tag:blogger.com,1999:blog-6123212963367107465.post4276366377710611050..comments2024-03-22T17:44:26.931+05:30Comments on शब्दों की मुस्कुराहट :): .... ज़िंदादिल :)संजय भास्कर http://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-6123212963367107465.post-69192189635214747392018-08-28T10:22:35.783+05:302018-08-28T10:22:35.783+05:30बहुत सुन्दर बहुत सुन्दर Satish sahihttps://www.blogger.com/profile/10643193540600467937noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6123212963367107465.post-62329985348635809772018-08-24T16:11:53.619+05:302018-08-24T16:11:53.619+05:30सुन्दर रचना सुन्दर रचना deepa joshihttps://www.blogger.com/profile/07018191547581424326noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6123212963367107465.post-35107728881131249412018-07-18T14:58:15.035+05:302018-07-18T14:58:15.035+05:30जिस पर बीतती है वही जानता है, बहुधा दुःख अकेले ही ...जिस पर बीतती है वही जानता है, बहुधा दुःख अकेले ही झेलने होते हैं सभी को <br />बहुत अच्छी रचना कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6123212963367107465.post-77223409452089449282018-07-15T14:13:14.049+05:302018-07-15T14:13:14.049+05:30इस तरह दो चेहरे लगाकर ही अधिकतर मध्यमवर्गीय इंसान ...इस तरह दो चेहरे लगाकर ही अधिकतर मध्यमवर्गीय इंसान जी रहे हैं और घुटघुट कर तरह तरह की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। ऐसी नकली जिंदादिली क्या काम की ? Meena sharmahttps://www.blogger.com/profile/17396639959790801461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6123212963367107465.post-7757309558074510042018-07-14T22:50:54.765+05:302018-07-14T22:50:54.765+05:30प्रिय संजय -- यही तो आजकल के निष्ठुर समाज का कटु स...प्रिय संजय -- यही तो आजकल के निष्ठुर समाज का कटु सत्य है | कमजोरी किसी को नहीं भाती <br /> सच कहा अपने दुःख के साथी इस प्रगतिवादी युग में कहाँ ?? जिन्दादिली दिखाना एक जरूरत गयी है | सस्नेह |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6123212963367107465.post-79036747672514609612018-07-14T18:54:52.283+05:302018-07-14T18:54:52.283+05:30बेहतरीन रचना
हमेशा चेहरे पर रखता है मुस्कराहट
नही...बेहतरीन रचना <br />हमेशा चेहरे पर रखता है मुस्कराहट<br />नहीं दिखाता अपना दुःख दूसरों को <br />क्योंकि सुख के सब साथी है <br />दुःख में कोई नहीं <br />Anuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6123212963367107465.post-19078864201468956912018-07-13T18:47:46.627+05:302018-07-13T18:47:46.627+05:30यथार्थ कहा ! बधाई !!यथार्थ कहा ! बधाई !!ज्योति-कलशhttps://www.blogger.com/profile/05458544963035421633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6123212963367107465.post-91812746568797721592018-07-13T14:14:31.920+05:302018-07-13T14:14:31.920+05:30कैसा समय आया
कहते थे पहले , कहने से दुख आधा और सुख...कैसा समय आया<br />कहते थे पहले , कहने से दुख आधा और सुख दोगुना हो जाता है<br />अब कुछ भी बताने पर व्यंग मिलता है<br /><br />अच्छी भावाभिव्यक्ति<br />सस्नेहाशीष पुत्तर जीविभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6123212963367107465.post-40028915098381582452018-07-10T20:20:01.727+05:302018-07-10T20:20:01.727+05:30बहुत सुंदर अपना दर्द बताते ही लोग पराये हो जाते है...बहुत सुंदर अपना दर्द बताते ही लोग पराये हो जाते हैं,।<br />मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6123212963367107465.post-50997498166657063112018-07-09T14:28:42.620+05:302018-07-09T14:28:42.620+05:30जीवन का सुंदर सूत्र देती भावपूर्ण कविता..जीवन का सुंदर सूत्र देती भावपूर्ण कविता..Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6123212963367107465.post-62242849760070280492018-07-09T07:00:59.254+05:302018-07-09T07:00:59.254+05:30जय मां हाटेशवरी...
अनेक रचनाएं पढ़ी...
पर आप की रच...जय मां हाटेशवरी...<br />अनेक रचनाएं पढ़ी...<br />पर आप की रचना पसंद आयी...<br />हम चाहते हैं इसे अधिक से अधिक लोग पढ़ें...<br />इस लिये आप की रचना...<br />दिनांक 10/07/2018<br /> को <br /><a href="https://www.halchalwith5links.blogspot.in" rel="nofollow">पांच लिंकों का आनंद</a><br />पर लिंक की गयी है...<br />इस प्रस्तुति में आप भी सादर आमंत्रित है।<br /> Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6123212963367107465.post-26762606006676254822018-07-07T09:11:23.637+05:302018-07-07T09:11:23.637+05:30"पर यह कभी नहीं जाहिर होने देता वो
की वह कित..."पर यह कभी नहीं जाहिर होने देता वो <br />की वह कितना दुखी है <br />मकान की मरम्त बाकी है अभी <br />बाबा का इलाज जरूरी है <br />कमाई का ज़रिया भी कुछ खास नहीं है <br />परेशान है" जिन्दादिली को कितने सुन्दर शब्दों में बांध दिया है आपने । जब भी लिखते हैं बहुत अच्छा लिखते हैं । आप की रचनाओं की सदैव प्रतीक्षा रहती है ।Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6123212963367107465.post-1958665621679617772018-07-07T05:40:25.254+05:302018-07-07T05:40:25.254+05:30सुन्दरसुन्दरसुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6123212963367107465.post-34920922717939246032018-07-06T21:57:29.650+05:302018-07-06T21:57:29.650+05:30सुख के सब साथी दुःख में न कोय ....
ये बात ऐसे ही न...सुख के सब साथी दुःख में न कोय ....<br />ये बात ऐसे ही नहीं कही जाती ... सिल के दर्द को दिल में रखना ज़िंदादिल इंसान का ही काम होता है ...<br />बढ़िया बात कही है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6123212963367107465.post-58161492652386093822018-07-06T21:20:04.706+05:302018-07-06T21:20:04.706+05:30वाह्ह्ह..बहुत सुंदर अभिव्यक्ति आपकी संजय जी..👌👌�...वाह्ह्ह..बहुत सुंदर अभिव्यक्ति आपकी संजय जी..👌👌👌<br /><br />रहिमन निजमन की विथा मन ही राखो गोय<br />सुनि अठिलैहे लोग सब बाँट न लैहे कोय<br /><br />Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.com