04 अप्रैल 2010

इस देश में अतंकवादियो क्या है तुम्हारा



इस देश में अतंकवादियो क्या है तुम्हारा ,
यहाँ  से चले जाओ अब ये देश हमारा है |
सुला देंगे हम तुम्हे नींद सुकून की ,
तुम्हे खत्म  करना ही हमारा नारा है |
हमारे दिल के भाई को तुम्हारे दिल में बसा देंगे ,
तुम्हे ही क्या हम तुम्हारी हस्ती को मिटा देंगे |
बहुत दिने से सह रहे है यातनाए तुम्हारी ,
इस देश की भूमि पर पाँव रखते ही मिटा देंगे |
तुम्हारे दिए हुए दुखो को हम खुशियो से भुला देंगे ,
अब हम अपने देश के  जख्मो पर मरहम लगा देंगे |
उन मासूमो का खून बहाने वालो को हम टोक देंगे ,
हमारे दुस्मानो को हम सरहद के पार ही रूक देंगे |

.......संजय भास्कर........


38 टिप्‍पणियां:

ज्योति सिंह ने कहा…

adbhut rachna likhi hai ,deshbhakti ke ras me doobi hui .sachchi bhavna yahi hai .jahan taklife dil ko chhoo jaaye .

Narendra Vyas ने कहा…

भाई संजय भास्‍कार जी ने बहुत अच्‍छा प्रयास किया है, पर मैं इतना और कहूंगा कि
''इस देश में अतंकवादियो क्या है तुम्हारा ,
यहाँ से चले जाओ अब ये देश हमारा है |....''

ये देश 'अब' नहीं सदा से ही हमारा था, हमारा है और हमारा ही रहेगा ।

साधुवाद । अपनी देश के प्रति भावनाओं को हम तक पहूंचाने का । आभार ।।

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

prayas acchha hai..badhayi.

M VERMA ने कहा…

सुला देंगे हम तुम्हे नींद सुकून की ,
तुम्हे खत्म करना ही हमारा नारा है |
अच्छी चेतावनी
सुन्दर रचना

दिगम्बर नासवा ने कहा…

अच्छा लिखा है ... पर ये आतांकी इतनी आसानी से समझने वाले नही .. एंट का जवाब पत्थर से देना होगा ....

कृष्ण मुरारी प्रसाद ने कहा…

हम ईंट से ईंट बजा देंगे....
.......अच्छी रचना...

Kulwant Happy ने कहा…

मैं इसको ओसामा बिन लादेन के पास भेज रहा हूं।.. लिखते रहो दोस्त।

adhura swapn ने कहा…

jahan aaj maximum log vyast hai apne aap main wahan pe is tarah ki prastuti kabile tarif hai....best of luck...Shambhu Singh.

Vishawjeet Saini ने कहा…

aap bhi gajab ki kavita likhate ho Sanjay ji....

http://poems.vishawjeet.in

IMAGE PHOTOGRAPHY ने कहा…

khubsurat post hai bhai

डॉ टी एस दराल ने कहा…

अच्छी भावना से प्रेरित रचना ।

Dev ने कहा…

वाह ! संजय जी .....बहुत बेहतरीन रचना .

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत उतम रचना.

रामराम.

Urmi ने कहा…

हमारे दिल के भाई को तुम्हारे दिल में बसा देंगे ,
तुम्हे ही क्या हम तुम्हारी हस्ती को मिटा देंगे |
बहुत दिने से सह रहे है यातनाए तुम्हारी ,
इस देश की भूमि पर पाँव रखते ही मिटा देंगे |
वाह बहुत सुन्दर पंक्तियाँ! देशभक्ति पर लाजवाब प्रस्तुती! बधाई!

Unknown ने कहा…

.....बहुत बेहतरीन रचना ........

प्रवीण त्रिवेदी ने कहा…

देखिये कब जायेंगे ....वैसे तो अभी हम दामाद की तरह खातिरदारी कर रहे हैं ???

Unknown ने कहा…

देशभक्ति पर लाजवाब प्रस्तुती!

कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹 ने कहा…

uttam rchna avm bhav poorn abhivkti ..badhayee

Unknown ने कहा…

achhe bhav hain aur achhe shabad hain.

Kishore Pareek ने कहा…

संजय भाई ...बेहतरीन रचना .......है . परन्तु दोष हमारे नेताओं का है . हमारा स्वाभिमान वे ख़त्म करते जा राहे है. आपके गीत के सम्मान में मेरी कुछ पंक्तियाँ समर्पित है ...
स्वाभिमान सो गया है, तेज कहीं खो गया है
सिंह को सियार अब रोज धमकाएंगे
आँख मूँद भीष्म बने, देश को चलने वाले
माँ भारती की लाज को, ये कैसे बचा पाएंगे
दुश्मनों की आँख रही, देश के ललाट पर
प्रेम के तराने फिर भी गाते चले जायेंगें
संसद पे हमलों से, जूझेंगें जवान जब
कुर्सियों के नीचे जाकर, ये छुप जायेंगें

Girish Kumar Billore ने कहा…

संजय भाई बिन पढे टिपियाना रिश्ते निभाना है ?
इसे सुधारिये शायद लिखने मे कोई गलती रह गई है
उन मासूमो का खून बहाने वालो को हम टोक देंगे ,
हमारे दुस्मानो को हम सरहद के पार ही रूक देंगे |
अर्थ के मान से रचना अच्छी है हर मापदण्ड से बेहतर हो इस लिये एक बार गौर से देखिये फ़िर पोस्ट कीजिये
टोक देंगे... के बाद रूक देंगे | के स्थान पर रोक देंगे होना चाहिये
मुझे गलत मत समझैये
सदैव ही आपका
गिरीश

कडुवासच ने कहा…

...बहुत सुन्दर,जबरदस्त,बधाई!!!

लिमटी खरे ने कहा…

संजय भाई, आपने बहुत अच्‍छा मुददा उठाया है, इसे पढकर पचास से सत्‍तर के दशक की यादें ताज हो जाती हें, जब देशप्रेम के जज्‍बे वाले गीत बजा करते थे, अब तो सरकार ही सोने का नाटक कर रही है, एक बात और जगाया उसे जा सकता है जो सो रहा हो, जो सोने का नाटक करे उसे कैसे जगाईएगा, बहरहाल बहुत अच्‍छा प्रयास,

sandhyagupta ने कहा…

इस देश में अतंकवादियो क्या है तुम्हारा ,
यहाँ से चले जाओ अब ये देश हमारा है |

Har Bharatvasi ko yah nara buland karne ki jarurat hai.

Anand ने कहा…

kosis jari rakho...girish ji ke baat pe gaur karo...ye kavita achi kosis hai aur usse bhi achi iske piche chhipi bhawana...

Ravi Rajbhar ने कहा…

Par ye jabhi sambhav hoga jab hamare desh ke rajneta sath den.
rachna bahut achchi hai.

kunwarji's ने कहा…

bahut badhiya paryaas bhai sahaab......

रचना दीक्षित ने कहा…

बहुत लाजवाब,हर इक बात बहुत गहरी.इतनी बेहतरीन प्रस्तुती के लिए आभार

Dr. Vimla Bhandari ने कहा…

महका गये आपके अल्फाज
गुनगुनाने को फिर से
लो शाम गिर आयी

Unknown ने कहा…

देशभक्ति पर लाजवाब प्रस्तुती!

Asha Lata Saxena ने कहा…

बचपन में ले जाने के लिए बहुत बहुत बघाई |
नया ब्लॉग प्रारम्भ करने के लिए शुभ कामनाएं |
आशा

Sadhana Vaid ने कहा…

आतंकवादियों को मुँहतोड़ जवाब देती बहुत सुन्दर रचना ! बधाई और शुभकामनाये !

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

aapki yah rachna kranti kari avam deshbhakti ke prati jajbaato se paripurn hai.

Asha Joglekar ने कहा…

संजय जी बहुत अच्छे भाव वाली रचना है पर कहीं कहीं वर्तनी (स्पेलिंग्ज) का दोष खलता है ।

दिलीप ने कहा…

bahut sundar bas thoda typing mr gadbad reh gayi...par bhav udvelit kar deta hai...

हर्षिता ने कहा…

बेहतरीन रचना के लिए बधाई हो संजय जी।

Roshani ने कहा…

Sanjay ji accha prayas.
badhaii aapko :)

Manish Khedawat ने कहा…

खूब लिखा है :)