स्टार ब्लॉगर. महफूज़..जो कई दिनों से लापता है अपने महफूज़ जिधर हैं महफूज़ हैं
महफूज़ भाई लापता है
खूबसूरती के मामले में हैंडसम
..
लाल टी शर्ट में सजे ये महाशय आखिरी बार सार्वजनिक तौर पर इस महीने की 14 तारीख को जबलपुर में देखे गए....हर तरफ चर्चा है महफूज़ भाई लापता है आज कल ये चर्चा का विषय बना हुआ है फ़ोन भी नहीं मिल रहा है. उनका अपने महफूज़ जिधर हैं महफूज़ हैं
आप कहते हैं तो मान लिया
जवाब देंहटाएंकि वे हैं लापता
अब आपका दायित्व है कि
ढूढ कर ला पता
यह तो एक पहेली हो गयी........कि लापता है.......
जवाब देंहटाएं.....................
विलुप्त होती... नानी-दादी की बुझौअल, बुझौलिया, पहेलियाँ....बूझो तो जाने...
...........................
लड्डू बोलता है ....इंजीनियर के दिल से..
http://laddoospeaks.blogspot.com/2010/03/blog-post_23.html
हम तो यही कहेंगे --
जवाब देंहटाएंज़रा सामने तो आओ छलिये , छुप छुप छलने में क्या राज़ है।
महफूज़ भाई छुप कर छुपे लेजेंड बन गए ।
वैसे मुझे पता है वो क्यों छुपे हैं।
संजय जी एक खोजी दस्ता भेजना पड़ेगा उनके खोज में । आप ही कुछ करिये न ।
जवाब देंहटाएंमहफूज़ बही जहाँ भी होंगे ...हम दुआ करते है ....वो महफूज़ से हो
जवाब देंहटाएंभाईयो एवं बहिनो ...
जवाब देंहटाएंचित्र में आपने जिन लाल टी शर्ट वाले जनाब महफूज़ जी के लापता होने की बात कर रहे हैं. वे सार्वजनिक रूप से जबलपुर में अपने ब्लॉगर मित्रों के साथ रहे हैं. आपको विश्वास न हो तो चित्र में दिखाई दे रहे घड़ी वाले " बवाल जी" ,धारीदार टी शर्ट वाले संजीव सलिल जी, शैली खत्री जी या आसमानी टी शर्ट वाले "" किसलय "" से उनका पता मिल सकता है....
और १४-१५ मार्च को सहारा समय मध्य प्रदेश- छत्तीसगढ़ में प्रसारित समाचार में भी ब्लागिंग की जानकारी देते हुए " महफूज़ " दिखाई दे रहे थे.
- विजय तिवारी
search on google search engine.
जवाब देंहटाएंha haha ha.
thanks.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
संजय जी,
जवाब देंहटाएंये तूफ़ान के पहले की ख़ामोशी है...
हाँ नहीं तो...!!
.हम दुआ करते है ....वो महफूज़ से हो
जवाब देंहटाएंअब आपका दायित्व है कि
जवाब देंहटाएंढूढ कर ला पता
अपने महफूज़ जिधर हैं महफूज़ हैं और हिफाजत से होंगे ....
जवाब देंहटाएंमिल जायेगा महफूज किसी भी बस्ती में
जवाब देंहटाएंबस्स
हो जाये ना मिसयूज किसी भी बस्ती में
ये क्या भाई ! अब महफ़ूज़ के साथ भी "बवाल" हो गया।
जवाब देंहटाएंदेख लो बाज़ू में वही तो है। हरे में।
महफूज़ भाई शायद काम में व्यस्त होंगे इसलिए बहुत दिनों से उनका नया पोस्ट पढ़ने को नहीं मिला! जहाँ भी होंगे महफूज़ भाई महफूज़ होंगे!
जवाब देंहटाएंअभी मिले कि नहीं...
जवाब देंहटाएं----------------------
"पाखी की दुनिया" में इस बार पोर्टब्लेयर के खूबसूरत म्यूजियम की सैर
कम से कम एक पोस्ट तो लिख ही दे कि मैं महफूज हूँ, चिंता मिटे. फिर चाहे उतने दिन गायब रहे....
जवाब देंहटाएंभाई हम भी उन्हे ढूँढ रहे हैं .....
जवाब देंहटाएं...ये क्या भाई
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