चार लाइने लेकिन गजब की. खामोश रह कर दिल के जो भाव प्रस्तुत किये है उसके लिए मेरी बधाई स्वीकार करे. हम दोनों में फर्क मात्र इतना है की आप अपने दिल के भावो को शब्दों में पिरो कर कविता लिखते है और मैं गुफ्तगू करता हूँ. आपका भी मेरी गुफ्तगू में स्वागत है. www.gooftgu.blogspot.com
18 टिप्पणियां:
खामोशी तो अपने आप में एक सवाल है ... बहुत खूब लिखा है ...
बहुत बढ़िया!!
Bahut hi sundar panktiya.
Shubhkamnay.
"बड़ा मुस्किल होता है जवाब देना ,
जब कोई खामोश रह कर सवाल कर लेता है |"
सुंदर रचना - ख़ामोशी को जबाब देना सचमुच बहुत मुश्किल होता है
खूबसूरत पंक्तियाँ ......
चार लाइने लेकिन गजब की. खामोश रह कर दिल के जो भाव प्रस्तुत किये है उसके लिए मेरी बधाई स्वीकार करे. हम दोनों में फर्क मात्र इतना है की आप अपने दिल के भावो को शब्दों में पिरो कर कविता लिखते है और मैं गुफ्तगू करता हूँ. आपका भी मेरी गुफ्तगू में स्वागत है.
www.gooftgu.blogspot.com
बहुत सुंदर.
रामराम.
Waah!! behad sundar panktiya likhi hai aapane...badhai!
आँखों की भाषा बड़ी जानदार होती है।
सुन्दर पंक्तियाँ।
आँखों आँखों में बात होने दो ...बहुत खूब
बेहतरीन। बधाई।
बहुत बढ़िया . कमाल का लिखते है आप .
बहुत सुंदर ख्याल है |बधाई
आशा
खामोशी के सवाल का जवाब ही तो मुश्किल होता है।
aankhon ki jubaan bahut bhali lagi
खूबसूरत पंक्तियाँ ..
sanjay..bahut acha likha hai dost...dil khush kar diya...
last me sayed "Jab" hona tha..sahi kah rha hu??
jo bhi hai..acha hai
बहुत सुंदर ख्याल है |बधाई
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