जिन्दगी के कुछ रंगों को समेटकर शब्दों से मुस्कुराहट बाँटने की कोशिश :)
...बहुत सुन्दर ... बेहतरीन !!!
dil khush kar diya janaab aapnekuchh kasoor chehron ka bhi hogareally great
लाजवाब!!
bahut khoobsurat najm, dil ko chhokar jati hai.
क्या बात है... बहुत खूब।
जबाब नही, कसुर चेहरे का है॥
wah ..ustad kya bat hai ..jiyo..
लाजवाब कर दिया आपने। बधाई।--------पड़ोसी की गई क्या?गूगल आपका एकाउंट डिसेबल कर दे तो आप क्या करोगे?
झकास बन गया भास्कर भाई !
अच्छा प्रयास... शुक्रिया संजय जी
बहरों का कुसूर नहीं होता है, होता है कुसूर सिर्फ गजलों काचेहरों का कुसूर नहीं होता है, होता है कुसूर 'सलिल' नजरों का..
वाह! क्या बात है
Very good....
Wah! Dilko bahlaneko Galib khayal achha hai!Yah hui halki fulki baat..rachana badi achhee hai!
Happy bole to????? Kulwant bhai kya? :)
सुन्दर्
बढिया ...
wah!
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
waah
शान्दार.
बहुत खूब.
अच्छा लिखा है ..मेरी भाषा में.... बोले तो ..एक दम ..रापचिक माल !!!
बहुत लाजवाब, शुभकामनाएं.रामराम.
क्या बात हैचार लाइनों में ही इतनी बडी बात॥
कुछ खामोश नज़रें,वह कातिल अदाएं लिए घूमते हैंबचेगा वह कैसे, जो नज़रें मिलाएंचार लाईन में ही सब कुछ कह डाला भाई...
अपनी रचना की कुछ तो लम्बी बढाओ संजय | एक सुंदर भाव|आशा
वाह वाह क्या बात है! हर एक पंक्तियाँ लाजवाब है! बेहतरीन प्रस्तुती!
...प्रशंसनीय
मुझे तो आप बस ये बताओ कि-"इतना बढ़िया और प्रभावी कैसे लिख लेते हो आप???"धन्यवाद.WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
मार डाला .................अल्लाह .......
laazwaab
चार लाइनों में ही इतनी बडी बात॥
kuch kasoor tere chehre ka bhi hoga...............main kya kahoon kamaal hai.............
वाह वाह क्या बात है!
एक निवेदन !आपके द्वारा दी गई प्रतिक्रिया मेरे लिए मूल्यवान है - संजय भास्कर
...बहुत सुन्दर ... बेहतरीन !!!
जवाब देंहटाएंdil khush kar diya janaab aapne
जवाब देंहटाएंkuchh kasoor chehron ka bhi hoga
really great
लाजवाब!!
जवाब देंहटाएंbahut khoobsurat najm, dil ko chhokar jati hai.
जवाब देंहटाएंक्या बात है... बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंजबाब नही, कसुर चेहरे का है॥
जवाब देंहटाएंwah ..ustad kya bat hai ..jiyo..
जवाब देंहटाएंलाजवाब कर दिया आपने। बधाई।
जवाब देंहटाएं--------
पड़ोसी की गई क्या?
गूगल आपका एकाउंट डिसेबल कर दे तो आप क्या करोगे?
झकास बन गया भास्कर भाई !
जवाब देंहटाएंअच्छा प्रयास... शुक्रिया संजय जी
जवाब देंहटाएंबहरों का कुसूर नहीं होता है, होता है कुसूर सिर्फ गजलों का
जवाब देंहटाएंचेहरों का कुसूर नहीं होता है, होता है कुसूर 'सलिल' नजरों का..
वाह! क्या बात है
जवाब देंहटाएंVery good....
जवाब देंहटाएंWah! Dilko bahlaneko Galib khayal achha hai!Yah hui halki fulki baat..rachana badi achhee hai!
जवाब देंहटाएंHappy bole to????? Kulwant bhai kya? :)
जवाब देंहटाएंसुन्दर्
जवाब देंहटाएंबढिया ...
जवाब देंहटाएंwah!
जवाब देंहटाएंब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंwaah
जवाब देंहटाएंशान्दार.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब.
जवाब देंहटाएंअच्छा लिखा है ..मेरी भाषा में.... बोले तो ..एक दम ..रापचिक माल !!!
जवाब देंहटाएंबहुत लाजवाब, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
क्या बात है
जवाब देंहटाएंचार लाइनों में ही इतनी बडी बात॥
कुछ खामोश नज़रें,
जवाब देंहटाएंवह कातिल अदाएं लिए घूमते हैं
बचेगा वह कैसे, जो नज़रें मिलाएं
चार लाईन में ही सब कुछ कह डाला भाई...
अपनी रचना की कुछ तो लम्बी बढाओ संजय |
जवाब देंहटाएंएक सुंदर भाव|
आशा
वाह वाह क्या बात है! हर एक पंक्तियाँ लाजवाब है! बेहतरीन प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएं...प्रशंसनीय
जवाब देंहटाएंमुझे तो आप बस ये बताओ कि-"इतना बढ़िया और प्रभावी कैसे लिख लेते हो आप???"
जवाब देंहटाएंधन्यवाद.
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मार डाला .................अल्लाह .......
जवाब देंहटाएंlaazwaab
जवाब देंहटाएंचार लाइनों में ही इतनी बडी बात॥
जवाब देंहटाएंkuch kasoor tere chehre ka bhi hoga...............main kya kahoon kamaal hai.............
जवाब देंहटाएंवाह वाह क्या बात है!
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