21 फ़रवरी 2010

ए बादल तू नाराज क्यो है



ए बादल तू नाराज क्यो है
क्यो गरज रहा रूठ कर
सनम हमसे मिल जो रहे है
तेरी बूंदों में घुल कर !


हमारे मित्र आनंद के ब्लॉग से ये कुछ पंक्तियाँ  आप तक

19 टिप्‍पणियां:

  1. वाह.........अति सुन्दर भाव .

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  2. संजय जी ... खूबसूरत अंदाज है ... ग़ज़ब का शेर है ,.....

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  3. कुछ अलग सा । लेकिन सुन्दर।

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  4. सुंदर भाव के साथ ....सुंदर रचना....

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  5. ..... सुन्दर प्रस्तुति !!

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  6. बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण रचना! कमाल का लिखा है आपने !

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  7. Waah Bhasker Ji,
    A badal tu naraj kyon hai.
    Ham rahen na rahen. kavya hridayashparshi bhavo se paripurna hain.
    Badhai.

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  8. bahut khoob
    aap ka way of presentation kafi achha hai

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  9. वाह बहुत खूब शुभकामनायें

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  10. अद्बुत, कम पंक्तियों बहुत गाहरी बातें कह डाली।

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  11. बहुर सुन्दर रचना

    आभार

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  12. Waah Bhasker Ji,
    A badal tu naraj kyon hai.

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- संजय भास्कर