खुल के दिल से मिलो तो सजा देते हैं लोग
सच्चे जज़्बात भी ठुकरा देते हैं लोग
क्या देखेंगे दो लोगों का मिलना
बैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग !
...ये पंक्तियाँ मझे SMS में मिली, अच्छी लगी तो ब्लॉग पर आपसे साझा कर लीं !
सच्चे जज़्बात भी ठुकरा देते हैं लोग
क्या देखेंगे दो लोगों का मिलना
बैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग !
...ये पंक्तियाँ मझे SMS में मिली, अच्छी लगी तो ब्लॉग पर आपसे साझा कर लीं !
sundar panktiyan
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत साझा पंक्तियाँ.....शुक्रिया....
जवाब देंहटाएंबेहतरीन पंक्तियाँ..
जवाब देंहटाएं...ला-जवाब जबर्दस्त!!
जवाब देंहटाएंक्या देखेंगे दो लोगों का मिलना
जवाब देंहटाएंबैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग !
Kya khoob likha hai!
Fantastic lines!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर पंक्तियाँ ,...
जवाब देंहटाएंदीपपर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ
very nice....
जवाब देंहटाएंवाह....क्या बात है .....
जवाब देंहटाएंबहुत खूब .....!!
थोड़े शब्दों में मार्मिक बात कही है. कम-से-कम परिंदों को तो बख़्श दे इंसान की औलाद. खाप पंचायतों की याद ताज़ा हो आई.
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारा संदेश है ! दीपावली की अनंत शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात कही जीओ बेटा। आशीर्वाद।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ...बहुत अच्छी पंक्तियाँ...
जवाब देंहटाएंbahoot sunder.........
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत और एकदम सही बात लिखी गई है.
जवाब देंहटाएंप्रेमरस.कॉम में
दैनिक जागरण में: हिंदी से हिकारत क्यों
बहुत अच्छी पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंबढ़िया एस.ऍम.एस .
जवाब देंहटाएंआम आदमी के हित में आपका योगदान
जवाब देंहटाएंमह्त्वपूर्ण है। सराहनीय लेखन....हेतु
बधाइयाँ...ऽ. ऽ. ऽ
++++++++++++++++++++++++++
नए दौर में ये इजाफ़ा हुआ है।
जो बोरा कभी था लिफ़ाफ़ा हुआ है॥
जो आदी हुए थूक कर चाटने के-
वो कहते हैं इससे मुनाफ़ा हुआ है॥
सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी
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Bahut bhadiya...shukriya jo shanjha kiya :)
जवाब देंहटाएंसही कहा है।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंजिसने भी लिखा है अच्छा लिखा हैं ... आपको साझा करने के लिए धन्यबाद!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर पंक्तियां प्रस्तुति के लिये आभार ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर्।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
जवाब देंहटाएं@ संजय जी..
@ अर्चना जी..
@ समीर लाल जी..
@ ॐ जी..
@ kshama ji..
@ यश(वन्त) जी..
@ ऍम वर्मा जी..
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद आपको ये पंक्तियाँ पसंद आई
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
धन्यवाद
जवाब देंहटाएं@ कविता रावत जी..
@ प्रियंका राठौर जी..
@ हरकीरत ' हीर' जी..
@ भूषण जी..
@ उषा राय जी..
@ निर्मला कपिला जी..
@ डॉ॰ मोनिका शर्मा जी..
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद आपको ये पंक्तियाँ पसंद आई
आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
धन्यवाद,
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
संजय भाई, इस एस एम एस में आज के लोगों की छुद्र मानसिकता का सटीक वर्णन है। आभार।
जवाब देंहटाएंशायद यही दुनिया का दस्तूर है...
जवाब देंहटाएंअच्छा एस एम एस।
जवाब देंहटाएंखुल के दिल से मिलो तो सजा देते हैं लोग
जवाब देंहटाएंसच्चे जज़्बात भी ठुकरा देते हैं लोग
क्या देखेंगे दो लोगों का मिलना
बैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग !
...bahut sundar panktiyan.
kaafi dino se blog par nahi aa paayaa thaa. sorry...aapke msg mile the.dhanyavaad.
जवाब देंहटाएंवाह संजय जी ... कभी कभी एस एम् एस से लाजवाब चीज़ें मिल जाती हैं .... शुक्रिया ....
जवाब देंहटाएंकम शब्दों में इतनी गहरी बात ...
जवाब देंहटाएंज़रिया बहुत प्रभावशाली है . . .
सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसुन्दर पंक्तियाँ, ऐसे लोगों से सावधान रहें।
जवाब देंहटाएंबहुत सटीक लाइने कम शब्दों में गहरी बात कही आपने ..........
जवाब देंहटाएंसचमुच बहुत अच्छी है.
जवाब देंहटाएंwaah is baar bhi baji aapke hi haath me hai ........SMS k thru hi sahi pr sunder panktiyo se avgat karaya aapne
जवाब देंहटाएंwaah is baar bhi baji aapke hi haath me hai ........SMS k thru hi sahi pr sunder panktiyo se avgat karaya aapne
जवाब देंहटाएंsunder panktiyan
जवाब देंहटाएंवाह संजय जी
जवाब देंहटाएंगजब कि पंक्तियाँ हैं
........क्या बात है बहुत खूब
or haan deri ke liye sorry.
जवाब देंहटाएं........sanjay ji
धन्यवाद
जवाब देंहटाएं@ उपेन्द्र जी..
@ शह नवाज़ जी..
@ रचना दीक्षित जी..
@ अनामिका जी..
@ डॉ० डंडा लखनवी जी..
@ रानीविशाल जी..
@ नीरज जाट जी..
@ प्रकाश पंकज जी..
@ सदा जी..
@ वंदना जी..
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद आपको ये पंक्तियाँ पसंद आई
आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
धन्यवाद,
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
@ ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ जी..
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही कहा आपने रजनीश जी
इस एस एम एस में आज के लोगों की छुद्र मानसिकता का सटीक वर्णन है।
धन्यवाद
जवाब देंहटाएं@ फ़िरदौस ख़ान जी..
@ मनोज जी..
@ अरविन्द जी..
@ दिगम्बर नासवा जी..
@ मुफलिस जी..
@ राम त्यागी जी..
@ प्रवीण पाण्डेय जी..
@ अमर जीत जी..
@ वन्दना अवस्थी दुबे जी..
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद आपको ये पंक्तियाँ पसंद आई
आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
धन्यवाद,
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
Sahi baat hai
जवाब देंहटाएंsundar panktiyan!
जवाब देंहटाएंthanks for sharing!!!
बहुत खूब कहने के लिए फिर लौटा हूँ. वाकई बहुत खूब है.
जवाब देंहटाएंसंजय जी ..बड़ा अच्छा किया आपने जो इन पंक्तियों को हमारे साथ बाँट लिया.
जवाब देंहटाएंइसके लिए आपको आभार
सुन्दर सन्देश !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर..!!
जवाब देंहटाएंसुन्दर पक्ंितयो को हमारे साथ बाटँने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी पंक्तियाँ हैं लेकिन गहराई में जाया जाए तो आपने कडवी सच्चाई को बयान करते हुए समाज को आइना दिखाया हैं.
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत बधाई.
धन्यवाद.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
thnx for sharing,
जवाब देंहटाएंnice panktiyan
बहुत गहरे भाव समेटे हैं अपने भीतर। एक बार फिर से बधाई स्वीकारें।
जवाब देंहटाएं---------
मिलिए तंत्र मंत्र वाले गुरूजी से।
भेदभाव करते हैं वे ही जिनकी पूजा कम है।
बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंसंजय सुपुत्र
जवाब देंहटाएंआशिर्वाद
पंक्तिओं में बहुत गहरा सार है
संजय बेटा
जवाब देंहटाएंआशिर्वाद
पंक्तियों में बहुत गहरा सार है
गलती से बेनामी पर टिक हो गया
क्षमा (भूल सुधार)
गुड्डोदादी चिकागो से
वाकई दिल को छू लेने वाली लाइने है ! शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंv nice lines....dhanyavad ham sabse share karne kay liye
जवाब देंहटाएंजिसने भी कहा खूब कहा है.
जवाब देंहटाएंitani sundar paktiyan!...bahut khoob!
जवाब देंहटाएं@ अमरेंदर अक्स जी..
जवाब देंहटाएं@ पलक जी..
@ प्रीती जी..
@ सुमन जी..
@ अनुपमा पाठक जी..
@ भूषण जी..
@ विरेन्द्र सिंह चौहान जी..
@ अरुण चन्द्र रॉय जी..
@ मार्क रॉय जी..
@ दीपक सैनी जी..
@ चन्द्र कुमार सोनी जी..
@ अलोक खरे जी..
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद आपको ये पंक्तियाँ पसंद आई
आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
धन्यवाद,
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
आभार
संजय भास्कर
@ ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ जी..
जवाब देंहटाएं@ साधना वैद जी..
@ गिरीश बिल्लोरे जी..
@ गुड्डोदादी जी..
@ सतीश सक्सेना जी..
@ रेवा जी..
@ शिवानी जी..
@ डा. अरुणा कपूर. जी..
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद आपको ये पंक्तियाँ पसंद आई
आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
धन्यवाद,
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
आभार
संजय भास्कर
bahot sundar..........
जवाब देंहटाएंखुल के दिल से मिलो तो सजा देते हैं लोग
जवाब देंहटाएंसच्चे जज़्बात भी ठुकरा देते हैं लोग
क्या देखेंगे दो लोगों का मिलना
बैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग !
sunder .
बहुत बढ़िया लगा ये पढ़ कर --- क्या देखेंगे दो लोगों का मिलना-- बैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग.............
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत...
जवाब देंहटाएंजरा से लाइन में बहुत कुछ कह गये आप. मुबारक हो इस रचना के लिए.
जवाब देंहटाएंजिसकी भी है अच्छी है
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत पंक्तियाँ और साथ ही प्यारी पंछी!
जवाब देंहटाएंI also liked these lines very much.
जवाब देंहटाएंVery nice
अच्छा एस एम एस।
जवाब देंहटाएंbahut khoob, sms bhejne wale ko dhanyawaad meri taraf se bhi aur aapko bhi.
जवाब देंहटाएं@ आशीष मिश्रा जी..
जवाब देंहटाएं@ पूर्वीय जी..
@ डॉ. परवीन जी..
@ अंजना जी..
@ तारकेश्वर गिरी जी..
@ वीणा जी..
@ बबली जी..
@ अपराजिता जी..
@ पवन जी..
@ जेन्नी शबनम जी..
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद आपको ये पंक्तियाँ पसंद आई
आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
धन्यवाद,
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
आभार
संजय भास्कर
Sanjay bahut khoobsurat panktiyan hain. Nav varsh mangalmay ho.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर पंक्तियाँ हैं।
जवाब देंहटाएंनया साल मुबारक हो!
very good ..badia sms bheja ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भाव की पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत पंक्तियाँ.....
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत पंक्तियाँ.....
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत पंक्तियाँ.....
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत पंक्तियाँ.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.
जवाब देंहटाएं-
नव वर्ष २०११ और एक प्रार्थना
सुन्दर व सत्य........
जवाब देंहटाएंनिहायत सत्य. आजकल यही अनुभूती होती है.
जवाब देंहटाएंखूबसूरत
जवाब देंहटाएंअच्छी कविता है संजय भाई....बधाई...!
जवाब देंहटाएंखुल के दिल से मिलो तो सजा देते हैं लोग
जवाब देंहटाएंसच्चे जज़्बात भी ठुकरा देते हैं लोग
क्या देखेंगे दो लोगों का मिलना
बैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग !
sunder sanjay ...........
क्या देखेंगे लोग दो दिलों का मिलना,जिनके दिल में प्यार पला भी हो,
देख नहीं पाया कोई दिल के मिलन को बुरी फितरत के मारे हैं सारे.
बैठे हुए दो परिंदों को भी उड़ा देते हैं लोग !
जवाब देंहटाएंभई वाह
behad khoobsurat! wah!
जवाब देंहटाएंkhubsurat panktiya
जवाब देंहटाएं