07 मई 2010

कुछ कसूर चेहरों का भी होगा ! ! !


कुछ मेरे कदमो का ,
कुछ कसूर अंधेरो का भी होगा
इतनी गुस्ताख निगाहे नहीं हैप्पी ,
कुछ कसूर चेहरों का भी होगा |

35 टिप्‍पणियां:

  1. ...बहुत सुन्दर ... बेहतरीन !!!

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  2. dil khush kar diya janaab aapne

    kuchh kasoor chehron ka bhi hoga

    really great

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  3. क्या बात है... बहुत खूब।

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  4. जबाब नही, कसुर चेहरे का है॥

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  5. अच्‍छा प्रयास... शुक्रिया संजय जी

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  6. बहरों का कुसूर नहीं होता है, होता है कुसूर सिर्फ गजलों का
    चेहरों का कुसूर नहीं होता है, होता है कुसूर 'सलिल' नजरों का..

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  7. वाह! क्या बात है

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  8. Wah! Dilko bahlaneko Galib khayal achha hai!Yah hui halki fulki baat..rachana badi achhee hai!

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  9. ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

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  10. अच्छा लिखा है ..मेरी भाषा में.... बोले तो ..एक दम ..रापचिक माल !!!

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  11. बहुत लाजवाब, शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  12. क्या बात है
    चार लाइनों में ही इतनी बडी बात॥

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  13. कुछ खामोश नज़रें,

    वह कातिल अदाएं लिए घूमते हैं
    बचेगा वह कैसे, जो नज़रें मिलाएं

    चार लाईन में ही सब कुछ कह डाला भाई...

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  14. अपनी रचना की कुछ तो लम्बी बढाओ संजय |
    एक सुंदर भाव|
    आशा

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  15. वाह वाह क्या बात है! हर एक पंक्तियाँ लाजवाब है! बेहतरीन प्रस्तुती!

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  16. मुझे तो आप बस ये बताओ कि-"इतना बढ़िया और प्रभावी कैसे लिख लेते हो आप???"
    धन्यवाद.
    WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM

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  17. चार लाइनों में ही इतनी बडी बात॥

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  18. kuch kasoor tere chehre ka bhi hoga...............main kya kahoon kamaal hai.............

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  19. वाह वाह क्या बात है!

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- संजय भास्कर