21 फ़रवरी 2010

ए बादल तू नाराज क्यो है



ए बादल तू नाराज क्यो है
क्यो गरज रहा रूठ कर
सनम हमसे मिल जो रहे है
तेरी बूंदों में घुल कर !


हमारे मित्र आनंद के ब्लॉग से ये कुछ पंक्तियाँ  आप तक

19 टिप्‍पणियां:

ज़मीर ने कहा…

Bahut sundar panktiya.

vandana gupta ने कहा…

वाह.........अति सुन्दर भाव .

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत सुंदर

रामराम.

Randhir Singh Suman ने कहा…

nice

दिगम्बर नासवा ने कहा…

संजय जी ... खूबसूरत अंदाज है ... ग़ज़ब का शेर है ,.....

डॉ टी एस दराल ने कहा…

कुछ अलग सा । लेकिन सुन्दर।

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

सुंदर भाव के साथ ....सुंदर रचना....

कडुवासच ने कहा…

..... सुन्दर प्रस्तुति !!

रानीविशाल ने कहा…

Waah! Sundar.

मनोज कुमार ने कहा…

बेहतरीन। लाजवाब।

रश्मि प्रभा... ने कहा…

bahut khoob

Urmi ने कहा…

बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण रचना! कमाल का लिखा है आपने !

S R Bharti ने कहा…

Waah Bhasker Ji,
A badal tu naraj kyon hai.
Ham rahen na rahen. kavya hridayashparshi bhavo se paripurna hain.
Badhai.

EKTA ने कहा…

bahut khoob
aap ka way of presentation kafi achha hai

निर्मला कपिला ने कहा…

वाह बहुत खूब शुभकामनायें

Kulwant Happy ने कहा…

अद्बुत, कम पंक्तियों बहुत गाहरी बातें कह डाली।

Pushpendra Singh "Pushp" ने कहा…

बहुर सुन्दर रचना

आभार

राज चौहान ने कहा…

बहुत सुंदर

Unknown ने कहा…

Waah Bhasker Ji,
A badal tu naraj kyon hai.