सजा देते हैं लोग
सच्चे जज़्बात भी ठुकरा देते हैं लोग
क्या देखेंगे दो लोगों का मिलना
बैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग !

...ये पंक्तियाँ मझे SMS में मिली, अच्छी लगी तो ब्लॉग पर आपसे साझा कर लीं !

94 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत खूबसूरत साझा पंक्तियाँ.....शुक्रिया....

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  2. बेहतरीन पंक्तियाँ..

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  3. ...ला-जवाब जबर्दस्त!!

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  4. क्या देखेंगे दो लोगों का मिलना
    बैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग !
    Kya khoob likha hai!

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  5. बहुत अच्छी पंक्तियाँ

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  6. बहुत सुन्दर पंक्तियाँ ,...
    दीपपर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ

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  7. वाह....क्या बात है .....

    बहुत खूब .....!!

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  8. थोड़े शब्दों में मार्मिक बात कही है. कम-से-कम परिंदों को तो बख़्श दे इंसान की औलाद. खाप पंचायतों की याद ताज़ा हो आई.

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  9. बेनामी11/08/2010

    बहुत प्यारा संदेश है ! दीपावली की अनंत शुभकामनायें !

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  10. वाह क्या बात कही जीओ बेटा। आशीर्वाद।

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  11. बहुत खूब ...बहुत अच्छी पंक्तियाँ...

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  12. बेहद खूबसूरत और एकदम सही बात लिखी गई है.



    प्रेमरस.कॉम में
    दैनिक जागरण में: हिंदी से हिकारत क्यों

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  13. बहुत अच्छी पंक्तियाँ

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  14. आम आदमी के हित में आपका योगदान
    मह्त्वपूर्ण है। सराहनीय लेखन....हेतु
    बधाइयाँ...ऽ. ऽ. ऽ
    ++++++++++++++++++++++++++
    नए दौर में ये इजाफ़ा हुआ है।
    जो बोरा कभी था लिफ़ाफ़ा हुआ है॥
    जो आदी हुए थूक कर चाटने के-
    वो कहते हैं इससे मुनाफ़ा हुआ है॥
    सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी
    =========================

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  15. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  16. जिसने भी लिखा है अच्छा लिखा हैं ... आपको साझा करने के लिए धन्यबाद!

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  17. बहुत ही सुन्‍दर पंक्तियां प्रस्‍तुति के लिये आभार ।

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  18. धन्यवाद
    @ संजय जी..
    @ अर्चना जी..
    @ समीर लाल जी..
    @ ॐ जी..
    @ kshama ji..
    @ यश(वन्त) जी..
    @ ऍम वर्मा जी..
    आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद आपको ये पंक्तियाँ पसंद आई
    आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं

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  19. धन्यवाद
    @ कविता रावत जी..
    @ प्रियंका राठौर जी..
    @ हरकीरत ' हीर' जी..
    @ भूषण जी..
    @ उषा राय जी..
    @ निर्मला कपिला जी..
    @ डॉ॰ मोनिका शर्मा जी..
    आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद आपको ये पंक्तियाँ पसंद आई
    आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
    धन्यवाद,
    ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

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  20. संजय भाई, इस एस एम एस में आज के लोगों की छुद्र मानसिकता का सटीक वर्णन है। आभार।

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  21. शायद यही दुनिया का दस्तूर है...

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  22. खुल के दिल से मिलो तो सजा देते हैं लोग
    सच्चे जज़्बात भी ठुकरा देते हैं लोग
    क्या देखेंगे दो लोगों का मिलना
    बैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग !
    ...bahut sundar panktiyan.

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  23. kaafi dino se blog par nahi aa paayaa thaa. sorry...aapke msg mile the.dhanyavaad.

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  24. वाह संजय जी ... कभी कभी एस एम् एस से लाजवाब चीज़ें मिल जाती हैं .... शुक्रिया ....

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  25. कम शब्दों में इतनी गहरी बात ...
    ज़रिया बहुत प्रभावशाली है . . .

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  26. सुन्दर पंक्तियाँ, ऐसे लोगों से सावधान रहें।

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  27. बहुत सटीक लाइने कम शब्दों में गहरी बात कही आपने ..........

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  28. waah is baar bhi baji aapke hi haath me hai ........SMS k thru hi sahi pr sunder panktiyo se avgat karaya aapne

    जवाब देंहटाएं
  29. waah is baar bhi baji aapke hi haath me hai ........SMS k thru hi sahi pr sunder panktiyo se avgat karaya aapne

    जवाब देंहटाएं
  30. वाह संजय जी
    गजब कि पंक्तियाँ हैं
    ........क्या बात है बहुत खूब

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  31. or haan deri ke liye sorry.
    ........sanjay ji

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  32. धन्यवाद
    @ उपेन्द्र जी..
    @ शह नवाज़ जी..
    @ रचना दीक्षित जी..
    @ अनामिका जी..
    @ डॉ० डंडा लखनवी जी..
    @ रानीविशाल जी..
    @ नीरज जाट जी..
    @ प्रकाश पंकज जी..
    @ सदा जी..
    @ वंदना जी..
    आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद आपको ये पंक्तियाँ पसंद आई
    आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
    धन्यवाद,
    ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

    जवाब देंहटाएं
  33. @ ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ जी..
    बिलकुल सही कहा आपने रजनीश जी
    इस एस एम एस में आज के लोगों की छुद्र मानसिकता का सटीक वर्णन है।

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  34. धन्यवाद
    @ फ़िरदौस ख़ान जी..
    @ मनोज जी..
    @ अरविन्द जी..
    @ दिगम्बर नासवा जी..
    @ मुफलिस जी..
    @ राम त्यागी जी..
    @ प्रवीण पाण्डेय जी..
    @ अमर जीत जी..
    @ वन्दना अवस्थी दुबे जी..
    आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद आपको ये पंक्तियाँ पसंद आई
    आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
    धन्यवाद,
    ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

    जवाब देंहटाएं
  35. बहुत खूब कहने के लिए फिर लौटा हूँ. वाकई बहुत खूब है.

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  36. संजय जी ..बड़ा अच्छा किया आपने जो इन पंक्तियों को हमारे साथ बाँट लिया.
    इसके लिए आपको आभार

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  37. सुन्दर पक्ंितयो को हमारे साथ बाटँने के लिए धन्यवाद

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  38. बहुत अच्छी पंक्तियाँ हैं लेकिन गहराई में जाया जाए तो आपने कडवी सच्चाई को बयान करते हुए समाज को आइना दिखाया हैं.
    बहुत-बहुत बधाई.
    धन्यवाद.
    WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM

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  39. बहुत गहरे भाव समेटे हैं अपने भीतर। एक बार फिर से बधाई स्‍वीकारें।

    ---------
    मिलिए तंत्र मंत्र वाले गुरूजी से।
    भेदभाव करते हैं वे ही जिनकी पूजा कम है।

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  40. बेनामी11/13/2010

    संजय सुपुत्र
    आशिर्वाद
    पंक्तिओं में बहुत गहरा सार है

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  41. संजय बेटा
    आशिर्वाद
    पंक्तियों में बहुत गहरा सार है
    गलती से बेनामी पर टिक हो गया
    क्षमा (भूल सुधार)
    गुड्डोदादी चिकागो से

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  42. वाकई दिल को छू लेने वाली लाइने है ! शुभकामनायें !

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  43. v nice lines....dhanyavad ham sabse share karne kay liye

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  44. जिसने भी कहा खूब कहा है.

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  45. @ अमरेंदर अक्स जी..
    @ पलक जी..
    @ प्रीती जी..
    @ सुमन जी..
    @ अनुपमा पाठक जी..
    @ भूषण जी..
    @ विरेन्द्र सिंह चौहान जी..
    @ अरुण चन्द्र रॉय जी..
    @ मार्क रॉय जी..
    @ दीपक सैनी जी..
    @ चन्द्र कुमार सोनी जी..
    @ अलोक खरे जी..
    आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद आपको ये पंक्तियाँ पसंद आई
    आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
    धन्यवाद,
    ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

    आभार
    संजय भास्कर

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  46. @ ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ जी..
    @ साधना वैद जी..
    @ गिरीश बिल्लोरे जी..
    @ गुड्डोदादी जी..
    @ सतीश सक्सेना जी..
    @ रेवा जी..
    @ शिवानी जी..
    @ डा. अरुणा कपूर. जी..
    आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद आपको ये पंक्तियाँ पसंद आई
    आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
    धन्यवाद,
    ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

    आभार
    संजय भास्कर

    जवाब देंहटाएं
  47. खुल के दिल से मिलो तो सजा देते हैं लोग
    सच्चे जज़्बात भी ठुकरा देते हैं लोग
    क्या देखेंगे दो लोगों का मिलना
    बैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग !
    sunder .

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  48. बहुत बढ़िया लगा ये पढ़ कर --- क्या देखेंगे दो लोगों का मिलना-- बैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग.............

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  49. जरा से लाइन में बहुत कुछ कह गये आप. मुबारक हो इस रचना के लिए.

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  50. बहुत ख़ूबसूरत पंक्तियाँ और साथ ही प्यारी पंछी!

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  51. I also liked these lines very much.
    Very nice

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  52. अच्छा एस एम एस।

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  53. bahut khoob, sms bhejne wale ko dhanyawaad meri taraf se bhi aur aapko bhi.

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  54. @ आशीष मिश्रा जी..
    @ पूर्वीय जी..
    @ डॉ. परवीन जी..
    @ अंजना जी..
    @ तारकेश्वर गिरी जी..
    @ वीणा जी..
    @ बबली जी..
    @ अपराजिता जी..
    @ पवन जी..
    @ जेन्नी शबनम जी..
    आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद आपको ये पंक्तियाँ पसंद आई
    आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
    धन्यवाद,
    ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

    आभार
    संजय भास्कर

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  55. Sanjay bahut khoobsurat panktiyan hain. Nav varsh mangalmay ho.

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  56. बहुत सुंदर पंक्तियाँ हैं।
    नया साल मुबारक हो!

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  57. बहुत सुन्दर भाव की पंक्तियाँ

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  58. बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ.....

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  59. बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ.....

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  60. बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ.....

    जवाब देंहटाएं
  61. बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ.....

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  62. निहायत सत्य. आजकल यही अनुभूती होती है.

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  63. अच्छी कविता है संजय भाई....बधाई...!

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  64. खुल के दिल से मिलो तो सजा देते हैं लोग
    सच्चे जज़्बात भी ठुकरा देते हैं लोग
    क्या देखेंगे दो लोगों का मिलना
    बैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग !
    sunder sanjay ...........
    क्या देखेंगे लोग दो दिलों का मिलना,जिनके दिल में प्यार पला भी हो,
    देख नहीं पाया कोई दिल के मिलन को बुरी फितरत के मारे हैं सारे.

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  65. बैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग !

    भई वाह

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- संजय भास्कर