24 फ़रवरी 2010

कोई आँखों से बात कर लेता है ,


  कोई आँखों से बात कर लेता है ,
 कोई आँखों से मुलाकात कर लेता है |
 बड़ा मुस्किल होता है जवाब देना  ,
 जाओ कोई खामोश रह कर सवाल कर लेता है |

18 टिप्‍पणियां:

  1. खामोशी तो अपने आप में एक सवाल है ... बहुत खूब लिखा है ...

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  2. बेनामी2/24/2010

    "बड़ा मुस्किल होता है जवाब देना ,
    जब कोई खामोश रह कर सवाल कर लेता है |"
    सुंदर रचना - ख़ामोशी को जबाब देना सचमुच बहुत मुश्किल होता है

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  3. खूबसूरत पंक्तियाँ ......

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  4. चार लाइने लेकिन गजब की. खामोश रह कर दिल के जो भाव प्रस्तुत किये है उसके लिए मेरी बधाई स्वीकार करे. हम दोनों में फर्क मात्र इतना है की आप अपने दिल के भावो को शब्दों में पिरो कर कविता लिखते है और मैं गुफ्तगू करता हूँ. आपका भी मेरी गुफ्तगू में स्वागत है.
    www.gooftgu.blogspot.com

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  5. Waah!! behad sundar panktiya likhi hai aapane...badhai!

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  6. आँखों की भाषा बड़ी जानदार होती है।
    सुन्दर पंक्तियाँ।

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  7. आँखों आँखों में बात होने दो ...बहुत खूब

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  8. बहुत बढ़िया . कमाल का लिखते है आप .

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  9. बहुत सुंदर ख्याल है |बधाई
    आशा

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  10. खामोशी के सवाल का जवाब ही तो मुश्किल होता है।

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  11. खूबसूरत पंक्तियाँ ..

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  12. sanjay..bahut acha likha hai dost...dil khush kar diya...

    last me sayed "Jab" hona tha..sahi kah rha hu??

    jo bhi hai..acha hai

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  13. बहुत सुंदर ख्याल है |बधाई

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