प्रिय ब्लॉगर मित्रो प्रणाम ! कैसे है आप सब ? लीजिये मैं फिर हाज़िर हूँ एक लम्बे इंतज़ार के बाद आप सब के लिए एक शेर आशा है आप सब को यह पसंद आयेगा !
जो कोई समझ न पाए वो बात हूँ मैं
जो ढल के नई सुबह लाये वो रात हूँ मैं
चले जाते है लोग दुनिया से रिश्ता बना के
जो न कभी छूट पाए वो साथ हूँ मैं
आपका संजय भास्कर
61 टिप्पणियां:
Bahut khoobsoorat!Aise hi bane rahiye!
पुन: स्वागतमस्ति भवत: अत्र चिट्ठाजगति ।
सुस्वागतम् ।
Welcome back.....
लीजिये मैं फिर हाज़िर हूँ.
kya baat hai..........
जो न कभी छूट पाए वो साथ हूँ मैं
सुस्वागतम आपके वापसी का
और सुन्दर शेर के क्या कहने
आशा भरा
welcome back
क्या कहना आपकी इस सादगी का, जिसके हम कायल होने पर भी और कायल होते जा रहे है। बहुत अच्छी रचना
swagat hai ji
संजय भास्कर जी
अच्छी कविता के लिए बधाई !
शस्वरं पर आपका स्वागत है ,आइएगा…
शुभकामनाओं सहित …
- राजेन्द्र स्वर्णकार
शस्वरं
......Welcome back......
अच्छी कविता के लिए बधाई !
स्वागत है स्वागत है स्वागत है
o ho ho ho ho...........kya baat hai...........tussi te chaa gaye...............mindlowing..........
bhai isko aur badhao.........aur bhi bht kuch likh sakte ho........
बेहतरीन । स्वागत है ।
हमे पता है बेटा ये ब्लागिन्ग का चस्का जिसे एक बार लग गया वो जायेगा कहाँ। कहाँ रहे इतने दिन? बहुत बहुत आशीर्वाद।
BHASKAR JI
SWAGAT HAI
BHASKAR JI
SWAGAT HAI
स्वागत है आपका ... अच्छा लिखा है बहुत .... संजय जी ...
स्वागत।
सुस्वागतम!!!
बहुत सुंदर.
रामराम.
Khoobsoorat!
apka a swagat hai....
स्वागत स्वागत स्वागत और स्वागत
swagat hai. kahaan chale gaye the bhai..? soona-soona lag raha tha blog-jagat. ab jame rahana. bhhaskar-sa chamakate rahana.
बहुत खूब...सुंदर
welcome back
स्वागत है जी वापसी पर आपका
svaagatam !
स्वागत है।
क्या बात!
क्या बात!
क्या बात!
जय हो प्रभु... शुरु हो जाएं...
Most Welcome
स्वागत है.
swagatam ..
बहुत अच्छा लगा तुम्हारा बापिस आना |बहुत सुन्दर
भाव है रचना में |हमने बहुत मिस किया था |
कहाँ की सैर की बेटा |
आशा
सुस्वागतम
एक बार फ़िर स्वागत है,
पातालकोट तो घुम आए होगे।
यह पोस्ट ब्लाग4वार्ता पर भी है
स्वागत है ..मगर तुम गए कहाँ थे ..?
एक बेहतरीन अश`आर के साथ पुन: आगमन पर आपका हार्दिक स्वागत है.
kya baat hai ji.....
aapka swaagat hai ji ek baar fir...
kunwar ji,
आप गए ही कहां थे आप तो दिल में ते जनाब
kya baat hai, swagatam !
जो कोई समझ न पाए वो बात हूँ मैं
जो ढल के नई सुबह लाये वो रात हूँ मैं
चले जाते है लोग दुनिया से रिश्ता बना के
जो न कभी छूट पाए वो साथ हूँ मैं
Ye to hai.suswagatam
welcome back........
स्वागत है ..मगर तुम गए कहाँ थे ..?
ये साथ बना रहे...आमीन...
नीरज
@sanjay जी
आप भी इस common blog का member एवं follower बनने के लिए सादर आमंत्रित है
swagat hai
sanjay ji pahlee bar aapke blog per aaya hun. Behtareen blog hai. har kavita,har photograph kuch sochane par majboor kar dete hain. aise hi likhate rahiye bahut-bahut shubhkamnayen.
wah -sanjay ji
itane dino baad padarpan ke liye is liye maffi kyon ki itana sher arj kiya hai aapne.bahut hi khoob.khoob--------
poonam
Bahut hi Umda, sunder:-)
khubsurat sher....
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'पाखी की दुनिया' के एक साल पूरे
ऐसे ही मिलते रहें और अपने हालचाल देते रहें।
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पॉल बाबा की जादुई शक्ति के राज़।
सावधान, आपकी प्रोफाइल आपके कमेंट्स खा रही है।
ढेरों तालियाँ
WELCOME BACK.
HAARDIK SWAAGAT.
SU-SWAAGATAM.
THANKS.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
बेहतरीन,
बधाई हो...
बहुत बढिया!
बहुत ही सुन्दर शब्द ।
aapka sath yun hin bana rahe, shubhkaamnaayen aur shukriya.
स्वागत है आपका
first time enter ur blog.....
nice blog........
बढ़िया शेर...
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