24 फ़रवरी 2010

कोई आँखों से बात कर लेता है ,


  कोई आँखों से बात कर लेता है ,
 कोई आँखों से मुलाकात कर लेता है |
 बड़ा मुस्किल होता है जवाब देना  ,
 जाओ कोई खामोश रह कर सवाल कर लेता है |

18 टिप्‍पणियां:

दिगम्बर नासवा ने कहा…

खामोशी तो अपने आप में एक सवाल है ... बहुत खूब लिखा है ...

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बहुत बढ़िया!!

ज़मीर ने कहा…

Bahut hi sundar panktiya.

Shubhkamnay.

बेनामी ने कहा…

"बड़ा मुस्किल होता है जवाब देना ,
जब कोई खामोश रह कर सवाल कर लेता है |"
सुंदर रचना - ख़ामोशी को जबाब देना सचमुच बहुत मुश्किल होता है

Dev ने कहा…

खूबसूरत पंक्तियाँ ......

surya goyal ने कहा…

चार लाइने लेकिन गजब की. खामोश रह कर दिल के जो भाव प्रस्तुत किये है उसके लिए मेरी बधाई स्वीकार करे. हम दोनों में फर्क मात्र इतना है की आप अपने दिल के भावो को शब्दों में पिरो कर कविता लिखते है और मैं गुफ्तगू करता हूँ. आपका भी मेरी गुफ्तगू में स्वागत है.
www.gooftgu.blogspot.com

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत सुंदर.

रामराम.

रानीविशाल ने कहा…

Waah!! behad sundar panktiya likhi hai aapane...badhai!

डॉ टी एस दराल ने कहा…

आँखों की भाषा बड़ी जानदार होती है।
सुन्दर पंक्तियाँ।

समय चक्र ने कहा…

आँखों आँखों में बात होने दो ...बहुत खूब

मनोज कुमार ने कहा…

बेहतरीन। बधाई।

किरण राजपुरोहित नितिला ने कहा…

बहुत बढ़िया . कमाल का लिखते है आप .

Asha Lata Saxena ने कहा…

बहुत सुंदर ख्याल है |बधाई
आशा

vandana gupta ने कहा…

खामोशी के सवाल का जवाब ही तो मुश्किल होता है।

ज्योति सिंह ने कहा…

aankhon ki jubaan bahut bhali lagi

Unknown ने कहा…

खूबसूरत पंक्तियाँ ..

Anand ने कहा…

sanjay..bahut acha likha hai dost...dil khush kar diya...

last me sayed "Jab" hona tha..sahi kah rha hu??

jo bhi hai..acha hai

Unknown ने कहा…

बहुत सुंदर ख्याल है |बधाई